अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है यह ३७०१४' उत्तरी अक्षांश से ३४०५०' दक्षिणी अक्षांश एवं १७०३३' पश्चिमी देशान्तर से ५१०२३' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं मुख्य मध्याह्न रेखा (००) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है इतिहास मुख्य लेख : अफ़्रीका का इतिहास अफ्रीका की स्वतंत्रता का इतिहास अफ्रीका महाद्वीप के नाम के पीछे कई कहानियाँ एवं धारणाएँ हैं १९८१ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार अफ्रीका शब्द की उत्पत्ति बरबर भाषा के शब्द इफ्री या इफ्रान से हुई है जिसका अर्थ गुफा होता है जो गुफा में रहने वाली जातियों के लिए प्रयोग किया जाता था .एक और धारणा के अनुसार अफ्री उन लोगों को कहा जाता था जो उत्तरी अफ्रीका में प्राचीन नगर कार्थेज के निकट रहा करते थे कार्थेज में प्रचलित फोनेसियन भाषा के अनुसार अफ्री शब्द का अर्थ है धूल कालान्तर में कार्थेज रोमन साम्राज्य के अधीन हो गया और लोकप्रिय रोमन प्रत्यय -का (जो किसी नगर या देश को जताने के लिए उपयोग में लिया जाता है) को अफ्री के साथ जोड़ कर अफ्रीका शब्द की उत्पत्ति हुई अफ्रीका के इतिहास को मानव विकास का इतिहास भी कहा जा सकता है अफ़्रीका में १७ लाख ५० हजार वर्ष पहले पाए जाने वाले आदि मानव का नामकरण होमो इरेक्टस अर्थात उर्ध्व मेरूदण्डी मानव हुआ है होमो सेपियेंस या प्रथम आधुनिक मानव का आविर्भाव लगभग ३० से ४० हजार वर्ष पहले हुआ लिखित इतिहास में सबसे पहले वर्णन मिस्र की सभ्यता का मिलता है जो नील नदी की घाटी में ईसा से ४००० वर्ष पूर्व प्रारंभ हुई इस सभ्यता के बाद विभिन्न सभ्यताएँ नील नदी की घाटी के निकट आरम्भ हुई और सभी दिशाओं में फैली आरम्भिक काल से ही इन सभ्यताओं ने उत्तर एवं पूर्व की यूरोपीय एवं एशियाई सभ्यताओं एवं जातियों से परस्पर सम्बन्ध बनाने आरम्भ किये जिसके फलस्वरूप महाद्वीप नयी संस्कृति और धर्म से अवगत हुआ ईसा से एक शताब्दी पूर्व तक रोमन साम्राज्य ने उत्तरी अफ्रीका में अपने उपनिवेश बना लिए थे ईसाई धर्म बाद में इसी रास्ते से होकर अफ्रीका पहुँचा ईसा से ७ शताब्दी पश्चात इस्लाम धर्म ने अफ्रीका में व्यापक रूप से फैलना शुरू किया और नयी संस्कृतियों जैसे पूर्वी अफ्रीका की स्वाहिली और उप-सहारा क्षेत्र के सोंघाई साम्राज्य को जन्म दिया इस्लाम और इसाई धर्म के प्रचार-प्रसार से दक्षिणी अफ़्रीका के कुछ साम्राज्य जैसे घाना, ओयो और बेनिन अछूते रहे एवं उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनायी इस्लाम के प्रचार के साथ ही 'अरब दास व्यापार' की भी शुरुआत हुई जिसने यूरोपीय देशों को अफ्रीका की तरफ आकर्षित किया और अफ्रीका को एक यूरोपीय उपनिवेश बनाने का मार्ग प्रशस्त किया १९ वीं शताब्दी से शुरू हुआ यह औपनिवेशिक काल १९५१ में लीबिया के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ख़त्म होने लगा और १९९३ तक अधिकतर अफ्रीकी देश उपनिवेशवाद से मुक्त हो गए पिछ्ली शताब्दी में अफ़्रीकी राष्ट्रों का इतिहास सैनिक क्रांति, युद्ध, जातीय हिंसा, नरसंहार और बड़े पैमाने पर हुए मानव अधिकार हनन की घटनाओं से भरा हुआ है भू-प्रकृति मुख्य लेख : अफ़्रीका की भू-प्रकृति ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत अफ्रीका ऊँचे पठारों का महाद्वीप है, इसका निर्माण अत्यन्त प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से हुआ है जर्मनी के प्रसिद्ध जलवायुवेत्ता तथा भूशास्त्रवेत्ता अल्फ्रेड वेगनर ने पूर्व जलवायु शास्त्र, पूर्व वनस्पति शास्त्र, भूशास्त्र तथा भूगर्भशास्त्र के प्रमाणों के आधार पर यह प्रमाणित किया कि एक अरब वर्ष पहलें समस्त स्थल भाग एक स्थल भाग के रूप में संलग्न था एवं इस स्थलपिण्ड का नामकरण पैंजिया किया कार्बन युग में पैंजिया के दो टुकड़े हो गये जिनमें से एक उत्तर तथा दूसरा दक्षिण में चला गया पैंजिया का उत्तरी भाग लारेशिया तथा दक्षिणी भाग गोंडवाना लैंड को प्रदर्शित करता था अफ्रीका महादेश का धरातल प्राचीन गोंडवाना लैंड का ही एक भाग है बड़े पठारों के बीच अनेक छोटे-छोटे पठार विभिन्न ढाल वाले हैं इसके उत्तर में विश्व का बृहत्तम शुष्क मरुस्थल सहारा स्थित है इसके नदी बेसिनों का मानव सभ्यता के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है, जिसमें नील नदी बेसिन का विशेष स्थान है समुद्रतटीय मैदानों को छोड़कर किसी भी भाग की ऊँचाई ३२५ मीटर से कम नहीं है अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में एटलस पर्वत की श्रेणियाँ हैं, जो यूरोप के मोड़दार पर्वत आल्प्स पर्वतमाला की ही एक शाखा है ये पर्वत दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैले हुए हैं और उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक ऊँचे हैं इसकी सबसे ऊँची चोटी जेबेल टूबकल है जिसकी ऊँचाई ४,१६७ मीटर है यहाँ खारे पानी की कई झीलें हैं जिन्हें शॉट कहते हैं मध्य का निम्न पठार भूमध्य रेखा के उत्तर पश्चिम में अन्ध महासागर तट से पूर्व में नील नदी की घाटी तक फैला हुआ है इसकी ऊँचाई ३०० से ६०० मीटर है यह एक पठार केवल मरुस्थल है जो सहारा तथा लीबिया के नाम से प्रसिद्ध है यह प्राचीन पठार नाइजर, कांगो (जायरे), बहर एल गजल तथा चाड नदियों की घाटियों द्वारा कट-फट गया है इस पठार के मध्य भाग में अहगर एवं टिबेस्टी के उच्च भाग हैं जबकि पूर्वी भाग में कैमरून, निम्बा एवं फूटा जालौन के उच्च भाग हैं कैमरून के पठार पर स्थित कैमरून (४,०६९ मीटर) पश्चिमी अफ्रीका की सबसे ऊँचा चोटी है कैमरून गिनि खाड़ी के समानान्तर स्थित एक शांत ज्वालामुखी है पठार के पूर्वी किनारे पर ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत है जो समुद्र तट की ओर एक दीवार की भाँति खड़ा है दक्षिणी-पश्चिमी भाग में कालाहारी का मरूस्थल है पूर्व एवं दक्षिण का उच्च पठार भूमध्य रेखा के पूर्व तथा दक्षिण में स्थित है तथा अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा है प्राचीन समय में यह पठार दक्षिण भारत के पठार से मिला था बाद में बीच की भूमि के धँसने के कारण यह हिन्द महासागर द्वारा अलग हो गया इस पठार का एक भाग अबीसिनिया में लाल सागर के तटीय भाग से होकर मिस्र देश तक पहुँचता है इसमें इथोपिया, पूर्वी अफ्रीका एवं दक्षिणी अफ्रीका के पठार सम्मिलित हैं अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम में इथोपिया का पठार है २,४०० मीटर ऊँचे इस पठार का निर्माण प्राचीनकालीन ज्वालामुखी के उद्गार से निकले हुए लावा हुआ है नील नदी की कई सहायक नदियों ने इस पठार को काट कर घाटियाँ बना दी हैं इथोपिया की पर्वतीय गाँठ से कई उच्च श्रेणियाँ निकलकर पूर्वी अफ्रीका के झील प्रदेश से होती हुई दक्षिण की ओर जाती हैं इथोपिया की उच्च भूमि के दक्षिण में पूर्वी अफ्रीका की उच्च भूमि है इस पठार का निर्माण भी ज्वालामुखी की क्रिया द्वारा हुआ है इस श्रेणी में किलिमांजारो (५,८९५ मीटर), रोबेनजारो (५,१८० मीटर) और केनिया (५,४९० मीटर) की बर्फीली चोटियाँ भूमध्यरेखा के समीप पायी जाती हैं ये तीनों ज्वालामुखी पर्वत हैं किलिमंजारो अफ्रीका की सबसे ऊँचा पर्वत एवं चोटी है दक्षिण अफ्रीका के तट का उपग्रह से खींचा गया चित्र अफ्रीका महाद्वीप की एक मुख्य भौतिक विशेषता पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण अफ्रीका के पठार के पूर्वी भाग में भ्रंश घाटियों की उपस्थिति है यह दरार घाटी पूर्वी अफ्रीका की महान दरार घाटी के नाम से प्रसिद्ध है तथा उत्तर से दक्षिण फैली है यह विश्व की सबसे लम्बी दरार घाटी है तथा ४,८०० किलोमीटर लम्बी है अफ्रीका की महान दरार घाटी की दो शाखाएँ हैं- पूर्वी एवं पश्चिमी पूर्वी शाखा दक्षिण में मलावी झील से रूडाल्फ झील तथा लाल सागर होती हुई सहारा तक फैली हुई है तथा पश्चिमी शाखा मलावी झील से न्यासा झील एवं टांगानिका झील होती हुई एलबर्ट झील तक चली गयी है भ्रंश घाटियों में अनेक गहरी झीलें हैं रुकवा, कियू, एडवर्ड, अलबर्ट, टाना व न्यासा झीलें भ्रंश घाटी में स्थित हैं अफ्रीका महाद्वीप के चारो ओर संकरे तटीय मैदान हैं जिनकी ऊँचाई १८० मीटर से भी कम है भूमध्य सागर एवं अन्ध महासागर के तटों के समीप अपेक्षाकृत चौड़े मैदान हैं अफ्रीका महाद्वीप में तटवर्ती प्रदेश सीमित एवं अनुपयोगी हैं क्योंकि अधिकांश भागों में पठारी कगार तट तक आ गये हैं और शेष में तट में दलदली एवं प्रवाल भित्ति से प्रभावित हैं मॉरीतानिया और सेनेगल का तटवर्ती प्रदेश काफी विस्तृत है, गिनी की खाड़ी का तट दलदली एवं अनूप झीलों से प्रभावित है जगह-जगह पर रेतीले टीले हैं तथा अच्छे पोताश्रयों का अभाव है पश्चिमी अफ्रीका का तट की सामान्यतः गिनी तट के समान है जिसमें लैगून एवं दलदलों की अधिकता है दक्षिणी अफ्रीका में पठार एवं तट में बहुत ही कम अन्तर है पूर्वी अफ्रीका में प्रवालभित्तियों की अधिकता है अफ्रीका में निम्न मैदानों का अभाव है केवल कांगो, जेम्बेजी, ओरेंज, नाइजर तथा नील नदियों के सँकरे बेसिन हैं जल अपवाह प्रणाली मुख्य लेख : अफ़्रीका की जल अपवाह प्रणाली अफ़्रीका की अधिकांश नदियाँ मध्य अफ़्रीका के उच्च पठारी भाग से निकलती हैं यहाँ खूब वर्षा होती है अफ़्रीका के उच्च पठार इस महाद्वीप में जल विभाजक का कार्य करते हैं नील, नाइजर, जेम्बेजी, कांगो, लिम्पोपो एवं ओरंज इस महाद्वीप की बड़ी नदियाँ हैं महाद्वीप के आधे से अधिक भाग इन्हीं नदियों के प्रवाह क्षेत्र के अन्तर्गत हैं शेष का अधिकांश आन्तरिक प्रवाह-क्षेत्र में पड़ता है; जैसे- चाड झील का क्षेत्र, उत्तरी सहारा-क्षेत्र, कालाहारी-क्षेत्र इत्यादि पठारी भाग से मैदानी भाग में उतरते समय ये नदियाँ जलप्रपात एवं क्षिप्रिका (द्रुतवाह) बनाती हैं अतः इनमें अपार सम्भावित जलशक्ति है संसार की सम्भावित जलशक्ति का एक-तिहाई भाग अफ़्रीका में ही आँका गया है इन नदियों के उल्लेखनीय जलप्रपात विक्टोरिया (जाम्बेजी में), स्टैनली (कांगो में) और लिविंग्स्टोन (कांगो में) हैं नील, नाइजर, कांगो और जम्बेजी को छोड़कर अधिकांश नदियाँ नाव चलाने योग्य (नौगम्य) नहीं हैं भूमध्यसागरीय जल अपवाह प्रणाली अफ़्रीका के उत्तरी भाग में विस्तृत है नील इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है जो अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया से निकलकर विस्तृत सहारा मरुस्थल के पूर्वी भाग को पार करती हुई उत्तर में भूमध्यसागर में उतर पड़ती है सफेद नील और नीली नील दो प्रमुख धाराओं से नील नदी निर्मित होती है सफेद और नीली नील सूडान के खारतूम के पास मिलती है इसका स्रोत वर्षाबहुल भूमध्यरेखीय क्षेत्र है, अतः इसमें जल का अभाव नहीं होता इस नदी ने सूडान और मिस्र की मरुभूमि को अपने शीतल जल से सींचकर हरा-भरा बना दिया है इसीलिए मिस्र को नील नदी का बरदान कहा जाता है नीली नील, असबास और सोबात इसकी सहायक नदियां हैं अटलांटिक महासागरीय जल अपवाह प्रणाली कांगो, नाइजर, सेनेगल, किनाने और ओरेंज अटलांटिक महासागरीय जल अपवाह प्रणाली की प्रमुख नदियां हैं कांगो अफ़्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है इसे ज़ायरे नदी भी कहा जाता है यह नदी टैगानिक झील से निकलती है ४३७६ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह अटलांटिक महासागर में गिरती है नाइजर गिनी तट की पहाड़ियों से निकलकर ४१०० किलोमीटर की यात्रा करने के बाद अटलांटिक महासागर में अपनी यात्रा समाप्त करती है इसमें पानी की कमी रहती है क्योंकि यह शुष्क क्षेत्र से निकलती है तथा शुष्क क्षेत्र से ही बहती है इसका प्रवाह मार्ग धनुषाकार है नाइजर अफ़्रीका की तीसरी सबसे बड़ी नदी है ओरेंज ड्रेकिन्सवर्ग पर्वत से निकलकर पश्चिम की ओर बहती है यह गर्मियों में सूख जाती है हिन्द महासागरीय जल अपवाह प्रणाली अफ़्रीका के पूर्वी भाग में विस्तृत है इस क्षेत्र की प्रमुख नदियाँ हैं- जैम्बेजी, जूना, रुबमा, लिम्पोपो तथा शिबेली जैम्बेजी (२,६५५ किलोमीटर) इस क्षेत्र की सबसे प्रमुख नदी है यह दक्षिणी अफ़्रीका के मध्य पठारी भाग से निकलकर पूर्व की ओर बहते हुए हिन्द महासागर में गिरती है जैम्बेजी अफ़्रीका की चौथी सबसे लम्बी नदी है इस नदी पर अनेक जल-प्रपात हैं अतः इस नदी का कुछ भाग ही नौगम्य है विश्वप्रसिद्ध विक्टोरिया जल-प्रपात इसी नदी पर है लिम्पोपो नदी भी दक्षिण अफ़्रीका में पश्चिम से पूर्व बहती हुई हिन्द महासागर में गिरती है इसे घड़ियाल नदी भी कहते हैं चाड झील के पास का क्षेत्र आंतरिक जल अपवाह का क्षेत्र माना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र की नदियाँ झीलों में गिरती हैं यह क्षेत्र सहारा के मरुस्थल में स्थित होने के बाद भी शुष्क नहीं है जलवायु अफ्रीका का कोप्पेन मानचित्र भूमध्य रेखा अफ़्रीका महाद्वीप के लगभग मध्य से होकर गुजरती है इसके उत्तर में कर्क रेखा तथा दक्षिण में मकर रेखा हैं इस प्रकार अफ़्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है उत्तर एवं दक्षिण के बहुत कम भाग समशीतोष्ण कटिबन्ध में पड़ते हैं अतः यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापक्रम रहता है अफ़्रीका में ऊँचे पठार एवं पर्वतीय भागों में साधारण तापक्रम रहता है अफ़्रीका एक विशाल महाद्वीप है अतः इस महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में जलवायु कुछ विषम है अफ़्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग पूर्वी या व्यापारिक हवाओं के प्रभाव में रहता है जिनसे महाद्वीप के पूर्वी भाग में तो वर्षा होती है परन्तु पश्चिमी भाग में आते आते ये हवाएँ शुष्क हो जाती हैं और उनसे वहाँ वर्षा नहीं होती अफ़्रीका महाद्वीप के पश्चिमी तट पर उत्तर में कैनेरी की शीतल धारा तथा दक्षिण में बेंगुला की शीतल धारा बहती है जिनके प्रभाव से अफ़्रीका के पश्चिमी भागों का तापक्रम कम रहता है इन धाराओं के ऊपर बहने वाली पवनें अधिक नमी नहीं ग्रहण कर पातीं तथा वहाँ वर्षा नहीं होने से मरुस्थल मिलते हैं इसके विपरीत पूर्वी तट पर उत्तर में मानसून की उष्ण धारा तथा दक्षिण में मोजम्बिक की उष्ण धारा के कारण पूर्वी भाग की जलवायु अपेक्षाकृत गर्म एवं नम होती है भूमध्य रेखा के समीप उसके दोनों ओर ५० उत्तरी एवं ५० दक्षिणी अक्षांशों के मध्य मुख्यतः कांगो नदी (ज़ायर) के बेसिन एवं गिनी तट में भूमध्यरेखीय जलवायु पाई जाती है भूमध्य रेखा की समीपता के कारण यहाँ वर्ष भर गर्म व नम जलवायु पाई जाती है वर्ष भर प्रतिदिन दिन के तीसरे पहर बादलों की गरज एवं बिजली की चमक के साथ मूसलाधार संवहनीय वर्षा होती है इसे चार बजे वाली वर्षा भी कहते हैं वार्षिक वर्षा का औसत २०० से २५० सेंटीमीटर है सवाना या सूडान तुल्य जलवायु प्रदेश भूमध्यरेखीय प्रदेश के दोनों ओर उष्ण मरुस्थलीय प्रदेशों के बीच ५० से ३० अक्षांशों के बीच महाद्वीप के मध्य एवं पश्चिमी भाग में पाई जाती है इस भाग में गर्मी की ऋतु लम्बी एवं नम होती है परन्तु जाड़े में साधारण ठंड पड़ती है वर्षा केवल ग्रीष्म ऋतु में होती है वर्षा साधारण (लगभग ७५ सेंटीमीटर) ही होती है जाड़े की ऋतु शुष्क होती है अफ़्रीका के उत्तर एवं दक्षिण दोनों ओर विस्तृत उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं यहाँ वर्ष भर वर्षा होती ही नहीं है यदि कभी होती भी है तो नाम मात्र की ही होती है उत्तरी मरुस्थल का नाम सहारा मरुस्थल है जो संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल है दक्षिण के मरुस्थल का नाम कालाहारी है गर्मी में कड़ाके की गर्मी पड़ती है परन्तु जाड़े में साधारण ठंड पड़ती है विश्व के सबसे ऊँचे तापक्रम इन्हीं मरुस्थलों में अंकित किये गए हैं वार्षिक एवं दैनिक तापान्तर अधिक होते हैं वार्षिक वर्षा का औसत २५ सेंटीमीटर या उससे भी कम है मध्य अफ़्रीका के पूर्वी भाग में मानसून जलवायु पाई जाती है जहाँ केवल गर्मी में वर्षा होती है और जाड़े की ऋतु शुष्क होती है यहाँ गर्मी में अधिक गर्मी तथा जाड़े में साधारण जाड़ा पड़ता है अफ़्रीका के उत्तर एवं दक्षिणी-पश्चिमी तटीय भागों में भूमध्यसागरीय जलवायु पाई जाती है इस जलवायु की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ पछुआ हवाओं से केवल जाड़े में वर्षा होती है और गर्मी की ऋतु शुष्क रहती है इस प्रदेश में न तो गर्मी में अधिक गर्मी पड़ती है और न तो जाड़े में अधिक जाड़ा हीं वर्ष भर-मुख्यतः गर्मी में चमकीली धूप मिलती है दक्षिण अफ़्रीका के पठारी भाग में उष्ण शीतोष्ण महाद्वीपीय जलवायु पाई जाती है समुद्र से दूर होने से यहाँ की जलवायु विषम तथा अत्यन्त शुष्क है अफ़्रीका के दक्षिणी एवं पूर्वी उच्च भागों में अधिक ऊँचाई के कारण पर्वतीय जलवायु पाई जाती है यहाँ तापक्रम काफी कम रहता है तथा वर्षा अत्यन्त कम होती है प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव मुख्य लेख : अफ़्रीका की प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव प्राकृतिक वनस्पति जलवायु का अनुसरण करती है अफ़्रीका में जलवायु की विभिन्नता के आधार पर विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पायी जाती है भूममध्य-रेखीय क्षेत्र में अधिक गर्मी एवं वर्षा के कारण घने वन पाये जाते हैं बड़े-बड़े वृक्षों के बीच छोटे वृक्ष, लताएँ तथा झाड़ियाँ पायी जाती हैं वृक्ष पास-पास उगते हैं वृक्षों की ऊपरी टहनियां इस प्रकार फैल जाती हैं कि सूर्य का प्रकाश भी छनकर भूमि पर नहीं पहुँच पाता और अंधकार छाया रहता है वर्ष भर वर्षा होने के कारण वृक्ष किसी खास समय में अपनी पत्तियाँ नहीं गिराते हैं इन वृक्षों की पत्तियाँ चौड़ी होती हैं, अतः इन वनों को चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वन कहा जाता है इन वनों के प्रमुख वृक्षों में महोगनी, रबड़, ताड़, आबनूस, गटापार्चा, बांस, सिनकोना और रोजवुड हैं इन घने जंगलों में विभिन्न प्रकार के बन्दर, हाथी, दरियाई घोड़ा (हिप्पो), चिम्पैंजी, गोरिल्ला, चीता, भैंसा, साँप, अजगर आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं यहाँ सीसी नामक मक्खी पाई जाती है नदियों में मगर पाये जाते हैं यहाँ पर चमकीले रंग की विभिन्न प्रकर की चिड़ियां पायी जाती हैं भूमध्यरेखीय वनों के दोनों ओर, जहाँ वर्षा काफी कम होती है, पेड़ नहीं उग सकते वहाँ मुख्यतः लम्बी-लम्बी (२ से ४ मीटर ऊँची) घास उगती है इन उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदानों को सवाना कहते हैं बीच-बीच में कहीं-कहीं पत्तों से रहित कुछ पेड़ भी पाए जाते हैं यह प्रदेश विभिन्न प्रकार के तृणभक्षी पशुओं का घर है इन पशुओं में हिरण, बारहसिंगा, जेब्रा, जिराफ़ तथा हाथी मुख्य हैं जिर्राफ विश्व का सबसे ऊँचा जानवर माना जाता है यह पशु २४ घंटे में औसतन दो घंटे से भी कम समय सोता है यहाँ कुछ हिंसक पशु भी रहते हैं जो इन तृणभक्षी पशुओं का शिकार करते हैं इनमें शेर, चीता एवं गीदड़ मुख्य हैं दक्षिणी अफ़्रीका के शेर बहुत लम्बे होते हैं सवाना, घास का मैदान सवाना घास के मैदान के दोनों ओर जहाँ की जलवायु अत्यन्त गर्म व शुष्क है, वहाँ उष्ण मरुस्थलीय वनस्पति पाई जाती है यहाँ केवल कँटीली झाड़ियाँ हीं उगती हैं मरुद्यानों में खजूर के पेड़ पाए जाते हैं यहाँ का मुख्य पशु ऊँट है जिसे मरुस्थल का जहाज कहते हैं यहाँ बड़े आकार तथा घोड़े के समान तेज दौड़ने वाले शुतुरमुर्ग नामक पक्षी पाए जाते हैं अफ़्रीका के उत्तरी एवं दक्षिणी-पश्चिमी तटीय भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में जाड़े में वर्षा होती है एवं यहाँ चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वृक्ष पाए जाते हैं यहाँ जैतून, कार्क, लारेल एवं ओक के वृक्ष पाए जाते हैं यहाँ की जलवायु फलों की खेती के लिए काफी उपयुक्त है यहाँ नींबू, सन्तरा, अंगूर, सेव, अंजीर आदि रस वाले फलों की खेती की जाती है यहाँ जंगली पशुओं का अभाव है प्रायः पालतू पशु ही पाए जाते हैं अफ़्रीका के दक्षिणी-पूर्वी भागों में भी वर्षा की कमी के कारण शुष्क घास के मैदान पाए जाते हैं यहाँ पर उगने वाली घासें छोटी-छोटी मुलायम तथा गुच्छेदार होती हैं, इन घास के मैदानों को वेल्ड कहते हैं घास के इन मैदानों में वृक्षों का एकदम अभाव होता है एवं यहाँ पशुचारण का कार्य किया जाता है अफ़्रीका के दक्षिणी एवं पूर्वी भागों में, जहाँ अधिक ऊँचाई के कारण हिमपात होता है, नुकीली पत्ती वाले सदाबहार वन पाए जाते हैं इस कोणधारी वन के प्रमुख वृक्ष सीडर, पाइन, हेमलाक तथा साइप्रस हैं इस प्रकार के वन केनिया, इथोपिया एवं तंजानिया के उच्च पर्वतीय भागों में पाये जाते हैं मेडागास्कर द्वीप पर बोबाब नामक एक विचित्र वृक्ष पाया जाता है जो जमीन के नीचे से नमी खींचकर अपने अन्दर जल का संचय करता है पतझड़ के वन अफ़्रीका के दक्षिण पूर्व में उत्तरी मोजम्बिक, तंजानिया तथा दक्षिणी केनिया में पायी जाती है वर्षा की विभिन्नता के कारण विभिन्न प्रकार के बिखरे वन इस क्षेत्र में मिलते हैं इन वनों के प्रमुख वृक्ष सागौन, बांस, क्वीब्राको एवं साल जाति के हैं अर्थव्यवस्था मुख्य लेख : अफ्रीका की अर्थव्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण होते हुए भी अफ्रीका विश्व का सबसे दरिद्र और सबसे अविकसित भू-भाग है यातायात एवं तकनीकी का विकास न होने के कारण इन संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पाया है महाद्वीप की अधिकांश जनसंख्या आज भी अशिक्षित है, इसी से इस महाद्वीप को अन्ध महादेश भी कहते हैं औद्योगिक क्रांति के कारण यूरोप वालों को कच्चा माल प्राप्त करने तथा निर्मित माल बेचने के लिए अफ़्रीका की खोज करने की आवश्यकता पड़ी शीघ्र ही पता चला कि यह हीरा, सोना, ताँबा, एवं यूरेनियम का भण्डार-गृह है अतः इसके संसाधनों का दोहन आरम्भ हुआ प्रायः सभी अफ़्रीकी देश यूरोपीय शक्तियों द्वारा अपने अधीन कर लिये गए पारम्परिक उद्योगों को अपार क्षति हुई एवं अफ़्रीका की अर्थ व्यवस्था यूरोप केन्द्रित हो गई किसानों को यूरोपीय उद्योगों के लिए कच्चा माल उगाने के लिए बाध्य कर दिया गया घरेलू उद्योगों की अवनति होती गई जलवायु एवं मिट्टी की भिन्नता के कारण अफ्रीका में भिन्न-भिन्न प्रकार की फसलों की खेती की जाती है ज्वार-बाजरा, गेहूँ, कैसावा, कपास, मूँगफली, कोको, विभिन्न प्रकार के फल तथा कुछ मसाले जैसे- लौंग आदि अफ्रीका की मुख्य फसलें हैं उष्णकटिबंध के निम्न भाग की मुख्य उपज चावल है अफ्रीका का इतिहास भयंकर महामारियों जैसे मलेरिया, एच. आई वी, सैनिक विद्रोह, जातीय हिंसा आदि घटनाओं से भरा हुआ है ये भी इसकी वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं सन २००८ के तथ्य जनसंख्या ९८.७ करोड़ क्षेत्रफल २.९३ करोड़ वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व ८५ सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी वैल्युएशन, मिलियन अमरीकी डालर) २६,७५,९९३ संयुक्त राष्ट्र द्वारा सन २००३ में प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट में अफ्रीका ने २५ देशों की सूची में सबसे निचला स्थान प्राप्त किया है सन् १९९५ से २००५ तक अफ्रीका की अर्थव्यवस्था में सुधार आया और वर्ष २००५ के लिए यह औसतन ५ प्रतिशत रही कुछ देश जैसे अंगोला, सूडान और ईक्वीटोरियल गिनी जिन्होंने अपने पेट्रोलियम भंडारों अथवा पेट्रोलियम वितरण प्रणाली का विस्तार किया ने औसत से अधिक विकास दर दर्ज की विगत कुछ वर्षों में चीन ने अफ्रीकी देशों में काफी निवेश किया है सन २००७ में चीनी उपक्रमों ने अफ्रीकी देशों में कुल १ बिलियन डॉलर का निवेश किया दक्षिण अफ़्रीका भारत की तरह तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता है पर यहाँ भी ग़रीबी, शिक्षा का अभाव और एचआईवी एड्स जैसी समस्याएँ हैं इस सबके बावजूद अफ्रीका अपनी अमूल्य प्राकृतिक संपदा, पशु-पक्षियों की विविधता और विकसित होते नए नगरों के कारण पर्यटन का प्रमुख आकर्षण बना हुआ है फोटोग्राफ़ी तथा जंगली पशुओं के शौकीनों का यह स्वर्ग है पूरी दुनिया से दक्षिण अफ्रीका जाने वाले पर्यटकों में २० प्रतिशत से अधिक भारत से आते हैं यहाँ से भारत जाने वालों की संख्या भी लगभग बराबर ही है बॉलीवुड के निर्माताओं को भी जोहान्सबर्ग, केपटाउन और डरबन का सौंदर्य काफी रास आ रहा है गांधी और क्रिकेट ऐसे दो बिंदु हैं, जो दोनों देशों को आपस में जोड़ते हैं राज्यक्षेत्र एवं भौगोलिक क्षेत्र मुख्य लेख : अफ्रीका के क्षेत्र और अफ्रीकी देशों की सूची अफ्रीका का वर्गीकरण अफ़्रीका को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रयोग की जा रही भौगोलिक उपक्षेत्रों की योजना के अनुसार वर्गीकृत किया गया है उत्तरी अफ्रीका में सात प्रमुख देश हैं इसमें अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स, मिस्र की काहिरा, लीबिया की त्रिपोली, मोरक्को की रबात, सूडान की खार्तूम, ट्यूनीशिया की ट्यूनिस और पश्चिमी सहारा की राजधानी एल आइउन है पूर्वी अफ्रीका सबसे बड़ा भाग है और उसमें १९ देश हैं इसमें बुरुन्डी की राजधानी बुजुम्बुरा, कोमोरोस की मोरोनी, जिबूती की जिबूती, ईरीट्रिया की अस्मारा, इथियोपिया की अदिस अबाबा, केन्या की नैरोबी, मैडागास्कर की एंटानानारिवो, मालावी की लिलोंगवेल, मॉरिशस की पोर्ट लुइस, मायोट्ट की मामोद्ज़ोउ, मोस़ाम्बीक की मापुटो, रीयूनियन की सेंट-डेनिस, रीयूनियन, रवांडा की किगाली, सेशाइल्स की विक्टोरिया, सोमालिया की मोगादिशु, तंजानिया की डोडोमा, युगांडा की कम्पाला, जांबिया की लुसाका तथा जिम्बाब्वे की हरारे है मध्य अफ्रीका में नौ देश में हैं जिनमें अंगोला की राजधानी लुआंडा, कैमेरून की याओऊंडे, मध्य अफ्रीकन गणराज्य की बांगुई, चाड की एन जमेना, कांगो की ब्राज़िविले, कांगो जनतांत्रिक गणराज्य की किनशसा, इक्वेटोरियल गिनी की मालाबो, गैबोन की लिब्रेविले तथा साओ टोमे एवं पिंसिपे की साओ टोमे है दक्षिणी अफ्रीका पाँच देशों से मिलकर गठित है इसमें बोत्स्वाना की राजधानी गैबोरोन, लेसोथो की मसेरू, नामीबिया की विंडहोएक, स्वाजीलैंड की मबैब्ने तथा दक्षिण अफ्रीका की ब्लोयम्फोन्टेन, केपटाउन एवं प्रिटोरिया है पश्चिमी अफ्रीका में सत्रह देश हैं इसमें बेनिन की राजधानी पोर्टो-नोवो, बुर्कीना फासो की ऊगादोगो, केप वेर्दे की प्रेइया, कोटे डी आइवोर की अबीदजन, गैम्बिया की बान्जुल, घाना की अक्रा, गीनिया की कोनैक्री, गीनिया-बिसाउ की बिसाउ, लाइबेरिया की मोनरोविया, माली की बमाको, मौरिशियाना की नौआक्चोट्ट, नाइजर की नियामे, नाइजीरिया की अबुजा, सेंट हेलेना की जेम्सटाउन, सेनेगल की डकार, सियरा लियोन की फ्रीटाउन तथा टोगो की लोमे है जनसांख्यिकी अफ्रीका के जनसंख्या घनत्व को दर्शाता एक चित्र अफ्रीका की जनसंख्या में पिछले ४० वर्षो में काफी वृद्धि हुई है जिस कारण से जनसंख्या का बड़ा प्रतिशत २५ वर्ष से कम आयु का है अफ़्रीका में सबसे अधिक जनसंख्या नील नदी की घाटी, भूमध्यसागरीय तट, कीनिया एवं अबीसीनिया के पठार, पश्चिमी सूडान, गिनी तट पर एवं सुदूर दक्षिण में दक्षिणी अफ़्रीका संघ के पूर्वी व दक्षिणी पूर्व तटीय भाग में मिलती है सबसे अधिक घनत्व नील की निचली घाटी व डेल्टा एवं दक्षिणी नाइजीरिया में ५०० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से भी अधिक मिलता है शेष घने आबाद उपर्युक्त प्रदेशों का घनत्व ५० से १५० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर के मध्य पाया जाता है दक्षिणी, मध्य एवं पूर्वी अफ्रीका में बांटू भाषा बोलने वालों की अधिकता है इनके अलावा इन भू-भाग में कई भाषाई अल्पसंख्यक लोग भी रहते है जैसे पूर्वी अफ्रीका के निलोत जनजाति एवं दक्षिणी एवं मध्य अफ्रीका के स्थानीय खोइसान (जिन्हें सेन या बुश्मैन भी कहा जाता है) और पिग्मी जाति के लोग सेन लोग अन्य अफ्रीकी जातियों से शारीरिक रूप से भिन्न होते है और दक्षिणी अफ्रीका के सर्वप्रथम निवासी हैं पिग्मी लोग मध्य अफ्रीका में बांटू लोगों से पहले से निवास कर रहे हैं कांगो प्रदेश के मूल निवासी इन पिग्मी लोगों का कद छोटा, नाक चिपटी तथा केश घुँघराले होते हैं दक्षिण अफ्रीका का जनसंख्या पिरामिड जो यह दर्शाता है की अधिकांश महिला एवं पुरुष ३० वर्ष से कम आयु के है उत्तरी अफ्रीका के लोगों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है : बरबर और अरबी बोलने वाले पश्चिमी भाग के लोग और पूर्व में इथोपियन बोलने वाले अरब लोग ७वी शताब्दी में अफ्रीका पहुँचे और इस्लाम एवं अरबी भाषा का प्रचार-प्रसार किया इन के आलावा फोनेसियन, इरानी अलन और यूरोपीय वन्दाल, यूनानी और रोमन लोग भी उत्तरी अफ्रीका में आ कर बस गए उत्तरी अफ्रीका के अंदरूनी सहारा क्षेत्र में मुख्य रूप से तुअरेग और दूसरी ख़ानाबदोश जातियाँ निवास करती है यूरोपीय उपनिवेशवाद के दौर में भारतीय उपमहाद्वीप से भी काफी लोग अफ्रीका आये यह लोग मुख्यतया दक्षिण अफ्रीका और केन्या में बस गए उपनिवेशवाद दौर के अंत के पूर्व अफ्रीका के सभी प्रान्तों में श्वेत लोग बहुतायत थे जो द्वितीय विश्व युद्घ के उपरांत धीरे-धीरे अपने देशो को लौट गए आज श्वेत समुदाय के लोग दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, ज़िम्बाबवे आदि देशों में अल्पसंख्यकों में गिने जाते है दक्षिण अफ्रीका की कुल आबादी का ११ प्रतिशत लोग श्वेत हैं जो कि किसी भी अफ्रीकी देश से अधिक है भाषा भाषाई विभिन्नता को दर्शाता अफ्रीका का एक मानचित्र युनेस्को के अनुसार अफ्रीका में २००० से भी ज्यादा भाषाएँ बोली जाती है अधिकतर भाषाएं अफ्रीकी मूल की है परन्तु यूरोपीय एवं एशियाई प्रभाव भी देखा जा सकता है अफ्रीकी भाषाओँ को निम्नलिखित समूहों में बांटा जा सकता है अफ्रो-एशियाई भाषाएँ मुख्या रूप से एशिया के सीमावर्ती प्रान्तों में बोली जाती है यह प्रांत है हार्न ऑफ़ अफ्रीका, उत्तरी अफ्रीका, सहेल एवं दक्षिण पश्चिमी एशिया नीलो-साहरन भाषाएँ बोलने वाले लगभग ३ करोड़ लोग है जो निलोत जनजाति से संबन्ध रखते है यह भाषा मुख्य रूप से चाड, इथियोपिया, कीनिया, सूडान, युगांडा और उत्तरी तंजानिया में बोली जाती है नाइजर-कांगो भाषा समूह उप-सहारा क्षेत्र में बोली जाती यह भाषा समूह विश्व का सबसे बड़ा भाषा समूह माना जाता है खोइसान भाषा समूह में लगभग ५० भाषाएँ है एवं यह मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका में बोली जाती है उपनिवेशवाद के अंत होते-होते अधिकतर अफ्रीकी देशों ने यूरोपीय भाषाओं को अपना लिया और उन्हें स्थानीय भाषाओं के साथ राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया अंग्रेजी एवं फ्रेंच भाषा अफ्रीका में प्रमुखता से बोली जाती है इनके अलावा अरबी,पुर्तगाली, अफ्रीकान और मलागासी ऐसी भाषाएँ है जो अफ्रीका में बाहर से आकर काफी प्रचलित हुई अगर हम भाषाओं की गतिशीलता देखें तो अफ्रीका अधिकतम भाषाई विविधता का महाद्वीप माना जा सकता है, क्योंकि यहाँ पर विस्थापन प्रक्रिया की सबसे कम प्रतिशत पाई जाती है (संसार के 50 प्रतिशत के मुकाबले लगभग 20 प्रतिशत) एक और ख़ास बात यह है कि जबकि विश्व के बाकि हिस्सों में लुप्त होती हुई भाषाओं की जगह यूरोपीय भाषाओं द्वारा ली जा रही है अफ्रीका में दूसरी अफ्रीकी भाषाएँ (स्वाहिली, वोलोफ, हाउसा, फुल, चिचोना) ही कमज़ोर भाषाओं की जगह ले रही हैं साहित्य नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वोले शोयिंका प्राचीन मिस्र साहित्यिक परंपरा वाली सबसे पहली अफ़्रीकी सभ्यताओं में से एक है इसका कुछ प्राचीन चित्रलिपीय साहित्य आज भी विद्यमान हैं विद्वान प्राचीन मिस्री धार्मिक मान्यताओं और समारोहों के विषय में जानने के लिए प्राथमिक संदर्भ के रूप में सामान्यत: मिस्री मृत व्यक्ति की पुस्तक (बुक ऑफ़ द डेड) जैसे साहित्य का प्रयोग करते हैं न्यूबीय साहित्य, यद्यपि स्वीकारा गया है, लेकिन अभी तक उसे ठीक से पढ़ा नहीं जा सका है इसका प्रारंभिक साहित्य चित्रलिपि में और उसके बाद २३ अक्षरों की एक वर्णमाला लिपि में लिखा गया था और इसे समझना आसान नहीं है अफ्रीका में वाचिक अथवा मौखिक साहित्य की प्राचीन परंपरा रही है यह साहित्य गद्य अथवा पद्य में दोनों विधाओं में मिलता है गद्य प्राय: पौराणिक अथवा ऐतिहासिक है और इसमें चतुर चरित्रों की कहानियाँ सम्मिलित हैं अफ़्रीका में कथावाचक अपनी कहानियाँ सुनाने के लिए प्रश्नोत्तर तकनीकों का प्रयोग करते हैं पद्य प्राय: गाया जाने वाला है इन्हें कई भागों में बाँटा जा सकता है विस्तृत वर्णनवाले महाकाव्य, व्यावसायिक पद्य, पारंपरिक पद्य तथा शासकों और दूसरे प्रमुख लोगों की प्रशंसा में लिखी गई कविताएँ प्रशंसा में गायक या भाट जो कभी-कभी "ग्रिओट्स" के रूप में जाने जाते हैं, अपनी कहानियाँ संगीत के साथ सुनाते है गाए जाने वाले काव्यों में प्रमुख हैं: प्रेम गीत, कार्य गीत, शिशुओं के गीत, सूक्तियों, कहावतें और पहेलियाँ उपनिवेश-पूर्व अफ़्रीकी साहित्य देखें तो पश्चिम अफ़्रीका के मौखिक साहित्य में मध्यकालीन माली में रचित सुनडिआटा का महाकाव्य और पुराने घाना साम्राज्य में विकसित डिंगा का पुराना महाकाव्य प्रमुख हैं इथोपिया में, मौलिक रूप से गे'इज लिपि में लिखा हुआ केब्रा नेगास्ट अथवा राजाओं की पुस्तक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक ग्रंथ है पारंपरिक अफ़्रीकी लोककथा का एक लोकप्रिय रूप "चतुर चरित्र" कथाएँ है, जहाँ एक छोटा जानवर अपनी समझ का प्रयोग बड़े जन्तुओं के साथ मुठभेड़ में बचने के लिए करता है घाना की अशांती जाति की एक लोककथा में अनांसी नामक एक मकड़ी, नाइजीरिया की योरुबा लोककथा में इजापा नाम का एक कछुआ तथा केन्द्रीय-पूर्वी अफ़्रीकी लोककथा में सुन्गुरा नाम का एक खरगोश इस प्रकार की कथाओं के नायक हैं लिखित साहित्य में उत्तर अफ़्रीका, पश्चिम अफ़्रीका के साहेल क्षेत्र और स्वाहिली समुद्रतट पर प्रचुर साहित्य मिलता है केवल टिम्बकटू में ही, ३००,००० से भी अधिक पांडुलिपियाँ विभिन्न पुस्तकालयों और निजी संकलनों में संग्रहीत हैं, जिनमें से अधिकांश अरबी में हैं, परंतु कुछ मूल भाषाओं पियूल और सोन्घाई में भी लिखी गई हैं इनमें से अधिकतर प्रसिद्ध टिम्बकटू विश्वविद्यालय में लिखी गई थीं इनकी विषय वस्तु में विभिन्नता हैं प्रमुख विषयों में खगोलशास्त्र, कविता, विधि, इतिहास, विश्वास, राजनीति और दर्शन है स्वाहिली साहित्य सामान्य रूप से, इस्लामी शिक्षा से प्रेरित परंतु स्थानीय परिस्थियों के अन्तर्गत विकसित किया गया था स्वाहिली साहित्य के सबसे ख्यातिप्राप्त और आरंभिक लेखनों में से एक उटेण्डी वा टम्बूका अथवा "टम्बूका की कहानी" का नाम लिया जा सकता है इस्लामी काल में, उत्तर अफ़्रीकियों के प्रतिनिधि साहित्यकार इब्न खल्दून ने अरबी साहित्य में बहुत प्रसिद्धि अर्जित की थी मध्यकालीन उत्तर अफ़्रीका में विश्वविद्यालय फ़ेज़ और काहिरा में, साहित्य की विपुल मात्राएँ होने के प्रमाण मिलते हैं अफ्रीका के औपनिवेशिक साहित्य की ओर दृष्टिपात करें तो अधिकतर साहित्य इस बात का प्रतीक है कि किस तरह पराधीनता के शोषण से बाहर निकलने के लिए वहाँ के रचनाकारों ने विद्रोह किया अश्वेत अफ्रीका की परंपरा, संस्कृति और धार्मिक विश्वास में युगों-युगों से रचे-बसे मिथकों की काव्यात्मकता और उनकी नई रचनात्मक सम्भावनाओं को प्रकट करने वाले आधुनिक कवियों में वोले शोयिंका का नाम उल्लेखनीय है संस्कृति अफ्रीकी महिला पारंपरिक वेशभूषा में अफ्रीकी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और सबसे अधिक विविधता वाली संस्कृति है अफ़्रीका के भोजन और पेय में अपनी स्थानीय पहचान के साथ साथ उपनिवेशीय खाद्य परंपराओं की झलक देखी जा सकती है कालीमिर्च, मूँगफली और मक्के जैसे खाद्य उत्पादों का प्रयोग यहाँ खूब किया जाता है अफ़्रीकी भोजन पारंपरिक फलों और तरकारियों, दूध और माँस उत्पादों का सुंदर संयोजन है अफ़्रीकी गाँवों का आहार प्राय: दूध, दही और छाछ है शिकार और मछलियाँ भी यहाँ के लोकप्रिय भोजन में शामिल हैं अफ़्रीकी कला और वास्तुकला अफ़्रीकी संस्कृतियों की विविधता प्रतिबिंबित करते हैं इसके सबसे पुराने उदाहरण, नासारियस सीपियों से बने ८२,०००-वर्ष-पुरानी मनके (माला के दाने) हैं जो आज भी देखे जा सकते हैं मिस्र में गीज़ा का पिरामिड ४,००० वर्षों तक, वर्ष १३०० के आसपास लिंकन चर्च के पूरा होने तक, विश्व का सबसे ऊँचा मानव निर्मित ढाँचा था बड़े ज़िम्बाब्वे के पत्थरों के खंडहर अपनी वास्तुकला के लिए और लालीबेला, इथोपिया के एकल-शिला-निर्मित चर्च, अपनी जटिलता के लिए आज भी सबका ध्यान आकर्षित करते हैं मिस्र लंबे अरसे तक अरब दुनिया के लिए संस्कृति का केन्द्र बिंदु रहा है, जबकि उप-सहारा अफ़्रीका, विशेषकर पश्चिम अफ़्रीका के संगीत की लोकप्रियता अपनी दमदार ताल के कारण, अंध महासागर (एटलांटिक) से होने वाले गुलामों के व्यापार के माध्यम से आधुनिक साम्बा, ब्ल्यूज़, जॉज़, रेगे, रैप और रॉक एंड रोल तक पहुँच गई १९५० के दशक से १९७० के दशक ने एफ़्रोबीट और हाईलाइफ़ संगीत और इसकी विभिन्न शैलियों के अनेक रूपों को लोकप्रिय होते देखा इस महाद्वीप के आधुनिक संगीत में दक्षिणी अफ़्रीका के अति कठिन समझे जानेवाले समूह-गान, कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य का संगीत और सौकौस संगीत शैली के नृत्य ताल सम्मिलित हैं अफ़्रीका की देसी संगीत और नृत्य परंपराएँ वाचिक-परंपराओं द्वारा विकसित हुई हैं ये उत्तरी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका की संगीत और नृत्य शैलियों से भिन्न हैं उत्तरी अफ़्रीकी संगीत और नृत्य पर अरबी प्रभाव दिखाई पड़ते हैं और, दक्षिणी अफ़्रीका में, उपनिवेशीकरण के कारण पश्चिमी प्रभाव मिस्र में गीज़ा का महान पिरामिड खेल अफ़्रीकी संस्कृति का प्रमुख अंग है फ़ुटबॉल परिसंघ (कनफ़ेडरेशन) में ५३ अफ़्रीकी देशों की फ़ुटबॉल (सॉकर) टीमें हैं, जब कि केमेरून, नाइजीरिया, सेनेगल और घाना फ़ीफ़ा विश्व कपों में नॉक-आउट स्थिति तक आगे बढ़ चुके हैं दक्षिण अफ़्रीका २०१० विश्व कप प्रतियोगिता की मेजबानी करनेवाला है और ऐसा करने वाला पहला अफ़्रीकी देश होगा कुछ अफ़्रीकी देशों में क्रिकेट लोकप्रिय है दक्षिण अफ़्रीका और ज़िम्बाबवे टेस्ट मैच खेलने की अवस्था पा चुके हैं, जबकि केन्या एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अग्रणी गैर-टेस्ट टीम है और स्थायी एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर को प्राप्त कर चुकी है इन तीन देशों ने संयुक्त रूप से २००३ क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी की थी नामीबिया एक और अफ़्रीकी देश है जिसने किसी विश्व कप में खेला है उत्तरी अफ़्रीका में मोरक्को “२००२ मोरक्को कप” का आयोजक रह चुका है, परंतु इसकी राष्ट्रीय टीम कभी किसी प्रमुख प्रतियोगिता के लिए नहीं चुनी गई है धर्म मुख्य लेख : अफ़्रीका में धर्म अफ़्रीका में विभिन्न धर्म अफ़्रीकी लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक मान्यताओं को स्वीकार करते हैं और इनके धार्मिक आस्था के आँकड़े एकत्र कर पाना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि ये कई आस्थाओं वाली मिश्रित जनसंख्या की सरकारों के लिए बहुत ही संवेदनशील विषय होता है वर्ल्ड बुक विश्वकोश के अनुसार अफ़्रीका का सबसे बड़ा मान्य धर्म इस्लाम है इसके बाद यहाँ ईसाई आते हैं ब्रिटैनिका विश्वकोश के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या का ४५% भाग मुस्लिम और ४०% ईसाई लोग हैं १५% से कम लोग या तो नास्तिक हैं, या अफ़्रीकी धर्मों को मानने वाले हैं एक बहुत ही छोटा प्रतिशत हिन्दुओं, बहाई लोगों और यहूदियों को जाता है यहूदियों के क्षेत्र यहाँ बीटा इज़्राइल, लेम्बा लोग और पूर्वी युगांडा के अबयुदय हैं अफ्रीकी महाद्वीप में इस्लाम के अनुयायी पूरे महाद्वीप में फैले हुए हैं इस धर्म की जड़ें पैगम्बर मुहम्मद के समय तक जाती हैं, जब उनके संबंधी एवं अनुयायी एबेसिनिया में पैगन अरब लोगों से अपनी जान बचाने आये थे इस्लाम धर्म अफ़्रीका में सिनाई प्रायद्वीप एवं मिस्र के रास्ते आया इसका पूर्ण सहयोग इस्लामिक अरब एवं फारसी व्यापारियों एवं नाविकों ने किया इस्लाम उत्तरी अफ़्रीका एवं अफ़्रीका के सींग में प्रधान धर्म है पश्चिमी अफ़्रीका के आंतरिक भागों एवं तटीय क्षेत्रों में और पूर्वी अफ़्रीका के तटीय क्षेत्रों में भी यह ऐतिहासिक एवं प्रधान धर्म है यहां बहुत से मुस्लिम साम्राज्य रहे हैं इस्लाम की द्रुत-प्रगति बीसवीं एवं इक्कीसवीं शताब्दियों तक होती आयी है ईसाई धर्म यहां एक विदेशी धर्म ही रहा है दूसरे स्थान पर ईसाई धर्म को मानने वाले हैं ईसाई धर्म यहां राजा एज़ाना के एक्ज़म राज्य का शाही धर्म ३३० ई में घोषित हुआ था इथियोपिया में प्रथम शताब्दी में आया यूरोपियाई सेलर, फ़्रुमेन्टियस ४३० ई में इथियोपिया आया, तब उसका स्वागत वहां के शासकों ने किया, जो इसाई नहीं थे उसके अनुसार दस वर्ष बाद राजा सहित पूरी प्रजा ने ईसाई धर्म ग्रहण किया व राजधर्म घोषित हुआ इसके अतिरिक्त यहूदी और हिन्दू धर्मों के अनुयायी भी यहाँ निवास करते हैं यहूदी धर्म का यहाँ प्राचीन एवं समृद्ध इतिहास है प्रमुख रूप से इथियोपिया के बीटा इज़्रायल, युगांडा के अब्युदय, घाना के हाउस ऑफ़ इज़्राइल, नाइजीरिया के इगबो यहूदी एवं दक्षिणी अफ़्रीका के लेम्बा लोग यहूदी धर्म का पालन करते हैं हिन्दू धर्म का इतिहास यहां अत्यन्त अपेक्षाकृत नया है हालाँकि इसके अनुयाइयों की उपस्थिति यहां साम्राज्यवाद-काल से बहुत पहले, मध्यकाल से ही रही है दक्षिण अफ़्रीका एवं पूर्व अफ़्रीकी तटीय देशों में हिन्दू जनसंख्या अधिक संख्या में निवास करती है अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम अथवा डॉक्टर ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये प्रारंभिक जीवन 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ इनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे, न ही पैसे वाले थे इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे परिवार की सदस्य संख्या का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि यह स्वयं पाँच भाई एवं पाँच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम के बहुत काम आए पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ था उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भलीभाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है स्नातक होने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था वैज्ञानिक जीवन 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े डॉक्टर अब्दुल कलाम को परियोजना महानिदेशक के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी इन्हें प्रदान किया जाता है डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों को स्वदेशी तकनीक से बनाया था डॉक्टर कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे उन्होंने रणनीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया इसी प्रकार पोखरण में दूसरी बार परमाणु परीक्षण भी परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अर्जित की डॉक्टर कलाम ने भारत के विकासस्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की यह भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के तौर पर आये और उन्होंने अपना सारा ध्यान "गाइडेड मिसाइल" के विकास पर केन्द्रित किया अग्नि मिसाइल और पृथवी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय काफी कुछ उन्हीं को है जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ राजनैतिक जीवन डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के ग्यारवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे इन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समर्थन किया 18 जुलाई 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई इस संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा अधिकारीगण उपस्थित थे इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ डॉक्टर अब्दुल कलाम व्यक्तिगत ज़िन्दगी में बेहद अनुशासनप्रिय थे यह शाकाहारी थे इन्होंने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ़ फायर भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाले अंदाज में लिखी है इनकी दूसरी पुस्तक 'गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ' आत्मिक विचारों को उद्घाटित करती है इन्होंने तमिल भाषा में कविताऐं भी लिखी हैं यह भी ज्ञात हुआ है कि दक्षिणी कोरिया में इनकी पुस्तकों की काफ़ी माँग है और वहाँ इन्हें बहुत अधिक पसंद किया जाता है यूं तो डॉक्टर अब्दुल कलाम राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्ति नहीं थे लेकिन राष्ट्रवादी सोच और राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की कल्याण संबंधी नीतियों के कारण इन्हें कुछ हद तक राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न माना जा सकता है इन्होंने अपनी पुस्तक इण्डिया 2020 में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है यह भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर राष्ट्र बनते देखना चाहते थे और इसके लिए इनके पास एक कार्य योजना भी थी परमाणु हथियारों के क्षेत्र में यह भारत को सुपर पॉवर बनाने की बात सोचते रहे थे वह विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भी तकनीकी विकास चाहते थे डॉक्टर कलाम का कहना था कि 'सॉफ़्टवेयर' का क्षेत्र सभी वर्जनाओं से मुक्त होना चाहिए ताकि अधिकाधिक लोग इसकी उपयोगिता से लाभांवित हो सकें ऐसे में सूचना तकनीक का तीव्र गति से विकास हो सकेगा वैसे इनके विचार शांति और हथियारों को लेकर विवादास्पद हैं राष्ट्रपति दायित्व से मुक्ति के बाद कार्यालय छोड़ने के बाद, कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान,बैंगलोर के मानद फैलो, व एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम के कुलाधिपति, अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और भारत भर में कई अन्य शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सहायक बन गए उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी, और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पढ़ाया मई 2012 में, कलाम ने भारत के युवाओं के लिए एक कार्यक्रम ,भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ, "मैं आंदोलन को क्या दे सकता हूँ" का शुभारंभ किया उन्होंने यहाँ तमिल कविता लिखने और वेन्नई नामक दक्षिण भारतीय स्ट्रिंग वाद्य यंत्र को बजाने का भी आनंद लिया कलाम कर्नाटक भक्ति संगीत हर दिन सुनते थे और हिंदू संस्कृति में विश्वास करते थे इन्हें 2003 व 2006 में "एमटीवी यूथ आइकन ऑफ़ द इयर" के लिए नामांकित किया गया था 2011 में आई हिंदी फिल्म आई एम कलाम में, एक गरीब लेकिन उज्ज्वल बच्चे पर कलाम के सकारात्मक प्रभाव को चित्रित किया गया उनके सम्मान में वह बच्चा छोटू जो एक राजस्थानी लड़का है खुद का नाम बदल कलाम रख लेता है 2011 में, कलाम की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र पर अपने रुख से नागरिक समूहों द्वारा आलोचना की गई इन्होंने ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का समर्थन किया इन पर स्थानीय लोगों के साथ बात नहीं करने का आरोप लगाया गया इन्हें एक समर्थ परमाणु वैज्ञानिक होने के लिए जाना जाता है पर संयंत्र की सुरक्षा सुविधाओं के बारे में इनके द्वारा उपलब्ध कराए गए आश्वासनों से नाखुश प्रदर्शनकारी इनके प्रति शत्रुतापूर्ण थे निधन ...मैं यह बहुत गर्वोक्ति पूर्वक तो नहीं कह सकता कि मेरा जीवन किसी के लिये आदर्श बन सकता है; लेकिन जिस तरह मेरी नियति ने आकार ग्रहण किया उससे किसी ऐसे गरीब बच्चे को सांत्वना अवश्य मिलेगी जो किसी छोटी सी जगह पर सुविधाहीन सामजिक दशाओं में रह रहा हो शायद यह ऐसे बच्चों को उनके पिछड़ेपन और निराशा की भावनाओं से विमुक्त होने में अवश्य सहायता करे “ ” सूक्तियाँ - अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में 'रहने योग्य ग्रह' पर एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और ये बेहोश हो कर गिर पड़े लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में इन्हें बेथानी अस्पतालों में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो ने बताया कि जब कलाम को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे अपने निधन से लगभग 9 घण्टे पहले ही उन्होंने ट्वीट करके बताया था कि वह शिलोंग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं कलाम अक्टूबर 2015 में 84 साल के होने वाले थे मेघालय के राज्यपाल वी॰ षडमुखनाथन; अब्दुल कलाम के हॉस्पिटल में प्रवेश की खबर सुनते ही सीधे अस्पताल में पहुँच गए बाद में षडमुखनाथन ने बताया कि कलाम को बचाने की चिकित्सा दल की कोशिशों के बाद भी शाम 7:45 पर उनका निधन हो गया अंतिम संस्कार मृत्यु के तुरंत बाद कलाम के शरीर को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से शिलोंग से गुवाहाटी लाया गया जहाँ से अगले दिन 28 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थि‍व शरीर मंगलवार दोपहर वायुसेना के विमान सी-130जे हरक्यूलिस से दिल्ली लाया गया लगभग 12:15 पर विमान पालम हवाईअड्डे पर उतरा सुरक्षा बलों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ कलाम के पार्थिव शरीर को विमान से उतारा वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल व तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इसकी अगवानी की और कलाम के पार्थिव शरीर पर पुष्पहार अर्पित किये इसके बाद तिरंगे में लिपटे डॉ. कलाम के पार्थि‍व शरीर को पूरे सम्मान के साथ, एक गन कैरिज में रख उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया यहाँ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित अनेक गणमान्य लोगों ने इन्हें श्रद्धांजलि दी भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन के मौके पर उनके सम्मान के रूप में सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है 29 जुलाई की सुबह वायुसेना के विमान सी-130जे से भारतीय ध्वज में लिपटे कलाम के शरीर को पालम एयर बेस पर ले जाया गया जहां से इसे मदुरै भेजा गया, विमान दोपहर तक मदुरै हवाई अड्डे पर पहुंचा उनके शरीर को तीनों सेनाओं के प्रमुखों और राष्ट्रीय व राज्य के गणमान्य व्यक्तियों, कैबिनेट मंत्री मनोहर पर्रीकर, वेंकैया नायडू, पॉन राधाकृष्णन; और तमिलनाडु और मेघालय के राज्यपाल के.रोसैया और वी. षडमुखनाथन ने हवाई अड्डे पर प्राप्त किया एक संक्षिप्त समारोह के बाद कलाम के शरीर को एक वायु सेना के हेलिकॉप्टर में मंडपम भेजा गया मंडपम से कलाम के शरीर को उनके गृह नगर रामेश्वरम एक आर्मी ट्रक में भेजा गया अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उनके शरीर को स्थानीय बस स्टेशन के सामने एक खुले क्षेत्र में प्रदर्शित किया गया ताकि जनता उन्हें आखरी श्रद्धांजलि दे सके 30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति को पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया प्रधानमंत्री मोदी, तमिलनाडु के राज्यपाल और कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों सहित 3,50,000 से अधिक लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया प्रतिक्रिया कलाम के निधन से देश भर में और सोशल मीडिया में पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिये अनेक कार्य किये गए भारत सरकार ने कलाम को सम्मान देने के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "उनका (कलाम का) निधन वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है वह भारत को महान ऊंचाइयों पर ले गए उन्होंने हमें मार्ग दिखाया " पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिन्होंने कलाम के साथ प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की थी , ने कहा, "उनकी मृत्यु के साथ हमारे देश ने एक महान मनुष्य को खोया है जिसने, हमारे देश की रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया है मैंने प्रधानमंत्री के रूप में डॉ कलाम के साथ बहुत निकटता से काम किया है मुझे हमारे देश के राष्ट्रपति के रूप में उनकी सलाह से लाभ हुआ उनका जीवन और काम आने वाली पीढ़ियों तक याद किया जाएगा " दलाई लामा ने अपनी संवेदना और प्रार्थना व्यक्त की और कलाम की मौत को "एक अपूरणीय क्षति" बुला, अपना दुख व्यक्त किया उन्होंने यह भी कहा, "अनेक वर्षों में, मुझे कई अवसरों पर कलाम के साथ बातचीत करने का मौका मिला वह एक महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद और राजनेता ही नहीं, बल्कि वे एक वास्तविक सज्जन थे, और हमेशा मैंने उनकी सादगी और विनम्रता की प्रशंसा की है मैंने सामान्य हितों के विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर हमारी चर्चाओं का आनंद लिया, लेकिन विज्ञान, अध्यात्म और शिक्षा के साथ मुख्य रूप से हमारे बीच चिंतन किया जाता था " दक्षिण एशियाई नेताओं ने अपनी संवेदना व्यक्त की और दिवंगत राजनेता की सराहना की भूटान सरकार ने कलाम की मौत के शोक के लिए देश के झंडे को आधी ऊंचाई पर फहराने के लिए आदेश दिया है, और श्रद्धांजलि में 1000 मक्खन के दीपक की भेंट किए है भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कलाम के प्रति अपना गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, " वे एक महान नेता थे जिनकी सभी ने प्रशंसा की विशेषकर भारत के युवाओं के वे प्रशंसनीय नेता थे जिन्हें वे जनता का राष्ट्रपति बुलाते थे " बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनकी व्याख्या करते हुए कहा, "एक महान राजनेता प्रशंसित वैज्ञानिक और दक्षिण एशिया के युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत के संयोग" उन्होंने कलाम की मृत्यु को "भारत के लिए अपूरणीय क्षति से भी परे बताया " उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सबसे प्रसिद्ध बेटे, पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर हमें गहरा झटका लगा है डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम अपने समय के सबसे महान ज्ञानियों में से एक थे वह बांग्लादेश में भी बहुत सम्मानित थे उनकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की वृद्धि करने के लिए अमूल्य योगदान के लिए वे सभी के द्वारा हमेशा याद किये जायेंगे वे दक्षिण एशिया की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत थे जो उनके सपनों को पंख देते थे " बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया ने कहा,"एक परमाणु वैज्ञानिक के रूप में, उन्होंने लोगों के कल्याण में स्वयं को समर्पित किया " अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, ने कलाम को, "लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणादायक शख्सियत बताया" ये नोट करते हुए "हमे अपने जीवन से बहुत कुछ सीखना है " नेपाली प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने भारत के लिए कलाम के वैज्ञानिक योगदानों को याद किया "नेपाल ने एक अच्छा दोस्त खो दिया है और मैंने एक सम्मानित और आदर्श व्यक्तित्व को खो दिया है " पाकिस्तान के राष्ट्रपति , ममनून हुसैन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर उनके प्रति दु: ख, शोक व संवेदना व्यक्त की श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने कहा, "डॉ कलाम दृढ़ विश्वास और अदम्य भावना के आदमी थे मैंने उन्हें दुनिया के एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में देखा था उनकी मौत भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है " इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बम्बनग युधोयोनो, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग , संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं, , और संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री और दुबई के शासक ने भी कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत सरकार, भारत के सभी लोगों के लिए और मृतक नेता ले प्रियजनों के लिए अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त की और अपनी सहानुभूति और समर्थन से अवगत कराते हुए कहा, "डॉ कलाम को हमारे देशों के बीच लगातार मैत्रीपूर्ण संबंधों के एक प्रतिपादक के रूप में याद किया जाएगा, उन्होंने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के लिए व्यक्तिगत योगदान दिया उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभप्रद रूसी-भारतीय सहयोग जोड़ने के लिए बहुत कुछ किया " संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा,"अमेरिकी लोगों की ओर से, मैं पूर्व भारतीय राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के निधन पर भारत के लोगों के लिए अपनी गहरी संवेदना का विस्तार करना चाहता हूँ एक वैज्ञानिक और राजनेता, डॉ कलाम ने अपनी विनम्रता से घर में और विदेशों में सम्मान कमाया और भारत के सबसे महान नेताओं में से एक बने भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों के लिए, डा कलाम ने सदा वकालत की 1962 में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान नासा के साथ अंतरिक्ष सहयोग को गहरा करने के लिए काम किया भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में इनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका-भारत संबंधों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई उपयुक्त रूप से नामित "पीपुल्स प्रेसिडेंट" (जनता के राष्ट्रपति) ने सार्वजनिक सेवा, विनम्रता और समर्पण से दुनिया भर के लाखों भारतीयों और प्रशंसकों को एक प्रेरणा प्रदान की " व्यक्तिगत जीवन डॉक्टर कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन का पालन करने वालों में से थे ऐसा कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे कलाम ने कई स्थानों पर उल्लेख किया है कि वे तिरुक्कुरल का भी अनुसरण करते हैं, उनके भाषणों में कम से कम एक कुरल का उल्लेख अवश्य रहता था राजनीतिक स्तर पर कलाम की चाहत थी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका विस्तार हो और भारत ज्यादा से ज्याद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाये भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत थी उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की थी और वे तकनीक को भारत के जनसाधारण तक पहुँचाने की हमेशा वक़ालत करते रहे थी बच्चों और युवाओं के बीच डाक्टर क़लाम अत्यधिक लोकप्रिय थे वह भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी थे भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, जो भारत और बांग्लादेश में मिलाकर २,५१० किमी की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू भाग को सींचती है, देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है २,०७१ कि.मी तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है १०० फीट (३१ मी) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौंदर्य और महत्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किए गए हैं इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पाई ही जाती हैं मीठे पानी वाले दुर्लभ डालफिन भी पाए जाते हैं यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं इसके ऊपर बने पुल, बाँध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से संबंधित ज़रूरतों को पूरा करती हैं वैज्ञानिक मानते हैं[कृपया उद्धरण जोड़ें] कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं गंगा की इस असीमित शुद्धीकरण क्षमता और सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसका प्रदूषण रोका नहीं जा सका है फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवंबर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग- को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो कुमायूँ में हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई ३१४० मीटर है यहाँ गंगा जी को समर्पित एक मंदिर भी है गंगोत्री तीर्थ, शहर से १९ कि॰मी॰ उत्तर की ओर ३८९२ मी.(१२,७७० फी.) की ऊँचाई पर इस हिमनद का मुख है यह हिमनद २५ कि॰मी॰ लंबा व ४ कि॰मी॰ चौड़ा और लगभग ४० मी. ऊँचा है इसी ग्लेशियर से भागीरथी एक छोटे से गुफानुमा मुख पर अवतरित होती है इसका जल स्रोत ५००० मी. ऊँचाई पर स्थित एक बेसिन है इस बेसिन का मूल पश्चिमी ढलान की संतोपंथ की चोटियों में है गौमुख के रास्ते में ३६०० मी. ऊँचे चिरबासा ग्राम से विशाल गोमुख हिमनद के दर्शन होते हैं इस हिमनद में नंदा देवी, कामत पर्वत एवं त्रिशूल पर्वत का हिम पिघल कर आता है यद्यपि गंगा के आकार लेने में अनेक छोटी धाराओं का योगदान है लेकिन ६ बड़ी और उनकी सहायक ५ छोटी धाराओं का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्त्व अधिक है अलकनंदा की सहायक नदी धौली, विष्णु गंगा तथा मंदाकिनी है धौली गंगा का अलकनंदा से विष्णु प्रयाग में संगम होता है यह १३७२ मी. की ऊँचाई पर स्थित है फिर २८०५ मी. ऊँचे नंद प्रयाग में अलकनन्दा का नंदाकिनी नदी से संगम होता है इसके बाद कर्ण प्रयाग में अलकनन्दा का कर्ण गंगा या पिंडर नदी से संगम होता है फिर ऋषिकेश से १३९ कि॰मी॰ दूर स्थित रुद्र प्रयाग में अलकनंदा मंदाकिनी से मिलती है इसके बाद भागीरथी व अलकनन्दा १५०० फीट पर स्थित देव प्रयाग में संगम करती हैं यहाँ से यह सम्मिलित जल-धारा गंगा नदी के नाम से आगे प्रवाहित होती है इन पांच प्रयागों को सम्मिलित रूप से पंच प्रयाग कहा जाता है इस प्रकार २०० कि॰मी॰ का संकरा पहाड़ी रास्ता तय करके गंगा नदी ऋषिकेश होते हुए प्रथम बार मैदानों का स्पर्श हरिद्वार में करती है गंगा का मैदान मुख्य लेख : सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान त्रिवेणी-संगम, प्रयाग हरिद्वार से लगभग ८०० कि॰मी॰ मैदानी यात्रा करते हुए गढ़मुक्तेश्वर, सोरों, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बिठूर, कानपुर होते हुए गंगा इलाहाबाद (प्रयाग) पहुँचती है यहाँ इसका संगम यमुना नदी से होता है यह संगम स्थल हिन्दुओं का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ है इसे तीर्थराज प्रयाग कहा जाता है इसके बाद हिन्दू धर्म की प्रमुख मोक्षदायिनी नगरी काशी (वाराणसी) में गंगा एक वक्र लेती है, जिससे यह यहाँ उत्तरवाहिनी कहलाती है यहाँ से मीरजापुर, पटना, भागलपुर होते हुए पाकुर पहुँचती है इस बीच इसमें बहुत-सी सहायक नदियाँ, जैसे सोन, गंडक, घाघरा, कोसी आदि मिल जाती हैं भागलपुर में राजमहल की पहाड़ियों से यह दक्षिणवर्ती होती है पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के गिरिया स्थान के पास गंगा नदी दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है-भागीरथी और पद्मा भागीरथी नदी गिरिया से दक्षिण की ओर बहने लगती है जबकि पद्मा नदी दक्षिण-पूर्व की ओर बहती फरक्का बैराज (१९७४ निर्मित) से छनते हुई बंगला देश में प्रवेश करती है यहाँ से गंगा का डेल्टाई भाग शुरू हो जाता है मुर्शिदाबाद शहर से हुगली शहर तक गंगा का नाम भागीरथी नदी तथा हुगली शहर से मुहाने तक गंगा का नाम हुगली नदी है गंगा का यह मैदान मूलत: एक भू-अभिनति गर्त है जिसका निर्माण मुख्य रूप से हिमालय पर्वतमाला निर्माण प्रक्रिया के तीसरे चरण में लगभग ३-४ करोड़ वर्ष पहले हुआ था तब से इसे हिमालय और प्रायद्वीप से निकलने वाली नदियाँ अपने साथ लाए हुए अवसादों से पाट रही हैं इन मैदानों में जलोढ़ की औसत गहराई १००० से २००० मीटर है इस मैदान में नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली अपरदनी और निक्षेपण स्थलाकॄतियाँ, जैसे- बालू-रोधका, विसर्प, गोखुर झीलें और गुंफित नदियाँ पाई जाती हैं गंगा की इस घाटी में एक ऐसी सभ्यता का उद्भव और विकास हुआ जिसका प्राचीन इतिहास अत्यन्त गौरवमयी और वैभवशाली है जहाँ ज्ञान, धर्म, अध्यात्म व सभ्यता-संस्कृति की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई जिससे न केवल भारत बल्कि समस्त संसार आलोकित हुआ पाषाण या प्रस्तर युग का जन्म और विकास यहाँ होने के अनेक साक्ष्य मिले हैं इसी घाटी में रामायण और महाभारत कालीन युग का उद्भव और विलय हुआ शतपथ ब्राह्मण, पंचविश ब्राह्मण, गौपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, कौशितकी आरण्यक, सांख्यायन आरण्यक, वाजसनेयी संहिता और महाभारत इत्यादि में वर्णित घटनाओं से उत्तर वैदिककालीन गंगा घाटी की जानकारी मिलती है प्राचीन मगध महाजनपद का उद्भव गंगा घाटी में ही हुआ जहाँ से गणराज्यों की परंपरा विश्व में पहली बार प्रारंभ हुई यहीं भारत का वह स्वर्ण युग विकसित हुआ जब मौर्य और गुप्त वंशीय राजाओं ने यहाँ शासन किया सुंदरवन डेल्टा मुख्य लेख : सुंदरवन सुंदरवन-विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा-गंगा का मुहाना-बंगाल की खाड़ी में हुगली नदी कोलकाता, हावड़ा होते हुए सुंदरवन के भारतीय भाग में सागर से संगम करती है पद्मा में ब्रह्मपुत्र से निकली शाखा नदी जमुना नदी एवं मेघना नदी मिलती हैं अंततः ये ३५० कि॰मी॰ चौड़े सुंदरवन डेल्टा में जाकर बंगाल की खाड़ी में सागर-संगम करती है यह डेल्टा गंगा एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई नवीन जलोढ़ से १,००० वर्षों में निर्मित समतल एवं निम्न मैदान है यहाँ गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ है जिसे गंगा-सागर-संगम कहते हैं विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा (सुंदरवन) बहुत सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और प्रसिद्ध बंगाल टाईगर का निवास स्थान है यह डेल्टा धीरे-धीरे सागर की ओर बढ़ रहा है कुछ समय पहले कोलकाता सागर तट पर ही स्थित था और सागर का विस्तार राजमहल तथा सिलहट तक था, परन्तु अब यह तट से १५-२० मील (२४-३२ किलोमीटर) दूर स्थित लगभग १,८०,००० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जब डेल्टा का सागर की ओर निरन्तर विस्तार होता है तो उसे प्रगतिशील डेल्टा कहते हैं सुंदरवन डेल्टा में भूमि का ढाल अत्यन्त कम होने के कारण यहाँ गंगा अत्यन्त धीमी गति से बहती है और अपने साथ लाई गयी मिट्टी को मुहाने पर जमा कर देती है जिससे डेल्टा का आकार बढ़ता जाता है और नदी की कई धाराएँ एवं उपधाराएँ बन जाती हैं इस प्रकार बनी हुई गंगा की प्रमुख शाखा नदियाँ जालंगी नदी, इच्छामती नदी, भैरव नदी, विद्याधरी नदी और कालिन्दी नदी हैं नदियों के वक्र गति से बहने के कारण दक्षिणी भाग में कई धनुषाकार झीलें बन गयी हैं ढाल उत्तर से दक्षिण है, अतः अधिकांश नदियाँ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हैं ज्वार के समय इन नदियों में ज्वार का पानी भर जाने के कारण इन्हें ज्वारीय नदियाँ भी कहते हैं डेल्टा के सुदूर दक्षिणी भाग में समुद्र का खारा पानी पहुँचने का कारण यह भाग नीचा, नमकीन एवं दलदली है तथा यहाँ आसानी से पनपने वाले मैंग्रोव जाति के वनों से भरा पड़ा है यह डेल्टा चावल की कृषि के लिए अधिक विख्यात है यहाँ विश्व में सबसे अधिक कच्चे जूट का उत्पादन होता है कटका अभयारण्य सुंदरवन के उन इलाकों में से है जहाँ का रास्ता छोटी-छोटी नहरों से होकर गुज़रता है यहाँ बड़ी तादाद में सुंदरी पेड़ मिलते हैं जिनके नाम पर ही इन वनों का नाम सुंदरवन पड़ा है इसके अलावा यहाँ पर देवा, केवड़ा, तर्मजा, आमलोपी और गोरान वृक्षों की ऐसी प्रजातियाँ हैं, जो सुंदरवन में पाई जाती हैं यहाँ के वनों की एक खास बात यह है कि यहाँ वही पेड़ पनपते या बच सकते हैं, जो मीठे और खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हों सहायक नदियाँ मुख्य लेख : गंगा की सहायक नदियाँ देवप्रयाग में भागीरथी (बाएँ) एवं अलकनंदा (दाएँ) मिलकर गंगा का निर्माण करती हुईं गंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं तथा दक्षिण के पठार से आकर इसमें मिलने वाली प्रमुख नदियाँ चंबल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि हैं यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ मिलती हैं चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की सहायक नदियाँ हैं चम्बल इटावा के पास तथा बेतवा हमीरपुर के पास यमुना में मिलती हैं यमुना इलाहाबाद के निकट बायीं ओर से गंगा नदी में जा मिलती है रामगंगा मुख्य हिमालय के दक्षिणी भाग नैनीताल के निकट से निकलकर बिजनौर जिले से बहती हुई कन्नौज के पास गंगा में मिलती है करनाली नदी मप्सातुंग नामक हिमनद से निकलकर अयोध्या, फैजाबाद होती हुई बलिया जिले के सीमा के पास गंगा में मिल जाती है इस नदी को पर्वतीय भाग में कौरियाला तथा मैदानी भाग में घाघरा कहा जाता है गंडक हिमालय से निकलकर नेपाल में शालीग्राम नाम से बहती हुई मैदानी भाग में नारायणी नदी का नाम पाती है यह काली गंडक और त्रिशूल नदियों का जल लेकर प्रवाहित होती हुई सोनपुर के पास गंगा में मिलती है कोसी की मुख्यधारा अरुण है जो गोसाई धाम के उत्तर से निकलती है ब्रह्मपुत्र के बेसिन के दक्षिण से सर्पाकार रूप में अरुण नदी बहती है जहाँ यारू नामक नदी इससे मिलती है इसके बाद एवरेस्ट के कंचनजंघा शिखरों के बीच से बहती हुई यह दक्षिण की ओर ९० किलोमीटर बहती है जहाँ पश्चिम से सूनकोसी तथा पूरब से तामूर कोसी नामक नदियाँ इसमें मिलती हैं इसके बाद कोसी नदी के नाम से यह शिवालिक को पार करके मैदान में उतरती है तथा बिहार राज्य से बहती हुई गंगा में मिल जाती है अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर सोन नदी पटना के पास गंगा में मिलती है मध्य-प्रदेश के मऊ के निकट जनायाब पर्वत से निकलकर चम्बल नदी इटावा से ३८ किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी में मिलती है बेतवा नदी मध्य प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर हमीरपुर के निकट यमुना में मिलती है भागीरथी नदी के दायें किनारे से मिलने वाली अनेक नदियों में बाँसलई, द्वारका, मयूराक्षी, रूपनारायण, कंसावती और रसूलपुर प्रमुख हैं जलांगी और माथा भाँगा या चूनीं बायें किनारे से मिलती हैं जो अतीत काल में गंगा या पद्मा की शाखा नदियाँ थीं किन्तु ये वर्तमान समय में गंगा से पृथक होकर वर्षाकालीन नदियाँ बन गई हैं जीव-जन्तु मुख्य लेख : गंगा घाटी के जीव-जन्तु और वनस्पति गंगा नदी में पाए जाने वाले घड़ियाल गंगा नदी में पाइ जाने वाली डालफिन मछली जिसे आम बोलचाल की भाषा में सोंस कहते हैं ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि १६वीं तथा १७वीं शताब्दी तक गंगा-यमुना प्रदेश घने वनों से ढका हुआ था इन वनों में जंगली हाथी, भैंस, गेंडा, शेर, बाघ तथा गवल का शिकार होता था गंगा का तटवर्ती क्षेत्र अपने शांत व अनुकूल पर्यावरण के कारण रंग-बिरंगे पक्षियों का संसार अपने आंचल में संजोए हुए है इसमें मछलियों की १४० प्रजातियाँ, ३५ सरीसृप तथा इसके तट पर ४२ स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं यहाँ की उत्कृष्ट पारिस्थितिकी संरचना में कई प्रजाति के वन्य जीवों जैसे- नीलगाय, सांभर, खरगोश, नेवला, चिंकारा के साथ सरीसृप-वर्ग के जीव-जन्तुओं को भी आश्रय मिला हुआ है इस इलाके में ऐसे कई जीव-जन्तुओं की प्रजातियाँ हैं जो दुर्लभ होने के कारण संरक्षित घोषित की जा चुकी हैं गंगा के पर्वतीय किनारों पर लंगूर, लाल बंदर, भूरे भालू, लोमड़ी, चीते, बर्फीले चीते, हिरण, भौंकने वाले हिरण, सांभर, कस्तूरी मृग, सेरो, बरड़ मृग, साही, तहर आदि काफ़ी संख्या में मिलते हैं विभिन्न रंगों की तितलियां तथा कीट भी यहाँ पाए जाते हैं बढ़ती हुई जनसंख्या के दबाव में धीरे-धीरे वनों का लोप होने लगा है और गंगा की घाटी में सर्वत्र कृषि होती है फिर भी गंगा के मैदानी भाग में हिरण, जंगली सूअर, जंगली बिल्लियाँ, भेड़िया, गीदड़, लोमड़ी की अनेक प्रजातियाँ काफी संख्या में पाए जाते हैं डालफिन की दो प्रजातियाँ गंगा में पाई जाती हैं जिन्हें गंगा डालफिन और इरावदी डालफिन के नाम से जाना जाता है इसके अलावा गंगा में पाई जाने वाले शार्क की वजह से भी गंगा की प्रसिद्धि है जिसमें बहते हुये पानी में पाई जानेवाली शार्क के कारण विश्व के वैज्ञानिकों की काफी रुचि है इस नदी और बंगाल की खाड़ी के मिलन स्थल पर बनने वाले मुहाने को सुंदरवन के नाम से जाना जाता है जो विश्व की बहुत-सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और प्रसिद्ध बंगाल टाईगर का गृहक्षेत्र है आर्थिक महत्त्व मुख्य लेख : गंगा का आर्थिक महत्त्व गंगा में रैफ्टिंग भी होती है गंगा अपनी उपत्यकाओं में भारत और बांग्लादेश के कृषि आधारित अर्थ में भारी सहयोग तो करती ही है, यह अपनी सहायक नदियों सहित बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई के बारहमासी स्रोत भी हैं इन क्षेत्रों में उगाई जाने वाली प्रधान उपज में मुख्यतः धान, गन्ना, दाल, तिलहन, आलू एवं गेहूँ हैं जो भारत की कृषि आज का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं गंगा के तटीय क्षेत्रों में दलदल एवं झीलों के कारण यहाँ लेग्यूम, मिर्च, सरसों, तिल, गन्ना और जूट की अच्छी फसल होती है नदी में मत्स्य उद्योग भी बहुत जोरों पर चलता है गंगा नदी प्रणाली भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है इसमें लगभग ३७५ मत्स्य प्रजातियाँ उपलब्ध हैं वैज्ञानिकों द्वारा उत्तर प्रदेश व बिहार में १११ मत्स्य प्रजातियों की उपलब्धता बतायी गयी है फरक्का बांध बन जाने से गंगा नदी में हिल्सा मछली के बीजोत्पादन में सहायता मिली है गंगा का महत्त्व पर्यटन पर आधारित आय के कारण भी है इसके तट पर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तथा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कई पर्यटन स्थल है जो राष्ट्रीय आय का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं गंगा नदी पर रैफ्टिंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है जो साहसिक खेलों और पर्यावरण द्वारा भारत के आर्थिक सहयोग में सहयोग करते हैं गंगा तट के तीन बड़े शहर हरिद्वार, इलाहाबाद एवं वाराणसी जो तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान रखते हैं इस कारण यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या निरंतर बनी रहती है और धार्मिक पर्यटन में महत्त्वपूर्ण योगदान करती है गर्मी के मौसम में जब पहाड़ों से बर्फ पिघलती है, तब नदी में पानी की मात्रा व बहाव अच्छा होता है, इस समय उत्तराखंड में ऋषिकेश - बद्रीनाथ मार्ग पर कौडियाला से ऋषिकेश के मध्य रैफ्टिंग, क्याकिंग व कैनोइंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो साहसिक खोलों के शौकीनों और पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर के भारत के आर्थिक सहयोग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है बाँध एवं नदी परियोजनाएँ मुख्य लेख : गंगा के बाँध एवं नदी परियोजनाएँ टिहरी बाँध गंगा नदी पर निर्मित अनेक बाँध भारतीय जन-जीवन तथा अर्थ व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण अंग हैं इनमें प्रमुख हैं फ़रक्का बाँध, टिहरी बाँध, तथा भीमगोडा बाँध फ़रक्का बांध (बैराज) भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त में स्थित गंगा नदी पर बनाया गया है इस बाँध का निर्माण कोलकाता बंदरगाह को गाद (सिल्ट) से मुक्त कराने के लिये किया गया था जो कि १९५० से १९६० तक इस बंदरगाह की प्रमुख समस्या थी कोलकाता हुगली नदी पर स्थित एक प्रमुख बंदरगाह है ग्रीष्म ऋतु में हुगली नदी के बहाव को निरंतर बनाये रखने के लिये गंगा नदी के जल के एक बड़े हिस्से को फ़रक्का बाँध के द्वारा हुगली नदी में मोड़ दिया जाता है गंगा पर निर्मित दूसरा प्रमुख बाँध टिहरी बाँध टिहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है जो उत्तराखंड प्रान्त के टिहरी जिले में स्थित है यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है टिहरी बाँध की ऊँचाई २६१ मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवाँ सबसे ऊँचा बाँध बनाती है इस बाँध से २४०० मेगावाट विद्युत उत्पादन, २७०,००० हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन १०२.२० करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर-प्रदेश एवं उत्तरांचल को उपलब्ध कराना प्रस्तावित है तीसरा प्रमुख बाँध भीमगोडा बाँध हरिद्वार में स्थित है जिसको सन १८४० में अंग्रेजों ने गंगा नदी के पानी को विभाजित कर ऊपरी गंगा नहर में मोड़ने के लिये बनवाया था यह नहर हरिद्वार के भीमगोडा नामक स्‍थान से गंगा नदी के दाहिने तट से निकलती है प्रारम्‍भ में इस नहर में जलापूर्ति गंगा नदी में एक अस्‍थायी बाँध बनाकर की जाती थी वर्षाकाल प्रारम्‍भ होते ही अस्‍थायी बाँध टूट जाया करता था तथा मानसून अवधि में नहर में पानी चलाया जाता था इस प्रकार इस नहर से केवल रबी की फसलों की ही सिंचाई हो पाती थी अस्‍थायी बाँध निर्माण स्‍थल के डाउनस्‍ट्रीम में वर्ष १९७८-१९८४ की अवधि में भीमगोडा बैराज का निर्माण करवाया गया इसके बन जाने के बाद ऊपरी गंगा नहर प्रणाली से खरीफ की फसल में भी पानी दिया जाने लगा प्रदूषण एवं पर्यावरण मुख्य लेख : गंगा प्रदूषण नियंत्रण गोमुख पर शुद्ध गंगा गंगा नदी विश्व भर में अपनी शुद्धीकरण क्षमता के कारण जानी जाती है लंबे समय से प्रचलित इसकी शुद्धीकरण की मान्यता का वैज्ञानिक आधार भी है वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं नदी के जल में प्राणवायु (ऑक्सीजन) की मात्रा को बनाए रखने की असाधारण क्षमता है किंतु इसका कारण अभी तक अज्ञात है एक राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो कार्यक्रम के अनुसार इस कारण हैजा और पेचिश जैसी बीमारियाँ होने का खतरा बहुत ही कम हो जाता है, जिससे महामारियाँ होने की संभावना बड़े स्तर पर टल जाती है लेकिन गंगा के तट पर घने बसे औद्योगिक नगरों के नालों की गंदगी सीधे गंगा नदी में मिलने से गंगा का प्रदूषण पिछले कई सालों से भारत सरकार और जनता की चिंता का विषय बना हुआ है औद्योगिक कचरे के साथ-साथ प्लास्टिक कचरे की बहुतायत ने गंगा जल को भी बेहद प्रदूषित किया है वैज्ञानिक जांच के अनुसार गंगा का बायोलाजिकल ऑक्सीजन स्तर ३ डिग्री (सामान्य) से बढ़कर ६ डिग्री हो चुका है गंगा में २ करोड़ ९० लाख लीटर प्रदूषित कचरा प्रतिदिन गिर रहा है विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर-प्रदेश की १२ प्रतिशत बीमारियों की वजह प्रदूषित गंगा जल है यह घोर चिन्तनीय है कि गंगा-जल न स्नान के योग्य रहा, न पीने के योग्य रहा और न ही सिंचाई के योग्य गंगा के पराभव का अर्थ होगा, हमारी समूची सभ्यता का अन्त गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए घड़ियालों की मदद ली जा रही है शहर की गंदगी को साफ करने के लिए संयंत्रों को लगाया जा रहा है और उद्योगों के कचरों को इसमें गिरने से रोकने के लिए कानून बने हैं इसी क्रम में गंगा को राष्ट्रीय धरोहर भी घोषित कर दिया गया है और गंगा एक्शन प्लान व राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना लागू की गई हैं हांलांकि इसकी सफलता पर प्रश्नचिह्न भी लगाए जाते रहे हैं जनता भी इस विषय में जागृत हुई है इसके साथ ही धार्मिक भावनाएँ आहत न हों इसके भी प्रयत्न किए जा रहे हैं इतना सबकुछ होने के बावजूद गंगा के अस्तित्व पर संकट के बादल छाए हुए हैं २००७ की एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार हिमालय पर स्थित गंगा की जलापूर्ति करने वाले हिमनद की २०३० तक समाप्त होने की संभावना है इसके बाद नदी का बहाव मानसून पर आश्रित होकर मौसमी ही रह जाएगा नमामि गंगे इस नदी की सफाई के लिए कई बार पहल की गयी लेकिन कोई भी संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुँच पाया प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा नदी में प्रदूषण पर नियंत्रण करने और इसकी सफाई का अभियान चलाया इसके बाद उन्होंने जुलाई २०१४ में भारत के आम बजट में नमामि गंगा नामक एक परियोजना आरम्भ की इसी परियोजना के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने गंगा के किनारे स्थित ४८ औद्योगिक इकाइयों को बन्द करने का आदेश दिया धार्मिक महत्त्व वाराणसी घाट पर गंगा की आरती भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा नदी को देवी के रूप में निरुपित किया गया है बहुत से पवित्र तीर्थस्थल गंगा नदी के किनारे पर बसे हुये हैं जिनमें वाराणसी और हरिद्वार सबसे प्रमुख हैं गंगा नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र माना जाता है एवं यह मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सारे पापों का नाश हो जाता है मरने के बाद लोग गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं, यहाँ तक कि कुछ लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा भी रखते हैं इसके घाटों पर लोग पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक है पंचामृत में भी गंगाजल को एक अमृत माना गया है अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है उदाहरण के लिए मकर संक्रांति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा में नहाना या केवल दर्शन ही कर लेना बहुत महत्त्वपूर्ण समझा जाता है इसके तटों पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है और अनेक प्रसिद्ध मंदिर गंगा के तट पर ही बने हुए हैं महाभारत के अनुसार मात्र प्रयाग में माघ मास में गंगा-यमुना के संगम पर तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का संगम होता है ये तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करते हैं गंगा को लक्ष्य करके अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम् और आरती सबसे लोकप्रिय हैं अनेक लोग अपने दैनिक जीवन में श्रद्धा के साथ इनका प्रयोग करते हैं गंगोत्री तथा अन्य स्थानों पर गंगा के मंदिर और मूर्तियाँ भी स्थापित हैं जिनके दर्शन कर श्रद्धालु स्वयं को कृतार्थ समझते हैं उत्तराखंड के पंच प्रयाग तथा प्रयागराज जो इलाहाबाद में स्थित है गंगा के वे प्रसिद्ध संगम स्थल हैं जहाँ वह अन्य नदियों से मिलती हैं ये सभी संगम धार्मिक दृष्टि से पूज्य माने गए हैं पौराणिक प्रसंग मुख्य लेख : गंगा के पौराणिक प्रसंग गंगा और शांतनु- राजा रवि वर्मा की कलाकृति गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं मिथकों के अनुसार ब्रह्मा ने विष्णु के पैर के पसीने की बूँदों से गंगा का निर्माण किया त्रिमूर्ति के दो सदस्यों के स्पर्श के कारण यह पवित्र समझा गया एक अन्य कथा के अनुसार राजा सगर ने जादुई रुप से साठ हजार पुत्रों की प्राप्ति की एक दिन राजा सगर ने देवलोक पर विजय प्राप्त करने के लिये एक यज्ञ किया यज्ञ के लिये घोड़ा आवश्यक था जो ईर्ष्यालु इंद्र ने चुरा लिया था सगर ने अपने सारे पुत्रों को घोड़े की खोज में भेज दिया अंत में उन्हें घोड़ा पाताल लोक में मिला जो एक ऋषि के समीप बँधा था सगर के पुत्रों ने यह सोच कर कि ऋषि ही घोड़े के गायब होने की वजह हैं उन्होंने ऋषि का अपमान किया तपस्या में लीन ऋषि ने हजारों वर्ष बाद अपनी आँखें खोली और उनके क्रोध से सगर के सभी साठ हजार पुत्र जल कर वहीं भस्म हो गये सगर के पुत्रों की आत्माएँ भूत बनकर विचरने लगीं क्योंकि उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया था सगर के पुत्र अंशुमान ने आत्माओं की मुक्ति का असफल प्रयास किया और बाद में अंशुमान के पुत्र दिलीप ने भी भगीरथ राजा दिलीप की दूसरी पत्नी के पुत्र थे उन्होंने अपने पूर्वजों का अंतिम संस्कार किया उन्होंने गंगा को पृथ्वी पर लाने का प्रण किया जिससे उनके अंतिम संस्कार कर, राख को गंगाजल में प्रवाहित किया जा सके और भटकती आत्माएं स्वर्ग में जा सकें भगीरथ ने ब्रह्मा की घोर तपस्या की ताकि गंगा को पृथ्वी पर लाया जा सके ब्रह्मा प्रसन्न हुये और गंगा को पृथ्वी पर भेजने के लिये तैयार हुये और गंगा को पृथ्वी पर और उसके बाद पाताल में जाने का आदेश दिया ताकि सगर के पुत्रों की आत्माओं की मुक्ति संभव हो सके तब गंगा ने कहा कि मैं इतनी ऊँचाई से जब पृथ्वी पर गिरूँगी, तो पृथ्वी इतना वेग कैसे सह पाएगी? तब भगीरथ ने भगवान शिव से निवेदन किया और उन्होंने अपनी खुली जटाओं में गंगा के वेग को रोक कर, एक लट खोल दी, जिससे गंगा की अविरल धारा पृथ्वी पर प्रवाहित हुई वह धारा भगीरथ के पीछे-पीछे गंगा सागर संगम तक गई, जहाँ सगर-पुत्रों का उद्धार हुआ शिव के स्पर्श से गंगा और भी पावन हो गयी और पृथ्वी वासियों के लिये बहुत ही श्रद्धा का केन्द्र बन गयीं पुराणों के अनुसार स्वर्ग में गंगा को मन्दाकिनी और पाताल में भागीरथी कहते हैं इसी प्रकार एक पौराणिक कथा राजा शांतनु और गंगा के विवाह तथा उनके सात पुत्रों के जन्म की है साहित्यिक उल्लेख गंगा अवतरण एक लोकचित्र भारत की राष्ट्र-नदी गंगा जल ही नहीं, अपितु भारत और हिंदी साहित्य की मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करती है ऋग्वेद, महाभारत, रामायण एवं अनेक पुराणों में गंगा को पुण्य सलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा एवं महानदी कहा गया है संस्कृत कवि जगन्नाथ राय ने गंगा की स्तुति में 'श्रीगंगालहरी' नामक काव्य की रचना की है हिन्दी के आदि महाकाव्य पृथ्वीराज रासो तथा वीसलदेव रास (नरपति नाल्ह) में गंगा का उल्लेख है आदिकाल का सर्वाधिक लोक विश्रुत ग्रंथ जगनिक रचित आल्हखण्ड में गंगा, यमुना और सरस्वती का उल्लेख है कवि ने प्रयागराज की इस त्रिवेणी को पापनाशक बतलाया है शृंगारी कवि विद्यापति, कबीर वाणी और जायसी के पद्मावत में भी गंगा का उल्लेख है, किन्तु सूरदास और तुलसीदास ने भक्ति भावना से गंगा-माहात्म्य का वर्णन विस्तार से किया है गोस्वामी तुलसीदास ने कवितावली के उत्तरकाण्ड में ‘श्री गंगा माहात्म्य’ का वर्णन तीन छन्दों में किया है- इन छन्दों में कवि ने गंगा दर्शन, गंगा स्नान, गंगा जल सेवन, गंगा तट पर बसने वालों के महत्त्व को वर्णित किया है रीतिकाल में सेनापति और पद्माकर का गंगा वर्णन श्लाघनीय है पद्माकर ने गंगा की महिमा और कीर्ति का वर्णन करने के लिए गंगालहरी नामक ग्रंथ की रचना की है सेनापति कवित्त रत्नाकर में गंगा माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पाप की नाव को नष्ट करने के लिए गंगा की पुण्यधारा तलवार सी सुशोभित है रसखान, रहीम आदि ने भी गंगा प्रभाव का सुन्दर वर्णन किया है आधुनिक काल के कवियों में जगन्नाथदास रत्नाकर के ग्रंथ गंगावतरण में कपिल मुनि द्वारा शापित सगर के साठ हजार पुत्रों के उद्धार के लिए भगीरथ की 'भगीरथ-तपस्या' से गंगा के भूमि पर अवतरित होने की कथा है सम्पूर्ण ग्रंथ तेरह सर्गों में विभक्त और रोला छन्द में निबद्ध है अन्य कवियों में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, सुमित्रानन्दन पन्त और श्रीधर पाठक आदि ने भी यत्र-तत्र गंगा का वर्णन किया है छायावादी कवियों का प्रकृति वर्णन हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय है सुमित्रानन्दन पन्त ने ‘नौका विहार’ में ग्रीष्म कालीन तापस बाला गंगा का जो चित्र उकेरा है, वह अति रमणीय है उन्होंने गंगा नामक कविता भी लिखी है गंगा नदी के कई प्रतीकात्मक अर्थों का वर्णन जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक भारत एक खोज (डिस्कवरी ऑफ इंडिया) में किया है गंगा की पौराणिक कहानियों को महेन्द्र मित्तल अपनी कृति माँ गंगा में संजोया है दिल्ली दिल्ली, आधिकारिक तौर पर दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों ईकाइयों - कार्यापालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड ७० लाख है यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं : हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है यह भारत का अति प्राचीन नगर है इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो१६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है नामकरण इस नगर का नाम "दिल्ली" कैसे पड़ा इसका कोई निश्चित सन्दर्भ नहीं मिलता, लेकिन व्यापक रूप से यह माना गया है कि यह एक प्राचीन राजा "ढिल्लु" से सम्बन्धित है कुछ इतिहासकारों का यह मानना है कि यह देहली का एक विकृत रूप है, जिसका हिन्दुस्तानी में अर्थ होता है 'चौखट', जो कि इस नगर के सम्भवतः सिन्धु-गंगा समभूमि के प्रवेश-द्वार होने का सूचक है एक और अनुमान के अनुसार इस नगर का प्रारम्भिक नाम "ढिलिका" था हिन्दी/प्राकृत "ढीली" भी इस क्षेत्र के लिये प्रयोग किया जाता था इतिहास मुख्य लेख : दिल्ली का इतिहास लाल किला दिल्ली का प्राचीनतम उल्लेख महाभारत नामक महापुराण में मिलता है जहाँ इसका उल्लेख प्राचीन इन्द्रप्रस्थ के रूप में किया गया है इन्द्रप्रस्थ महाभारत काल मे पांडवों की राजधानी थी पुरातात्विक रूप से जो पहले प्रमाण मिले हैं उससे पता चलता है कि ईसा से दो हजार वर्ष पहले भी दिल्ली तथा उसके आस-पास मानव निवास करते थे मौर्य-काल (ईसा पूर्व ३००) से यहाँ एक नगर का विकास होना आरंभ हुआ महाराज पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंद बरदाई की हिंदी रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है ऐसा माना जाता है कि उसने ही 'लाल-कोट' का निर्माण करवाया था और महरौली के गुप्त कालीन लौह-स्तंभ को दिल्ली लाया दिल्ली में तोमरों का शासनकाल ९००-१२०० ईसवीं तक माना जाता है 'दिल्ली' या 'दिल्लिका' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया इस शिलालेख का समय ११७० ईसवीं निर्धारित किया गया महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अंतिम हिन्दू सम्राट माना जाता है| १२०६ ई० के बाद दिल्ली दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनी इस पर खिलज़ी वंश, तुगलक़ वंश, सैयद वंश और लोधी वंश समेत कुछ अन्य वंशों ने शासन किया ऐसा माना जाता है कि आज की आधुनिक दिल्ली बनने से पहले दिल्ली सात बार उजड़ी और विभिन्न स्थानों पर बसी, जिनके कुछ अवशेष आधुनिक दिल्ली मे अब भी देखे जा सकते हैं दिल्ली के तत्कालीन शासकों ने इसके स्वरूप में कई बार परिवर्तन किया मुगल बादशाह हुमायूँ ने सरहिंद के निकट युद्ध में अफ़गानों को पराजित किया तथा बिना किसी विरोध के दिल्ली पर अधिकार कर लिया हुमायूँ की मृत्यु के बाद हेमू विक्रमादित्य के नेतृत्व में अफ़गानों नें मुगल सेना को पराजित कर आगरा व दिल्ली पर पुनः अधिकार कर लिया मुगल बादशाह अकबर ने अपनी राजधानी को दिल्ली से आगरा स्थान्तरित कर दिया अकबर के पोते शाहजहाँ (१६२८-१६५८) ने सत्रहवीं सदी के मध्य में इसे सातवीं बार बसाया जिसे शाहजहाँनाबाद के नाम से पुकारा गया शाहजहाँनाबाद को आम बोल-चाल की भाषा में पुराना शहर या पुरानी दिल्ली कहा जाता है प्राचीनकाल से पुरानी दिल्ली पर अनेक राजाओं एवं सम्राटों ने राज्य किया है तथा समय-समय पर इसके नाम में भी परिवर्तन किया जाता रहा था पुरानी दिल्ली १६३८ के बाद मुग़ल सम्राटों की राजधानी रही दिल्ली का आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफ़र था जिसकी मृत्यू निवार्सन मे ही रंगून मे हुयी १८५७ के सिपाही विद्रोह के बाद दिल्ली पर ब्रिटिश शासन के हुकुमत में शासन चलने लगा १८५७ के इस प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन को पूरी तरह दबाने के बाद अंग्रेजों ने बहादुरशाह ज़फ़र को रंगून भेज दिया तथा भारत पूरी तरह से अंग्रेजो के अधीन हो गया प्रारंभ में उन्होंने कलकत्ते (आजकल कोलकाता) से शासन संभाला परंतु ब्रिटिश शासन काल के अंतिम दिनो मे पीटर महान के नेतृत्व मे सोवियत रूस का प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप मे तेजी से बढ़ने लगा| जिसके कारण अंग्रेजों को यह लगने लगा कि कलकत्ता जो कि भारत के धुर पूरब मे था वहां से अफगानिस्तान एवं ईरान आदि पर सक्षम तरीके से आसानी से नियंत्रण नही स्थापित किया जा सकता है आगे चल कर के इसी कारण से १९११ में उपनिवेश राजधानी को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया एवं अनेक आधुनिक निर्माण कार्य करवाए गये १९४७ में भारत की आजादी के बाद इसे अधिकारिक रूप से भारत की राजधानी घोषित कर दिया गया दिल्ली में कई राजाओं के साम्राज्य के उदय तथा पतन के साक्ष्य आज भी विद्यमान हैं सच्चे मायने में दिल्ली हमारे देश के भविष्य, भूतकाल एवं वर्तमान परिस्थितियों का मेल-मिश्रण हैं तोमर शासकों में दिल्ली की स्थापना का श्रेय अनंगपाल को जाता है जलवायु, भूगोल और जनसांख्यिकी भौगोलिक स्थिति मुख्य लेख : दिल्ली का भूगोल दिल्ली में यमुना नदी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 1,484 किमी2 (573 वर्ग मील) में विस्तृत है, जिसमें से 783 किमी2 (302 वर्ग मील) भाग ग्रामीण और 700 किमी2 (270 वर्ग मील) भाग शहरी घोषित है दिल्ली उत्तर-दक्षिण में अधिकतम 51.9 किमी (32 मील) है और पूर्व-पश्चिम में अधिकतम चौड़ाई 48.48 किमी (30 मील) है दिल्ली के अनुरक्षण हेतु तीन संस्थाएं कार्यरत है:- दिल्ली नगर निगम:निगम विश्व की सबसे बड़ी नगर पालिका संगठन है, जो कि अनुमानित १३७.८० लाख नागरिकों (क्षेत्रफल 1,397.3 किमी2 या 540 वर्ग मील) को नागरिक सेवाएं प्रदान करती है यह क्षेत्रफ़ल के हिसाब से भी मात्र टोक्यो से ही पीछे है ". नगर निगम १३९७ वर्ग कि॰मी॰ का क्षेत्र देखती है वर्तमान में दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बाट दिया गया है ऊपरी दिल्ली नगर निगम,पूर्वी दिल्ली नगर निगम व दक्षिण दिल्ली नगर निगम नई दिल्ली नगरपालिका परिषद: (एन डी एम सी) (क्षेत्रफल 42.7 किमी2 या 16 वर्ग मील) नई दिल्ली की नगरपालिका परिषद का नाम है इसके अधीन आने वाला कार्यक्षेत्र एन डी एम सी क्षेत्र कहलाता है दिल्ली छावनी बोर्ड: (क्षेत्रफल (43 किमी2 या 17 वर्ग मील) जो दिल्ली के छावनी क्षेत्रों को देखता है दिल्ली एक अति-विस्तृत क्षेत्र है यह अपने चरम पर उत्तर में सरूप नगर से दक्षिण में रजोकरी तक फैला है पश्चिमतम छोर नजफगढ़ से पूर्व में यमुना नदी तक (तुलनात्मक परंपरागत पूर्वी छोर) वैसे शाहदरा, भजनपुरा, आदि इसके पूर्वतम छोर होने के साथ ही बड़े बाज़ारों में भी आते हैं रा.रा.क्षेत्र में उपरोक्त सीमाओं से लगे निकटवर्ती प्रदेशों के नोएडा, गुड़गांव आदि क्षेत्र भी आते हैं दिल्ली की भू-प्रकृति बहुत बदलती हुई है यह उत्तर में समतल कृषि मैदानों से लेकर दक्षिण में शुष्क अरावली पर्वत के आरंभ तक बदलती है दिल्ली के दक्षिण में बड़ी प्राकृतिक झीलें हुआ करती थीं, जो अब अत्यधिक खनन के कारण सूखती चली गईं हैं इनमें से एक है बड़खल झील यमुना नदी शहर के पूर्वी क्षेत्रों को अलग करती है ये क्षेत्र यमुना पार कहलाते हैं, वैसे ये नई दिल्ली से बहुत से पुलों द्वारा भली-भांति जुड़े हुए हैं दिल्ली मेट्रो भी अभी दो पुलों द्वारा नदी को पार करती है दिल्ली 28.61°N 77.23°E पर उत्तरी भारत में बसा हुआ है यह समुद्रतल से ७०० से १००० फीट की ऊँचाई पर हिमालय से १६० किलोमीटर दक्षिण में यमुना नदी के किनारे पर बसा है यह उत्तर, पश्चिम एवं दक्षिण तीन तरफं से हरियाणा राज्य तथा पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा घिरा हुआ है दिल्ली लगभग पूर्णतया गांगेय क्षेत्र में स्थित है दिल्ली के भूगोल के दो प्रधान अंग हैं यमुना सिंचित समतल एवं दिल्ली रिज (पहाड़ी) अपेक्षाकृत निचले स्तर पर स्थित मैदानी उपत्यकाकृषि हेतु उत्कृष्ट भूमि उपलब्ध कराती है, हालांकि ये बाढ़ संभावित क्षेत्र रहे हैं ये दिल्ली के पूर्वी ओर हैं और पश्चिमी ओर रिज क्षेत्र है इसकी अधिकतम ऊंचाई ३१८ मी.(१०४३ फी.) तक जाती है यह दक्षिण में अरावली पर्वतमाला से आरंभ होकर शहर के पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों तक फैले हैं दिल्ली की जीवनरेखा यमुना हिन्दू धर्म में अति पवित्र नदियों में से एक है एक अन्य छोटी नदी हिंडन नदी पूर्वी दिल्ली को गाजियाबाद से अलग करती है दिल्ली सीज़्मिक क्षेत्र-IV में आने से इसे बड़े भूकम्पों का संभावी बनाती है जल संपदा दिल्ली की जल संरचना भूमिगत जलभृत लाखों वर्षों से प्राकृतिक रूप से नदियों और बरसाती धाराओं से नवजीवन पाते रहे हैं भारत में गंगा-यमुना का मैदान ऐसा क्षेत्र है, जिसमें सबसे उत्तम जल संसाधन मौजूद हैं यहाँ अच्छी वर्षा होती है और हिमालय के ग्लेशियरों से निकलने वाली सदानीरा नदियाँ बहती हैं दिल्ली जैसे कुछ क्षेत्रों में भी कुछ ऐसा ही है इसके दक्षिणी पठारी क्षेत्र का ढलाव समतल भाग की ओर है, जिसमें पहाड़ी श्रृंखलाओं ने प्राकृतिक झीलें बना दी हैं पहाड़ियों पर का प्राकृतिक वनाच्छादन कई बारहमासी जलधाराओं का उद्गम स्थल हुआ करता था व्यापारिक केन्द्र के रूप में दिल्ली आज जिस स्थिति में है; उसका कारण यहाँ चौड़ी पाट की एक यातायात योग्य नदी यमुना का होना ही है; जिसमें माल ढुलाई भी की जा सकती थी ५०० ई. पूर्व में भी निश्चित ही यह एक ऐसी ऐश्वर्यशाली नगरी थी, जिसकी संपत्तियों की रक्षा के लिए नगर प्राचीर बनाने की आवश्यकता पड़ी थी सलीमगढ़ और पुराना किला की खुदाइयों में प्राप्त तथ्यों और पुराना किला से इसके इतने प्राचीन नगर होने के प्रमाण मिलते हैं १००० ई. के बाद से तो इसके इतिहास, इसके युध्दापदाओं और उनसे बदलने वाले राजवंशों का पर्याप्त विवरण मिलता है भौगोलिक दृष्टि से अरावली की श्रृंखलाओं से घिरे होने के कारण दिल्ली की शहरी बस्तियों को कुछ विशेष उपहार मिले हैं अरावली श्रृंखला और उसके प्राकृतिक वनों से तीन बारहमासी नदियाँ दिल्ली के मध्य से बहती यमुना में मिलती थीं दक्षिण एशियाई भूसंरचनात्मक परिवर्तन से अब यमुना अपने पुराने मार्ग से पूर्व की ओर बीस किलोमीटर हट गई है 3000 ई. पूर्व में ये नदी दिल्ली में वर्तमान 'रिज' के पश्चिम में होकर बहती थी उसी युग में अरावली की श्रृंखलाओं के दूसरी ओर सरस्वती नदी बहती थी, जो पहले तो पश्चिम की ओर सरकी और बाद में भौगोलिक संरचना में भूमिगत होकर पूर्णत: लुप्त हो गई एक अंग्रेज द्वारा १८०७ में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर बने उपर्युक्त नक्शे में वह जलधाराएं दिखाई गई हैं, जो दिल्ली की यमुना में मिलती थीं एक तिलपत की पहाड़ियों में दक्षिण से उत्तर की ओर बहती थी, तो दूसरी हौजखास में अनेक सहायक धाराओं को समेटते हुए पूर्वाभिमुख बहती बारापुला के स्थान पर निजामुद्दीन के ऊपरी यमुना प्रवाह में जाकर मिलती थी एक तीसरी और इनसे बड़ी धारा जिसे साहिबी नदी (पूर्व नाम रोहिणी) कहते थे दक्षिण-पश्चिम से निकल कर रिज के उत्तर में यमुना में मिलती थी ऐसा लगता है कि विवर्तनिक हलचल के कारण इसके बहाव का निचाई वाला भूभाग कुछ ऊँचा हो गया, जिससे इसका यमुना में गिरना रूक गया पिछले मार्ग से इसका ज्यादा पानी नजफगढ़ झील में जाने लगा कोई ७० वर्ष पहले तक इस झील का आकार २२० वर्ग किलोमीटर होता था अंग्रेजों ने साहिबी नदी की गाद निकालकर तल सफ़ाई करके नाला नजफगढ़ का नाम दिया और इसे यमुना में मिला दिया यही जलधाराएं और यमुना-दिल्ली में अरावली की श्रृंखलाओं के कटोरे में बसने वाली अनेक बस्तियों और राजधानियों को सदा पर्याप्त जल उपलब्ध कराती आईं थीं हिमालय के हिमनदों से निकलने के कारण यमुना सदानीरा रही है परंतु अन्य उपरोक्त उपनदियाँ अब से २०० वर्ष पूर्व तक ही, जब तक कि अरावली की पर्वतमाला प्राकृतिक वन से ढकी रहीं तभी तक बारहमासी रह सकीं खेद है कि दिल्ली में वनों का कटान खिलजियों के समय से ही शुरू हो गया था इस्लाम स्वीकार न करने वाले स्थानीय विद्रोहियों और लूटपाट करने वाले मेवों का दमन करने के लिए ऐसा किया गया था साथ ही बढ़ती शहरी आबादी के भार से भी वन प्रांत सिकुड़ा है इसके चलते वनांचल में संरक्षित वर्षा जल का अवक्षय हुआ ब्रिटिश काल मेंअंग्रेजी शासन के दौरान दिल्ली में सड़कों के निर्माण और बाढ़ अवरोधी बांध बनाने से पर्यावरण परिवर्तन के कारण ये जलधाराएं वर्ष में ग्रीष्म के समय सूख जाने लगीं स्वतंत्रता के बाद के समय में बरसाती नालों, फुटपाथों और गलियों को सीमेंट से पक्का किया गया, इससे इन धाराओं को जल पहुँचाने वाले स्वाभाविक मार्ग अवरुद्ध हो गये ऐसी दशा में, जहां इन्हें रास्ता नहीं मिला, वहाँ वे मानसून में बरसाती नालों की तरह उफनने लगीं विशद रूप में सीमेंट कंक्रीट के निर्माणों के कारण उन्हें भूमिगत जलभृत्तों या नदी में मिलाने का उपाय नहीं रह गया है आज इन नदियों में नगर का अधिकतर मैला ही गिरता है जलवायु इंडिया गेट के निकट तड़ित दिल्ली अपनी अधिकतम वर्षा जुलाई-अगस्त माह में मानसून से पाता है दिल्ली के महाद्वीपीय जलवायु में ग्रीष्म ऋतु एवं शीत ऋतु के तापमान में बहुत अंतर होता है ग्रीष्म ऋतु लंबी, अत्यधिक गर्म अप्रैल से मध्य-अक्टूबर तक चलती हैं इस बीच में मानसून सहित वर्षा ऋतु भी आती है ये गर्मी काफ़ी घातक भी हो सकती है, जिसने भूतकाल में कई जानें ली हैं मार्च के आरंभ से ही वायु की दिशा में परिवर्तन होने लगता है ये उत्तर-पश्चिम से हट कर दक्षिण-पश्चिम दिशा में चलने लगती हैं ये अपने साथ राजस्थान की गर्म लहर और धूल भी लेती चलती हैं ये गर्मी का मुख्य अंग हैं इन्हें ही लू कहते हैं अप्रैल से जून के महीने अत्यधिक गर्म होते हैं, जिनमें उच्च ऑक्सीकरण क्षमता होती है जून के अंत तक नमी में वृद्धि होती है जो पूर्व मॉनसून वर्षा लाती हैं इसके बाद जुळाई से यहां मॉनसून की हवाएं चलती हैं, जो अच्छी वर्षा लाती हैं अक्टूबर-नवंबर में शिशिर काल रहता है, जो हल्की ठंड के संग आनंद दायक होता है नवंबर से शीत ऋतु का आरंभ होता है, जो फरवरी के आरंभ तक चलता है शीतकाल में घना कोहरा भी पड़ता है, एवं शीतलहर चलती है, जो कि फिर वही तेज गर्मी की भांति घातक होती है यहां के तापमान में अत्यधिक अंतर आता है जो −०.६ °से. (३०.९ °फ़ै.) से लेकर 48 °से (118 °फ़ै) तक जाता है वार्षिक औसत तापमान २५°से. (७७ °फ़ै.); मासिक औसत तापमान १३°से. से लेकर ३२°से (५६°फ़ै. से लेकर ९०°फ़ै.) तक होता है औसत वार्षिक वर्षा लगभग ७१४ मि.मी. (२८.१ इंच) होती है, जिसमें से अधिकतम मानसून द्वारा जुलाई-अगस्त में होती है दिल्ली में मानसून के आगमन की औसत तिथि २९ जून होती है जनसांख्यिकी [दिखाएँ]दिल्ली में जनसंख्या १९०१ में ४ लाख की जनसंख्या के साथ दिल्ली एक छोटा नगर था १९११ में ब्रिटिश भारत की राजधानी बनने के साथ इसकी जनसंख्या बढ़ने लगी भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान से एक बहुत बड़ी संख्या में लोग आकर दिल्ली में बसने लगे यह प्रवासन विभाजन के बाद भी चलता रहा वार्षिक ३.८५% की वृद्धि के साथ २००१ में दिल्ली की जनसंख्या १ करोड़ ३८ लाख पहुँच चुकी है १९९१ से २००१ के दशक में जनसंख्या की वृद्धि की दर ४७.०२% थी दिल्ली में जनसख्या का घनत्व प्रति किलोमीटर ९,२९४ व्यक्ति तथा लिंग अनुपात ८२१ महिलाओं एवं १००० पुरूषों का है यहाँ साक्षरता का प्रतिशत ८१.८२% है नागर प्रशासन मुख्य लेख : दिल्ली के जिले और उपमंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कुल नौ ज़िलों में बँटा हुआ है हरेक जिले का एक उपायुक्त नियुक्त है और जिले के तीन उपजिले हैं प्रत्येक उप जिले का एक उप जिलाधीश नियुक्त है सभी उपायुक्त मंडलीय अधिकारी के अधीन होते हैं दिल्ली का जिला प्रशासन सभी प्रकार की राज्य एवं केन्द्रीय नीतियों और का प्रवर्तन विभाग होता है यही विभिन्न अन्य सरकारी कार्यकलापों पर आधिकारिक नियंत्रण रखता है निम्न लिखित दिल्ली के जिलों और उपजिलों की सूची है:- दिल्ली के जिले मध्य दिल्ली जिला • दरिया गंज • पहाड़ गंज • करौल बाग उत्तर दिल्ली जिला • सदर बाजार, दिल्ली • कोतवाली, दिल्ली • सब्जी मंडी दक्षिण दिल्ली जिला • कालकाजी • डिफेन्स कालोनी • हौज खास पूर्वी दिल्ली जिला • गाँधी नगर, दिल्ली • प्रीत विहार • विवेक विहार • वसुंधरा एंक्लेव उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला • सीलमपुर • शाहदरा • सीमा पुरी दक्षिण पश्चिम दिल्ली जिला • वसंत विहार • नजफगढ़ • दिल्ली छावनी नई दिल्ली जिला • कनाट प्लेस • संसद मार्ग • चाणक्य पुरी उत्तर पश्चिम दिल्ली जिला • सरस्वती विहार • नरेला • मॉडल टाउन पश्चिम दिल्ली जिला • पटेल नगर • राजौरी गार्डन • पंजाबी बाग दर्शनीय स्थल मुख्य लेख : दिल्ली के दर्शनीय स्थल दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर विश्व में सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर है दिल्ली मेट्रो - २००४ दिल्ली भारत की राजधानी ही नहीं पर्यटन का प्रमुख केंद्र भी है राजधानी होने के कारण भारत सरकार के अनेक कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, केन्द्रीय सचिवालय आदि अनेक आधुनिक स्थापत्य के नमूने तो यहाँ देखे ही जा सकते हैं; प्राचीन नगर होने के कारण इसका ऐतिहासिक महत्त्व भी है पुरातात्विक दृष्टि से पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा, जंतर मंतर, क़ुतुब मीनार और लौह स्तंभ जैसे अनेक विश्व प्रसिद्ध निर्माण यहाँ पर आकर्षण का केंद्र समझे जाते हैं एक ओर हुमायूँ का मकबरा, लाल किला जैसे विश्व धरोहर मुगल शैली की तथा पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा, लोधी मकबरे परिसर आदि ऐतिहासिक राजसी इमारत यहाँ है तो दूसरी ओर निज़ामुद्दीन औलिया की पारलौकिक दरगाह भी लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल यहाँ हैं जैसे बिरला मंदिर, आद्या कात्यायिनी शक्तिपीठ, बंगला साहब गुरुद्वारा, बहाई मंदिर और जामा मस्जिद देश के शहीदों का स्मारक इंडिया गेट, राजपथ पर इसी शहर में निर्मित किया गया है भारत के प्रधान मंत्रियों की समाधियाँ हैं, जंतर मंतर है, लाल किला है साथ ही अनेक प्रकार के संग्रहालय और अनेक बाज़ार हैं, जैसे कनॉट प्लेस, चाँदनी चौक और बहुत से रमणीक उद्यान भी हैं, जैसे मुगल उद्यान, गार्डन ऑफ फाइव सेंसिस, तालकटोरा गार्डन, लोदी गार्डन, चिड़ियाघर, आदि, जो दिल्ली घूमने आने वालों का दिल लुभा लेते हैं दिल्ली के शिक्षा संस्थान मुख्य लेख : दिल्ली के शिक्षा संस्थानों की सूची भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली; इस संस्थान को एशियावीक द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चौथे सबसे अच्छे संस्थान का दर्जा दिया गया जे एन यू प्रशासनिक भवन संगत रूप से यह भारत का सर्वश्रेष्ठ आयुर्विज्ञान संस्थान है, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आयुर्विज्ञान शोध और चिकित्सा के क्षेत्र में एक वैश्विक संस्थान है दिल्ली भारत में शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है दिल्ली के विकास के साथ-साथ यहाँ शिक्षा का भी तेजी से विकास हुआ है प्राथमिक शिक्षा तो प्रायः सार्वजनिक है एक बहुत बड़े अनुपात में बच्चे माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं स्त्री शिक्षा का विकास हर स्तर पर पुरूषों से अधिक हुआ है यहाँ की शिक्षा संस्थाओं में विद्यार्थी भारत के सभी भागों से आते हैं यहाँ कई सरकारी एवं निजी शिक्षा संस्थान हैं जो कला, वाणिज्य, विज्ञान, प्रोद्योगिकी, आयुर्विज्ञान, विधि और प्रबंधन में उच्च स्तर की शिक्षा देने के लिये विख्यात हैं उच्च शिक्षा के संस्थानों में सबसे महत्त्वपूर्ण दिल्ली विश्वविद्यालय है जिसके अन्तर्गत कई कॉलेज एवं शोध ससंथान हैं गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान एवं जामिया मिलिया इस्लामिया उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं संस्कृति मुख्य लेख : भारतीय संस्कृति दिल्ली हाट में प्रदर्शित परंपरागत पॉटरी उत्पाद दिल्ली की संस्कृति यहाँ के लम्बे इतिहास और भारत की राजधानी के रूप में ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण प्रभावित रही है, यह शहर में बने कई महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों से विदित है भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है और इनमें से १७५ स्थल राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किए हैं पुराना शहर वह स्थान है, जहां मुगलों और तुर्क शासकों ने स्थापत्य के कई नमूने खड़े किए, जैसे जामा मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद) और लाल किला दिल्ली में फिल्हाल तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायुं का मकबरा अन्य स्मारकों में इंडिया गेट, जंतर मंतर (१८वीं सदी की खगोलशास्त्रीय वेधशाला), पुराना किला (१६वीं सदी का किला). बिरला मंदिर, अक्षरधाम मंदिर और कमल मंदिर आधुनिक स्थापत्यकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं राज घाट में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा निकट ही अन्य बड़े व्यक्तियों की समाधियां हैं नई दिल्ली में बहुत से सरकारी कार्यालय, सरकारी आवास, तथा ब्रिटिश काल के अवशेष और इमारतें हैं कुछ अत्यंत महत्त्वपूर्ण इमारतों में राष्ट्रपति भवन, केन्द्रीय सचिवालय, राजपथ, संसद भवन और विजय चौक आते हैं सफदरजंग का मकबरा और हुमायुं का मकबरा मुगल बागों के चार बाग शैली का उत्कृष्ट उदाहरण हैं दिल्ली के राजधानी नई दिल्ली से जुड़ाव और भूगोलीय निकटता ने यहाँ की राष्ट्रीय घटनाओं और अवसरों के महत्त्व को कई गुणा बढ़ा दिया है यहाँ कई राष्ट्रीय त्यौहार जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती खूब हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं भारत के स्वतंत्रता दिवस पर यहाँ के प्रधान मंत्री लाल किले से यहाँ की जनता को संबोधित करते हैं बहुत से दिल्लीवासी इस दिन को पतंगें उड़ाकर मनाते हैं इस दिन पतंगों को स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है गणतंत्र दिवस की परेड एक वृहत जुलूस होता है, जिसमें भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक झांकी का प्रदर्शन होता है यहाँ के धार्मिक त्यौहारों में दीवाली, होली, दशहरा, दुर्गा पूजा, महावीर जयंती, गुरु परब, क्रिसमस, महाशिवरात्रि, ईद उल फितर, बुद्ध जयंती लोहड़ी पोंगल और ओड़म जैसे पर्व हैं कुतुब फेस्टिवल में संगीतकारों और नर्तकों का अखिल भारतीय संगम होता है, जो कुछ रातों को जगमगा देता है यह कुतुब मीनार के पार्श्व में आयोजित होता है अन्य कई पर्व भी यहाँ होते हैं: जैसे आम महोत्सव, पतंगबाजी महोत्सव, वसंत पंचमी जो वार्षिक होते हैं एशिया की सबसे बड़ी ऑटो प्रदर्शनी: ऑटो एक्स्पो दिल्ली में द्विवार्षिक आयोजित होती है प्रगति मैदान में वार्षिक पुस्तक मेला आयोजित होता है यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है, जिसमें विश्व के २३ राष्ट्र भाग लेते हैं दिल्ली को उसकी उच्च पढ़ाकू क्षमता के कारण कभी कभी विश्व की पुस्तक राजधानी भी कहा जाता है ऑटो एक्स्पो, एशिया का सबसे बड़ा ऑटो प्रदर्शनी अवसर है , जो कि प्रगति मैदान में द्विवार्षिक आयोजित होता है पंजाबी और मुगलई खान पान जैसे कबाब और बिरयानी दिल्ली के कई भागों में प्रसिद्ध हैं दिल्ली की अत्यधिक मिश्रित जनसंख्या के कारण भारत के विभिन्न भागों के खानपान की झलक मिलती है, जैसे राजस्थानी, महाराष्ट्रियन, बंगाली, हैदराबादी खाना और दक्षिण भारतीय खाने के आइटम जैसे इडली, सांभर, दोसा इत्यादि बहुतायत में मिल जाते हैं इसके साथ ही स्थानीय खासियत, जैसे चाट इत्यादि भी खूब मिलती है, जिसे लोग चटकारे लगा लगा कर खाते हैं इनके अलावा यहाँ महाद्वीपीय खाना जैसे इटैलियन और चाइनीज़ खाना भी बहुतायत में उपलब्ध है इतिहास में दिल्ली उत्तर भारत का एक महत्त्वपूर्ण व्यापार केन्द्र भी रहा है पुरानी दिल्ली ने अभी भी अपने गलियों में फैले बाज़ारों और पुरानी मुगल धरोहरों में इन व्यापारिक क्षमताओं का इतिहास छुपा कर रखा है पुराने शहर के बाजारों में हर एक प्रकार का सामान मिलेगा तेल में डूबे चटपटे आम, नींबू, आदि के अचारों से लेकर मंहगे हीरे जवाहरात, जेवर तक; दुल्हन के अलंकार, कपड़ों के थान, तैयार कपड़े, मसाले, मिठाइयाँ और क्या नहीं? कई पुरानी हवेलियाँ इस शहर में अभी भी शोभा पा रही हैं और इतिहास को संजोए शान से खड़ी है चांदनी चौक, जो कि यहाँ का तीन शताब्दियों से भी पुराना बाजार है, दिल्ली के जेवर, ज़री साड़ियों और मसालों के लिए प्रसिद्ध है दिल्ली की प्रसिद्ध कलाओं में से कुछ हैं यहाँ के ज़रदोज़ी (सोने के तार का काम, जिसे ज़री भी कहा जाता है) और मीनाकारी (जिसमें पीतल के बर्तनों इत्यादि पर नक्काशी के बीच रोगन भरा जाता है यहाँ की कलाओं के लिए बाजार हैं प्रगति मैदान, दिल्ली, दिल्ली हाट, हौज खास, दिल्ली- जहां विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प के और हठकरघों के कार्य के नमूने मिल सकते हैं समय के साथ साथ दिल्ली ने देश भर की कलाओं को यहाँ स्थान दिया हैं इस तरह यहाँ की कोई खास शैली ना होकर एक अद्भुत मिश्रण हो गया है स्थापत्य 72.5 मी (238 फ़ुट) ऊंची कुतुब मीनार, विश्व की सबसे ऊंची मुक्त-खड़ी मीनार है इस ऐतिहासिक नगर में एक ओर प्राचीन, अतिप्राचीन काल के असंख्य खंडहर मिलते हैं, तो दूसरी ओर अवार्चीन काल के योजनानुसार निर्मित उपनगर भी इसमें विश्व के किसी भी नवीनतम नगर से होड़ लेने की क्षमता है प्राचीनकाल के कितने ही नगर नष्ट हो गए पर दिल्ली अपनी भौगिलिक स्थिति और समयानुसार परिवर्तनशीलता के कारण आज भी समृद्धशाली नगर ही नही महानगर है भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली में १२०० इमारतों को ऐतिहासिक महत्त्व का तथा १७५ को राष्ट्रीय सांस्कृतिक स्मारक घोषित किया है १५६० में बना, हुमायुं का मकबरा मुगल मकबरा परिसर का प्रथम उदाहरण है नई दिल्ली में महरौली में गुप्तकाल में निर्मित लौहस्तंभ है यह प्रौद्योगिकी का एक अनुठा उदाहरण है ईसा की चौथी शताब्दी में जब इसका निर्माण हुआ तब से आज तक इस पर जंग नही लगा दिल्ली में इंडो-इस्लामी स्थापत्य का विकाश विशेष रूप से दृष्टगत होता है दिल्ली के कुतुब परिसर में सबसे भव्य स्थापत्य कुतुब मिनार है इस मिनार को स़ूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में बनवाया गया था तुगलक काल में निर्मित गयासुद्दीन का मकबरा स्थापत्य में एक नई प्रवृत्ति का सूचक है यह अष्टभुजाकार है दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा मुगल स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है शाहजहाँ का शासनकाल स्थापत्य कला के लिए याद किया जाता है अर्थ व्यवस्था मुख्य लेख : भारत की अर्थव्यवस्था मुंबई के बाद दिल्ली भारत के सबसे बड़े व्यापारिक महानगरो में से है देश में प्रति व्यक्ति औसत आय की दृष्टि से भी यह देश के सबसे संपन्न नगरो में गिना जाता है १९९० के बाद से दिल्ली विदेशी निवशेकों का पसंदीदा स्थान बना है हाल में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे पेप्सी, गैप, इत्यादि ने दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों मे अपना मुख्यालय खोला है क्रिसमस के दिन वर्ष २००२ में दिल्ली के महानगरी क्षेत्रों में दिल्ली मेट्रो रेल का शुभारम्भ हुआ जिसे वर्ष २०२२ में पूरा किये जाने का अनुमान है हवाई यातायात द्वारा दिल्ली इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल से पूरे विश्व से जुड़ा है . यातायात सुविधाएं मुख्य लेख : दिल्ली में यातायात दिल्ली परिवहन निगम विश्व की सबसे बड़ी पर्यावरण सहयोगी बस-सेवा प्रदान करता है दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा संचालित मेट्रो रेल सेवा औसत ८,३७,००० सवारियां प्रतिदिन ले जाती है इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रायसीना की पहाड़ियाँ में राजपथ दिल्ली की कुल गाड़ियों का ३०% निजी वाहन हैं दिल्ली में औसत ९६३ नए वाहन प्रतिदिन पंजीकृत होते हैं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन दिल्ली के सार्वजनिक यातायात के साधन मुख्यतः बस, ऑटोरिक्शा और मेट्रो रेल सेवा हैं दिल्ली की मुख्य यातायात आवश्यकता का ६०% बसें पूरा करती हैं दिल्ली परिवहन निगम द्वारा संचालित सरकारी बस सेवा दिल्ली की प्रधान बस सेवा है दिल्ली परिवहन निगम विश्व की सबसे बड़ी पर्यावरण सहयोगी बस-सेवा प्रदान करता है हाल ही में बी आर टी की सेवा अंबेडकर नगर और दिल्ली गेट के बीच आरंभ हुई है ऑटो रिक्शा दिल्ली में यातायात का एक प्रभावी माध्यम है ये ईंधन के रूप में सी एन जी का प्रयोग करते हैं, व इनका रंग ऊपर पीला व नीचे हरा होता है दिल्ली में वातानुकूलित टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है जिनका किराया ७.५० से १५ रु/कि.मी. तक है दिल्ली की कुल वाहन संख्या का ३०% निजी वाहन हैं दिल्ली में १९२२.३२ कि.मी. की लंबाई प्रति १०० कि.मी.², के साथ भारत का सर्वाधिक सड़क घनत्व मिलता है दिल्ली भारत के पांच प्रमुख महानगरों से राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा जुड़ा है ये राजमार्ग हैं: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या: १, २, ८, १० और २४ दिल्ली की सड़कों का अनुरक्षण दिल्ली नगर निगम (एम सी डी), दिल्ली छावनी बोर्ड, लोक सेवा आयोग और दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है दिल्ली के उच्च जनसंख्या दर और उच्च अर्थ विकास दर ने दिल्ली पर यातायात की वृहत मांग का दबाव यहाँ की अवसंरचना पर बनाए रखा है २००८ के अनुसार दिल्ली में ५५ लाख वाहन नगर निगम की सीमाओं के अंदर हैं इस कारण दिल्ली विश्व का सबसे अधिक वाहनों वाला शहर है साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ११२ लाख वाहन हैं सन १९८५ में दिल्ली में प्रत्येक १००० व्यक्ति पर ८५ कारें थीं दिल्ली के यातायात की मांगों को पूरा करने हेतु दिल्ली और केन्द्र सरकार ने एक मास रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम का आरंभ किया, जिसे दिल्ली मेट्रो कहते हैं सन १९९८ में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के सभी सार्वजनिक वाहनों को डीज़ल के स्थान पर कंप्रेस्ड नैचुरल गैस का प्रयोग अनिवार्य रूप से करने का आदेश दिया था तब से यहाँ सभी सार्वजनिक वाहन सी एन जी पर ही चालित हैं मेट्रो सेवा मुख्य लेख : दिल्ली मेट्रो दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा संचालित दिल्ली मेट्रो रेल एक मास रैपिड ट्रांज़िट (त्वरित पारगमन) प्रणाली है, जो कि दिल्ली के कई क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है इसकी शुरुआत २४ दिसम्बर २००२ को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति ८०किमी/घंटा (५०मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग २० सेकेंड रुकती है सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है दिल्ली की परिवहन व्यवसथा में मेट्रो रेल एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है इससे पहले परिवहन का ज़्यादातर बोझ सड़क पर था प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की है जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ेगी इसका पहला चरण वर्ष २००६ में पूरा हो चुका है दुसरे चरण में दिल्ली के महरौली, बदरपुर बॉर्डर, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुन्द्का और इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अथवा दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव और वैशाली को मेट्रो से जोड़ने का काम जारी है| परियोजना के तीसरे चरण में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद इत्यादि को भी जोड़ने की योजना है इस रेल व्यवस्था के चरण I में मार्ग की कुल लंबाई लगभग ६५.११ किमी है जिसमे १३ किमी भूमिगत एवं ५२ किलोमीटर एलीवेटेड मार्ग है चरण II के अंतर्गत पूरे मार्ग की लंबाई १२८ किमी होगी एवं इसमें ७९ स्टेशन होंगे जो अभी निर्माणाधीन हैं, इस चरण के २०१० तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है चरण III (११२ किमी) एवं IV (१०८.५ किमी) लंबाई की बनाये जाने का प्रस्ताव है जिसे क्रमश: २०१५ एवं २०२० तक पूरा किये जाने की योजना है इन चारों चरणो का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के पश्चात दिल्ली मेट्रो के मार्ग की कुल लंबाई ४१३.८ किलोमीटर की हो जाएगी जो लंदन के मेट्रो रेल (४०८ किमी) से भी बडा बना देगी दिल्ली के २०२१ मास्टर प्लान के अनुसार बाद में मेट्रो रेल को दिल्ली के उपनगरों तक ले जाए जाने की भी योजना है रेल सेवा दिल्ली भारतीय रेल के नक्शे का एक प्रधान जंक्शन है यहाँ उत्तर रेलवे का मुख्यालय भी है यहाँ के चार मुख्य रेलवे स्टेशन हैं: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, दिल्ली जंक्शन, सराय रोहिल्ला और हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन दिल्ली अन्य सभी मुख्य शहरों और महानगरों से कई राजमार्गों और एक्स्प्रेसवे (त्वरित मार्ग) द्वारा जुड़ा हुआ है यहाँ वर्तमान में तीन एक्स्प्रेसवे हैं और तीन निर्माणाधीन हैं, जो इसे समृद्ध और वाणिज्यिक उपनगरों से जोड़ेंगे दिल्ली गुड़गांव एक्स्प्रेसवे दिल्ली को गुड़गांव और अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ता है डी एन डी फ्लाइवे और नौयडा-ग्रेटर नौयडा एक्स्प्रेसवे दिल्ली को दो मुख्य उपनगरों से जोड़ते हैं ग्रेटर नौयडा में एक अलग अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा योजनाबद्ध है और नौयडा में इंडियन ग्रैंड प्रिक्स नियोजित है वायु सेवा इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम कोण पर स्थित है और यही अन्तर्देशीय और अन्तर्राष्ट्रीय वायु-यात्रियों के लिए शहर का मुख्य द्वार है वर्ष २००६-०७ में हवाई अड्डे पर २३ मिलियन सवारियां दर्ज की गईं थीं, जो इसे दक्षिण एशिया के व्यस्ततम विमानक्षेत्रों में से एक बनाती हैं US$१९.३ लाख की लागत से एक नया टर्मिनल-३ निर्माणाधीन है, जो ३.४ करोड़ अतिरिक्त यात्री क्षमता का होगा, सन २०१० तक पूर्ण होना निश्चित है इसके आगे भी विस्तार कार्यक्रम नियोजित हैं, जो यहाँ १०० मिलियन यात्री प्रतिवर्ष से अधिक की क्षमता देंगे सफदरजंग विमानक्षेत्र दिल्ली का एक अन्य एयरफ़ील्ड है, जो सामान्य विमानन अभ्यासों के लिए और कुछ वीआईपी उड़ानों के लिए प्रयोग होता है याकूब मेमन की फांसी से देश में तनाव का माहौल पैदा हुआ है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता मेमन के जनाजे में जिस बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और कानून व्यवस्था का हवाला देकर जिस तरह पुलिस प्रशासन ने मेमन के जनाजे या फांसी के बाद की तस्वीरों के प्रकाशन या प्रसार पर रोक लगाई, उससे सांप्रदायिक तनाव का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है पिछले एक-दो महीनों में याकूब मेमन की फांसी को लेकर जो चर्चा-विमर्श और बहस हुई, उसने पूरे मामले को जटिल और खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया है जो बहस कानून द्वारा दोषी ठहराए गए किसी अपराधी की फांसी पर होनी थी, वह बहस किसी और दिशा में भटक गई बहस का भटकाव कितना खतरनाक हो सकता है, यह देश में बने ताजा माहौल से समझा जा सकता है संविधान जीने के अधिकार को सबसे बड़ा मानता है 'किसी अपराध के दोषी की जान राष्ट्र को लेनी चाहिए या नहीं ?' बहस इस पर होनी थी एक सवाल पर केंद्रित बहस राष्ट्रवादियों और कथित मुस्लिम समर्थकों और वामपंथियों से होती हुई, इस बात पर खड़ी हो गई, 'क्या याकूब को फांसी होनी चाहिए ?' 'याकूब की फांसी' भला बहस का विषय कैसे हो सकती है याकूब या धनंजय या उनके धर्म या मत संविधान से बड़े नहीं हो सकते, उसकी आत्मा से बड़े नहीं हो सकते याकूब की फांसी का विरोध और समर्थन लोगों ने अजीब तर्कों के आधार पर किया किसी ने कानूनी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए तो किसी ने कहा कि याकूब को मुस्लिम होने के कारण फांसी दी गई कई लोगों ने याकूब को अपना हीरो घोषित कर दिया तो हिंदुवादियों ने इस फांसी के बहाने जय श्रीराम के नारे लगाए कुल मिलाकर ये सभी लोग देश का माहौल खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं सवाल यह है कि जान लेने का बदला कानून भला जान लेकर कैसे ले सकता है वो भी भला ऐसे देश में जहां अधिकांश लोग जीव हत्या को सबसे बड़ा पाप मानते हो खैर, जो भी हो, इस पूरी बहस से फांसी के खिलाफ थोड़ा माहौल तो जरूर बना अगर इस बहस में बचकाने तर्कों वाले लोग न घुसते, तो इसे और धार मिलती और शायद याकूब के बहाने देश की न्यायिक व्यवस्था से एक काला कानून हटाया जा सकता था आखिरकार याकूब को फांसी हो गई है लेकिन आज भी हम वहीं खड़े हैं जहां से यह बहस शुरू हुई थी सवाल वही कि किसी भारत जैसे उदार और लोकतांत्रिक देश में किसी को फांसी दी जानी चाहिए या नहीं ?रंगोली रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं की आकृतियाँ इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है इन्हें प्रायः घर की महिलाएँ बनाती हैं विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं इसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ सूखा या गीला चावल, सिंदूर, रोली,हल्दी, सूखा आटा और अन्य प्राकृतिक रंगो का प्रयोग किया जाता है परन्तु अब रंगोली में रासायनिक रंगों का प्रयोग भी होने लगा है रंगोली को द्वार की देहरी, आँगन के केंद्र और उत्सव के लिए निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया जाता है कभी-कभी इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के बुरादे या चावल आदि अन्न से भी बनाया जाता है रंगोली का इतिहास इंडसघाटी के इन चित्रों में भारतीय रंगोली की मूल आकृतियों को देखा जा सकता है रंगोली का एक नाम अल्पना भी है मोहन जोदड़ो और हड़प्पा में भी मांडी हुई अल्पना के चिह्न मिलते हैं अल्पना वात्स्यायन के काम-सूत्र में वर्णित चौसठ कलाओं में से एक है यह अति प्राचीन लोक कला है इसकी उत्पत्ति के संबंध में साधारणतः यह जाना जाता है कि 'अल्पना' शब्द संस्कृत के - 'ओलंपेन' शब्द से निकला है, ओलंपेन का मतलब है - लेप करना प्राचीन काल में लोगों का विश्वास था कि ये कलात्मक चित्र शहर व गाँवों को धन-धान्य से परिपूर्ण रखने में समर्थ होते है और अपने जादुई प्रभाव से संपत्ति को सुरक्षित रखते हैं इसी दृष्टिकोण से अल्पना कला का धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर प्रचलन हुआ बहुत से व्रत या पूजा, जिनमें कि अल्पना दी जाती है, आर्यों के युग से पूर्व की है आनंद कुमार स्वामी, जो कि भारतीय कला के पंडित कहलाते हैं, का मत है कि बंगाल की आधुनिक लोक कला का सीधा संबंध ५००० वर्ष पूर्व की मोहन जोदड़ो की कला से है व्रतचारी आंदोलन के जन्मदाता तथा बंगला लोक कला व संस्कृति के विद्वान गुरुसहाय दत्त के अनुसार कमल का फूल जिसे बंगाली स्त्रियाँ अपनी अल्पनाओं के मध्य बनाती हैं, वह मोहन जोदड़ो के समय के कमल के फूल का प्रतिरूप ही है कुछ अन्य विद्वानों का मत है कि अल्पना हमारी संस्कृति में आस्ट्रिक लोगों, जैसे मुंडा प्रजातियों से आई हैं, जो इस देश में आर्यों के आने से अनेक वर्ष पूर्व रह रहे थे उन के अनुसार प्राचीन व परंपरागत बंगला की लोक कला कृषि युग से चली आ रही है उस समय के लोगों ने कुछ देवी देवताओं व कुछ जादुई प्रभावों पर विश्वास कर रखा था, जिसके अभ्यास से अच्छी फसल होती थी तथा प्रेतात्माएँ भाग जाती थीं अल्पना के इन्हीं परंपरागत आलेखनों से प्रेरणा लेकर आचार्य अवनींद्रनाथ टैगोर ने शांति निकेतन में कला भवन में अन्य चित्रकला के विषयों के साथ-साथ इस कला को भी एक अनिवार्य विषय बनाया आज यह कला शांति निकेतन की अल्पना के नाम से जानी जाती हैं इस कला में गोरी देवी मजा का नाम चिरस्मरणीय रहेगा जो शांति निकेतन अल्पना की जननी मानी जाती हैं रंगोली का उद्देश्य दीपावली के अवसर पर घर में चित्रित रंगोली रंगोली धार्मिक, सांस्कृतिक आस्थाओं की प्रतीक रही है इसको आध्यात्मिक प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण अंग माना गया है तभी तो विभिन्न हवनों एवं यज्ञों में 'वेदी' का निर्माण करते समय भी माँडने बनाए जाते हैं ग्रामीण अंचलों में घर-आँगन बुहारकर लीपने के बाद रंगोली बनाने का रिवाज आज भी विद्यमान है भूमि-शुद्धिकरण की भावना एवं समृद्धि का आह्वान भी इसके पीछे निहित है अल्पना जीवन दर्शन की प्रतीक है जिसमें नश्वरता को जानते हुए भी पूरे जोश के साथ वर्तमान को सुमंगल के साथ जीने की कामना और श्रद्धा निरंतर रहती है यह जानते हुए भी कि यह कल धुल जाएगी, जिस प्रयोजन से की जाती है, वह हो जाने की कामना ही सबसे बड़ी है त्योहारों के अतिरिक्त घर-परिवार में अन्य कोई मांगलिक अवसरों पर या यूँ कहें कि रंगोली सजाने की कला अब सिर्फ पूजागृह तक सीमित नहीं रह गई है स्त्रियाँ बड़े शौक एवं उत्साह से घर के हर कमरे में तथा प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाती हैं यह शौक स्वयं उनकी कल्पना का आधार तो है ही, नित-नवीन सृजन करने की भावना का प्रतीक भी है रंगोली में बनाए जाने वाले चिह्न जैसे स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मीजी के पग (पगलिए) इत्यादि समृद्धि और मंगलकामना के सूचक समझे जाते हैं आज कई घरों, देवालयों के आगे नित्य रंगोली बनाई जाती है रीति-रिवाजों को सहेजती-सँवारती यह कला आधुनिक परिवारों का भी अंग बन गई है शिल्प कौशल और विविधतायुक्त कलात्मक अभिरुचि के परिचय से गृह-सज्जा के लिए बनाए जाने वाले कुछ माँडणों को छोड़कर प्रायः सभी माँडणे किसी मानवीय भावना के प्रतीक होते हैं और इस प्रकार ये हमारी सांस्कृतिक भावनाओं को साकार करने में महत्त्वपूर्ण साधन माने जाते हैं हर्ष और प्रसन्नता का प्रतीक रंगोली रंगमयी अभिव्यक्ति है विभिन्न प्रांतों की रंगोली पुकोलम यानी फूलों की रंगोली रंगोली एक अलंकरण कला है जिसका भारत के अलग अलग प्रांतों में अलग अलग नाम है उत्तर प्रदेश में चौक पूरना, राजस्थान में मांडना, बिहार में अरिपन, बंगाल में अल्पना, महाराष्ट्र में रंगोली, कर्नाटक में रंगवल्ली, तमिलनाडु में कोल्लम, उत्तरांचल में ऐपण, आंध्र प्रदेश में मुग्गु या मुग्गुलु, हिमाचल प्रदेश में 'अदूपना', कुमाऊँ में लिखथाप या थापा, तो केरल में कोलम इन सभी रंगोलियों में अनेक विभिन्नताएँ भी हैं महाराष्ट्र में लोग अपने घरों के दरवाजे पर सुबह के समय रंगोली इसलिए बनाते हैं, ताकि घर में कोई बुरी ताकत प्रवेश न कर सके भारत के दक्षिण किनारे पर बसे केरल में ओणम के अवसर पर रंगोली सजाने के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है दक्षिण भारतीय प्रांत- तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के 'कोलम' में कुछ अंतर तो होता है परंतु इनकी मूल बातें यथावत होती हैं मूल्यतः ये ज्यामितीय और सममितीय आकारों में सजाई जाती हैं इसके लिए चावल के आटे या घोल का इस्तेमाल किया जाता है चावल के आटे के इस्तेमाल के पीछे इसका सफेद रंग होना व आसानी से उपलब्धता है सूखे चावल के आटे को अँगूठे व तर्जनी के बीच रखकर एक निश्चित साँचे में गिराया जाता है राजस्थान का मांडना जो मंडन शब्द से लिया गया है का अर्थ सज्जा है मांडने को विभिन्न पर्वों, मुख्य उत्सवों तथा ॠतुओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है इसे आकृतियों के विभिन्न आकार के आधार पर भी बाँटा जा सकता है कुमाऊँ के'लिख थाप' या थापा में अनेक प्रकार के आलेखन प्रतीकों, कलात्मक डिजाइनों, बेलबूटों का प्रयोग किया जाता है लिखथाप में समाज के अलग-अलग वर्गों द्वारा अलग-अलग चिह्नों और कला माध्यमों का प्रयोग किया जाता है आमतौर पर दक्षिण भारतीय रंगोली ज्यामितीय आकारों पर आधारित होती है जबकि उत्तर भारत की शुभ चिह्नों पर रंगोली के प्रमुख तत्त्व रंगोली के रंग रंगोली भारत के किसी भी प्रांत की हो, वह लोक कला है, अतः इसके तत्व भी लोक से लिए गए हैं और सामान्य हैं रंगोली का सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व उत्सवधर्मिता है इसके लिए शुभ प्रतीकों का चयन किया जाता है इस प्रकार के प्रतीक पीढ़ियों से उसी रूप में बनाए जाते रहे हैं - और इन प्रतीकों का बनाना आवश्यक होता है नई पीढी पारंपरिक रूप से इस कला को सीखती है और इस प्रकार अपने-अपने परिवार की परंपरा को कायम रखती है रंगोली के प्रमुख प्रतीकों में कमल का फूल, इसकी पत्तियाँ, आम, मंगल कलश, मछलियाँ, अलग अलग तरह की चिड़ियाँ, तोते, हंस, मोर, मानव आकृतियाँ और बेलबूटे लगभग संपूर्ण भारत की रंगोलियों में पाए जाते हैं विशेष अवसरों पर बनाई जाने वाली रंगोलियों में कुछ विशेष आकृतियाँ भी जुड़ जाती हैं जैसे दीपावली की रंगोली में दीप, गणेश या लक्ष्मी रंगोली का दूसरा प्रमुख तत्त्व प्रयोग आने वाली सामग्री है इसमें वही सामग्री प्रयुक्त होती है जो आसानी से हर स्थान पर मिल जाती है इसलिए यह कला अमीर-गरीब सभी के घरों में प्रचलित है सामान्य रूप से रंगोली बनाने की प्रमुख सामग्री है- पिसे हुए चावल का घोल, सुखाए हुए पत्तों के पाउडर से बनाया रंग, चारकोल, जलाई हुई मिट्टी, लकड़ी का बुरादा आदि रंगोली का तीसरा महत्त्वपूर्ण तत्त्व पृष्ठभूमि है रंगोली की पृष्ठभूमि के लिए साफ़ या लीपी हुई ज़मीन या दीवार का प्रयोग किया जाता है रंगोली आँगन के मध्य में, कोनों पर, या बेल के रूप में चारों ओर बनाई जाती है मुख्यद्वार की देहरी पर भी रंगोली बनाने की परंपरा है भगवान के आसन, दीप के आधार, पूजा की चौकी और यज्ञ की वेदी पर भी रंगोली सजाने की परंपरा है समय के साथ रंगोली कला में नवीन कल्पनाओं एवं नए विचारों का भी समावेश हुआ है अतिथि सत्कार और पर्यटन पर भी इसका प्रभाव पड़ा है और इसका व्यावसायिक रूप भी विकसित हुआ है इसके कारण इसे होटलों जैसे स्थानों पर सुविधाजनक रंगों से भी बनाया जाने लगा है पर इसका पारंपरिक आकर्षण, कलात्मकता और महत्त्व अभी भी बने हुए है रंगोली की रचना रंगोली के रंग रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है सूखी और गीली दोनों में एक मुक्तहस्त से और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाने वाली रंगोली के लिए पहले सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाए जाते हैं फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृति आकार ले लेती है आकृति बनाने के बाद उसमें मनचाहे रंग भरे जाते हैं मुक्तहस्त रंगोली में सीधे जमीन पर ही आकृति बनाई जाती है पारंपरिक मांडना बनाने में गेरू और सफ़ेद खड़ी का प्रयोग किया जाता है बाज़ार में मिलने वाले रंगोली के रंगों से रंगोली को रंग बिरंगा बनाया जा सकता है रंगोली बनाने के झंझट से मुक्ति चाहने वालों के लिए अपनी घर की देहरी को सजाने के लिए 'रेडिमेड रंगोली' स्टिकर भी बाज़ार में मिलते हैं, जिन्हें मनचाहे स्थान पर चिपकाकर रंगोली के नमूने बनाए जा सकते हैं इसके अतिरिक्त बाजार में प्लास्टिक पर बिंदुओं के रूप में उभरी हुई आकृतियाँ भी मिलती हैं, जिसे जमीन पर रखकर उसके ऊपर रंग डालने से जमीन पर सुंदर आकृति उभरकर सामने आती है अगर रंगोली बनाने का अभ्यास नहीं है तो इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है कुछ साँचे ऐसे भी मिलते हैं जिनमें आटा या रंग का पाउडर भरा जा सकता है इसमें नमूने के अनुसार छोटे छेद होते हैं इन्हें ज़मीन से हल्का सा टकराते ही निश्चित स्थानों पर रंग झरता है और सुंदर नमूना प्रकट हो जाता है रंगोली बनाने के लिए प्लास्टिक के स्टेंसिल्स का प्रयोग भी किया जाता है गीली रंगोली चावल को पीसकर उसमें पानी मिलाकर तैयार की जाती है इस घोल को ऐपण, ऐपन या पिठार कहा जाता है इसे रंगीन बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग भी किया जाता है इसके अतिरिक्त रंगीन रंगोली बाज़ार में मिलने वाले पोस्टर, क्रेयॉन, फ़ेब्रिक और एक्रिलिक रंगों से भी बनाई जाती हैं विश्वास और मान्यताएँ तमिलनाडु में कोलम तमिल नाडु में यह मिथक प्रचलित है कि मारकाड़ी के महीने में देवी आंडाल ने भगवान तिरुमाल से विवाह की विनती की लम्बी साधना के बाद वो भगवान तिरुमाल में विलीन हो गईं इसलिए इस महीने में अविवाहित लड़कियाँ सूर्योदय से पहले उठकर भगवान तिरुमाल के स्वागत के लिए रंगोली सजाती हैं रंगोली के संबंध में पुराणों में कई कथाएँ प्रचलित हैं चित्रकला पर पहले भारतीय ग्रंथ 'चित्र लक्षण' में एक कथा का उल्लेख आता है, वह इस प्रकार है- एक राजा के पुरोहित का बेटा मर गया ब्रह्मा ने राजा से कहा कि वह लड़के का रेखाचित्र ज़मीन पर बना दे ताकि उस में जान डाली जा सके राजा ने ज़मीन पर कुछ रेखाएँ खींचीं, यहीं से अल्पना या रंगोली की शुरुआत हुई इसी सन्दर्भ में एक और कथा है कि ब्रह्मा ने सृजन के उन्माद में आम के पेड़ का रस निकाल कर उसी से ज़मीन पर एक स्त्री की आकृति बनाई उस स्त्री का सौंदर्य अप्सराओं को मात देने वाला था, बाद में वह स्त्री उर्वशी कहलाई ब्रह्मा द्वारा खींचीं गई यह आकृति रंगोली का प्रथम रूप है रंगोली के संबंध में और भी पौराणिक सन्दर्भ मिलते हैं, जैसे - रामायण में सीता के विवाह मंडप की चर्चा जहाँ की गई हैं वहाँ भी रंगोली का उल्लेख है दक्षिण में रंगोली का सांस्कृतिक विकास चोल शासकों के युग में हुआ चावल के आटे के इस्तेमाल के पीछे यह मान्यता है कि चींटी को खाना खिलाना चाहिए यहाँ यह माना जाता है कि कोलम के बहाने अन्य जीव जन्तु को भोजन मिलता है जिससे प्राकृतिक चक्र की रक्षा होती है रंगोली को झाडू या पैरों से नहीं हटाया जाता है बल्कि इन्हें पानी के फव्वारों या कीचड़ सने हाथों से हटाया जाता है मिथिलांचल में ऐसा कोई पर्व-त्योहार या (उपनयन-विवाह जैसा कोई) समारोह नहीं जब घर की दीवारों और आंगन में चित्रकारी नहीं की जाती हो प्रत्येक अवसर के लिए अलग ढँग से "अरिपन" बनाया जाता है जिसके अलग-अलग आध्यात्मिक अर्थ होते हैं विवाह के अवसर पर वर-वधू के कक्ष में दीवारों पर बनाए जाने वाले "कोहबर" और "नैना जोगिन" जैसे चित्र, जो वास्तव में तंत्र पर आधारित होते हैं, चित्रकला की बारीकियों के प्रतिमान हैं पानी और रंगोली पानी पर फूलों द्वारा निर्मित रंगोली आजकल रंगोली के लिए कलाकारों ने पानी को भी माध्यम बना लिया है इसके लिए एक टब या टैंक में पानी को लेकर स्थिर व समतल क्षेत्र में पानी को डाल दिया जाता है कोशिश यह की जाती है कि पानी को हवा या किसी अन्य तरह के संवेग से वास्ता न पड़े इसके बाद चारकोल के पावडर को छिड़क दिया जाता है इस पर कलाकार अन्य सामग्रियों के साथ रंगोली सजाते हैं इस तरह की रंगोली भव्य नजर आती है भरे हुए पानी पर फूलों की पंखुडियों और दियों की सहायता से भी रंगोली बनाई जाती है पानी सतह पर रंगों को रोकने के लिए चारकोल की जगह, डिस्टेंपर या पिघले हुए मोम का भी प्रयोग किया जाता है कुछ रंगोलियाँ पानी के भीतर भी बनाई जाती हैं इसके लिए एक कम गहरे बर्तन में पानी भरा जाता है फिर एक तश्तरी या ट्रे पर अच्छी तरह से तेल लगाकर रंगोली बनाई जाती है बाद में इसपर हल्का सा तेल स्प्रे कर के धीरे से पानी के बर्तन की तली में रख दिया जाता है तेल लगा होने के कारण रंगोली पानी में फैलती नहीं महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली वंदना जोशी को रंगोली बनाने में महारत हासिल है वह पानी के ऊपर रंगोली बनाने वाली विश्व की पहली महिला हैं और वह ७ फरवरी २००४ को दुनिया की सबसे बड़ी रंगोली बनाकर गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं पानी पर रंगोली बनाने वाले दूसरे प्रमुख कलाकार राजकुमार चंदन हैं वे देवास में मीता ताल के १७ एकड़ जल पर विशालकाय रंगोली बनाने का अद्भुत काम कर चुके हैं रंगोली में निहित परंपरा और आधुनिकता विजयलक्ष्मी मोहन द्वारा सिंगापुर में बनाई गई विशालकाय रंगोली रंगोली भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में सबसे प्राचीन लोक चित्रकला है इस चित्रकला के तीन प्रमुख रूप मिलते हैं- भूमि रेखांकन, भित्ति चित्र और कागज़ तथा वस्त्रों पर चित्रांकन इसमें सबसे अधिक लोकप्रिय भूमि रेखांकन हैं, जिन्हें अल्पना या रंगोली के रूप में जाना जाता है भित्ति चित्रों के लिए बिहार का मधुबनी और महाराष्ट्र के ठाणे जिले में वरली नामक स्थान प्रसिद्ध है इनकी रचना शैली और रचनात्मक सामग्री रंगोली के समान ही होती है इसमें विभिन्न अवसरों पर शुभ चिह्नों के साथ अनेक प्रकार के चित्रों से दीवारों की सजावट की जाती है तीसरे प्रकार के चित्रांकन कागज़ों अथवा कपड़ों पर होते हैं कुमाऊँ में इसे ज्यूँति, राजस्थान में फड़ या पड़क्यें कहा जाता है ज्यूँति में जहाँ जीवमातृकाओं और देवताओं के चित्र बने होते हैं वहीं फड़ में राजाओं और लोकदेवताओं की वंशावली चित्रित होती है आंध्र-प्रदेश की कलमकारी और उड़ीसा के पट्टचित्र भी इसी लोक कला के उदाहरण हैं इससे पता चलता है कि लोक संस्कृति हाथ से चित्रित करने की यह परंपरा अत्यंत व्यापक और प्राचीन है इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति के मूल में कितनी कलात्मकता और लालित्य निहित है रंगोली कलाकृति के रूप में यह कलात्मकता और लालित्य आज भी रूप बदलकर शुभ अवसरों पर दिखाई पड़ता है संपन्नता के विकास के साथ आजकल इसे सजाने के लिए शुभ अवसरों के आने की प्रतीक्षा नहीं की जाती बल्कि किसी भी महत्वपूर्ण अवसर को रंगोली सजाकर शुभ बना लिया जाता है चाहे किसी चीज का लोकार्पण हो या होटलों के प्रचार-प्रसार की बात हो, रंगोली की सजावट आवश्यक समझी जाती है इसके अतिरिक्त आजकल कलाकारों ने रंगोली प्रर्दशनी और रंगोली प्रतियोगिताएँ भी शुरू कर दी है कुछ रंगोलियाँ ऐसी भी होती हैं जो देखने में एक कलाकृति की भाँति दिखाई देती हैं इनमें आधुनिकता और परंपरा का समावेश आसानी से लक्षित किया जा सकता है रंगोली बनाने की प्रतियोगिताएँ और रेकार्डों का भी अद्भुत क्रम शुरू हुआ है गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकार्ड तक रंगोली पहुँचाने वाली पहली महिला विजय लक्ष्मी मोहन थीं, जिन्होंने सिंगापुर में ३ अगस्त २००३ को यह रेकार्ड बनाया २००९ तक यह रेकार्ड हर साल टूटता रहा है इसके अतिरिक्त पानी पर रंगोली बनाने के रेकार्ड भी गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकार्ड में शामिल हो चुके हैं चित्र दीर्घा रामायण रामायण कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी कुछ भारतीय विद्वान कहते हैं कि यह 600 ईपू से पहले लिखा गया उसके पीछे युक्ति यह है कि महाभारत जो इसके पश्चात आया बौद्ध धर्म के बारे में मौन है यद्यपि उसमें जैन, शैव, पाशुपत आदि अन्य परम्पराओं का वर्णन है अतः रामायण गौतम बुद्ध के काल के पूर्व का होना चाहिये भाषा शैली से भी यह पाणिनि के समय से पहले का होना चाहिये रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं “ रामायण का पहला और अन्तिम कांड संभवत: बाद में जोड़ा गया था अध्याय दो से सात तक ज्यादातर इस बात पर जोर दिया जाता है कि राम विष्णु के अवतार थे कुछ लोगों के अनुसार इस महाकाव्य में यूनानी और कई अन्य संदर्भों से पता चलता है कि यह पुस्तक दूसरी सदी इसा पूर्व से पहले की नहीं हो सकती पर यह धारणा विवादस्पद है 600 ईपू से पहले का समय इसलिये भी ठीक है कि बौद्ध जातक रामायण के पात्रों का वर्णन करते हैं जबकि रामायण में जातक के चरित्रों का वर्णन नहीं है „ तुलसीदास जी के अनुसार सर्वप्रथम श्री राम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वती जी को सुनाया था जहाँ पर भगवान शंकर पार्वती जी को भगवान श्री राम की कथा सुना रहे थे वहाँ कागा (कौवा) का एक घोसला था और उसके भीतर बैठा कागा भी उस कथा को सुन रहा था कथा पूरी होने के पहले ही माता पार्वती को ऊँघ आ गई पर उस पक्षी ने पूरी कथा सुन ली उसी पक्षी का पुनर्जन्म काकभुशुण्डि के रूप में हुआ काकभुशुण्डि जी ने यह कथा गरुड़ जी को सुनाई भगवान श्री शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा अध्यात्म रामायण के नाम से प्रख्यात है अध्यात्म रामायण को ही विश्व का सर्वप्रथम रामायण माना जाता है हृदय परिवर्तन हो जाने के कारण एक दस्यु से ऋषि बन जाने तथा ज्ञानप्राप्ति के बाद वाल्मीकि ने भगवान श्री राम के इसी वृतान्त को पुनः श्लोकबद्ध किया महर्षि वाल्मीकि के द्वारा श्लोकबद्ध भगवान श्री राम की कथा को वाल्मीकि रामायण के नाम से जाना जाता है वाल्मीकि को आदिकवि कहा जाता है तथा वाल्मीकि रामायण को आदि रामायण के नाम से भी जाना जाता है देश में विदेशियों की सत्ता हो जाने के बाद देव भाषा संस्कृत का ह्रास हो गया और भारतीय लोग उचित ज्ञान के अभाव तथा विदेशी सत्ता के प्रभाव के कारण अपनी ही संस्कृति को भूलने लग गये ऐसी स्थिति को अत्यन्त विकट जानकर जनजागरण के लिये महाज्ञानी सन्त श्री तुलसीदास जी ने एक बार फिर से भगवान श्री राम के पवित्र कथा को देसी भाषा में लिपिबद्ध किया सन्त तुलसीदास जी अपने द्वारा लिखित भगवान श्री राम के कल्याणकारी कथा से परिपूर्ण इस ग्रंथ का नाम रामचरितमानस रखा सामान्य रूप से रामचरितमानस को तुलसी रामायण के नाम से जाना जाता है कालान्तर में भगवान श्री राम की कथा को अनेक विद्वानों ने अपने अपने बुद्धि, ज्ञान तथा मतानुसार अनेक बार लिखा है इस तरह से अनेकों रामायणों की रचनाएँ हुई हैं समयचक्र रामायण का समय त्रेतायुग का माना जाता है भारतीय कालगणना के अनुसार समय को चार युगों में बाँटा गया है- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग एव कलियुग एक कलियुग 4,32,000 वर्ष का, द्वापर 8,64,000 वर्ष का, त्रेता युग 12,96,000 वर्ष का तथा सतयुग 17,28,000 वर्ष का होता है इस गणना के अनुसार रामायण का समय न्यूनतम 8,70,000 वर्ष (वर्तमान कलियुग के 5,250 वर्ष + बीते द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष) सिद्ध होता है बहुत से विद्वान इसका तात्पर्य इसा पू. 8000 से लगाते है जो आधारहीन है अन्य विद्वान इसे इससे भी पुराना मानते हैं संक्षेप में हिन्दू शास्त्रों के अनुसार भगवान राम, विष्णु के अवतार थे. इस अवतार का उद्देश्य मृत्युलोक में मानवजाति को आदर्श जीवन के लिये मार्गदर्शन देना था अन्ततः श्रीराम ने राक्षस जाति के राजा रावण का वध किया और धर्म की पुनर्स्थापना की बालकाण्ड अयोध्या नगरी में दशरथ नाम के राजा हुये जिनकी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा नामक पत्नियाँ थीं सन्तान प्राप्ति हेतु अयोध्यापति दशरथ ने अपने गुरु श्री वशिष्ठ की आज्ञा से पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया जिसे कि ऋंगी ऋषि ने सम्पन्न किया भक्तिपूर्ण आहुतियाँ पाकर अग्निदेव प्रसन्न हुये और उन्होंने स्वयं प्रकट होकर राजा दशरथ को हविष्यपात्र (खीर, पायस) दिया जिसे कि उन्होंने अपनी तीनों पत्नियों में बाँट दिया खीर के सेवन के परिणामस्वरूप कौशल्या के गर्भ से राम का, कैकेयी के गर्भ से भरत का तथा सुमित्रा के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ सीता स्वंयवर (चित्रकार: रवि वर्मा) राजकुमारों के बड़े होने पर आश्रम की राक्षसों से रक्षा हेतु ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांग कर अपने साथ ले गये राम ने ताड़का और सुबाहु जैसे राक्षसों को मार डाला और मारीच को बिना फल वाले बाण से मार कर समुद्र के पार भेज दिया उधर लक्ष्मण ने राक्षसों की सारी सेना का संहार कर डाला धनुषयज्ञ हेतु राजा जनक के निमन्त्रण मिलने पर विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के साथ उनकी नगरी मिथिला (जनकपुर) आ गये रास्ते में राम ने गौतम मुनि की स्त्री अहल्या का उद्धार किया मिथिला में राजा जनक की पुत्री सीता जिन्हें कि जानकी के नाम से भी जाना जाता है का स्वयंवर का भी आयोजन था जहाँ कि जनकप्रतिज्ञा के अनुसार शिवधनुष को तोड़ कर राम ने सीता से विवाह किया राम और सीता के विवाह के साथ ही साथ गुरु वशिष्ठ ने भरत का माण्डवी से, लक्ष्मण का उर्मिला से और शत्रुघ्न का श्रुतकीर्ति से करवा दिया अयोध्याकाण्ड मुख्य लेख: अयोध्याकाण्ड राम के विवाह के कुछ समय पश्चात् राजा दशरथ ने राम का राज्याभिषेक करना चाहा इस पर देवता लोगों को चिन्ता हुई कि राम को राज्य मिल जाने पर रावण का वध असम्भव हो जायेगा व्याकुल होकर उन्होंने देवी सरस्वती से किसी प्रकार के उपाय करने की प्रार्थना की सरस्वती नें मन्थरा, जो कि कैकेयी की दासी थी, की बुद्धि को फेर दिया मन्थरा की सलाह से कैकेयी कोपभवन में चली गई दशरथ जब मनाने आये तो कैकेयी ने उनसे वरदान मांगे कि भरत को राजा बनाया जाये और राम को चौदह वर्षों के लिये वनवास में भेज दिया जाये राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वन चले गये ऋंगवेरपुर में निषादराज गुह ने तीनों की बहुत सेवा की कुछ आनाकानी करने के बाद केवट ने तीनों को गंगा नदी के पार उतारा प्रयाग पहुँच कर राम ने भरद्वाज मुनि से भेंट की वहाँ से राम यमुना स्नान करते हुये वाल्मीकि ऋषि के आश्रम पहुँचे वाल्मीकि से हुई मन्त्रणा के अनुसार राम, सीता और लक्ष्मण चित्रकूट में निवास करने लगे अयोध्या में पुत्र के वियोग के कारण दशरथ का स्वर्गवास हो गया वशिष्ठ ने भरत और शत्रुघ्न को उनके ननिहाल से बुलवा लिया वापस आने पर भरत ने अपनी माता कैकेयी की, उसकी कुटिलता के लिये, बहुत भर्तस्ना की और गुरुजनों के आज्ञानुसार दशरथ की अन्त्येष्टि क्रिया कर दिया भरत ने अयोध्या के राज्य को अस्वीकार कर दिया और राम को मना कर वापस लाने के लिये समस्त स्नेहीजनों के साथ चित्रकूट चले गये कैकेयी को भी अपने किये पर अत्यन्त पश्चाताप हुआ सीता के माता-पिता सुनयना एवं जनक भी चित्रकूट पहुँचे भरत तथा अन्य सभी लोगों ने राम के वापस अयोध्या जाकर राज्य करने का प्रस्ताव रखा जिसे कि राम ने, पिता की आज्ञा पालन करने और रघुवंश की रीति निभाने के लिये, अमान्य कर दिया भरत अपने स्नेही जनों के साथ राम की पादुका को साथ लेकर वापस अयोध्या आ गये उन्होंने राम की पादुका को राज सिंहासन पर विराजित कर दिया स्वयं नन्दिग्राम में निवास करने लगे अरण्यकाण्ड मुख्य लेख: अरण्यकाण्ड कुछ काल के पश्चात राम ने चित्रकूट से प्रयाण किया तथा वे अत्रि ऋषि के आश्रम पहुँचे अत्रि ने राम की स्तुति की और उनकी पत्नी अनसूया ने सीता को पातिव्रत धर्म के मर्म समझाये वहाँ से फिर राम ने आगे प्रस्थान किया और शरभंग मुनि से भेंट की शरभंग मुनि केवल राम के दर्शन की कामना से वहाँ निवास कर रहे थे अतः राम के दर्शनों की अपनी अभिलाषा पूर्ण हो जाने से योगाग्नि से अपने शरीर को जला डाला और ब्रह्मलोक को गमन किया और आगे बढ़ने पर राम को स्थान स्थान पर हड्डियों के ढेर दिखाई पड़े जिनके विषय में मुनियों ने राम को बताया कि राक्षसों ने अनेक मुनियों को खा डाला है और उन्हीं मुनियों की हड्डियाँ हैं इस पर राम ने प्रतिज्ञा की कि वे समस्त राक्षसों का वध करके पृथ्वी को राक्षस विहीन कर देंगे राम और आगे बढ़े और पथ में सुतीक्ष्ण, अगस्त्य आदि ऋषियों से भेंट करते हुये दण्डक वन में प्रवेश किया जहाँ पर उनकी मुलाकात जटायु से हुई राम ने पंचवटी को अपना निवास स्थान बनाया सीता हरण (चित्रकार: रवि वर्मा) पंचवटी में रावण की बहन शूर्पणखा ने आकर राम से प्रणय निवेदन-किया राम ने यह कह कर कि वे अपनी पत्नी के साथ हैं और उनका छोटा भाई अकेला है उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया लक्ष्मण ने उसके प्रणय-निवेदन को अस्वीकार करते हुये शत्रु की बहन जान कर उसके नाक और कान काट लिये शूर्पणखा ने खर-दूषण से सहायता की मांग की और वह अपनी सेना के साथ लड़ने के लिये आ गया लड़ाई में राम ने खर-दूषण और उसकी सेना का संहार कर डाला शूर्पणखा ने जाकर अपने भाई रावण से शिकायत की रावण ने बदला लेने के लिये मारीच को स्वर्णमृग बना कर भेजा जिसकी छाल की मांग सीता ने राम से की लक्ष्मण को सीता के रक्षा की आज्ञा दे कर राम स्वर्णमृग रूपी मारीच को मारने के लिये उसके पीछे चले गये मारीच के हाथों मारा गया पर मरते मरते मारीच ने राम की आवाज बना कर ‘हा लक्ष्मण’ का क्रन्दन किया जिसे सुन कर सीता ने आशंकावश होकर लक्ष्मण को राम के पास भेज दिया लक्ष्मण के जाने के बाद अकेली सीता का रावण ने छलपूर्वक हरण कर लिया और अपने साथ लंका ले गया रास्ते में जटायु ने सीता को बचाने के लिये रावण से युद्ध किया और रावण ने उसके पंख काटकर उसे अधमरा कर दिया सीता को न पा कर राम अत्यन्त दुखी हुये और विलाप करने लगे रास्ते में जटायु से भेंट होने पर उसने राम को रावण के द्वारा अपनी दुर्दशा होने व सीता को हर कर दक्षिण दिशा की ओर ले जाने की बात बताई ये सब बताने के बाद जटायु ने अपने प्राण त्याग दिये और राम उसका अन्तिम संस्कार करके सीता की खोज में सघन वन के भीतर आगे बढ़े रास्ते में राम ने दुर्वासा के शाप के कारण राक्षस बने गन्धर्व कबन्ध का वध करके उसका उद्धार किया और शबरी के आश्रम जा पहुँचे जहाँ पर कि उसके द्वारा दिये गये झूठे बेरों को उसके भक्ति के वश में होकर खाया इस प्रकार राम सीता की खोज में सघन वन के अंदर आगे बढ़ते गये किष्किन्धाकाण्ड मुख्य लेख: किष्किन्धाकाण्ड राम ऋष्यमूक पर्वत के निकट आ गये उस पर्वत पर अपने मन्त्रियों सहित सुग्रीव रहता था सुग्रीव ने, इस आशंका में कि कहीं बालि ने उसे मारने के लिये उन दोनों वीरों को न भेजा हो, हनुमान को राम और लक्ष्मण के विषय में जानकारी लेने के लिये ब्राह्मण के रूप में भेजा यह जानने के बाद कि उन्हें बालि ने नहीं भेजा है हनुमान ने राम और सुग्रीव में मित्रता करवा दी सुग्रीव ने राम को सान्त्वना दी कि जानकी जी मिल जायेंगीं और उन्हें खोजने में वह सहायता देगा साथ ही अपने भाई बालि के अपने ऊपर किये गये अत्याचार के विषय में बताया राम ने बालि का छलपूर्वक वध कर के सुग्रीव को किष्किन्धा का राज्य तथा बालि के पुत्र अंगद को युवराज का पद दे दिया राज्य प्राप्ति के बाद सुग्रीव विलास में लिप्त हो गया और वर्षा तथा शरद् ऋतु व्यतीत हो गई राम के नाराजगी पर सुग्रीव ने वानरों को सीता की खोज के लिये भेजा सीता की खोज में गये वानरों को एक गुफा में एक तपस्विनी के दर्शन हुये तपस्विनी ने खोज दल को योगशक्ति से समुद्रतट पर पहुँचा दिया जहाँ पर उनकी भेंट सम्पाती से हुई सम्पाती ने वानरों को बताया कि रावण ने सीता को लंका अशोकवाटिका में रखा है जाम्बवन्त ने हनुमान को समुद्र लांघने के लिये उत्साहित किया सुंदरकाण्ड मुख्य लेख: सुंदरकाण्ड हनुमान ने लंका की ओर प्रस्थान किया सुरसा ने हनुमान की परीक्षा ली और उसे योग्य तथा सामर्थ्यवान पाकर आशीर्वाद दिया मार्ग में हनुमान ने छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध किया और लंकिनी पर प्रहार करके लंका में प्रवेश किया उनकी विभीषण से भेंट हुई जब हनुमान अशोकवाटिका में पहुँचे तो रावण सीता को धमका रहा था रावण के जाने पर त्रिजटा ने सीता को सान्तवना दी एकान्त होने पर हनुमान ने सीता से भेंट करके उन्हें राम की मुद्रिका दी हनुमान ने अशोकवाटिका का विध्वंस करके रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर दिया मेघनाथ हनुमान को नागपाश में बांध कर रावण की सभा में ले गया रावण के प्रश्न के उत्तर में हनुमान ने अपना परिचय राम के दूत के रूप में दिया रावण ने हनुमान की पूँछ में तेल में डूबा हुआ कपड़ा बांध कर आग लगा दिया इस पर हनुमान ने लंका का दहन कर दिया हनुमान सीता के पास पहुँचे सीता ने अपनी चूड़ामणि दे कर उन्हें विदा किया वे वापस समुद्र पार आकर सभी वानरों से मिले और सभी वापस सुग्रीव के पास चले गये हनुमान के कार्य से राम अत्यन्त प्रसन्न हुये राम वानरों की सेना के साथ समुद्रतट पर पहुँचे उधर विभीषण ने रावण को समझाया कि राम से बैर न लें इस पर रावण ने विभीषण को अपमानित कर लंका से निकाल दिया विभीषण राम के शरण में आ गया और राम ने उसे लंका का राजा घोषित कर दिया राम ने समुद्र से रास्ता देने की विनती की विनती न मानने पर राम ने क्रोध किया और उनके क्रोध से भयभीत होकर समुद्र ने स्वयं आकर राम की विनती करने के पश्चात् नल और नील के द्वारा पुल बनाने का उपाय बताया लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) मुख्य लेख: लंकाकाण्ड जाम्बवन्त के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल बांध दिया श्री राम ने श्री रामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा की और सेना सहित समुद्र के पार उतर गये समुद्र के पार जाकर राम ने डेरा डाला पुल बंध जाने और राम के समुद्र के पार उतर जाने के समाचार से रावण मन में अत्यन्त व्याकुल हुआ मन्दोदरी के राम से बैर न लेने के लिये समझाने पर भी रावण का अहंकार नहीं गया इधर राम अपनी वानरसेना के साथ सुबेल पर्वत पर निवास करने लगे अंगद राम के दूत बन कर लंका में रावण के पास गये और उसे राम के शरण में आने का संदेश दिया किन्तु रावण ने नहीं माना शान्ति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूर्क्षित हो गये उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूर्क्षित कर दिया परन्तु यथार्थ जानने पर अपने बाण पर बिठा कर वापस लंका भेज दिया इधर औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया कुम्भकर्ण ने भी रावण के शरण में जाने की असफल मन्त्रणा दी युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुये और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पकविमान पर चढ़ कर अयोध्या के लिये प्रस्थान किया उत्तरकाण्ड मुख्य लेख: उत्तरकाण्ड उत्तरकाण्ड राम कथा का उपसंहार है सीता, लक्ष्मण और समस्त वानरसेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे राम का भव्य स्वागत हुआ, भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ अभ्यागतों की विदाई दी गई राम ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की चारों भाइयों के दो दो पुत्र हुये रामराज्य एक आदर्श बन गया उपरोक्त बातों के साथ ही साथ गोस्वामी तुलसीदास जी ने उत्तरकाण्ड में श्री राम-वशिष्ठ संवाद, नारद जी का अयोध्या आकर रामचन्द्र जी की स्तुति करना, शिव-पार्वती संवाद, गरुड़ मोह तथा गरुड़ जी का काकभुशुण्डि जी से रामकथा एवं राम-महिमा सुनना, काकभुशुण्डि जी के पूर्वजन्म की कथा, ज्ञान-भक्‍ति निरूपण, ज्ञानदीपक और भक्‍ति की महान महिमा, गरुड़ के सात प्रश्‍न और काकभुशुण्डि जी के उत्तर आदि विषयों का भी विस्तृत वर्णन किया है जहाँ तुलसीदास जी ने उपरोक्त वर्णन लिखकर रामचरितमानस को समप्त कर दिया है वहीं आदिकवि वाल्मीकि अपने रामायण में उत्तरकाण्ड में रावण तथा हनुमान के जन्म की कथा, सीता का निर्वासन, राजा नृग, राजा निमि, राजा ययाति तथा रामराज्य में कुत्ते का न्याय की उपकथायें, लवकुश का जन्म, राम के द्वारा अश्वमेघ यज्ञ का अनुष्ठान तथा उस यज्ञ में उनके पुत्रों लव तथा कुश के द्वारा महाकवि वाल्मिक रचित रामायण गायन, सीता का रसातल प्रवेश, लक्ष्मण का परित्याग, 515 518 का भी वर्णन किया है वाल्मीकि रामायण में उत्तरकाण्ड का समापन राम के महाप्रयाण के बाद ही हुआ है रामायण की सीख रामायण के सारे चरित्र अपने धर्म का पालन करते हैं राम एक आदर्श पुत्र हैं पिता की आज्ञा उनके लिये सर्वोपरि है पति के रूप में राम ने सदैव एकपत्नीव्रत का पालन किया राजा के रूप में प्रजा के हित के लिये स्वयं के हित को हेय समझते हैं विलक्षण व्यक्तित्व है उनका वे अत्यन्त वीर्यवान, तेजस्वी, विद्वान, धैर्यशील, जितेन्द्रिय, बुद्धिमान, सुंदर, पराक्रमी, दुष्टों का दमन करने वाले, युद्ध एवं नीतिकुशल, धर्मात्मा, मर्यादापुरुषोत्तम, प्रजावत्सल, शरणागत को शरण देने वाले, सर्वशास्त्रों के ज्ञाता एवं प्रतिभा सम्पन्न हैं सीता का पातिव्रत महान है सारे वैभव और ऐश्ववर्य को ठुकरा कर वे पति के साथ वन चली गईं रामायण भातृ-प्रेम का भी उत्कृष्ट उदाहरण है जहाँ बड़े भाई के प्रेम के कारण लक्ष्मण उनके साथ वन चले जाते हैं वहीं भरत अयोध्या की राज गद्दी पर, बड़े भाई का अधिकार होने के कारण, स्वयं न बैठ कर राम की पादुका को प्रतिष्ठित कर देते हैं कौशल्या एक आदर्श माता हैं अपने पुत्र राम पर कैकेयी के द्वारा किये गये अन्याय को भुला कर वे कैकेयी के पुत्र भरत पर उतनी ही ममता रखती हैं जितनी कि अपने पुत्र राम पर हनुमान एक आदर्श भक्त हैं, वे राम की सेवा के लिये अनुचर के समान सदैव तत्पर रहते हैं शक्तिबाण से मूर्छित लक्ष्मण को उनकी सेवा के कारण ही प्राणदान प्राप्त होता है रावण के चरित्र से सीख मिलती है कि अहंकार नाश का कारण होता है रामायण के चरित्रों से सीख लेकर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बना सकता है रामायण द्वारा प्रेरित अन्य साहित्यिक महाकाव्य वाल्मीकि रामायण से प्रेरित होकर सन्त तुलसीदास ने रामचरितमानस जैसे महाकाव्य की रचना की जो कि वाल्मीकि के द्वारा संस्कृत में लिखे गये रामायण का हिंदी संस्करण है रामचरितमानस में हिंदू आदर्शों का उत्कृष्ट वर्णन है इसीलिये इसे हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ होने का श्रेय मिला हुआ है और प्रत्येक हिंदू परिवार में भक्तिभाव के साथ इसका पठन पाठन किया जाता है रामायण से ही प्रेरित होकर मैथिलीशरण गुप्त ने पंचवटी तथा साकेत नामक खंडकाव्यों की रचना की रामायण में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के उल्लेखनीय त्याग को शायद भूलवश अनदेखा कर दिया गया है और इस भूल को साकेत खंडकाव्य रचकर मैथिलीशरण गुप्त जी ने सुधारा है इनके अलावा और भी अनेक साहित्यकारों ने रामायण से प्रेरणा ले कर अनेक कृतियों की रचना की है वाराणसी वाराणसी बनारस वाराणसी के प्रमुख स्थानों के चित्र बायें से दक्षिणावर्त: अहिल्या घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, नया काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा नदी, वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का प्रवेशद्वार, बीच में बनारसी साड़ी (ऊपर), काशी करवट-सिंधिया घाट, (नीचे) वाराणसी के प्रमुख स्थानों के चित्र बायें से दक्षिणावर्त: अहिल्या घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, नया काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा नदी, वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का प्रवेशद्वार, बीच में बनारसी साड़ी (ऊपर), काशी करवट-सिंधिया घाट, (नीचे) भारत के मानचित्र पर उत्तर प्रदेश अंकित वाराणसी (अंग्रेज़ी हिन्दुस्तानी उच्चारण ) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध शहर है इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र शहर माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है " नाम का अर्थ वाराणसी नाम का उद्गम संभवतः यहां की दो स्थानीय नदियों वरुणा नदी एवं असि नदी के नाम से मिलकर बना है ये नदियाँ गंगा नदी में क्रमशः उत्तर एवं दक्षिण से आकर मिलती हैं नाम का एक अन्य विचार वरुणा नदी के नाम से ही आता है जिसे संभवतः प्राचीन काल में वरणासि ही कहा जाता होगा और इसी से शहर को नाम मिला इसके समर्थन में शायद कुछ आरंभिक पाठ उपलब्ध हों, किन्तु इस दूसरे विचार को इतिहासवेत्ता सही नहीं मानते हैं लंबे काल से वाराणसी को अविमुक्त क्षेत्र, आनंद-कानन, महाश्मशान, सुरंधन, ब्रह्मावर्त, सुदर्शन, रम्य, एवं काशी नाम से भी संबोधित किया जाता रहा है ऋग्वेद में शहर को काशी या कासी नाम से बुलाया गया है इसे प्रकाशित शब्द से लिया गया है, जिसका अभिप्राय शहर के ऐतिहासिक स्तर से है, क्योंकि ये शहर सदा से ज्ञान, शिक्षा एवं संस्कृति का केन्द्र रहा है काशी शब्द सबसे पहले अथर्ववेद की पैप्पलाद शाखा से आया है और इसके बाद शतपथ में भी उल्लेख है लेकिन यह संभव है कि नगर का नाम जनपद में पुराना हो स्कंद पुराण के काशी खण्ड में नगर की महिमा १५,००० श्लोकों में कही गयी है एक श्लोक में भगवान शिव कहते हैं: तीनों लोकों से समाहित एक शहर है, जिसमें स्थित मेरा निवास प्रासाद है काशी वाराणसी का एक अन्य सन्दर्भ ऋषि वेद व्यास ने एक अन्य गद्य में दिया है: गंगा तरंग रमणीय जातकलापनाम, गौरी निरंतर विभूषित वामभागम. नारायणप्रियम अनंग मदापहारम, वाराणसीपुर पतिम भज विश्वनाथम अथर्ववेद में वरणावती नदी का नाम आया है जो बहुत संभव है कि आधुनिक वरुणा नदी के लिये ही प्रयोग किया गया हो अस्सी नदी को पुराणों में असिसंभेद तीर्थ कहा है स्कंद पुराण के काशी खंड में कहा गया है कि संसार के सभी तीर्थ मिल कर असिसंभेद के सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं होते हैं अग्निपुराण में असि नदी को व्युत्पन्न कर नासी भी कहा गया है वरणासि का पदच्छेद करें तो नासी नाम की नदी निकाली गयी है, जो कालांतर में असी नाम में बदल गई महाभारत में वरुणा या आधुनिक बरना नदी का प्राचीन नाम वरणासि होने की पुष्टि होती है अतः वाराणासी शब्द के दो नदियों के नाम से बनने की बात बाद में बनायी गई है पद्म पुराण के काशी महात्म्य, खंड-३ में भी श्लोक है: वाराणसीति विख्यातां तन्मान निगदामि व: दक्षिणोत्तरयोर्नघोर्वरणासिश्च पूर्वत जाऋवी पश्चिमेऽत्रापि पाशपाणिर्गणेश्वर: अर्थात दक्षिण-उत्तर में वरुणा और अस्सी नदी है, पूर्व में जाह्नवी और पश्चिम में पाशपाणिगणेश मत्स्य पुराण में शिव वाराणसी का वर्णन करते हुए कहते हैं - वाराणस्यां नदी पु सिद्धगन्धर्वसेविता प्रविष्टा त्रिपथा गंगा तस्मिन् क्षेत्रे मम प्रिये॥ अर्थात्- हे प्रिये, सिद्ध गंधर्वों से सेवित वाराणसी में जहां पुण्य नदी त्रिपथगा गंगा आता है वह क्षेत्र मुझे प्रिय है यहां अस्सी का कहीं उल्लेख नहीं है वाराणसी क्षेत्र का विस्तार बताते हुए मत्स्य पुराण में एक और जगह कहा गया है- वरणा च नदी यावद्यावच्छुष्कनदी तथा भीष्मयंडीकमारम्भ पर्वतेश्वरमन्ति के॥ उपरोक्त उद्धरणों से यही ज्ञात होता है कि वास्तव में नगर का नामकरण वरणासी पर बसने से हुआ अस्सी और वरुणा के बीच में वाराणसी के बसने की कल्पना उस समय से उदय हुई जब नगर की धार्मिक महिमा बढ़ी और उसके साथ-साथ नगर के दक्षिण में आबादी बढ़ने से दक्षिण का भाग भी उसकी सीमा में आ गया वैसे वरणा शब्द एक वृक्ष का भी नाम होता है प्राचीनकाल में वृक्षों के नाम पर भी नगरों के नाम पड़ते थे जैसे कोशंब से कौशांबी, रोहीत से रोहीतक इत्यादि अतः यह संभव है कि वाराणसी और वरणावती दोनों का ही नाम इस वृक्ष विशेष को लेकर ही पड़ा हो वाराणसी नाम के उपरोक्त कारण से यह अनुमान कदापि नहीं लगाना चाहिये कि इस नगर के से उक्त विवेचन से यह न समझ लेना चाहिए कि काशी राज्य के इस राजधानी शहर का केवल एक ही नाम था अकेले बौद्ध साहित्य में ही इसके अनेक नाम मिलते हैं उदय जातक में सुर्रूंधन (अर्थात सुरक्षित), सुतसोम जातक में सुदर्शन (अर्थात दर्शनीय), सोमदंड जातक में ब्रह्मवर्द्धन, खंडहाल जातक में पुष्पवती, युवंजय जातक में रम्म नगर (यानि सुन्दर नगर), शंख जातक में मोलिनो (मुकुलिनी) नाम आते हैं इसे कासिनगर और कासिपुर के नाम से भी जाना जाता था सम्राट अशोक के समय में इसकी राजधानी का नाम पोतलि था यह निश्चय पूर्वक नहीं कहा जा सकता है कि ये सभी नाम एक ही शहर के थे, या काशी राज्य की अलग-अलग समय पर रहीं एक से अधिक राजधानियों के नाम थे इतिहास मुख्य लेख : वाराणसी का इतिहास पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना हिन्दू भगवान शिव ने लगभग ५००० वर्ष पूर्व की थी, जिस कारण ये आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है ये हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है स्कन्द पुराण, रामायण, महाभारत एवं प्राचीनतम वेद ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में इस नगर का उल्लेख आता है सामान्यतया वाराणसी शहर को लगभग ३००० वर्ष प्राचीन माना जाता है , परन्तु हिन्दू परम्पराओं के अनुसार काशी को इससे भी अत्यंत प्राचीन माना जाता है नगर मलमल और रेशमी कपड़ों, इत्रों, हाथी दांत और शिल्प कला के लिये व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्र रहा है गौतम बुद्ध (जन्म ५६७ ई.पू.) के काल में, वाराणसी काशी राज्य की राजधानी हुआ करता था प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने नगर को धार्मिक, शैक्षणिक एवं कलात्मक गतिविधियों का केन्द्र बताया है और इसका विस्तार गंगा नदी के किनारे ५ कि.मी. तक लिखा है विभूतियाँ काशी में प्राचीन काल से समय समय पर अनेक महान विभूतियों का प्रादुर्भाव या वास होता रहा हैं इनमें से कुछ इस प्रकार हैं: महर्षि अगस्त्य धन्वंतरि गौतम बुद्ध संत कबीर अघोराचार्य बाबा कानीराम लक्ष्मीबाई पाणिनी पार्श्वनाथ पतञ्जलि संत रैदास स्वामी रामानन्दाचार्य वल्लभाचार्य शंकराचार्य गोस्वामी तुलसीदास महर्षि वेदव्यास वल्लभाचार्य प्राचीन काशी मुख्य लेख : काशी का इतिहास अतिप्राचीन वाराणसी (बनारस), १९२२ ई गंगा तट पर बसी काशी बड़ी पुरानी नगरी है इतने प्राचीन नगर संसार में बहुत नहीं हैं हजारों वर्ष पूर्व कुछ नाटे कद के साँवले लोगों ने इस नगर की नींव डाली थी तभी यहाँ कपड़े और चाँदी का व्यापार शुरू हुआ कुछ समय उपरांत पश्चिम से आये ऊँचे कद के गोरे लोगों ने उनकी नगरी छीन ली ये बड़े लड़ाकू थे, उनके घर-द्वार न थे, न ही अचल संपत्ति थी वे अपने को आर्य यानि श्रेष्ठ व महान कहते थे आर्यों की अपनी जातियाँ थीं, अपने कुल घराने थे उनका एक राजघराना तब काशी में भी आ जमा काशी के पास ही अयोध्या में भी तभी उनका राजकुल बसा उसे राजा इक्ष्वाकु का कुल कहते थे, यानि सूर्यवंश काशी में चन्द्र वंश की स्थापना हुई सैकड़ों वर्ष काशी नगर पर भरत राजकुल के चन्द्रवंशी राजा राज करते रहे काशी तब आर्यों के पूर्वी नगरों में से थी, पूर्व में उनके राज की सीमा उससे परे पूर्व का देश अपवित्र माना जाता था महाभारत काल महाभारत काल में काशी भारत के समृद्ध जनपदों में से एक था महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार एक स्वयंवर में पाण्डवों और कौरवों के पितामह भीष्म ने काशी नरेश की तीन पुत्रियों अंबा, अंबिका और अंबालिका का अपहरण किया था इस अपहरण के परिणामस्वरूप काशी और हस्तिनापुर की शत्रुता हो गई कर्ण ने भी दुर्योधन के लिये काशी राजकुमारी का बलपूर्वक अपहरण किया था, जिस कारण काशी नरेश महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की तरफ से लड़े थे कालांतर में गंगा की बाढ़ ने हस्तिनापुर को डुबा दिया, तब पाण्डवों के वंशज वर्तमान इलाहाबाद जिले में यमुना किनारे कौशाम्बी में नई राजधानी बनाकर बस गए उनका राज्य वत्स कहलाया और काशी पर वत्स का अधिकार हो गया बनारस का तैल चित्र, १८९० उत्तर वैदिक काल इसके बाद ब्रह्मदत्त नाम के राजकुल का काशी पर अधिकार हुआ उस कुल में बड़े पंडित शासक हुए और में ज्ञान और पंडिताई ब्राह्मणों से क्षत्रियों के पास पहुंच गई थी इनके समकालीन पंजाब में कैकेय राजकुल में राजा अश्वपति था तभी गंगा-यमुना के दोआब में राज करने वाले पांचालों में राजा प्रवहण जैबलि ने भी अपने ज्ञान का डंका बजाया था इसी काल में जनकपुर, मिथिला में विदेहों के शासक जनक हुए, जिनके दरबार में याज्ञवल्क्य जैसे ज्ञानी महर्षि और गार्गी जैसी पंडिता नारियां शास्त्रार्थ करती थीं इनके समकालीन काशी राज्य का राजा अजातशत्रु हुआ ये आत्मा और परमात्मा के ज्ञान में अनुपम था ब्रह्म और जीवन के सम्बन्ध पर, जन्म और मृत्यु पर, लोक-परलोक पर तब देश में विचार हो रहे थे इन विचारों को उपनिषद् कहते हैं इसी से यह काल भी उपनिषद-काल कहलाता है महाजनपद युग युग बदलने के साथ ही वैशाली और मिथिला के लिच्छवियों में साधु वर्धमान महावीर हुए, कपिलवस्तु के शाक्यों में गौतम बुद्ध हुए उन्हीं दिनों काशी का राजा अश्वसेन हुआ इनके यहां पार्श्वनाथ हुए जो जैन धर्म के २३वें तीर्थंकर हुए उन दिनों भारत में चार राज्य प्रबल थे जो एक-दूसरे को जीतने के लिए, आपस में बराबर लड़ते रहते थे ये राह्य थे मगध, कोसल, वत्स और उज्जयिनी कभी काशी वत्सों के हाथ में जाती, कभी मगध के और कभी कोसल के पार्श्वनाथ के बाद और बुद्ध से कुछ पहले, कोसल-श्रावस्ती के राजा कंस ने काशी को जीतकर अपने राज में मिला लिया उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से विवाह कर दहेज के रूप में काशी की वार्षिक आमदनी एक लाख मुद्रा प्रतिवर्ष देना आरंभ किया और इस प्रकार काशी मगध के नियंत्रण में पहुंच गई राज के लोभ से मगध के राजा बिम्बसार के बेटे अजातशत्रु ने पिता को मारकर गद्दी छीन ली तब विधवा बहन कोसलदेवी के दुःख से दुःखी उसके भाई कोसल के राजा प्रसेनजित ने काशी की आमदनी अजातशत्रु को देना बन्द कर दिया जिसका परिणाम मगध और कोसल समर हुई इसमें कभी काशी कोसल के, कभी मगध के हाथ लगी अन्ततः अजातशत्रु की जीत हुई और काशी उसके बढ़ते हुए साम्राज्य में समा गई बाद में मगध की राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र चली गई और फिर कभी काशी पर उसका आक्रमण नहीं हो पाया काशी नरेश और रामनगर मुख्य लेख : काशी राज्य वाराणसी १८वीं शताब्दी में स्वतंत्र काशी राज्य बन गया था और बाद के ब्रिटिश शासन के अधीन, ये प्रमुख व्यापारिक और धार्मिक केन्द्र रहा १९१० में ब्रिटिश प्रशासन ने वाराणसी को एक नया भारतीय राज्य बनाया और रामनगर को इसका मुख्यालय बनाया, किंतु इसका अधिकार क्षेत्र कुछ नहीं था काशी नरेश अभी भी रामनगर किले में रहते हैं ये किला वाराणसी नगर के पूर्व में गंगा के तट पर बना हुआ है रामनगर किले का निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने उत्तम चुनार बलुआ पत्थर ने १८वीं शताब्दी में करवाया था किला मुगल स्थापत्य शैली में नक्काशीदार छज्जों, खुले प्रांगण और सुरम्य गुम्बददार मंडपों से सुसज्जित बना है काशी नरेश का एक अन्य महल चैत सिंह महल है ये शिवाला घाट के निकट महाराजा चैत सिंह ने बनवाया था रामनगर किला और इसका संग्रहालय अब बनारस के राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर रूप में संरक्षित हैं और १८वीं शताब्दी से काशी नरेश का आधिकारिक आवास रहे हैं आज भी काशी नरेश नगर के लोगों में सम्मानित हैं ये नगर के धार्मिक अध्यक्ष माने जाते हैं और यहां के लोग इन्हें भगवान शिव का अवतार मानते हैं नरेश नगर के प्रमुख सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी बड़ी धार्मिक गतिविधियों के अभिन्न अंग रहे हैं काशी तीर्थ का इतिहास वाराणसी शहर का बड़ा अंश अतिप्राचीनकाल से काशी कहा जाता है इसे हिन्दू मान्यता में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है, किन्तु तीर्थ के रुप में वाराणसी का सबसे पुराना उल्लेख महाभारत मे मिलता है महाभारत-पूर्व के किसी साहित्य में किसी भी तीर्थ आदि के बारे में कोई उल्लेख नहीं है आज के तीर्थस्थल तब अधिकतर वन प्रदेश में थे और मनुष्यों से रहित थे कहीं-कहीं आदिवासियों का वास रहा होगा कालांतर में तीर्थों के बारे में कही गयी कथाएं अस्तित्त्व में आयीं और तीर्थ बढ़ते गये, जिनके आसपास नगर और शहर भी बसे भारतभूमि में आर्यों के प्रसार के द्वारा तीर्थों के अस्तित्व तथा माहात्मय का पता चला महाभारत में उल्लेख है पृथ्वी के कुछ स्थान पुण्यप्रद तथा पवित्र होते है इनमें से कोई तो स्थान की विचित्रता के कारण कोई जन्म के प्रभाव और कोई ॠषि-मुनियों के सम्पर्क से पवित्र हो गया है यजुर्वेदीय जाबाल उपनिषद में काशी के विषय में महत्वपूर्ण वर्णन आता है, परन्तु इस उपनिषद् को आधुनिक विद्वान उतना प्राचीन नहीं मानते हैं जाबाल-उपनिषद् खण्ड-२ में महर्षि अत्रि ने महर्षि याज्ञवल्क्य से अव्यक्त और अनन्त परमात्मा को जानने का तरीका पूछा तब याज्ञवल्क्य ने कहा कि उस अव्यक्त और अनन्त आत्मा की उपासना अविमुक्त क्षेत्र में हो सकती है, क्योंकि वह वहीं प्रतिष्ठित है और अत्रि के अविमुक्त की स्थिति पूछने पर याज्ञवल्क्य ने उत्तर दिया कि वह वरणा तथा नाशी नदियों के मध्य में है वह वरणा क्या है और वह नाशी क्या है, यह पूछने पर उत्तर मिला कि इन्द्रिय-कृत सभी दोषों का निवारण करने वाली वरणा है और इन्द्रिय-कृत सभी पापों का नाश करने वाली नाशी है वह अविमुक्त क्षेत्र देवताओं का देव स्थान और सभी प्राणियों का ब्रह्म सदन है वहाँ ही प्राणियों के प्राण-प्रयाण के समय में भगवान रुद्र तारक मन्त्र का उपदेश देते है जिसके प्रभाव से वह अमृती होकर मोक्ष प्राप्त करता है अत एव अविमुक्त में सदैव निवास करना चाहिए उसको कभी न छोड़े, ऐसा याज्ञवल्क्य ने कहा है जाबालोपिनषद के अलावा अनेक स्मृतियों जैसे लिखितस्मृति, श्रृंगीस्मृति तथा पाराशरस्मृति, ब्राह्मीसंहिता तथा सनत्कुमारसंहिता में भी काशी का माहात्म्य बताया है प्रायः सभी पुराणों में काशी का माहात्म्य कहा गया है ब्रह्मवैवर्त पुराण में तो काशी क्षेत्र पर काशी-रहस्य नाम से पूरा ग्रन्थ ही है, जिसे उसका खिल भाग कहते हैं पद्म पुराण में काशी-महात्म्य और अन्य स्थानों पर भी काशी का उल्लेख आता है प्राचीन लिंग पुराण में सोलह अध्याय काशी की तीर्थों के संबंध में थे वर्त्तमान लिंगपुराण में भी एक अध्याय है स्कंद पुराण का काशीखण्ड तो काशी के तीर्थ-स्वरुप का विवेचन तथा विस्तृत वर्णन करता ही है इस प्रकार पुराण-साहित्य में काशी के धार्मिक महात्म्य पर सामग्री है इसके अतिरिक्त, संस्कृत-वाड्मय, दशकुमारचरित, नैषध, राजतरंगिणी और कुट्टनीपतम् में भी काशी का वर्णन आता है १२वीं शताब्दी ईसवी तक प्राप्त होने वाले लिंग पुराण में तीसरे से अट्ठारहवें अध्याय तक काशी के देवायतनों तथा तीर्थें का विस्तृत वर्णन था त्रिस्थलीसेतु ग्रन्थ की रचना (सन् १५८० ई.) में लिंगपुराण वैसा ही रहा था लैंङ्गोडपि तृतीयाध्यायात्षोऽशान्तं लिंङ्गान्युक्तवोक्तम् अर्थात लिंगपुराण में भी तीसरे से सोलहवें अध्याय तक लिंगो का वर्णन किया है वर्तमान लिंग पुराण में केवल एक ही अध्याय काशी के विषय में है, जिसमें केवल १४४ श्लोक हैं इस प्रकार महाभारत के अलावा यदि सभी पुराणों के उल्लेख देखें, तो काशी के तीर्थ रूप के उल्लेख की सूची बहुत लंबी बनती है शब्दकल्पद्रुम मे २६४ तीर्थों का उल्लेख है, परन्तु महिमा के विचार से भारत के तीर्थों में चार धाम और सप्तपुरियों के नाम शीर्षस्थ माने जाते है प्रयाग, गया और गंगासागर तक के नाम इनमें नहीं आते अतः इसे नकारा भी जा सकता है क्षेत्र का विस्तार मुख्य लेख : काशी का विस्तार वाराणसी क्षेत्र के विस्तार के अनेक पौराणिक उद्धरण उपलब्ध हैं कृत्यकल्पतरु में दिये तीर्थ-विवेचन व अन्य प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार: ब्रह्म पुराण में भगवान शिव पार्वती से कहते हैं कि- हे सुरवल्लभे, वरणा और असि इन दोनों नदियों के बीच में ही वाराणसी क्षेत्र है, उसके बाहर किसी को नहीं बसना चाहिए मत्स्य पुराण में इसकी लम्बाई-चौड़ाई अधिक स्पष्ट रुप से वर्णित है पूर्व-पश्चिम ढ़ाई (२½) योजन भीष्मचंडी से पर्वतेश्वर तक, उत्तर-दक्षिण आधा (1/2) योजन, शेष भाग वरुणा और अस्सी के बीच उसके बीच में मध्यमेश्वर नामक स्वयंभू लिंग है यहां से भी एक-एक कोस चारों ओर क्षेत्र का विस्तार है यही वाराणसी की वास्तविक सीमा है उसके बाहर विहार नहीं करना चाहिए अग्नि पुराण के अनुसार वरणा और असी नदियों के बीच बसी हुई वाराणसी का विस्तार पूर्व में दो योजन और दूसरी जगह आधा योजन भाग फैला था और दक्षिण में यह क्षेत्र वरणा से गंगा तक आधा योजन फैला हुआ था मत्स्य पुराण में ही अन्यत्र नगर का विस्तार बतलाते हुए कहा गया है- पूर्व से पश्चिम तक इस क्षेत्र का विस्तार दो योजन है और दक्षिण में आधा योजन नगर भीष्मचंडी से लेकर पर्वतेश्वर तक फैला हुआ था ब्रह्म पुराण के अनुसार इस क्षेत्र का प्रमाण पांच कोस का था उसमें उत्तरमुखी गंगा है जिससे क्षेत्र का महात्म्य बढ़ गया उत्तर की ओर गंगा दो योजन तक शहर के साथ-साथ बहती थी स्कंद पुराण के अनुसार उस क्षेत्र का विस्तार चारों ओर चार कोस था लिंग पुराण में इस क्षेत्र का विस्तार कृतिवास से आरंभ होकर यह क्षेत्र एक-एक कोस चारों ओर फैला हुआ है उसके बीच में मध्यमेश्वर नामक स्वयंभू लिंग है यहां से भी एक-एक कोस चारों ओर क्षेत्र का विस्तार है यही वाराणसी की वास्तविक सीमा है उसके बाहर विहार न करना चाहिए उपरोक्त उद्धरणों से ज्ञात होता है कि प्राचीन वाराणसी का विस्तार काफी दूर तक था वरुणा के पश्चिम में राजघाट का किला जहां प्राचीन वाराणसी के बसे होने में कोई संदेह नहीं है, एक मील लंबा और ४०० गज चौड़ा है गंगा नदी उसके दक्षिण-पूर्व मुख की रक्षा करती है और वरुणा नदी उत्तर और उत्तर-पूर्व मुखों की रक्षा एक छिछली खाई के रुप में करती है, पश्चिम की ओर एक खाली नाला है जिसमें से होकर किसी समय वरुणा नदी बहती थी रक्षा के इस प्राकृतिक साधनों को देखते हुए ही शायद प्राचीन काल में वाराणसी नगर के लिए यह स्थान चुना गया सन् १८५७ ई. के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों ने भी नगर रक्षा के लिए वरुणा के पीछे ऊंची जमीन पर कच्ची मिट्टी की दीवारें उठाकर किलेबन्दी की थी पुराणों में आयी वाराणसी की सीमा राजघाट की उक्त लम्बाई-चौड़ाई से कहीं अधिक है उन वर्णनों से लगता है कि वहां केवल नगर की सीमा ही नहीं वर्णित है, बल्कि पूरे क्षेत्र को सम्मिलित कर लिया गया है वरुणा के उस पार तक प्राचीन बसावटों के अवशेष काफी दूर तक मिलते हैं अतः संभव है कि पुराणों में मिले वर्णन वे सब भाग भी आ गये हों इस क्षेत्र को यदि नगर में जुड़ा हुआ मानें, तो पुराणों में वर्णित नगर की लम्बाई-चौड़ाई लगभग सही ही बतायी गई है गौतम बुद्ध के जन्म पूर्व महाजनपद युग में वाराणसी काशी जनपद की राजधानी थी किंतु प्राचीन काशी जनपद के विस्तार के बारे में यथार्थ आदि से अनुमान लगाना कठिन है जातकों में काशी का विस्तार ३०० योजन दिया गया है काशी जनपद के उत्तर में कोसल जनपद, पूर्व में मगध जनपद और पश्चिम में वत्स था इतिहासवेत्ता डॉ॰ ऑल्टेकर के मतानुसार काशी जनपद का विस्तार उत्तर-पश्चिम की ओर २५० मील तक था, क्योंकि इसका पूर्व का पड़ोसी जनपद मगध और उत्तर-पश्चिम का पड़ोसी जनपद उत्तर पांचाल था जातक (१५१) के अनुसार काशी और कोसल की सीमाएं मिली हुई थी काशी की दक्षिण सीमा का सही वर्णन उपलब्ध नहीं है, शायद इसलिये कि वह विंध्य श्रृंखला तक गई हुई थी व आगे कोई आबादी नहीं थी जातकों के आधार पर काशी का विस्तार वर्तमान बलिया से कानपुर तक फैला रहा होगा यहां श्री राहुल सांकृत्यायन कहते हैं, कि आधुनिक बनारस कमिश्नरी ही प्राचीन काशी जनपद रहा था संभव है कि आधुनिक गोरखपुर कमिश्नरी का भी कुछ भाग काशी जनपद में शामिल रहा हो दूसरी वाराणसी पुरु कुल के राजा दिवोदास द्वारा दूसरी वाराणसी की स्थापना का उल्लेख महाभारत और अन्य ग्रन्थों में आता है इस नगरी के बैरांट में होने की संभावना भी है इस बारे में पंडित कुबेरनाथ सुकुल के अनुसार बैराट खंडहर बाण गंगा के दक्षिण (दाएं) किनारे पर है वाम (बाएं) पर नहीं इस प्रकार गोमती और बैरांट के बीच गंगा की धारा बाधक हो जाती है गंगा के रास्ते बदलने, बाण गंगा में गंगा के बहने और गंगा-गोमती संगम सैदपुर के पास होने के बारे में आगे सुकुलजी ने महाभारत के हवाले से बताया है कि गंगा-गोमती संगम पर मार्कण्डेय तीर्थ था, जो वर्तमान में कैथी के समीप स्थित है अत: ये कह सकते हैं कि यदि गंगा-गोमती संगम सैदपुर के पास था तो यह महाभारत-पूर्व हो सकता है, न कि तृतीय शताब्दी ईसवी के बाद का मार्कण्डेयस्य राजेन्द्रतीर्थमासाद्य दुलभम् गोमतीगङ्गयोश्चैव सङ्गमें लोकविश्रुते महाभारत भूगोल तथा जलवायु भूगोल वाराणसी का गंगा नदी और इसके तट पर बसे असंख्य मंदिरों से अटूट संबंध है वाराणसी शहर उत्तरी भारत की मध्य गंगा घाटी में, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर गंगा नदी के बायीं ओर के वक्राकार तट पर स्थित है यहां वाराणसी जिले का मुख्यालय भी स्थित है वाराणसी शहरी क्षेत्र — सात शहरी उप-इकाइयों का समूह है और ये ११२.२६ वर्ग कि॰मी॰ (लगभग ४३ वर्ग मील) के क्षेत्र फैला हुआ है शहरी क्षेत्र का विस्तार (८२°५६’ पूर्व) - (८३°०३’ पूर्व) एवं (२५°१४’ उत्तर) - (२५°२३.५’ उत्तर) के बीच है उत्तरी भारत के गांगेय मैदान में बसे इस क्षेत्र की भूमि पुराने समय में गंगा नदी में आती रहीं बाढ़ के कारण उपत्यका रही है खास वाराणसी शहर गंगा और वरुणा नदियों के बीच एक ऊंचे पठार पर बसा है नगर की औसत ऊंचाई समुद्र तट से ८०.७१ मी. है यहां किसी सहायक नदी या नहर के अभाव में मुख्य भूमि लगातार शुष्क बनी रही है प्राचीन काल से ही यहां की भौगोलिक स्थिति बसावट के लिये अनुकूल रही है किन्तु नगर की मूल स्थिति का अनुमान वर्तमान से लगाना मुश्किल है, क्योंकि आज की स्थिति कुछ प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित स्थिति से भिन्न है नदियाँ मुख्य लेख : वाराणसी की नदियां वाराणसी या काशी का विस्तार प्रायः गंगा नदी के दो संगमों: एक वरुणा नदी से और दूसरा असी नदी से संगम के बीच बताया जाता है इन संगमों के बीच की दूरी लगभग २.५ मील है इस दूरी की परिक्रमा (दोनों ओर की यात्रा) हिन्दुओं में पंचकोसी यात्रा या पंचकोसी परिक्रमा कहलाती है इसक यात्रा का समापन साक्षी विनायक मंदिर में किया जाता है वाराणसी क्षेत्र में अनेक छोटी बड़ी नदियां बहती हैं इनमें सबसे प्रमुख नदी तो गंगा ही है, किंतु इसके अलावा अन्य बहुत नदियां हैं जैसे गंगा, बानगंगा, वरुणा, गोमती, करमनासा, गड़ई, चंद्रप्रभा, आदि बनारस जिले की नदियों के विस्तार से अध्ययन करने पर यह ज्ञात होता है कि बनारस में तो प्रस्रावक नदियां है लेकिन चंदौली में नहीं है जिससे उस जिले में झीलें और दलदल हैं, अधिक बरसात होने पर गांव पानी से भर जाते हैं तथा फसल को काफी नुकसान पहुंचता है नदियों के बहाव और जमीन की के कारण जो हानि-लाभ होता है इससे प्राचीन आर्य अनभिज्ञ नहीं थे और इसलिए सबसे पहले आबादी बनारस में हुई जलवायु वाराणसी में आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु (कोप्पन जलवायु वर्गीकरण Cwa के अनुसार) है जिसके संग यहां ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु ऋतुओं के तापमान में बड़े अंतर हैं ग्रीष्म काल अप्रैल के आरंभ से अक्टूबर तक लंबे होते हैं, जिस बीच में ही वर्षा ऋतु में मानसून की वर्षाएं भी होती हैं हिमालय क्षेत्र से आने वाली शीत लहर से यहां का तापमान दिसम्बर से फरवरी के बीच शीतकाल में गिर जाता है यहां का तापमान ३२° से. – ४६°C (९०° फै. – ११५°फै.) ग्रीष्म काल में, एवं ५°से. – १५°से. (४१°फै. – ५९°फै.) शीतकाल में रहता है औसत वार्षिक वर्षा १११० मि.मी. (४४ इंच) तक होती है ठंड के मौसम में कुहरा सामान्य होता है और गर्मी के मौसम में लू चलना सामान्य होता है यहां निरंतर बढ़ते जल प्रदूषण और निर्माण हुए बांधों के कारण स्थानीय तापमान में वृद्धि दर्ज हुई है गंगा का जलस्तर पुराने समय से अच्छा खासा गिर गया है और इस कारण नदी के बीच कुछ छोटे द्वीप भी प्रकट हो गये हैं इस प्राचीन शहर में पानी का जलस्तर इतना गिर गया है कि इंडिया मार्क-२ जैसे हैंडपंप भी कई बार चलाने के बाद भी पानी की एक बूंद भी नहीं निकाल पाते वाराणसी में गंगा का जलस्तर कम होना भी एक बड़ी समस्या है गंगा के जल में प्रदूषण होना सभी के लिए चिंता का विषय था, लेकिन अब इसका प्रवाह भी कम होता जा रहा है, जिसके कारण उत्तराखंड से लेकर बंगाल की खाड़ी तक चिंता जतायी जा रही है अर्थ-व्यवस्था वाराणसी में विभिन्न कुटीर उद्योग कार्यरत हैं, जिनमें बनारसी रेशमी साड़ी, कपड़ा उद्योग, कालीन उद्योग एवं हस्तशिल्प प्रमुख हैं बनारसी पान विश्वप्रसिद्ध है और इसके साथ ही यहां का कलाकंद भी मशहूर है वाराणसी में बाल-श्रमिकों का काम जोरों पर है बनारसी रेशम विश्व भर में अपनी महीनता एवं मुलायमपन के लिये प्रसिद्ध है बनारसी रेशमी साड़ियों पर बारीक डिज़ाइन और ज़री का काम चार चांद लगाते हैं और साड़ी की शोभा बढ़ाते हैं इस कारण ही ये साड़ियां वर्षों से सभी पारंपरिक उत्सवों एवं विवाह आदि समारोहों में पहनी जाती रही हैं कुछ समय पूर्व तक ज़री में शुद्ध सोने का काम हुआ करता था भारतीय रेल का डीजल इंजन निर्माण हेतु डीजल रेल इंजन कारखाना भी वाराणसी में स्थित है वाराणसी और कानपुर का प्रथम भारतीय व्यापार घराना निहालचंद किशोरीलाल १८५७ में देश के चौथे ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना से आरंभ हुआ था इसका नाम इण्डियन एयर गैसेज़ लि. था लॉर्ड मकॉले के अनुसार, वाराणसी वह नगर था, जिसमें समृद्धि, धन-संपदा, जनसंख्या, गरिमा एवं पवित्रता एशिया में सर्वोच्च शिखर पर थी यहां के व्यापारिक महत्त्व की उपमा में उसने कहा था: " बनारस की खड्डियों से महीनतम रेशम निकलता है, जो सेंट जेम्स और वर्सेल्स के मंडपों की शोभा बढ़ाता है" बनारसी रेशमी साड़ी डीजल रेल इंजन कारखाना बनारसी कलाकंद मिठाई पान की दुकान पर बिकते पान बनारसी रेशमी साड़ी का अंश प्रशासन एवं राजनीति वाराणसी के प्रशासन में कई संस्थाएं संलग्न हैं, जिनमें से प्रमुख है वाराणसी नगर निगम एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण जो वाराणसी शहर की मास्टर योजना के लिये उत्तरदायी है यहां की जलापूर्ति एवं मल-निकास व्यवस्था नगर निगम के अधीनस्थ जल निगम द्वारा की जाती है यहां की विद्युत आपूर्ति उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा की जाती है नगर से प्रतिदिन लगभग ३५ करोड़ लीटर मल एवं ४२५ टन कूड़ा निकलता है कूड़े का निष्कासन लैण्ड-फ़िल स्थलों पर किय़ा जाता है बडी मात्रा में मल निकास गंगा नदी में किया जाता है शहर और उपनगरीय क्षेत्र में नगर निगम द्वारा बस सेवा भी संचालित की जाती है नगर की कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा की वाराणसी मंडल में वाराणसी क्षेत्र के अधीन आती है नगर में पुलिस के उच्चतम अधिकारी पुलिस अधीक्षक हैं बनारस शहर वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है वर्ष २०१४ में हुए आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नरेन्द्र मोदी यहां से सांसद चुने गये थे वाराणसी जिले में पाँच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं ये इस प्रकार से हैं: ३८७-रोहनिया, ३८८-वाराणसी उत्तर, ३८९-वाराणसी दक्षिण, ३९०-वाराणसी छावनी और ३९१-सेवापुरी वाराणसी उन पांच शहरों में से एक है, जहां गंगा एकशन प्लान की शुरुआत हुई थी देखें:एक नज़र में वाराणसी शिक्षा मुख्य लेख : भारत में शिक्षा वाराणसी के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (आई.सी.एस.ई), केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई) या उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यू.पी.बोर्ड) से सहबद्ध हैं उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार पर पर पंडित मदन मोहन मालवीय की मूर्ति वाराणसी में तीन सार्वजनिक एवं एक मानित विश्वविद्यालय हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जिसकी स्थापना १९१६ में पं.मदन मोहन मालवीय ने एनी बेसेंट के सहयोग से की थी इसका १३५० एकड़ (५.५ वर्ग कि.मी.) में फैला परिसर काशी नरेश द्वारा दान की गई भूमि पर निर्मित है इस विश्वविद्यालय में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी-बी.एच.यू) एवं आयुर्विज्ञान संस्थान विश्व के सर्वोच्च तीन एवं सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक हैं यहां १२८ से अधिक स्वतंत्र शैक्षणिक विभाग हैं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय: भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड कॉर्नवालिस ने इस संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना १७९१ में की थी ये वाराणसी का प्रथम महाविद्यालय था इस महाविद्यालय के प्रथम प्रधानाचार्य संस्कृत प्राध्यापक जे म्योर, आई.सी.एस थे इनके बाद जे.आर.बैलेन्टियन, आर.टी.एच.ग्रिफ़िथ, डॉ॰जी.थेवो, डॉ॰आर्थर वेनिस, डॉ॰गंगानाथ झा और गोपीनाथ कविराज हुए भारतीय स्वतंत्रता उपरांत इस महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाकर वर्तमान नाम दिया गया महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एक मानित राजपत्रित विश्वविद्यालय है इसका नाम भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर है और यहां उनके सिद्धांतों का पालन किया जाता है सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ सारनाथ में स्थापित एक मानित विश्वविद्यालय है यहां परंपरागत तिब्बती पठन-पाठन को आधुनिक शिक्षा के साथ वरीयता दी जाती है उदय प्रताप कॉलिज, एक स्वायत्त महाविद्यालय है जहां आधुनिक बनारस के उपनगरीय छात्रों हेतु क्रीड़ा एवं विज्ञान का केन्द्र है वाराणसी में बहुत से निजी एवं सार्वजनिक संस्थान है, जहां हिन्दू धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था है प्राचीन काल से ही लोग यहां दर्शन शास्त्र, संस्कृत, खगोलशास्त्र, सामाजिक ज्ञान एवं धार्मिक शिक्षा आदि के ज्ञान के लिये आते रहे हैं भारतीय परंपरा में प्रायः वाराणसी को सर्वविद्या की राजधानी कहा गया है नगर में एक जामिया सलाफिया भी है, जो सलाफ़ी इस्लामी शिक्षा का केन्द्र है इन विश्वविद्यालयों के अलावा शहर में कई स्नातकोत्तर एवं स्नातक महाविद्यालय भी हैं, जैसे अग्रसेन डिगरी कॉलिज, हरिशचंद्र डिगरी कॉलिज, आर्य महिला डिगरी कॉलिज, एवं स्कूल ऑफ मैनेजमेंट संस्कृति वाराणसी में लाखों हिन्दू तीर्थयात्री प्रतिवर्ष आते हैं भित्ति चित्र, वाराणसी, १९७४ वाराणसी का पुराना शहर, गंगा तीरे का लगभग चौथाई भाग है, जो भीड़-भाड़ वाली संकरी गलियों और किनारे सटी हुई छोटी-बड़ी असंख्य दुकानों व सैंकड़ों हिन्दू मंदिरों से पटा हुआ है ये घुमाव और मोड़ों से भरी गलियां किसी के लिये संभ्रम करने वाली हैं ये संस्कृति से परिपूर्ण पुराना शहर विदेशी पर्यटकों के लिये वर्षों से लोकप्रिय आकर्षण बना हुआ है वाराणसी के मुख्य आवासीय क्षेत्र (विशेषकर मध्यम एवं उच्च-मध्यम वर्गीय श्रेणी के लिये) घाटों से दूर स्थित हैं ये विस्तृत, खुले हुए और अपेक्षाकृत कम प्रदूषण वाले हैं रामनगर की रामलीला यहां दशहरा का त्यौहार खूब रौनक और तमाशों से भरा होता है इस अवसर पर रेशमी और ज़री के ब्रोकेड आदि से सुसज्जित भूषा में काशी नरेश की हाथी पर सवारी निकलती है और पीछे-पीछे लंबा जलूस होता है फिर नरेश एक माह लंबे चलने वाले रामनगर, वाराणसी की रामलीला का उद्घाटन करते हैं रामलीला में रामचरितमानस के अनुसार भगवान श्रीराम के जीवन की लीला का मंचन होता है ये मंचन काशी नरेश द्वारा प्रायोजित होता है अर पूरे ३१ दिन तक प्रत्येक शाम को रामनगर में आयोजित होता है अंतिम दिन इसमें भगवान राम रावण का मर्दन कर युद्ध समाप्त करते हैं और अयोध्या लौटते हैं महाराजा उदित नारायण सिंह ने रामनगर में इस रामलीला का आरंभ १९वीं शताब्दी के मध्य से किया था बनारस घराना मुख्य लेख : बनारस घराना बनारस घराना भारतीय तबला वादन के छः प्रसिद्ध घरानों में से एक है ये घराना २०० वर्षों से कुछ पहले ख्यातिप्राप्त पंडित राम सहाय (१७८०-१८२६) के प्रयासों से विकसित हुआ था पंडित राम सहाय ने अपने पिता के संग पांच वर्ष की आयु से ही तबला वादन आरंभ किया था बनारस-बाज कहते हैं ये बनारस घराने की विशिष्ट तबला वादन शैली है इन्होंने तत्कालीन संयोजन प्रारूपों जैसे जैसे गट, टुकड़ा, परान, आदि से भी विभिन्न संयोजन किये, जिनमें उठान, बनारसी ठेका और फ़र्द प्रमुख हैं शाहिद परवेज़ खां, बनारस घराने के अन्य बड़े महारथी पंडित किशन महाराज के साथ एक सभा में आज बनारसी तबला घराना अपने शक्तिशाली रूप के लिये प्रसिद्ध है, हालांकि बनारस घराने के वादक हल्के और कोमल स्वरों के वादन में भी सक्षम हैं घराने को पूर्वी बाज मे वर्गीकृत किया गया है, जिसमें लखनऊ, फर्रुखाबाद और बनारस घराने आते हैं बनारस शैली तबले के अधिक अनुनादिक थापों का प्रयोग करती है, जैसे कि ना और धिन बनारस घराने में एकल वादन बहुत इकसित हुआ है और कई वादक जैसे पंडित शारदा सहाय, पंडित किशन महाराज और पंडित समता प्रसाद, एकल तबला वादन में महारत और प्रसिद्धि प्राप्त हैं घराने के नये युग के तबला वादकों में पं॰ कुमार बोस, पं.समर साहा, पं.बालकृष्ण अईयर, पं.शशांक बख्शी, संदीप दास, पार्थसारथी मुखर्जी, सुखविंदर सिंह नामधारी, विनीत व्यास और कई अन्य हैं बनारसी बाज में २० विभिन्न संयोजन शैलियों और अनेक प्रकार के मिश्रण प्रयुक्त होते हैं पवित्र नगरी वाराणसी के एक घाट पर लोग हिन्दू रिवाज करते हुए वाराणसी या काशी को हिन्दू धर्म में पवित्रतम नगर बताया गया है यहां प्रतिवर्ष १० लाख से अधिक तीर्थ यात्री आते हैं यहां का प्रमुख आकर्षण है काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसमें भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से प्रमुख शिवलिंग यहां स्थापित है हिन्दू मान्यता अनुसार गंगा नदी सबके पाप मार्जन करती है और काशी में मृत्यु सौभाग्य से ही मिलती है और यदि मिल जाये तो आत्मा पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो कर मोक्ष पाती है इक्यावन शक्तिपीठ में से एक विशालाक्षी मंदिर यहां स्थित है, जहां भगवती सती की कान की मणिकर्णिका गिरी थी वह स्थान मणिकर्णिका घाट के निकट स्थित है हिन्दू धर्म में शाक्त मत के लोग देवी गंगा को भी शक्ति का ही अवतार मानते हैं जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म पर अपनी टीका यहीं आकर लिखी थी, जिसके परिणामस्वरूप हिन्दू पुनर्जागरण हुआ काशी में वैष्णव और शैव संप्रदाय के लोग सदा ही धार्मिक सौहार्द से रहते आये हैं वाराणसी बौद्ध धर्म के पवित्रतम स्थलों में से एक है और गौतम बुद्ध से संबंधित चार तीर्थ स्थलों में से एक है शेष तीन कुशीनगर, बोध गया और लुंबिनी हैं वाराणसी के मुख्य शहर से हटकर ही सारनाथ है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन दिया था इसमें उन्होंने बौद्ध धर्म के मूलभूत सिद्दांतों का वर्णन किया था अशोक-पूर्व स्तूपों में से कुछ ही शेष हैं, जिनमें से एक धामेक स्तूप यहीं अब भी खड़ा है, हालांकि अब उसके मात्र आधारशिला के अवशेष ही शेष हैं इसके अलावा यहां चौखंडी स्तूप भी स्थित है, जहां बुद्ध अपने प्रथम शिष्यों से (लगभग ५वीं शताब्दी ई.पू या उससे भी पहले) मिले थे वहां एक अष्टभुजी मीनार बनवायी गई थी वाराणसी हिन्दुओं एवं बौद्धों के अलावा जैन धर्म के अवलंबियों के लिये भी पवित तीर्थ है इसे २३वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ का जन्मस्थान माना जाता है वाराणसी पर इस्लाम संस्कृति ने भी अपना प्रभाव डाला है हिन्दू-मुस्लिम समुदायों में तनाव की स्थिति कुछ हद तक बहुत समय से बनी हुई है गंगा नदी गंगा वाराणसी की जीवनरेखा भारत की सबसे बड़ी नदी गंगा करीब २,५२५ किलोमीटर की दूरी तय कर गोमुख से गंगासागर तक जाती है इस पूरे रास्ते में गंगा उत्तर से दक्षिण की ओर यानि उत्तरवाहिनी बहती है केवल वाराणसी में ही गंगा नदी दक्षिण से उत्तर दिशा में बहती है यहां लगभग ८४ घाट हैं ये घाट लगभग ६.५ किमी लं‍बे तट पर बने हुए हैं इन ८४ घाटों में पांच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं इन्हें सामूहिक रुप से 'पंचतीर्थी' कहा जाता है ये हैं अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिक घाट अस्सी ‍घाट सबसे दक्षिण में स्थित है जबकि आदिकेशवघाट सबसे उत्तर में स्थित हैं घाट वाराणसी में १०० से अधिक घाट हैं शहर के कई घाट मराठा साम्राज्य के अधीनस्थ काल में बनवाये गए थे वर्तमान वाराणसी के संरक्षकों में मराठा, शिंदे (सिंधिया), होल्कर, भोंसले और पेशवा परिवार रहे हैं अधिकतर घाट स्नान-घाट हैं, कुछ घाट अन्त्येष्टि घाट हैं कई घाट किसी कथा आदि से जुड़े हुए हैं, जैसे मणिकर्णिका घाट, जबकि कुछ घाट निजी स्वामित्व के भी हैं पूर्व काशी नरेश का शिवाला घाट और काली घाट निजी संपदा हैं वाराणसी में अस्सी घाट से लेकर वरुणा घाट तक सभी घाटों की दक्षिण की ओर से क्रमवार सूची इस प्रकार से है: अस्सी घाट गंगामहल घाट रीवां घाट तुलसी घाट भदैनी घाट जानकी घाट माता आनंदमयी घाट जैन घाट पंचकोट घाट प्रभु घाट चेतसिंह घाट अखाड़ा घाट निरंजनी घाट निर्वाणी घाट शिवाला घाट गुलरिया घाट दण्डी घाट हनुमान घाट प्राचीन हनुमान घाट मैसूर घाट हरिश्चंद्र घाट लाली घाट विजयानरम् घाट केदार घाट चौकी घाट क्षेमेश्वर घाट मानसरोवर घाट नारद घाट राजा घाट गंगा महल घाट पाण्डेय घाट दिगपतिया घाट चौसट्टी घाट राणा महल घाट दरभंगा घाट मुंशी घाट अहिल्याबाई घाट शीतला घाट प्रयाग घाट दशाश्वमेघ घाट राजेन्द्र प्रसाद घाट मानमंदिर घाट त्रिपुरा भैरवी घाट मीरघाट घाट ललिता घाट मणिकर्णिका घाट सिंधिया घाट संकठा घाट गंगामहल घाट भोंसलो घाट गणेश घाट रामघाट घाट जटार घाट ग्वालियर घाट बालाजी घाट पंचगंगा घाट दुर्गा घाट ब्रह्मा घाट बूँदी परकोटा घाट शीतला घाट लाल घाट गाय घाट बद्री नारायण घाट त्रिलोचन घाट नंदेश्वर घाट तेलिया- नाला घाट नया घाट प्रह्मलाद घाट रानी घाट भैंसासुर घाट राजघाट आदिकेशव या वरुणा संगम घाट वाराणसी में गंगा के तट पर कतारबद्ध घाटों का विहंगम दृश्य प्रमुख घाट वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर गंगाजी की आरती का दृश्य दशाश्वमेध घाट काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट ही स्थित है और सबसे शानदार घाट है इससे संबंधित दो पौराणिक कथाएं हैं: एक के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसका निर्माण शिव जी के स्वागत हेतु किया था दूसरी कथा के अनुसार ब्रह्माजी ने यहां दस अश्वमेध यज्ञ किये थे प्रत्येक संध्या पुजारियों का एक समूह यहां अग्नि-पूजा करता है जिसमें भगवान शिव, गंगा नदी, सूर्यदेव, अग्निदेव एवं संपूर्ण ब्रह्मांड को आहुतियां समर्पित की जाती हैं यहां देवी गंगा की भी भव्य आरती की जाती है मणिकर्णिका घाट इस घाट से जुड़ी भी दो कथाएं हैं एक के अनुसार भगवान विष्णु ने शिव की तपस्या करते हुए अपने सुदर्शन चक्र से यहां एक कुण्ड खोदा था उसमें तपस्या के समय आया हुआ उनका स्वेद भर गया जब शिव वहां प्रसन्न हो कर आये तब विष्णु के कान की मणिकर्णिका उस कुंड में गिर गई थी दूसरी कथा के अनुसार भगवाण शिव को अपने भक्तों से छुट्टी ही नहीं मिल पाती थी देवी पार्वती इससे परेशान हुईं और शिवजी को रोके रखने हेतु अपने कान की मणिकर्णिका वहीं छुपा दी और शिवजी से उसे ढूंढने को कहा शिवजी उसे ढूंढ नहीं पाये और आज तक जिसकी भी अन्त्येष्टि उस घाट पर की जाती है, वे उससे पूछते हैं कि क्या उसने देखी है? प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार मणिकर्णिका घाट का स्वामी वही चाण्डाल था, जिसने सत्यवादी राजा हरिशचंद्र को खरीदा था उसने राजा को अपना दास बना कर उस घाट पर अन्त्येष्टि करने आने वाले लोगों से कर वसूलने का काम दे दिया था इस घाट की विशेषता ये है, कि यहां लगातार हिन्दू अन्त्येष्टि होती रहती हैं व घाट पर चिता की अग्नि लगातार जलती ही रहती है, कभी भी बुझने नहीं पाती सिंधिया घाट सिंधिया घाट, जिसे शिन्दे घाट भी कहते हैं, मणिकर्णिका घाट के उत्तरी ओर लगा हुआ है यह घाट काशी के बड़े तथा सुंदर घाटों में से एक है इस घाट का निर्माण १५० वर्ष पूर्व १८३० में ग्वालियर की महारानी बैजाबाई सिंधिया ने कराया था तथा और इससे लगा हुआ शिव मंदिर आंशिक रूप से नदी के जल में डूबा हुआ है इस घाट के ऊपर काशी के अनेकों प्रभावशाली लोगों द्वारा बनवाये गए मंदिर स्थित हैं ये संकरी घुमावदार गलियों में सिद्ध-क्षेत्र में स्थित हैं मान्यतानुसार अग्निदेव का जन्म यहीं हुआ था यहां हिन्दू लोग वीर्येश्वर की अर्चना करते हैं और पुत्र कामना करते हैं १९४९ में इसका जीर्णोद्धार हुआ यहीं पर आत्माविरेश्वर तथा दत्तात्रेय के प्रसिद्ध मंदिर हैं संकठा घाट पर बड़ौदा के राजा का महल है इसका निर्माण महानाबाई ने कराया था यहीं संकठा देवी का प्रसिद्ध मंदिर है घाट के अगल- बगल के क्षेत्र को "देवलोक' कहते हैं मान मंदिर घाट जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने ये घाट १७७० में बनवाया था इसमें नक्काशी से अलंकृत झरोखे बने हैं इसके साथ ही उन्होंने वाराणसी में यंत्र मंत्र वेधशाला भी बनवायी थी जो दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, मथुरा के संग पांचवीं खगोलशास्त्रीय वेधशाला है इस घाट के उत्तरी ओर एक सुंदर बारजा है, जो सोमेश्वर लिंग को अर्घ्य देने के लिये बनवाया गई थी ललिता घाट स्वर्गीय नेपाल नरेश ने ये घाट वाराणसी में उत्तरी ओर बनवाया था यहीं उन्होंने एक नेपाली काठमांडु शैली का पगोडा आकार गंगा-केशव मंदिर भी बनवाया था, जिसमें भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं इस मंदिर में पशुपतेश्वर महादेव की भी एक छवि लगी है असी घाट असी घाट असी नदी के संगम के निकट स्थित है इस सुंदर घाट पर स्थानीय उत्सव एवं क्रीड़ाओं के आयोजन होते रहते हैं ये घाटों की कतार में अंतिम घाट है ये चित्रकारों और छायाचित्रकारों का भी प्रिय स्थल है यहीं स्वामी प्रणवानंद, भारत सेवाश्रम संघ के प्रवर्तक ने सिद्धि पायी थी उन्होंने यहीं अपने गोरखनाथ के गुरु गंभीरानंद के गुरुत्व में भगवान शिव की तपस्या की थी अन्य आंबेर के मान सिंह ने मानसरोवर घाट का निर्माण करवाया था दरभंगा के महाराजा ने दरभंगा घाट बनवाया था गोस्वामी तुलसीदास ने तुलसी घाट पर ही रामचरितमानस की रचना की थी बचरज घाट पर तीन जैन मंदिर बने हैं और ये जैन मतावलंबियों का प्रिय घाट रहा है १७९५ में नागपुर के भोसला परिवार ने भोसला घाट बनवाया घाट के ऊपर लक्ष्मी नारायण का दर्शनीय मंदिर है राजघाट का निर्माण लगभग दो सौ वर्ष पूर्व जयपुर महाराज ने कराया मंदिर मुख्य लेख : वाराणसी के प्रमुख मंदिर रामनगर, वाराणसी में दुर्गा मंदिर वाराणसी मंदिरों का नगर है लगभग हर एक चौराहे पर एक मंदिर तो मिल ही जायेगा ऐसे छोटे मंदिर दैनिक स्थानीय अर्चना के लिये सहायक होते हैं इनके साथ ही यहां ढेरों बड़े मंदिर भी हैं, जो वाराणसी के इतिहास में समय समय पर बनवाये गये थे इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, ढुंढिराज गणेश, काल भैरव, दुर्गा जी का मंदिर, संकटमोचन, तुलसी मानस मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर, भारतमाता मंदिर, संकठा देवी मंदिर व विशालाक्षी मंदिर प्रमुख हैं काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसे कई बार स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है, अपने वर्तमान रूप में १७८० में इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्करद वारा बनवाया गया था ये मंदिर गंगा नदी के दशाश्वमेध घाट के निकट ही स्थित है इस मंदिर की काशी में सर्वोच्च महिमा है, क्योंकि यहां विश्वेश्वर या विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थापित है इस ज्योतिर्लिंग का एक बार दर्शनमात्र किसी भी अन्य ज्योतिर्लिंग से कई गुणा फलदायी होता है १७८५ में तत्कालीन गवर्नर जनरल वार्रन हास्टिंग्स के आदेश पर यहां के गवर्नर मोहम्मद इब्राहिम खां ने मंदिर के सामने ही एक नौबतखाना बनवाया था १८३९ में पंजाब के शासक पंजाब केसरी महाराजा रणजीत सिंह इस मंदिर के दोनों शिखरों को स्वर्ण मंडित करवाने हेतु स्वर्ण दान किया था २८ जनवरी १९८३ को मंदिर का प्रशासन उत्तर प्रदेश सरकार नेल लिया और तत्कालीन काशी नरेश डॉ॰विभूति नारायण सिंह की अध्यक्षता में एक न्यास को सौंप दिया इस न्यास में एक कार्यपालक समिति भी थी, जिसके चेयरमैन मंडलीय आयुक्त होते हैं इस मंदिर का ध्वंस मुस्लिम मुगल शासक औरंगज़ेब ने करवाया था और इसके अधिकांश भाग को एक मस्जिद में बदल दिया बाद में मंदिर को एक निकटस्थ स्थान पर पुनर्निर्माण करवाया गया दुर्गा मंदिर, जिसे मंकी टेम्पल भी कहते हैं; १८वीं शताब्दी में किसी समय बना था यहां बड़ी संख्या में बंदरों की उपस्थिति के कारण इसे मंकी टेम्पल कहा जाता है मान्यता अनुसार वर्तमाण दुर्गा प्रतिमा मानव निर्मित नहीं बल्कि मंदिर में स्वतः ही प्रकट हुई थी नवरात्रि उत्सव के समय यहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है इस मंदिर में अहिन्दुओं का भीतर प्रवेश वर्जित है इसका स्थापत्य उत्तर भारतीय हिन्दु वास्तु की नागर शैली का है मंदिर के साथ ही एक बड़ा आयताकार जल कुण्ड भी है, जिसे दुर्गा कुण्ड कहते हैं मंदिर का बहुमंजिला शिखर है और वह गेरु से पुता हुआ है इसका लाल रंग शक्ति का द्योतक है कुण्ड पहले नदी से जुड़ा हुआ था, जिससे इसका जल ताजा रहता था, किन्तु बाद में इस स्रोत नहर को बंद कर दिया गया जिससे इसमें ठहरा हुआ जल रहता है और इसका स्रोत अबव र्शषआ या मंदिर की निकासी मात्र है प्रत्येक वर्ष नाग पंचमी के अवसर पर भगवान विष्णु और शेषनाग की पूजा की जाती है यहां संत भास्कपरानंद की समाधि भी है मंगलवार और शनिवार को दुर्गा मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ रहती है इसी के पास हनुमान जी का संकटमोचन मंदिर है महत्ता की दृष्टि से इस मंदिर का स्थागन काशी विश्वभनाथ और अन्नेपूर्णा मंदिर के बाद आता है संकट मोचन मंदिर राम भक्त हनुमान को समर्पैत है और स्थानीय लोगों में लोकप्रिय है यहां बहुत से धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन वार्षिक रूप से होते हैं ७ मार्च २००६ को इस्लामी आतंकवादियों द्वारा शहर में हुए तीन विस्फोटों में से एक यहां आरती के समय हुआ था उस समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी साथ ही एक विवाह समारोह भी प्रगति पर था व्यास मंदिर, रामनगर प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब वेद व्यास जी को नगर में कहीं दान-दक्षिणा नहीं मिल पायी, तो उन्होंने पूरे नगर को श्राप देने लगे उसके तुरंत बाद ही भगवान शिव एवं माता पार्वतीएक द पति रूप में एक घर से निकले और उन्हें भरपूर दान दक्षिणा दी इससे ऋषि महोदय अतीव प्रसन्न हुए और श्राप की बात भूल ही गये इसके बाद शिवजी ने व्यासजी को काशी नगरी में प्रवेश निषेध कर दिया इस बात के समाधान रूप में व्यासजी ने गंगा के दूसरी ओर आवास किया, जहां रामनगर में उनका मंदिर अभी भी मिलता है बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर में नया विश्वनाथ मंदिर बना है, जिसका निर्माण बिरला परिवार के राजा बिरला ने करवाया था ये मंदिर सभी धर्मों और जाति के लोगों के लिये खुला है कला एवं साहित्य बी.एच.यू में नये विश्वनाथ मंदिर का स्थापत्य वाराणसी की संस्कृति कला एवं साहित्य से परिपूर्ण है इस नगर में महान भारतीय लेखक एवं विचारक हुए हैं, कबीर, रविदास, तुलसीदास जिन्होंने यहां रामचरितमानस लिखी, कुल्लुका भट्ट जिन्होंने १५वीं शताब्दी में मनुस्मृति पर सर्वश्रेष्ठ ज्ञात टीका यहां लिखी एवं भारतेन्दु हरिशचंद्र और आधुनिक काल के जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, मुंशी प्रेमचंद, जगन्नाथ प्रसाद रत्नाकर, देवकी नंदन खत्री, हजारी प्रसाद द्विवेदी, तेग अली, क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय, वागीश शास्त्री, बलदेव उपाध्याय, सुमन पांडेय (धूमिल) एवं विद्या निवास मिश्र और अन्य बहुत यहां के कलाप्रेमियों और इतिहासवेत्ताओं में राय कृष्णदास, उनके पुत्र आनंद कृष्ण, संगीतज्ञ जैसे ओंकारनाथ ठाकुर, रवि शंकर, बिस्मिल्लाह खां, गिरिजा देवी, सिद्देश्वरी देवी, लालमणि मिश्र एवं उनके पुत्र गोपाल शंकर मिश्र, एन राजम, राजभान सिंह, अनोखेलाल, समता प्रसाद, कांठे महाराज, एम.वी.कल्विंत, सितारा देवी, गोपी कृष्ण, कृष्ण महाराज, राजन एवं साजन मिश्र, महादेव मिश्र एवं बहुत से अन्य लोगों ने नगर को अपनी ललित कलाओं के कौशल से जीवंत बनाए रखा नगर की प्राचीन और लोक संस्कृति की पारंपरिक शैली को संरक्षित किये ढेरों उत्सव और त्यौहार यहां मनाये जाते हैं रात्रिकालीन, संगीत सभाएं आदि संकटमोचन मंदिर, होरी, कजरी, चैती मेला, बुढ़वा मंगल यहां के अनेक पर्वों में से कुछ हैं जो वार्षिक रूप से सभी जगहों से पर्यटक एवं शौकीनों को आकर्षित करते हैं महान शल्य चिकित्सक सुश्रुत, जिन्होंने शल्य-क्रिया का संस्कृत ग्रन्थ सुश्रुत संहिता लिखा था; वाराणसी में ही आवास करते थे सरस्वती भवन मुख्य लेख : सरस्वती भवन पुस्तकालय रामनगर किले में स्थित सरस्वती भवन में दुर्लभ पांडुलिपियों, विशेषकर धार्मिक ग्रन्थों का दुर्लभ संग्रह सुरक्षित है यहां गोस्वामी तुलसीदास की एक पांडुलिपि की मूल प्रति भी रखी है यहां मुगल मिनियेचर शैली में बहुत सी पुस्तकें रखी हैं, जिनके सुंदर आवरण पृष्ठ हैं जनसांख्यिकी वाराणसी शहरी क्षेत्र की २००१ के अनुसार जनसंख्या १३,७१,७४९ थी; और लिंग अनुपात ८७९ स्त्रियां प्रति १००० पुरुष था वाराणसी नगर निगम के अधीनस्थ क्षेत्र की जनसंख्या ११,००,७४८ जिसका लिंग अनुपात ८८३ स्त्रियां प्रति १००० पुरुष था शहरी क्षेत्र में साक्षरता दर ७७% और निगम क्षेत्र में ७८% थी निगम क्षेत्र के लगभग १,३८,००० लोग झुग्गी-झोंपड़ियों में रहते हैं वर्ष २००४ की अपराध दर १२८.५ प्रति १ लाख थी; जो राज्य की दर ७३.२ से अधिक है, किन्तु राष्ट्रीय अपराध दर १६८.८ से कहीं कम है परिवहन वाराणसी भारत के मुख्य बड़े शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और जयपुर आदि से वायु, सड़क एवं रेल यातायात द्वारा भली-भांति जुड़ा हुआ है ये दिल्ली से ७७६ कि.मी दूरी पर है वाराणसी की अधिकांश शहरों से दूरी में अस्तित्त्व का प्रमुख कारण इसका इन शहरों के बीच एक यातायात केन्द्र के रूप में जुड़ा होना है प्राचीन समय से ही शहर तक्षिला, गाज़ीपुर, पाटलिपुत्र, वैशाली, अयोध्या, गोरखपुर एवं आगरा आदि से जुड़ा रहा है वायु वाराणसी विमानक्षेत्र के बाहर का एक दृश्य बाबतपुर विमानक्षेत्र (लाल बहादुर शास्त्री विमानक्षेत्र) शहर के केन्द्र से २५ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, खजुराहो, बैंगकॉक, बंगलुरु, कोलंबो एवं काठमांडु आदि देशीय और अंतर्राष्ट्रीय शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है अधिकांश प्रमुख देशीय विमान सेवाओं में इंडियन एयरलाइंस, जेट एयरवेज़, किंगफिशर एयरलाइंस, एयर इंडिया, स्पाइसजेट एवं एलाइंस एयर द्वारा वायु सेवाएँ यहां से संचालित होती है रेल वाराणसी जंक्शन के बाहर का दृश्य बनारस की प्रथम रेलवे लाइन दिसम्बर, १८६२ में ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने कोलकाता से बनवायी थी उत्तर रेलवे के अधीन वाराणसी जंक्शन एवं पूर्व मध्य रेलवे के अधीन मुगलसराय जंक्शन नगर की सीमा के भीतर दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं इनके अलावा नगर में १६ अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं सड़क मौर्य साम्राज्य काल में वाराणसी तक्षिला शहर से इकलौती सड़क द्वारा जुड़ा हुआ था बाद में इस सड़क का पुनरोद्धार हुआ और शेरशाह सूरी ने १६वीं शताब्दी में इसे विस्तृत कर काबुल से रंगून तक बढ़ाया, जिसे ग्रैंड ट्रंक रोड कहा जाता है एन.एच.-२ दिल्ली-कोलकाता राजमार्ग वाराणसी नगर से निकलता है इसके अलावा एन.एच.-७, जो भारत का सबसे लंबा राजमार्ग है, वाराणसी को जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, मदुरई और कन्याकुमारी से जोड़ता है सार्वजनिक यातायात ऑटो रिक्शा एवं साइकिल रिक्शा वाराणसी शहर के स्थानीय प्रचलित यातायात साधन हैं बाहरी क्षेत्रों में नगर-बस सेवा में मिनी-बसें चलती हैं छोटी नावें और छोटे स्टीमर गंगा नदी पार करने हेतु उपलब्ध रहते हैं पर्यटन संभवतः अपनी अनुपम और अद्वितीय संस्कृति के कारण वाराणसी संसार भर में पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है शहर में अनेक ३, ४ और ५ सितारा होटल हैं इसके अलावा पश्चिमी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिये पर्याप्त और दक्ष रहन सहन व्यवस्था है यहां के स्थानीय खानपान के अलावा लगभग सभी प्रकार की खानपान व्यवस्था शहर में उपलब्ध है शहर के लोगों का स्व्भाव भी सत्कार से परिपूर्ण है वाराणसी बनारसी रेशम की साड़ियों और पीतल के सामान के लिये भी प्रसिद्ध है इसके अलावा उच्च कोटि के रेशमी वस्त्र, कालीन, काष्ठ शिल्प, भित्ति सज्जा एवं प्रदीपन आदि के सामान के साथ-साथ बौद्ध एवं हिन्दू देवी-देवताओं के मुखौटे विशेशः आकर्षण रहे हैं मुख्य खरीदारी बाजारों में चौक, गोदौलिया, विश्वनाथ गली, लहुराबीर एवं ठठेरी बाजार हैं अस्सी घाट शहर के डाउनटाउन इलाके गोदौलिया और युवा संस्कृति से ओतप्रोत बी.एच.यू के बीच एक मध्यस्थ स्थान है, जहां युवा, विदेशी और आवधिक लोग आवास करते हैं प्रचलित संस्कृति में बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी (२००६), वाराणसी के इतिहास और उसके भारतीय परंपराओं में स्थान पर आधारित हिन्दी चलचित्र है चलचित्र बनारस – ए मिस्टिक लव स्टोरी (२००६), वाराणसी के इतिहास और उसके भारतीय परंपराओं में स्थान पर आधारित हिन्दी चलचित्र है बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय के बांग्ला उपन्यास अपराजितो में, बनारस के आंशिक दृश्य हैं, जिन्हें बाद में सत्यजित राय द्वारा अपनी फिल्म द अपु ट्राइलॉजी में भी दिखाया गया है इस फिल्म के कुछ भाग बनारस में ही शूट किये गए हैं आयन मैकडोनाल्ड के उपन्यास रिवर ऑफ गॉड्स की पृष्ठभूमि के कुछ अंश बनारस के हैं सत्यजित राय की फिल जोइ बाबा फेलुनाथ लगभग सारी बनारस में शूट हुई थी १९७८ की सुपरहिट हिन्दी चलचित्र डॉन का गाना खईके पान बनारस वाला अमिताभ बच्चन के साथ बनारसी पान की प्रशंसा में गाया गया था और बहुत लोकप्रिय हुआ था पंडित विकास महाराज के संयोजन "गंगा" पर बनी डॉक्युमेंट्री फिल्म होलीवॉटर यहीं बनी थी कृष्ण दास द्वारा गाया गया गीत "काशी विश्वनाथ गंगे" सीडी ब्रॅथ ऑफ द हार्ट में निकला था जेयॉफ डायर की २००९ में निकली पुस्तक: जैफ इन वेनिस, डेथ इन वाराणसी आधी बनारस पर लिखी है विजय सिंह के उपन्यास जय गंगा, इन सर्च ऑफ द रिवर गॉडेस एवं क्लासिकल चलचित्र जय गंगा आंशिक रूप सए बनारस पर बनी हैं इसमें यहां के घाटों के अच्छे दृश्य हैं उल्लेखनीय लोग मदन मोहन मालवीय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक लाल बहादुर शास्त्री, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री बिस्मिल्लाह खां, शहनाईवादक, भारत रत्न कृष्ण महाराज, तबला वादक, पद्म विभूषण रवि शंकर, सितारवादक, भारत रत्न सिद्धेश्वरी देवी, खयालगायिका विकाश महाराज, सरोद के महारथी नैना देवी, खयाल गायिका भगवान दास, भारत रत्न* * मुंशी प्रेमचंद (महान लेखक) समता प्रसाद (गुदई महाराज) तबला वादक, पद्मश्री*जय शंकर प्रसाद (साहित्यकार) सत्यजित राय (2 मई 1921–23 अप्रैल 1992) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें 20वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ राय ने अपने जीवन में 37 फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं जीवनी प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा सत्यजित राय, 1932 सत्यजित राय के वंश की कम से कम दस पीढ़ियों पहले तक की जानकारी मौजूद है इनके दादा उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी लेखक, चित्रकार, दार्शनिक, प्रकाशक और अपेशेवर खगोलशास्त्री थे ये साथ ही ब्राह्म समाज के नेता भी थे उपेन्द्रकिशोर के बेटे सुकुमार राय ने लकीर से हटकर बांग्ला में बेतुकी कविता लिखी ये योग्य चित्रकार और आलोचक भी थे सत्यजित राय सुकुमार और सुप्रभा राय के बेटे थे इनका जन्म कोलकाता में हुआ जब सत्यजित केवल तीन वर्ष के थे तो इनके पिता चल बसे इनके परिवार को सुप्रभा की मामूली तन्ख़्वाह पर गुज़ारा करना पड़ा राय ने कोलकाता के प्रेसिडेन्सी कालेज से अर्थशास्त्र पढ़ा, लेकिन इनकी रुचि हमेशा ललित कलाओं में ही रही 1940 में इनकी माता ने आग्रह किया कि ये गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित विश्व-भारती विश्वविद्यालय में आगे पढ़ें राय को कोलकाता का माहौल पसन्द था और शान्तिनिकेतन के बुद्धिजीवी जगत से ये खास प्रभावित नहीं थे माता के आग्रह और ठाकुर के प्रति इनके आदर भाव की वजह से अंततः इन्होंने विश्व-भारती जाने का निश्चय किया शान्तिनिकेतन में राय पूर्वी कला से बहुत प्रभावित हुए बाद में इन्होंने स्वीकार किया कि प्रसिद्ध चित्रकार नन्दलाल बोस और बिनोद बिहारी मुखर्जी से इन्होंने बहुत कुछ सीखा मुखर्जी के जीवन पर इन्होंने बाद में एक वृत्तचित्र द इनर आई भी बनाया अजन्ता, एलोरा और एलिफेंटा की गुफ़ाओं को देखने के बाद ये भारतीय कला के प्रशंसक बन गए चित्रकला शान्तिनिकेतन में सत्यजित राय 1943 में पाँच साल का कोर्स पूरा करने से पहले राय ने शान्तिनिकेतन छोड़ दिया और कोलकाता वापस आ गए जहाँ उन्होंने ब्रिटिश विज्ञापन अभिकरण डी. जे. केमर में नौकरी शुरु की इनके पद का नाम “लघु द्रष्टा” (“junior visualiser”) था और महीने के केवल अस्सी रुपये का वेतन था हालांकि दृष्टि रचना राय को बहुत पसंद थी और उनके साथ अधिकतर अच्छा ही व्यवहार किया जाता था, लेकिन एजेंसी के ब्रिटिश और भारतीय कर्मियों के बीच कुछ खिंचाव रहता था क्योंकि ब्रिटिश कर्मियों को ज्यादा वेतन मिलता था साथ ही राय को लगता था कि “एजेंसी के ग्राहक प्रायः मूर्ख होते थे” 1943 के लगभग ही ये डी. के. गुप्ता द्वारा स्थापित सिग्नेट प्रेस के साथ भी काम करने लगे गुप्ता ने राय को प्रेस में छपने वाली नई किताबों के मुखपृष्ठ रचने को कहा और पूरी कलात्मक मुक्ति दी राय ने बहुत किताबों के मुखपृष्ठ बनाए, जिनमें जिम कार्बेट की मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ (Man-eaters of Kumaon, कुमाऊँ के नरभक्षी) और जवाहर लाल नेहरु की डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया (Discovery of India, भारत की खोज) शामिल हैं इन्होंने बांग्ला के जाने-माने उपन्यास पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) के बाल संस्करण पर भी काम किया, जिसका नाम था आम आँटिर भेँपु (আম আঁটির ভেঁপু, आम की गुठली की सीटी) राय इस रचना से बहुत प्रभावित हुए और अपनी पहली फ़िल्म इसी उपन्यास पर बनाई मुखपृष्ठ की रचना करने के साथ उन्होंने इस किताब के अन्दर के चित्र भी बनाये इनमें से बहुत से चित्र उनकी फ़िल्म के दृश्यों में दृष्टिगोचर होते हैं राय ने दो नए फॉन्ट भी बनाए — “राय रोमन” और “राय बिज़ार” राय रोमन को 1970 में एक अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पुरस्कार मिला कोलकाता में राय एक कुशल चित्रकार माने जाते थे राय अपनी पुस्तकों के चित्र और मुखपृष्ठ ख़ुद ही बनाते थे और फ़िल्मों के लिए प्रचार सामग्री की रचना भी ख़ुद ही करते थे फ़िल्म निर्देशन 1947 में चिदानन्द दासगुप्ता और अन्य लोगों के साथ मिलकर राय ने कलकत्ता फ़िल्म सभा शुरु की, जिसमें उन्हें कई विदेशी फ़िल्में देखने को मिलीं इन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में कोलकाता में स्थापित अमरीकन सैनिकों से दोस्ती कर ली जो उन्हें शहर में दिखाई जा रही नई-नई फ़िल्मों के बारे में सूचना देते थे 1949 में राय ने दूर की रिश्तेदार और लम्बे समय से उनकी प्रियतमा बिजोय राय से विवाह किया इनका एक बेटा हुआ, सन्दीप, जो अब ख़ुद फ़िल्म निर्देशक है इसी साल फ़्रांसीसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार कोलकाता में अपनी फ़िल्म की शूटिंग करने आए राय ने देहात में उपयुक्त स्थान ढूंढने में रन्वार की मदद की राय ने उन्हें पथेर पांचाली पर फ़िल्म बनाने का अपना विचार बताया तो रन्वार ने उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया 1950 में डी. जे. केमर ने राय को एजेंसी के मुख्यालय लंदन भेजा लंदन में बिताए तीन महीनों में राय ने 99 फ़िल्में देखीं इनमें शामिल थी, वित्तोरियो दे सीका की नवयथार्थवादी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत्ते (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) जिसने उन्हें अन्दर तक प्रभावित किया राय ने बाद में कहा कि वे सिनेमा से बाहर आए तो फ़िल्म निर्देशक बनने के लिए दृढ़संकल्प थे फ़िल्मों में मिली सफलता से राय का पारिवारिक जीवन में अधिक परिवर्तन नहीं आया वे अपनी माँ और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही एक किराए के मकान में रहते रहे 1960 के दशक में राय ने जापान की यात्रा की और वहाँ जाने-माने फिल्म निर्देशक अकीरा कुरोसावा से मिले भारत में भी वे अक्सर शहर के भागम-भाग वाले माहौल से बचने के लिए दार्जीलिंग या पुरी जैसी जगहों पर जाकर एकान्त में कथानक पूरे करते थे बीमारी एवं निधन 1983 में फ़िल्म घरे बाइरे (ঘরে বাইরে) पर काम करते हुए राय को दिल का दौरा पड़ा जिससे उनके जीवन के बाकी 9 सालों में उनकी कार्य-क्षमता बहुत कम हो गई घरे बाइरे का छायांकन राय के बेटे की मदद से 1984 में पूरा हुआ 1992 में हृदय की दुर्बलता के कारण राय का स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया, जिससे वह कभी उबर नहीं पाए मृत्यु से कुछ ही हफ्ते पहले उन्हें सम्मानदायक अकादमी पुरस्कार दिया गया 23 अप्रैल 1992 को उनका देहान्त हो गया इनकी मृत्यु होने पर कोलकाता शहर लगभग ठहर गया और हज़ारों लोग इनके घर पर इन्हें श्रद्धांजलि देने आए फ़िल्में मुख्य लेख: सत्यजित राय की फ़िल्में अपु के वर्ष (1950–58) पथेर पांचाली में अपु राय ने निश्चय कर रखा था कि उनकी पहली फ़िल्म बांग्ला साहित्य की प्रसिद्ध बिल्डुंग्सरोमान पथेर पांचाली पर आधारित होगी, जिसे बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय ने 1928 में लिखा था इस अर्ध-आत्मकथात्मक उपन्यास में एक बंगाली गांव के लड़के अपु के बड़े होने की कहानी है राय ने लंदन से भारत लौटते हुए समुद्रयात्रा के दौरान इस फ़िल्म की रूपरेखा तैयार की भारत पहुँचने पर राय ने एक कर्मीदल एकत्रित किया जिसमें कैमरामैन सुब्रत मित्र और कला निर्देशक बंसी चन्द्रगुप्ता के अलावा किसी को फ़िल्मों का अनुभव नहीं था अभिनेता भी लगभग सभी गैरपेशेवर थे फ़िल्म का छायांकन 1952 में शुरु हुआ राय ने अपनी जमापूंजी इस फ़िल्म में लगा दी, इस आशा में कि पहले कुछ शॉट लेने पर कहीं से पैसा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ पथेर पांचाली का छायांकन तीन वर्ष के लम्बे समय में हुआ — जब भी राय या निर्माण प्रबंधक अनिल चौधरी कहीं से पैसों का जुगाड़ कर पाते थे, तभी छायांकन हो पाता था राय ने ऐसे स्रोतों से धन लेने से मना कर दिया जो कथानक में परिवर्तन कराना चाहते थे या फ़िल्म निर्माता का निरीक्षण करना चाहते थे 1955 में पश्चिम बंगाल सरकार ने फ़िल्म के लिए कुछ ऋण दिया जिससे आखिरकार फ़िल्म पूरी हुई सरकार ने भी फ़िल्म में कुछ बदलाव कराने चाहे (वे चाहते थे कि अपु और उसका परिवार एक “विकास परियोजना” में शामिल हों और फ़िल्म सुखान्त हो) लेकिन सत्यजित राय ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया पथेर पांचाली 1955 में प्रदर्शित हुई और बहुत लोकप्रिय रही भारत और अन्य देशों में भी यह लम्बे समय तक सिनेमा में लगी रही भारत के आलोचकों ने इसे बहुत सराहा द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा — “इसकी किसी और भारतीय सिनेमा से तुलना करना निरर्थक है पथेर पांचाली तो शुद्ध सिनेमा है ” अमरीका में लिंडसी एंडरसन ने फ़िल्म के बारे में बहुत अच्छी समीक्षा लिखी लेकिन सभी आलोचक फ़िल्म के बारे में इतने उत्साहित नहीं थे फ़्राँस्वा त्रुफ़ो ने कहा — “गंवारों को हाथ से खाना खाते हुए दिखाने वाली फ़िल्म मुझे नहीं देखनी ” न्यू यॉर्क टाइम्स के प्रभावशाली आलोचक बॉज़्ली क्राउथर ने भी पथेर पांचाली के बारे में बहुत बुरी समीक्षा लिखी इसके बावजूद यह फ़िल्म अमरीका में बहुत समय तक चली राय की अगली फ़िल्म अपराजितो की सफलता के बाद इनका अन्तरराष्ट्रीय कैरियर पूरे जोर-शोर से शुरु हो गया इस फ़िल्म में एक नवयुवक (अपु) और उसकी माँ की आकांक्षाओं के बीच अक्सर होने वाले खिंचाव को दिखाया गया है मृणाल सेन और ऋत्विक घटक सहित कई आलोचक इसे पहली फ़िल्म से बेहतर मानते हैं अपराजितो को वेनिस फ़िल्मोत्सव में स्वर्ण सिंह (Golden Lion) से पुरस्कृत किया गया अपु त्रयी पूरी करने से पहले राय ने दो और फ़िल्में बनाईं — हास्यप्रद पारश पत्थर और ज़मींदारों के पतन पर आधारित जलसाघर जलसाघर को इनकी सबसे महत्त्वपूर्ण कृतियों में गिना जाता है अपराजितो बनाते हुए राय ने त्रयी बनाने का विचार नहीं किया था, लेकिन वेनिस में उठे एक प्रश्न के बाद उन्हें यह विचार अच्छा लगा इस शृंखला की अन्तिम कड़ी अपुर संसार 1959 में बनी राय ने इस फ़िल्म में दो नए अभिनेताओं, सौमित्र चटर्जी और शर्मिला टैगोर, को मौका दिया इस फ़िल्म में अपु कोलकाता के एक साधारण मकान में गरीबी में रहता है और अपर्णा के साथ विवाह कर लेता है, जिसके बाद इन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है पिछली दो फ़िल्मों की तरह ही कुछ आलोचक इसे त्रयी की सबसे बढ़िया फ़िल्म मानते हैं (राबिन वुड और अपर्णा सेन) जब एक बंगाली आलोचक ने अपुर संसार की कठोर आलोचना की तो राय ने इसके प्रत्युत्तर में एक लम्बा लेख लिखा देवी से चारुलता तक (1959–64) अमल को निहारते हुए चारुलता इस अवधि में राय ने कई विषयों पर फ़िल्में बनाईं, जिनमें शामिल हैं, ब्रिटिश काल पर आधारित देवी (দেবী), रवीन्द्रनाथ ठाकुर पर एक वृत्तचित्र, हास्यप्रद फ़िल्म महापुरुष (মহাপুরুষ) और मौलिक कथानक पर आधारित इनकी पहली फ़िल्म कंचनजंघा (কাঞ্চনজঙ্ঘা) इसी दौरान इन्होने कई ऐसी फ़िल्में बनाईं, जिन्हें साथ मिलाकर भारतीय सिनेमा में स्त्रियों का सबसे गहरा चित्रांकन माना जाता है अपुर संसार के बाद राय की पहली फ़िल्म थी देवी, जिसमें इन्होंने हिन्दू समाज में अंधविश्वास के विषय को टटोला है शर्मिला टैगोर ने इस फ़िल्म के मुख्य पात्र दयामयी की भूमिका निभाई, जिसे उसके ससुर काली का अवतार मानते हैं राय को चिन्ता थी कि इस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड से शायद स्वीकृति नहीं मिले, या उन्हे कुछ दृश्य काटने पड़ें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ 1961 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के आग्रह पर राय ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके जीवन पर एक वृत्तचित्र बनाया ठाकुर के जीवन का फ़िल्मांकन बहुत कम ही हुआ था, इसलिए राय को मुख्यतः स्थिर चित्रों का प्रयोग करना पड़ा, जिसमें उनके अनुसार तीन फ़ीचर फ़िल्मों जितना परिश्रम हुआ इसी साल में राय ने सुभाष मुखोपाध्याय और अन्य लेखकों के साथ मिलकर बच्चों की पत्रिका सन्देश को पुनर्जीवित किया इस पत्रिका की शुरुआत इनके दादा ने शुरु की थी और बहुत समय से राय इसके लिए धन जमा करते आ रहे थे सन्देश का बांग्ला में दोतरफा मतलब है — एक ख़बर और दूसरा मिठाई पत्रिका को इसी मूल विचार पर बनाया गया — शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन राय शीघ्र ही ख़ुद पत्रिका में चित्र बनाने लगे और बच्चों के लिये कहानियाँ और निबन्ध लिखने लगे आने वाले वर्षों में लेखन इनकी जीविका का प्रमुख साधन बन गया 1962 में राय ने काँचनजंघा का निर्देशन किया, जिसमें पहली बार इन्होंने मौलिक कथानक पर रंगीन छायांकन किया इस फ़िल्म में एक उच्च वर्ग के परिवार की कहानी है जो दार्जीलिंग में एक दोपहर बिताते हैं, और प्रयास करते हैं कि सबसे छोटी बेटी का विवाह लंदन में पढ़े एक कमाऊ इंजीनियर के साथ हो जाए शुरू में इस फ़िल्म को एक विशाल हवेली में चित्रांकन करने का विचार था, लेकिन बाद में राय ने निर्णय किया कि दार्जीलिंग के वातावरण और प्रकाश व धुंध के खेल का प्रयोग करके कथानक के खिंचाव को प्रदर्शित किया जाए राय ने हंसी में एक बार कहा कि उनकी फ़िल्म का छायांकन किसी भी रोशनी में हो सकता था, लेकिन उसी समय दार्जीलिंग में मौजूद एक व्यावसायिक फ़िल्म दल एक भी दृश्य नहीं शूट कर पाया क्योंकि उन्होने केवल धूप में ही शूटिंग करनी थी 1964 में राय ने चारुलता (চারুলতা) फ़िल्म बनाई जिसे बहुत से आलोचक इनकी सबसे निष्णात फ़िल्म मानते है यह ठाकुर की लघुकथा नष्टनीड़ पर आधारित है इसमें 19वीं शताब्दी की एक अकेली स्त्री की कहानी है जिसे अपने देवर अमल से प्रेम होने लगता है इसे राय की सर्वोत्कृष्ट कृति माना जाता है राय ने ख़ुद कहा कि इसमें सबसे कम खामियाँ हैं, और यही एक फ़िल्म है जिसे वे मौका मिलने पर बिलकुल इसी तरह दोबारा बनाएंगे चारु के रूप में माधवी मुखर्जी के अभिनय और सुब्रत मित्र और बंसी चन्द्रगुप्ता के काम को बहुत सराहा गया है इस काल की अन्य फ़िल्में हैं: महानगर, तीन कन्या, अभियान, कापुरुष (कायर) और महापुरुष नई दिशाएँ (1965-1982) चारुलता के बाद के काल में राय ने विविध विषयों पर आधारित फ़िल्में बनाईं, जिनमें शामिल हैं, कल्पनाकथाएँ, विज्ञानकथाएँ, गुप्तचर कथाएँ और ऐतिहासिक नाटक राय ने फ़िल्मों में नयी तकनीकों पर प्रयोग करना और भारत के समकालीन विषयों पर ध्यान देना शुरु किया इस काल की पहली मुख्य फ़िल्म थी नायक (নায়ক), जिसमें एक फ़िल्म अभिनेता (उत्तम कुमार) रेल में सफर करते हुए एक महिला पत्रकार (शर्मिला टैगोर) से मिलता है 24 घंटे की घटनाओं पर आधारित इस फ़िल्म में इस प्रसिद्ध अभिनेता के मनोविज्ञान का अन्वेषण किया गया है बर्लिन में इस फ़िल्म को आलोचक पुरस्कार मिला, लेकिन अन्य प्रतिक्रियाएँ अधिक उत्साहपूर्ण नहीं रहीं 1967 में राय ने एक फ़िल्म का कथानक लिखा, जिसका नाम होना था द एलियन (The Alien, दूरग्रहवासी) यह इनकी लघुकथा बाँकुबाबुर बंधु (বাঁকুবাবুর বন্ধু, बाँकु बाबु का दोस्त) पर आधारित थी जिसे इन्होंने संदेश (সন্দেশ) पत्रिका के लिए 1962 में लिखा था इस अमरीका-भारत सह-निर्माण परियोजना की निर्माता कोलम्बिया पिक्चर्स नामक कम्पनी थी पीटर सेलर्स और मार्लन ब्रैंडो को इसकी मुख्य भूमिकाओं के लिए चुना गया राय को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनके कथानक के प्रकाशनाधिकार को किसी और ने हड़प लिया था ब्रैंडो बाद में इस परियोजना से निकल गए और राय का भी इस फ़िल्म से मोह-भंग हो गया कोलम्बिया ने 1970 और 80 के दशकों में कई बार इस परियोजना को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया लेकिन बात कभी आगे नहीं बढ़ी राय ने इस परियोजना की असफलता के कारण 1980 के एक साइट एण्ड साउंड (Sight & Sound) प्रारूप में गिनाए हैं, और अन्य विवरण इनके आधिकारिक जीवनी लेखक एंड्रू रॉबिनसन ने द इनर आइ (The Inner Eye, अन्तर्दृष्टि) में दिये हैं जब 1982 में ई.टी. फ़िल्म प्रदर्शित हुई तो राय ने अपने कथानक और इस फ़िल्म में कई समानताएँ देखीं राय का विश्वास था कि स्टीवन स्पीलबर्ग की यह फ़िल्म उनके कथानक के बिना सम्भव नहीं थी (हालांकि स्पीलबर्ग इसका खण्डन करते हैं) 1969 में राय ने व्यावसायिक रूप से अपनी सबसे सफल फ़िल्म बनाई — गुपी गाइन बाघा बाइन (গুপি গাইন বাঘা বাইন, गुपी गाए बाघा बजाए) यह संगीतमय फ़िल्म इनके दादा द्वारा लिखी एक कहानी पर आधारित है गायक गूपी और ढोली बाघा को भूतों का राजा तीन वरदान देता है, जिनकी मदद से वे दो पड़ोसी देशों में होने वाले युद्ध को रोकते हैं यह राय के सबसे खर्चीले उद्यमों में से थी और इसके लिए पूंजी बहुत मुश्किल से मिली राय को आखिरकार इसे रंगीन बनाने का विचार त्यागना पड़ा राय की अगली फ़िल्म थी अरण्येर दिनरात्रि (অরণ্যের দিনরাত্রি, जंगल में दिन-रात), जिसकी संगीत-संरचना चारुलता से भी जटिल मानी जाती है इसमें चार ऐसे नवयुवकों की कहानी है जो छुट्टी मनाने जंगल में जाते हैं इसमें सिमी गरेवाल ने एक जंगली जाति की औरत की भूमिका निभाई है आलोचक इसे भारतीय मध्यम वर्ग की मानसिकता की छवि मानते हैं इसके बाद राय ने समसामयिक बंगाली वास्तविकता पर ध्यान देना शुरु किया बंगाल में उस समय नक्सलवादी क्रांति जोर पकड़ रही थी ऐसे समय में नवयुवकों की मानसिकता को लेकर इन्होंने कलकत्ता त्रयी के नाम से जाने वाली तीन फ़िल्में बनाईं — प्रतिद्वंद्वी (প্রতিদ্বন্দ্বী) (1970), सीमाबद्ध (সীমাবদ্ধ) (1971) और जनअरण्य (জনঅরণ্য) (1975) इन तीनों फ़िल्मों की कल्पना अलग-अलग हुई लेकिन इनके विषय साथ मिलाकर एक त्रयी का रूप लेते हैं प्रतिद्वंद्वी एक आदर्शवादी नवयुवक की कहानी है जो समाज से मोह-भंग होने पर भी अपने आदर्श नहीं त्यागता है इसमें राय ने कथा-वर्णन की एक नयी शैली अपनाई, जिसमें इन्होंने नेगेटिव में दृश्य, स्वप्न दृश्य और आकस्मिक फ़्लैश-बैक का उपयोग किया जनअरण्य फ़िल्म में एक नवयुवक की कहानी है जो जीविका कमाने के लिए भ्रष्ट राहों पर चलने लगता है सीमाबद्ध में एक सफल युवक अधिक धन कमाने के लिए अपनी नैतिकता छोड़ देता है राय ने 1970 के दशक में अपनी दो लोकप्रिय कहानियों — सोनार केल्ला (সোনার কেল্লা, स्वर्ण किला) और जॉय बाबा फेलुनाथ (জয় বাবা ফেলুনাথ) — का फ़िल्मांकन किया दोनों फ़िल्में बच्चों और बड़ों दोनों में बहुत लोकप्रिय रहीं राय ने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध पर भी एक फ़िल्म बनाने की सोची, लेकिन बाद में यह विचार त्याग दिया क्योंकि उन्हें राजनीति से अधिक शरणार्थियों के पलायन और हालत को समझने में अधिक रुचि थी 1977 में राय ने मुंशी प्रेमचन्द की कहानी पर आधारित शतरंज के खिलाड़ी फ़िल्म बनाई यह उर्दू भाषा की फ़िल्म 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक वर्ष पहले अवध राज्य में लखनऊ शहर में केन्द्रित है इसमें भारत के गुलाम बनने के कारणों पर प्रकाश डाला गया है इसमें बॉलीवुड के बहुत से सितारों ने काम किया, जिनमें प्रमुख हैं — संजीव कुमार, सईद जाफ़री, अमजद ख़ान, शबाना आज़मी, विक्टर बैनर्जी और रिचर्ड एटनबरो 1980 में राय ने गुपी गाइन बाघा बाइन की कहानी को आगे बढ़ाते हुए हीरक राज नामक फ़िल्म बनाई जिसमें हीरे के राजा का राज्य इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान के भारत की ओर इंगित करता है इस काल की दो अन्य फ़िल्में थी — लघु फ़िल्म पिकूर डायरी (पिकू की दैनन्दिनी) या पिकु और घंटे-भर लम्बी हिन्दी फ़िल्म सदगति अन्तिम काल (1983–1992) सत्यजित राय के पिता सुकुमार राय, जिन के जीवन पर सत्यजित ने 1987 में एक वृत्तचित्र बनाया राय बहुत समय से ठाकुर के उपन्यास घरे बाइरे पर आधारित फ़िल्म बनाने की सोच रहे थे बीमारी की वजह से इसमें कुछ भाग उत्कृष्ट नहीं हैं, लेकिन फ़िल्म को सराहना बहुत मिली 1987 में उन्होंने अपने पिता सुकुमार राय के जीवन पर एक वृत्तचित्र बनाया राय की आखिरी तीन फ़िल्में उनकी बीमारी के कारण मुख्यतः आन्तरिक स्थानों में शूट हुईं और इस कारण से एक विशिष्ट शैली का अनुसरण करती हैं इनमें संवाद अधिक है और इन्हें राय की बाकी फ़िल्मों से निम्न श्रेणी में रखा जाता है इनमें से पहली, गणशत्रु (গণশত্রু), हेनरिक इबसन के प्रख्यात नाटक एन एनिमी ऑफ़ द पीपल पर आधारित है, और इन तीनों में से सबसे कमजोर मानी जाती है 1990 की फ़िल्म शाखा प्रशाखा (শাখা প্রশাখা) में राय ने अपनी पुरानी गुणवत्ता कुछ वापिस प्राप्त की इसमें एक बूढ़े आदमी की कहानी है, जिसने अपना पूरा जीवन ईमानदारी से बिताया होता है, लेकिन अपने तीन बेटों के भ्रष्ट आचरण का पता लगने पर उसे केवल अपने चौथे, मानसिक रूप से बीमार, बेटे की संगत रास आती है राय की अंतिम फ़िल्म आगन्तुक (আগন্তুক) का माहौल हल्का है लेकिन विषय बहुत गूढ़ है इसमें एक भूला-बिसरा मामा अपनी भांजी से अचानक मिलने आ पहुँचता है, तो उसके आने के वास्तविक कारण पर शंका की जाने लगती है फ़िल्म कौशल सत्यजित राय मानते थे कि कथानक लिखना निर्देशन का अभिन्न अंग है यह एक कारण है जिसकी वजह से उन्होंने प्रारंभ में बांग्ला के अतिरिक्त किसी भी भाषा में फ़िल्म नहीं बनाई अन्य भाषाओं में बनी इनकी दोनों फ़िल्मों के लिए इन्होंने पहले अंग्रेजी में कथानक लिखा, जिसे इनके पर्यवेक्षण में अनुवादकों ने हिन्दी या उर्दू में भाषांतरित किया राय के कला निर्देशक बंसी चन्द्रगुप्ता की दृष्टि भी राय की तरह ही पैनी थी शुरुआती फ़िल्मों पर इनका प्रभाव इतना महत्त्वपूर्ण था कि राय कथानक पहले अंग्रेजी में लिखते थे ताकि बांग्ला न जानने वाले चन्द्रगुप्ता उसे समझ सकें शुरुआती फ़िल्मों के छायांकन में सुब्रत मित्र का कार्य बहुत सराहा जाता है, और आलोचक मानते हैं कि अनबन होने के बाद जब मित्र चले गए तो राय की फ़िल्मों के चित्रांकन का स्तर घट गया राय ने मित्र की बहुत प्रशंसा की, लेकिन राय इतनी एकाग्रता से फिल्में बनाते थे कि चारुलता के बाद से राय कैमरा ख़ुद ही चलाने लगे, जिसके कारण मित्र ने 1966 से राय के लिए काम करना बंद कर दिया मित्र ने बाउंस-प्रकाश का सर्वप्रथम प्रयोग किया जिसमें वे प्रकाश को कपड़े पर से उछाल कर वास्तविक प्रतीत होने वाला प्रकाश रच लेते थे राय ने अपने को फ़्रांसीसी नव तरंग के ज़ाँ-लुक गॉदार और फ़्रांस्वा त्रूफ़ो का भी ऋणी मानते थे, जिनके नए तकनीकी और सिनेमा प्रयोगों का उपयोग राय ने अपनी फ़िल्मों में किया हालांकि दुलाल दत्ता राय के नियमित फ़िल्म संपादक थे, राय अक्सर संपादन के निर्णय ख़ुद ही लेते थे, और दत्ता बाकी काम करते थे वास्तव में आर्थिक कारणों से और राय के कुशल नियोजन से संपादन अक्सर कैमरे पर ही हो जाता था शुरु में राय ने अपनी फ़िल्मों के संगीत के लिए लिए रवि शंकर, विलायत ख़ाँ और अली अक़बर ख़ाँ जैसे भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञों के साथ काम किया, लेकिन राय को लगने लगा कि इन संगीतज्ञों को फ़िल्म की अपेक्षा संगीत की साधना में अधिक रुचि है साथ ही राय को पाश्चात्य संगीत का भी ज्ञान था जिसका प्रयोग वह फ़िल्मों में करना चाहते थे इन कारणों से तीन कन्या (তিন কন্যা) के बाद से फ़िल्मों का संगीत भी राय ख़ुद ही रचने लगे राय ने विभिन्न पृष्ठभूमि वाले अभिनेताओं के साथ काम किया, जिनमें से कुछ विख्यात सितारे थे, तो कुछ ने कभी फ़िल्म देखी तक नहीं थी राय को बच्चों के अभिनय के निर्देशन के लिए बहुत सराहा गया है, विशेषत: अपु एवं दुर्गा (पाथेर पांचाली), रतन (पोस्टमास्टर) और मुकुल (सोनार केल्ला) अभिनेता के कौशल और अनुभव के अनुसार राय का निर्देशन कभी न के बराबर होता था (आगन्तुक में उत्पल दत्त) तो कभी वे अभिनेताओं को कठपुतलियों की तरह प्रयोग करते थे (अपर्णा की भूमिका में शर्मिला टैगोर) समीक्षा एवं प्रतिक्रिया राय की कृतियों को मानवता और समष्टि से ओत-प्रोत कहा गया है इनमें बाहरी सरलता के पीछे अक्सर गहरी जटिलता छिपी होती है इनकी कृतियों को अन्यान्य शब्दों में सराहा गया है अकिरा कुरोसावा ने कहा, “राय का सिनेमा न देखना इस जगत में सूर्य या चन्द्रमा को देखे बिना रहने के समान है ” आलोचकों ने इनकी कृतियों को अन्य कई कलाकारों से तुलना की है — आंतोन चेखव, ज़ाँ रन्वार, वित्तोरियो दे सिका, हावर्ड हॉक्स, मोत्सार्ट, यहाँ तक कि शेक्सपियर के समतुल्य पाया गया है नाइपॉल ने शतरंज के खिलाड़ी के एक दृश्य की तुलना शेक्सपियर के नाटकों से की है – “केवल तीन सौ शब्द बोले गए, लेकिन इतने में ही अद्भुत घटनाएँ हो गईं!” जिन आलोचकों को राय की फ़िल्में सुरुचिपूर्ण नहीं लगतीं, वे भी मानते हैं कि राय एक सम्पूर्ण संस्कृति की छवि फ़िल्म पर उतारने में अद्वितीय थे राय की आलोचना मुख्यतः इनकी फ़िल्मों की गति को लेकर की जाती है आलोचक कहते हैं कि ये एक “राजसी घोंघे” की गति से चलती हैं राय ने ख़ुद माना कि वे इस गति के बारे में कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कुरोसावा ने इनका पक्ष लेते हुए कहा, “इन्हें धीमा नहीं कहा जा सकता ये तो विशाल नदी की तरह शान्ति से बहती हैं ” इसके अतिरिक्त कुछ आलोचक इनकी मानवता को सादा और इनके कार्यों को आधुनिकता-विरोधी मानते हैं और कहते हैं कि इनकी फ़िल्मों में अभिव्यक्ति की नई शैलियाँ नहीं नज़र आती हैं वे कहते हैं कि राय “मान लेते हैं कि दर्शक ऐसी फ़िल्म में रुचि रखेंगे जो केवल चरित्रों पर केन्द्रित रहती है, बजाए ऐसी फ़िल्म के जो उनके जीवन में नए मोड़ लाती है ” राय की आलोचना समाजवादी विचारधाराओं के राजनेताओं ने भी की है इनके अनुसार राय पिछड़े समुदायों के लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध नहीं थे, बल्कि अपनी फ़िल्मों में गरीबी का सौन्दर्यीकरण करते थे ये अपनी कहानियों में द्वन्द्व और संघर्ष को सुलझाने के तरीके भी नहीं सुझाते थे 1960 के दशक में राय और मृणाल सेन के बीच एक सार्वजनिक बहस हुई मृणाल सेन स्पष्ट रूप से मार्क्सवादी थे और उनके अनुसार राय ने उत्तम कुमार जैसे प्रसिद्ध अभिनेता के साथ फ़िल्म बनाकर अपने आदर्शों के साथ समझौता किया राय ने पलटकर जवाब दिया कि सेन अपनी फ़िल्मों में केवल बंगाली मध्यम वर्ग को ही निशाना बनाते हैं क्योंकि इस वर्ग की आलोचना करना आसान है 1980 में सांसद एवं अभिनेत्री नरगिस ने राय की खुलकर आलोचना की कि ये “गरीबी की निर्यात” कर रहे हैं, और इनसे माँग की कि ये आधुनिक भारत को दर्शाती हुई फ़िल्में बनाएँ साहित्यिक कृतियाँ मुख्य लेख: सत्यजित राय की साहित्यिक कृतियाँ सत्यजित राय की कहानियों के संकलन का मुखपृष्ठ राय ने बांग्ला भाषा के बाल-साहित्य में दो लोकप्रिय चरित्रों की रचना की — गुप्तचर फेलुदा (ফেলুদা) और वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर शंकु इन्होंने कई लघु-कथाएँ भी लिखीं, जो बारह-बारह कहानियों के संकलन में प्रकाशित होती थीं, और सदा उनके नाम में बारह से संबंधित शब्दों का खेल रहता था उदाहरण के लिए एकेर पिठे दुइ (একের পিঠে দুই, एक के ऊपर दो) राय को पहेलियों और बहुअर्थी शब्दों के खेल से बहुत प्रेम था इसे इनकी कहानियों में भी देखा जा सकता है – फेलुदा को अक्सर मामले की तह तक जाने के लिए पहेलियाँ सुलझानी पड़ती हैं शर्लक होम्स और डॉक्टर वाटसन की तरह फेलुदा की कहानियों का वर्णन उसका चचेरा भाई तोपसे करता है प्रोफेसर शंकु की विज्ञानकथाएँ एक दैनन्दिनी के रूप में हैं जो शंकु के अचानक गायब हो जाने के बाद मिलती है राय ने इन कहानियों में अज्ञात और रोमांचक तत्वों को भीतर तक टटोला है, जो उनकी फ़िल्मों में नहीं देखने को मिलता है इनकी लगभग सभी कहानियाँ हिन्दी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं राय के लगभग सभी कथानक भी बांग्ला भाषा में साहित्यिक पत्रिका एकशान (একশান) में प्रकाशित हो चुके हैं राय ने 1982 में आत्मकथा लिखी जखन छोटो छिलम (जब मैं छोटा था) इसके अतिरिक्त इन्होंने फ़िल्मों के विषय पर कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से प्रमुख है आवर फ़िल्म्स, देयर फ़िल्म्स (Our Films, Their Films, हमारी फ़िल्में, उनकी फ़िल्में) 1976 में प्रकाशित इस पुस्तक में राय की लिखी आलोचनाओं का संकलन है इसके पहले भाग में भारतीय सिनेमा का विवरण है, और दूसरा भाग हॉलीवुड पर केन्द्रित है राय ने चार्ली चैपलिन और अकीरा कुरोसावा जैसे निर्देशकों और इतालवी नवयथार्थवाद जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया है 1976 में ही इन्होंने एक और पुस्तक प्रकाशित की — विषय चलचित्र (বিষয় চলচ্চিত্র) जिसमें सिनेमा के विभिन्न पहलुओं पर इनके चिंतन का संक्षिप्त विवरण है इसके अतिरिक्त इनकी एक और पुस्तक एकेई बोले शूटिंग (একেই বলে শুটিং, इसको शूटिंग कहते है) (1979) और फ़िल्मों पर अन्य निबंध भी प्रकाशित हुए हैं राय ने बेतुकी कविताओं का एक संकलन तोड़ाय बाँधा घोड़ार डिम (তোড়ায় বাঁধা ঘোড়ার ডিম, घोड़े के अण्डों का गुच्छा) भी लिखा है, जिसमें लुइस कैरल की कविता जैबरवॉकी का अनुवाद भी शामिल है इन्होंने बांग्ला में मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियों का संकलन भी प्रकाशित किया सम्मान एवं पुरस्कार निधन के कुछ ही दिन पहले राय अकादमी पुरस्कार के साथ मुख्य लेख: सत्यजित राय को मिले सम्मान राय को जीवन में अनेकों पुरस्कार और सम्मान मिले ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय ने इन्हें सम्मानदायक डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की चार्ली चैपलिन के बाद ये इस सम्मान को पाने वाले पहले फ़िल्म निर्देशक थे इन्हें 1985 में दादासाहब फाल्के पुरस्कार और 1987 में फ़्राँस के लेज़्यों द’ऑनु पुरस्कार से सम्मानित किया गया मृत्यु से कुछ समय पहले इन्हें सम्मानदायक अकादमी पुरस्कार और भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किये गए मरणोपरांत सैन फ़्रैंसिस्को अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्मोत्सव में इन्हें निर्देशन में जीवन-पर्यन्त उपलब्धि-स्वरूप अकिरा कुरोसावा पुरस्कार मिला जिसे इनकी ओर से शर्मिला टैगोर ने ग्रहण किया सामान्य रूप से यह समझा जाता है कि दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने जो फ़िल्में बनाईं उनमें पहले जैसी ओजस्विता नहीं थी उनका व्यक्तिगत जीवन कभी मीडिया के निशाने पर नहीं रहा लेकिन कुछ का विश्वास है कि 1960 के दशक में फ़िल्म अभिनेत्री माधवी मुखर्जी से उनके संबंध रहे धरोहर सत्यजित राय भारत और विश्वभर के बंगाली समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक प्रतीक हैं बंगाली सिनेमा पर राय ने अमिट छाप छोड़ी है बहुत से बांग्ला निर्देशक इनके कार्य से प्रेरित हुए हैं — अपर्णा सेन, ऋतुपर्ण घोष, गौतम घोष, तारिक़ मसूद और तन्वीर मुकम्मल भारतीय सिनेमा पर इनके प्रभाव को हर शैली के निर्देशक मानते हैं, जिनमें बुद्धदेव दासगुप्ता, मृणाल सेन और अदूर गोपालकृष्णन शामिल हैं भारत के बाहर भी मार्टिन सोर्सीसी, जेम्स आइवरी, अब्बास कियारोस्तामी और एलिया काज़ान जैसे निर्देशक भी इनकी शैली से प्रभावित हुए हैं इरा सैक्स की फ़िल्म फ़ॉर्टी शेड्स ऑफ़ ब्लु (Forty Sheds of Blue, चालीस तरह के नीले रंग) बहुत कुछ चारुलता पर आधारित थी राय की कृतियों के हवाले अन्य कई फ़िल्मों में मिलते हैं, जैसे सेक्रेड ईविल (Sacred Evil, पावन दुष्टता), दीपा मेहता की तत्व त्रयी और ज़ाँ-लुक गॉडार की कई कृतियाँ 1993 में यूसी सांता क्रूज़ ने राय की फ़िल्मों और उन पर आधारित साहित्य का संकलन करना प्रारंभ किया 1995 में भारत सरकार ने फ़िल्मों से सम्बन्धित अध्ययन के लिए सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान की स्थापना की लंदन फ़िल्मोत्सव में नियमित रूप से एक ऐसे निर्देशक को सत्यजित राय पुरस्कार दिया जाता है जिसने पहली फ़िल्म में ही “राय की दृष्टि की कला, संवेदना और मानवता” को अपनाया हो 2007 में, ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन घोषणा की कि उनकी दो फेलुदा कहानियों पर रेडियो कार्यक्रम तैयार किए जाएँगे सांस्कृतिक हवाले अमरीकन कार्टून धारावाहिक द सिम्प्सन्स में अपु नहसपीमापेतिलोन के चरित्र का नाम राय के सम्मान में रखा गया था राय और माधवी मुखर्जी पहले भारतीय फ़िल्म व्यक्तित्व थे जिनकी तस्वीर किसी विदेशी डाकटिकट (डोमिनिका देश) पर छपी कई साहित्यिक कृतियों में राय की फ़िल्मों का हवाला दिया गया है — सॉल बेलो का उपन्यास हर्ज़ोग और जे. एम. कोटज़ी का यूथ (यौवन) सलमान रशदी के बाल-उपन्यास हारुन एंड द सी ऑफ़ स्टोरीज़ (Harun and the Sea of Stories, हारुन और कहानियों का सागर) में दो मछलियों का नाम “गुपी” और “बाघा” है यह भी देखें हडप्पा किस नदी के तट पर स्थित है रावी हड़प्पा सम्भ्यात के किस स्थल में विशाल स्नानगार प्राप्त हुआ है मोहनजोदड़ो गोदीबाड़ा किस हड़प्पा स्थल से प्राप्त हुआ है लौथल सिन्धु सभ्यता किस युग से सम्बन्धित है कांस्य युग से सिन्धु सभ्यता के निवासी किस घातु से अपरिचित थे लोहे से किस स्थल से नर्तकी की कांस्य प्रतिमा प्राप्त हुई है मोहनजोदड़ो से सिन्धु सभ्यता की लिपि किस प्रकार की थी चित्रात्मक सिन्धु सभ्यता के लोग किसी की पूजा करते थे मातृदेवी व पशुपति की सबसे पुराना वेद कौन सा है ऋग्वेद नवीनतम वेद का नाम अथर्ववेद कौन सा वेद गद्य व पद्य दोनो में है यजर्वेद कौन सा वेद गेय है सामवेद ऋग्वेद में कितने मण्डल, सूक्त व कितने मंत्र है मण्डल, सूक्त, मंत्र वैदिक काल में लड़ा गया प्रथम युद्ध था वैदिक सभ्यता के निर्माता कौन थे आर्य पंचम वेद किस कहा जाता है पुराणों को पुराणों की संख्या कितनी है उपनिषदों की संख्या कितनी है प्राचीनतम स्मृति कौन सी है मनु स्मृति नवीनतम स्मृति कौन सी है देव स्मृति अष्टाधायी की रचना किसनी की पाणिनि 'सत्यमेव जयते' कहां से लिया गया है मुण्डकोपनिषद से गायत्री मंत्र कहाँ से लिया गया है ऋग्वेद से भारतीय दर्शनों (शास्त्रों) संख्या कितनी है छः योग दर्शन के संपादक कौन थे पंतजलि 'असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय' कहां से लिया गया है ऋग्वेद से वेदों की संख्या कितनी है चार वैदिक काल का प्रमुख देवता इन्द्र विष्णु के किस अवतार का जन्म अभी नहीं हुआ कल्कि किस प्रकार के विवाह में वधु का मूल्य लिया जाता था असुर विवाह महात्मा बुद्ध का जन्म कहां हुआ लुम्बिनी में बुद्ध के माता व पिता का नाम महामाया व शुद्धोधन बुद्ध किस कुल से सम्बन्धित थे शाक्य बुद्ध की पत्नी व पुत्र का नाम यशोधरा व राहुल महात्मा बुद्ध का ज्ञान कहां प्राप्त हुआ बोधगया (उरूवेला) महात्मा बुद्ध के घर त्यागने की घटना को कहते है महाभिनिष्क्रमण महात्मा बु़द्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया सारनाथ में आम्रपाली कौन थी बुद्ध की शिष्या व वैशाली की नगर वधु बुद्ध के उपदेश सुनकर पांच ब्राहम्णों द्वारा बौद्ध बनने की घटना धर्मचक्र प्रवर्तन बुद्ध ने अपना सर्वाधिक समय कहां व्यतीत किया श्रावस्ती में बुद्ध के समकालीन शासक कौन थे बिम्बसार, उदयन, प्रसेनजीन, व प्रद्योत बौद्ध संघ में प्रवेश करने वाली प्रथम महिला प्रजापति गौतमी त्रिपिटक किस धर्म से संबंधित है बौद्ध धर्म से त्रिपिटक है सुत्तपिटक, विनय पिटक, व अभिधम्मपिटक महात्मा बुद्ध के प्रमुख शिष्य थे आनन्द व उपालि महात्मा बुद्ध की मुत्यु कहां हुई कुशीनगर में बुद्ध की मृत्यु को कहा जात है महापरिनिर्वाण चार आर्य सत्य व अष्टांगिक मार्ग किस धर्म से संबंधित है बौद्ध धर्म पंचमहा चिन्ह सांड, कमल, बोधिवृक्ष, घोड़ा , स्तूप प्रथम बौद्ध संगीति कहां व किसकी अध्यक्षता में व किसके काल में बनी राजग्रह, महाकस्पय, आज्ञातशतु द्वितीय बौद्ध संगीति कहां व किसकी अध्यक्षता में व किसके काल में बनी वैशाली, सावकमी तृतीय बौद्ध संगीति कहां व किसकी अध्यक्षता/किसके काल में बनी पटिलीपुत्र, भोगलीपुत्र तिरथ, अशोक चतृर्थ बौद्ध समिति कहां व किसकी अध्यक्षता में व किसके काल में बनी कुन्डलदत्त, बुद्धचरित की रचना किसने की अश्वघोष महात्म बुद्ध के घोडे का नाम कन्थक महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था कुण्डग्राम महावीर स्वामी का कुल का नाम ज्ञातक (जांत्रक) महावीर स्वामी का माता व पिता का नाम त्रिशला , सिद्धार्थ महावीर स्वामी का वास्तविक नाम वर्धमान महावीर स्वामी का ज्ञान प्राप्ति हुई जन्निग्राम महावीर स्वामी के पत्नी व पुत्री का नाम यशोदा, अन्नौजा (प्रियदर्शनी) जैन धर्म के प्रथम तीर्थकार ऋषभ देव जैन धर्म के वें तीर्थकार पार्श्वदेव महावीर स्वामी कितने वें तीर्थकार थे वें व अन्तिम प्रथम जैन समिति का आयोजन कहां हुआ था पटिलपुत्र प्रथम जैन समिति की अध्यक्षता व किसके काल में हुआ स्थूलनन्द, चन्द्रगुप्त मोर्य द्वितीय जैन समिति के आयोजन कहां हुआ वल्लभी में बुद्ध धर्म की शाखायें कौन सी है हीनयान, महायान, बज्रयान जैन धर्म के धर्मग्राथ अंग, उपांग, प्रकीर्णक स्यादवादया संशयवाद किस धर्म से सम्बन्धित है जैन धर्म जैन धर्म की प्रमुख शाखायें श्वेताम्बर दिग्मबर मगघ में शासन करने वाला प्रथम वंश हर्यक वंश नन्दवंश का संस्थापक महापद्म नन्द भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम यूरोपियन सिकन्दर सिकन्दर कहां का शासक था मकदूनिया सिकन्दर ने कब भारत में आक्रमण ई पूर्व सिकन्दर ने हाईडेस्पीच (विसरता) के युद्ध में किसे पराजित किया पौरूष सिकन्दर के घोडे का नाम बुकाफेला सिकन्दर का गुरू का नाम अरस्तु मौर्य वंश के संस्थापक कौन था चन्द्रगुप्त मोर्य अर्थशास्त्र के लेखक कौटिलय इण्डिका के लेखक मेगस्थनीज सांची के स्तूप का निर्माण किसने कराया अशोक ने मेगस्थनीज ने किसके दूत के रूप चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था सेल्यूकस मुद्रा राक्षस किसने लिखी थी विशाखदत्त अशोक ने अपने पुत्र महेन्द्र व पुत्री संघमित्रा को कहां भेजा श्रीलंका कौनसा मौर्य सम्राट जैन धर्म ग्रहण करके श्रवण बेलगोला चला गया चन्द्रगुप्त मौर्य अन्तिम मौर्य समा्रट कौन था बृहद्रथ महाभाष्य के लेखक पंतजलि पंतजालि किसके दरबार में था पुष्यमित्र शुंग के कनिष्क किस वंश का शासक था कुषागवंश का कनिष्क की राजधानी कहां थी पुरूषपुर चरक, नागार्जुन, अश्वघोष व वसुमित्र किसके दरबार में थे कनिष्क के पुरूषपुर में चैत्य का निर्माण किसने करवाया कनिष्क रेशममार्ग का संस्थापक कौन थे कनिष्क शंक संवत (कनिष्क के राज्यरोहण) की तिथि है ई मगघ में शासन करने वाला प्रथम ऐतिहासक राजवंश हर्यक वंश किस वंश को पित्रृहता यश के रूप में जाना जाता था हर्यक वंश किस पर्वतीय दर्रे से होकर भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर झील तथा कैलाश पर्वतीय घाटी के दर्शन हेतु जाते हैं माना दर्रा तिब्बत में मानसरोवर झील के पास किस नदी का उद्गम स्रोत स्थित है सिन्धु, सतलुज, ब्रह्मपुत्र कुल अक्षांशों की संख्या कितनी है विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप 'माजुली' का निर्माण करने वाली नदी हैं ब्रह्मपुत्र पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखा क्या कहलाती है देशांतर रेखा स्थल मण्डल का तात्पर्य है पृथ्वी की बाह्य पपड़ी ख़ैबर दर्रे से कौन से दो देश जुड़े हैं अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान निम्न में से किस नदी को 'बिहार का शोक' कहा जाता है कोसी वर्ष के लगभग मध्य में निम्नलिखित हिमालय दर्रों में से कौन सा एक भारत और चीन के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए पुनः खोला गया नाथुला निम्नलिखित में से कौन सी नदी दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवाहित होती है बेतवा निम्नलिखित में से किस नदी को 'उड़ीसा का शोक' कहा जाता है महानदी पृथ्वी के किस भाग में निकल और लोहे की प्रधानता है निफे निम्नलिखित में से कौन सी नदी एश्चुअरी डेल्टा नहीं बनाती है महानदी बोस्निया का सबसे प्रमुख पर्वत कौन सा है डिनैरिक आल्प्स कोला प्रायद्वीप निम्न में से किस देश में स्थित है रूस छोटानागपुर पठारी प्रदेश का सबसे प्रमुख नगर कौन सा है रांची कोचीन का जुड़वाँ नगर कौन सा है एर्नाकुलम विश्व का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र निम्न में से कौन सा है नेपाल पृथ्वी की अनुमानित आयु निम्न में से कितने वर्ष है करोड़ वर्ष सन में भारत की सबसे पहली जलविद्युत परियोजना निम्न में से कहाँ स्थापित की गयी थी शिवसमुद्रम भारत में सर्वप्रथम कोयला उत्खनन निम्न में से किस स्थान पर प्रारम्भ किया गया रानीगंज निम्न में से किसकी वृद्धि (प्रतिशत में) देश में सबसे तीव्र गति से हो रही है महिला साक्षरता निर्माण की दृष्टि से निम्न में से कौन सी चट्टान सर्वाधिक प्राचीन है आग्नेय निम्न में से कौन महाराष्ट्र में स्थित नहीं है अमरनाथ की गुफ़ाएं विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी कहाँ स्थित है फिलीपींस निम्न में से किस क्षेत्र में विश्व का सर्वाधिक पशुओं का माँस उत्पादित किया जाता है पम्पास क्षेत्र (अर्जेण्टीना) निम्न में से कौन सी स्थलाकृति ज्वालामुखी क्रिया से सम्बन्धित नहीं है गेसर निम्न में से कौन पृथ्वी का एक स्थायी खण्ड नहीं हैं हिमालय पर्वत निम्न में से कौन अधात्विक खनिज है जिप्सम यदि पृथ्वी एवं अंतरिक्ष के बीच से वायुमण्डल को हटा हुआ माना जाय तो आसमान का रंग कैसा होगा काला निम्न में से कौन सी नदी 'पक्षिपाद डेल्टा' का निर्माण करती है मिसीसिपी निम्न में से कौन सुमेलित नहीं है आयरन ऐंथ्रेसाइट सॅरीकल्चर निम्न में से किसके उत्पादन से सम्बन्धित है रेशम निम्नलिखित में से किस राज्य में सबरीमाला स्थित है केरल भारत में सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला कौन सी है अरावली पर्वतमाला ओंकारेश्वर जल विद्युत संयंत्र से ऊर्जा उत्पन्न होती है मेगावाट तुलबुल परियोजना निम्नलिखित नदी से सम्बन्धित है झेलम सरदार सरोवर परियोजना किस नदी पर चल रही है नर्मदा मालवीड प्रक्षेप की सबसे प्रमुख विशेषता निम्नलिखित में से कौन सी है शुद्ध क्षेत्रफल सर्वप्रथम 'इण्डिया' शब्द का प्रयोग भारत के लिए किस भाषा में किया गया था ग्रीक गहरी जड़ों वाली फ़सलों के लिए निम्नलिखित में से कौन सी मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है काली मिट्टी निम्नलिखित में से किस फ़सल को प्रति हेक्टेयर अधिक जल की आवश्यकता पड़ती है गन्ना निम्नलिखित में से किसकी गणना 'नक़दी फ़सल' के अंतर्गत की जाती है कपास, चाय, जूट माउण्ट एवरेस्ट (ऊंचाई, , मी) के बाद विश्व की दूसरी सर्वोच्च पर्वत श्रेणी कौन सी है माउण्ट के (गाडविन आस्टिन) नदियों द्वारा अपने किनारों पर प्राकृतिक रूप से बनाये गये बाँधों को किस नाम से जाना जाता है तटबन्ध कालीमन्तन जिस द्वीप का अंग है, वह है बोर्नियो खारी नदी जिस अपवाह तंत्र का अंग है, वह है बंगाल की खाड़ी क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा ज़िला है जैसलमेर निम्न में से कौन सी जलधारा एटलाण्टिक महासागर में हीं प्रवाहित होती है सुशिमा धारा ठण्डी तथा भारी वायु द्वारा गर्म एवं हल्की वायु के ऊपर उठा देने से निर्मित वाताग्र क्या कहलाता है शीत वाताग्र निम्नलिखित में से किस उद्योग को 'धुरी उद्योग' या 'उद्योगों का आधार' कहा जाता है लौह इस्पात उद्योग निम्नलिखित में से किसे 'प्रकृति का सुरक्षा वाल्व' कहा जाता है ज्वालामुखी हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में 'मेन सेण्ट्रल थर्स्ट' कहाँ स्थित है वृहद एवं लघु हिमालय के बीच प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पायी जाने वाली धातु कौन सी है जस्ता भारत में देश का पहला दियासलाई बनाने का कारख़ाना सन् में किस स्थान पर स्थापित किया गया था, जो आज भी सुचारु रूप से चल रहा है अहमदाबाद सूर्य के धरातल का तापमान लगभग कितना होता है ° C संध्याकाल में सर्वाधिक लाल दिखने वाला मेघ है पक्षाभ पृथ्वी के आरम्भिक वातावरण में नहीं था ऑक्सीजन बेंगुला की धारा है ठंडी महासागरीय धारा किस प्रकार के मौसम में नुकीली पत्ती वाले वन पाए जाते है साइबेरियन ऊन का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है आस्ट्रेलिया वन अनुसंधान संस्थान स्थित है देहरादून में भारत किसके कारण एक उष्णकटिबन्धीय देश कहलाता है अक्षांशीय विस्तार के कारण कोइलकारो जलविद्युत परियोजना निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है बिहार भूमध्यरेखा (°) के अतिरिक्त कौन सी अक्षांश रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में विभाजित करती है ? कुद्रेमुख लौह खनिज परियोजना निम्न में से किस राज्य में स्थित है कर्नाटक भारत में खनिज तेल के भण्डार मुख्यत: किस प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं अवसादी या परतदार भारतीय जलवायु की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता कौन सी है पवनों का विपरीत स्वभाव तमिलनाडु व आन्ध्र प्रदेश के तट का नाम है कोरोमण्डल छोटा नागपुर का पठार जिस संसाधन में समृद्ध है, वह है खनिज कोपली जिसकी सहायक नदी है, वह है ब्रह्मपुत्र भारत में मुख्य कृषि पदार्थ आयात मद हैं खाने योग्य तेल नेवल एअर स्टेशन 'गरुड़' कहाँ पर स्थित है कोच्चि दक्षिण ध्रुव लगातार सूर्य का प्रकाश प्राप्त करता है शरद अयनांत ओज़ोन परत अवस्थित है समतापमण्डल में वायुमंडल में दैनिक मौसम परिवर्तन निम्न में से किसके कारण होते हैं क्षोभमंडल वायुमण्डल में सबसे अधिक किस गैस का प्रतिशत है नाइट्रोजन निम्नलिखित में कौन सा उच्च मेघ है पक्षाभ मेघ निम्नलिखित में कौन वर्षण का प्रकार नहीं है कुहरा समुद्री तट के सहारे कोहरे के निर्माण का कारण है अभिवहन दक्षिण भारत में प्रवाहित होने वाली किस नदी का थाला सबसे बड़ा है गोदावरी शस्य गहनता की दृष्टि से भारत का सबसे समृद्ध राज्य कौन सा है पंजाब विश्व के सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत भाग कृषि योग्य है % निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले यह कहा था कि पृथ्वी गोलाकार है अरस्तू नदियों में जल प्रदूषण की माप की जाती है ऑक्सीजन की घुली हुई मात्रा से अलमत्ती बांध किस नदी पर है कृष्णा नदी रेड रिवर के डेल्टा क्षेत्र में स्थित नगर कौन सा है हनोई माकासार जलसन्धि निम्न में से किन को अलग करती है जावा एवं सारावाक न्यूमर द्वीप निम्नलिखित में से कहाँ स्थित है बंगाल की खाड़ी 'लैपीज' किस क्षेत्र से सम्बन्धित स्थालाकृति है कार्स्ट औद्योगिक नीति, में सरकारी नियंत्रण के क्षेत्र में रखे गये उद्योगों की संख्या कितनी थी कांगो नदी घाटी में किस प्रकार की जलवायु पायी जाती है भूमध्यरेखीय सन में भारत की सबसे पहली जलविधुत परियोजना निम्न में से कहाँ स्थापित की गयी थी शिवसमुद्रम भारत में सर्वप्रथम कोयला उत्खनन निम्न में से किस स्थान पर प्रारम्भ किया गया रानीगंज विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत कोटीपैक्सी कहाँ स्थित है फिलीपींस निम्न में से कौन सी स्थलाकृति ज्वालामुखी क्रिया से सम्बन्धित नहीं है गेसर नीली क्रांति निम्न में से किससे सम्बन्धित है मत्स्य पालन काली मिट्टी किस फ़सल की खेती के लिए सर्वाधिक उपयोगी होती है कपास निम्नलिखित में से कौन सी मिट्टी जैव पदार्थों से भरपूर होती है काली मिट्टी किस मिट्टी का निर्माण बैसाल्ट चट्टानों के विखण्डन से हुआ है काली मिट्टी किस मिट्टी में कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है काली मिट्टी भारत में काली कपासी मिट्टी को किस स्थानीय नाम से जाना जाता है रेगुड़ ग्रेनाइट और नाइस चट्टानों से किस प्रकार की मिट्टी का निर्माण होता है लाल मिट्टी किस मिट्टी में लोहे और एल्युमिनियम की ग्रंथियाँ पायी जाती हैं लैटेराइट निम्नलिखित में से किस मिट्टी के बारे में यह कहा जा सकता है, कि इसकी जुताई स्वतः होती रहती है काली मिट्टी लैटेराइट मिट्टी का प्रधान्य है मालाबार तटीय प्रदेश में निम्नलिखित में से कौन सी मिट्टी सूख जाने पर ईंट की तरह कठोर एवं गीली होने पर दही की तरह लिपलिपी हो जाती है लैटेराइट मिट्टी निम्नलिखित में से सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कौन सा है मानसरोवर झील देश के सर्वाधिक क्षेत्रफल पर किस प्रकार के वन पाये जाते हैं उष्णार्द्र पतझड़ वन भारत का सबसे बड़ा मूँगफली उत्पादक राज्य कौन सा है आंध्र प्रदेश निम्नलिखित में से कौन भारतीय खनिज पदार्थों का भण्डार कहलाता है छोटा नागपुर का पठार तम्बाकू के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है तीसरा भारत में आधुनिक लौह इस्पात उद्योग का वास्तविक प्रारम्भ किस स्थान पर स्थापित कारखाने के साथ हुआ कुल्टी भारत में सीमेंट उत्पादन में अग्रणी राज्य कौन सा है राजस्थान स्वतंत्रता से पूर्व कौन सा भारतीय क्षेत्र "काला पानी" के नाम से जाना जाता था अंडमान निकोबार द्वीप समूह निम्न में से कौन सा हैदराबाद का जुड़वाँ नगर है सिकन्दराबाद भारत का एकमात्र शीत मरुस्थल कौन सा है लद्दाख सुन्दरवन का डेल्टा कौन सी नदी बनाती है गंगा ब्रह्मपुत्र नाथूला दर्रा किस राज्य में स्थित है सिक्किम बोम डि ला दर्रा भारत के किस राज्य में स्थित है अरुणाचल प्रदेश गंगा और ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थान क्रमशः स्थित है उत्तराखंड तथा तिब्बत में निम्नलिखित नदियों में से किसका उद्गम स्थान भारतीय क्षेत्र में नहीं है ब्रह्मपुत्र जोजिला दर्रा किस राज्य में स्थित है जम्मू और कश्मीर तिब्बत में बहने वाली नदी सांगपो निम्नलिखित में से किससे होकर भारत में प्रवेश करती है अरुणाचल प्रदेश सिन्धु नदी की लम्बाई उतनी ही है जितनी की ब्रह्मपुत्र की यह लम्बाई कितनी है किलोमीटर निम्नलिखित में से कौन सा दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित नहीं है जैलेप्ला बुर्जिल तथा जोजिला दर्रा निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है जम्मू और कश्मीर निम्नलिखित में से कौन सी नदी अपना मार्ग बदलने के लिए जानी जाती है कोसी भारत का प्रमाणित समय किस स्थान से निश्चित किया जाता है इलाहाबाद वह काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटती है, क्या कहलाती है भूमध्य रेखा वे दो प्रमुख नदियाँ कौन सी है जो अमरकंटक पठार से निकलती है परंतु वे अलग अलग दिशाओं में बहती है नर्मदा और सोन दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी निम्न में से किस नाम से जानी जाती है गोरे निम्नलिखित नदियों में से कौन एक 'विनाशक नदी' कहलाती है कोसी गेहूँ की अच्छी खेती के लिए निम्नलिखित में से कौन सा परिस्थिति समुच्चय आवश्यक है मध्यम ताप और मध्यम वर्षा भारत और ग्रीनविच के मानक समय में कितने का अंतर है घण्टा मिनट निम्नलिखित में से किस स्थान का प्रामाणिक समय एवं स्थानीय समय लगभग एक समान है नैनी निम्नलिखित में से कौन नदी 'बंगाल का शोक' कहलाती है दामोदर तवा किसकी सहायक नदी है नर्मदा यू (U) आकार की घाटियों का विकास किस प्रकार के क्षेत्र में होता है हिमानी क्षेत्र जापान को पहले किस नाम से जाना जाता था निप्पन विश्व प्रसिद्ध 'उलंग' किस्म की चाय निम्न में से किस देश में पैदा की जाती है ताइवान सर्वप्रथम पृथ्वी की त्रिज्या मापने वाला विद्वान निम्न में से कौन था इरैटोस्थनीज विश्व बैंक एटलस () के अनुसार निम्न में से किस देश की जनसंख्या की औसत आयु सबसे कम है गिनी बिसाऊ 'बादलों के फटने' का क्या तात्पर्य है तड़ित झंझा के साथ तीव्र मूसलाधार वर्षा की असामान्य दशा भारत में सर्वोत्तम श्रेणी का संगमरमर निम्न में से किस स्थान से प्राप्त होता है मकराना निम्न में किसे 'पर्वतों का पालना' कहा जाता है भूसन्नतियों को निम्न में से कौन सा ज्वालामुखी पर्वत का उदाहरण नहीं है माउण्ट ब्लैक आदम का पुल निम्न में से किन दो देशों के बीच स्थित है भारत एवं श्रीलंका निम्नलिखित भारतीय राज्यों में से किस एक का कुल वन क्षेत्र न्यूनतम है हरियाणा वर्ष में भारत द्वारा आयात की गई निम्न वस्तुओं में से रुपयों के नाकंन में कौन शीर्षस्थ थी मोती एवं क़ीमती पत्थर विश्व के वन क्षेत्र में से किस एक के फैलाव की प्रतिशतता सर्वाधिक है शीतोष्ण शंकुवृक्षी वन विश्व की सबसे ऊँचाई पर स्थित दूरबीनी वेधशाला कहाँ स्थित है भारत में यदि एक प्रेक्षक तारों को क्षितिज से लम्बवत उठते देखता है, तो वह अवस्थित होता है विषुवत रेखा पर अरावली श्रेणियों की अनुमानित आयु क्या है मिलियन वर्ष तेल की अत्यधिक सम्भावनायुक्त 'रावा अपघट' खंड कहाँ अवस्थित है पृथ्वी की आयु का मापन किस विधि द्वारा किया किया जाता है यूरेनियम विधि सर्वोत्तम किस्म का संगमरमर कहाँ पाया जाता है मकराना उच्च दाब क्षेत्र से भूमध्य सागर की ओर चलने वाली हवाएँ होती हैं व्यापारिक हवाएँ निम्न में से सबसे छोटा महाद्वीप कौन सा है ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप निम्न में से कौन सा क्षेत्र लौह क्षेत्र है कुंद्रेमुख क्षेत्र निम्न में से अरब सागर में गिरने वाली नदी कौन सी है ताप्ती नदी निम्न एक में से कहाँ पर 'जल विद्युत गृह' स्थित है कोयना 'हल्दिया बंदरगाह' से कौन सी वस्तु आयात की जाती है पेट्रोलियम पदार्थ भारत का प्राचीनतम वलित पर्वत कौन सा है अरावली पर्वतमाला भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र कौन सा है झरिया भारत में मैग्रोव वनस्पति विस्तृत रूप में कहाँ पाई जाती है सुन्दरवन भारत में प्रथम जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र कौन सा है नीलगिरी 'ग्रांड बैंक' कहाँ स्थित है अटलांटिक महासागर प्राचीन भारतीय भौगोलिक मान्यता के अनुसार भारतवर्ष किस द्वीप का खण्ड था जम्बूद्वीप में किसकी उपज इतनी प्रचुर मात्रा में हुई कि उसे एक कीर्तिमान माना गया दलहन 'नेयवली ताप विद्युत संयंत्र' का भरण किससे किया जाता हैं तृतीयक कोयला से भारत में सबसे कम वर्षा वाला स्थान है लेह भारत में जनसंख्या घनत्त्व की दृष्टि से सबसे विरल प्रदेश कौन सा है जम्मू कश्मीर माउण्ट एवरेस्ट पर्वत किन दो देशों की सीमा बनाता है नेपाल और चीन सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH ) कहाँ से कहाँ तक है वाराणसी से कन्याकुमारी तक राजस्थान की 'इंदिरा गाँधी नहर' किस नदी से निकाली गयी है सतलज से व्यास से निम्न कथनों में से कौन सा कथन सही है बृहत ज्वार भाटा पूर्णिमा को आते हैं भारत में जस्ते का अधिकतम उत्पादक क्षेत्र कौन सा है राजस्थान निम्न में से कौन सा महाद्वीप 'प्यासी भूमि का देश' कहा जाता है आस्ट्रेलिया भारी मोटर गाड़ियों के लिये डीजल तेल को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि सस्ता ईंधन व्यय होता है भारत में निम्न में से किस राज्य में अभ्रक का सर्वाधिक उत्पादन किया जाता है झारखण्ड की जनगणना के अनुसार भारत के किस राज्य में लिंगानुपात में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई है छत्तीसगढ़ 'शिवसमुद्रम जल प्रपात' निम्न में से किस नदी पर स्थित है कावेरी नदी भारत में सर्वाधिक लम्बाई वाला रेलवे प्रखण्ड कौन सा है उत्तर रेलवे 'सारगैसो सागर' निम्न में से कहाँ स्थित है एटलाण्टिक महासागर निम्न में से कौन सी बागानी फ़सल नहीं है चावल निम्न में कौन गाय की द्विकाजी नस्ल नहीं है साहीवाल निम्न में कौन सी बकरी की नस्ल नहीं है मेवाती दूध का रंग हल्का पीला क्यों होता है कैरोटीन के कारण निम्न में से किस फ़सल की कृषि मात्र उत्तरी गोलार्द्ध में ही सीमित है चुकन्दर 'पोटवार पठार' निम्न में से किस देश में स्थित है पाकिस्तान अभी तक कौन सी 'पंचवर्षीय योजना' पूरी तरह असफल रही है तृतीय योजना निम्न में से किस उद्योग में गंधक का सर्वाधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है रसायन उद्योग जनगणना के अनुसार, भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किसकी जनसंख्या उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक है महाराष्ट्र ज्वालामुखी पर्वत 'माउंट सेंट हेल्स' कहाँ स्थित है संयुक्त राज्य अमरीका सौर मण्डल का सबसे छोटा ग्रह कौन सा है बुध ग्रह भारत में निम्न में से सबसे बड़ा पोत प्रांगण कहाँ है कोच्चि 'बैरोमीटर' के पाठ्यांक में अचानक गिरावट आ जाये, तो कौन सी दशा इंगित होती है तूफ़ानी मौसम निम्नलिखित में से कौन सा एक तारा पृथ्वी के सर्वाधिक समीप है सूर्य तारा उत्तर प्रदेश की सबसे लम्बी नहर कौन सी है शारदा नहर निम्नलिखित में से सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है बृहस्पति ग्रह निम्नलिखित शहरों में से किस शहर की आबादी सबसे ज़्यादा है बीजिंग 'पेंगुइन' चिड़िया कहाँ पाई जाती है अंटार्कटिका भारत का प्राचीनतम पर्वत कौन सा है अरावली पर्वतमाला अंग्रेजों ने भारत में अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ पर स्थापित की थी सूरत पंजाब में अमृतसर नगर को किसने स्थापित किया था गुरु रामदास भारत में प्रथम रेल लाइन का निर्माण किन दो शहरों के बीच हुआ था मुम्बई और थाणे के बीच चीनी उद्योग सबसे अधिक किस राज्य में विकसित है उत्तर प्रदेश निम्नलिखित में से किस एक के लिए 'सतारा' प्रसिद्ध है ऊष्मा विद्युत संयंत्र 'सहरिया' जनजाति के लोग कहाँ के निवासी हैं मध्य प्रदेश 'गाँधी सागर बाँध' निम्नलिखित में से किस एक का भाग है चम्बल परियोजना निम्नलिखित राष्ट्रमार्गों में से किसकी लंबाई सबसे अधिक है कोलकाता हजीरा 'सांबर झील' राजस्थान के किस नगर के सबसे निकटतम है जयपुर 'बोकारो' का तापीय बिजली घर कहाँ स्थित है झारखण्ड अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह पर निम्नलिखित उच्च न्यायालयों में से किस एक का क्षेत्राधिकार है कोलकाता भारत में फ्रांसीसियों ने अपना सबसे पहला कारख़ाना निम्न स्थानों में से कहाँ स्थापित किया था सूरत निम्न नगरों में से माध्य समुद्रतल से किसकी ऊँचाई अधिकतम है बंगलौर निम्नलिखित में से कौन सी फ़सल मृदा को नाइट्रोजन से भरपूर कर देती है मटर वायुमण्डल में प्रकाश के विसरण का क्या कारण है धूलि कण जनगणना के अनुसार निम्न राज्यों में से किस एक राज्य में अधिकतम महिला साक्षरता दर है छत्तीसगढ़ सूर्य के गिर्द एक परिक्रमा लगाने के लिए निम्न में से कौन सा एक ग्रह अधिकतम समय लेता है बृहस्पति ग्रह बौद्धों की अधिकतम संख्या कहाँ पाई जाती है महाराष्ट्र में भारत में प्रथम बार रेल कब चली भारत के किस राज्य में 'नागार्जुन सागर परियोजना' है आंध्र प्रदेश भारत में सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक प्रदेश कौन सा है उत्तर प्रदेश अजंता और एलोरा गुफाएँ किस प्रदेश में स्थित हैं महाराष्ट्र 'महात्मा गाँधी सेतु' कहाँ स्थित है बिहार 'केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्थान' कहाँ स्थित है धनबाद में संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल कौन सा है सहारा मरुस्थल विक्रम साराभाई अन्तरिक्ष केन्द्र निम्न में से किस स्थान पर स्थित है तिरुअनंतपुरम भारत में जनजातियों के निर्धारण का क्या आधार है सांस्कृतिक विशेषीकरण और विभिन्न आवास राजस्थान नहर कहाँ से निकलती है सतलुज टोडा जनजाति कहाँ निवास करती है नीलगिरि की पहाड़ियों पर भारतीय मानक समय निम्नलिखित स्थानों में से किसके समीप से लिया जाता है इलाहाबाद (नैनी) निम्नांकित में से कौन सा राज्य भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है असम भारतीय चमड़े का निर्यात सबसे अधिक कहाँ किया जाता है इंग्लैंड भारत में हरित क्रांति का सर्वाधिक प्रभाव किस फ़सल पर पड़ा गेहूँ भारत में वर्षा का आधिक्य होते हुए भी यह देश प्यासी धरती समझा जाता है, इसका क्या कारण है वर्षा के पानी का तेजी से बह जाना, वर्षा के पानी का शीघ्रता से भाप बनकर उड़ जाना, वर्षा का कुछ ही महीने होना भारत में लौह अयस्क निम्न में किस क्रम की शैलों में पाया जाता है गोण्डवाना उच्चतम लवणता कहाँ पाई जाती है झील वान टर्की में गत वर्षों में नलकूप सिंचाई का सर्वाधिक शानदार विकास कहाँ हुआ है सरयू पार मैदान में मृगतृष्णा किसका उदाहरण है पूर्ण आन्तरिक परावर्तन का निम्नांकित राज्यों में से कहाँ पर साइबेरियन सारस के लिए आदर्श प्राकृतिक निवास है अरुणाचल प्रदेश उत्तर प्रदेशीय हिमालय का सर्वोच्च शिखर कौन सा है नन्दा देवी ओजोन पर्त के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है सितम्बर को ग्लोब पर दो स्थानों के बीच न्यूनतम दूरी क्या होती है अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा पर नीली क्रांति किससे सम्बन्धित है मत्स्य उत्पादन से भारत का सर्वाधिक नगरीकृत राज्य कौन सा है महाराष्ट्र जनगणना के अनुसार निम्न राज्यों में से किसका जनसंख्या घनत्व अधिकतम है पश्चिम बंगाल 'बालिआरिका' द्वीप समूह कहाँ स्थित हैं भूमध्य सागर निम्न नगरों में से कौन सा नगर कर्क रेखा के निकट स्थित है कोलकाता निम्नलिखित में से कौन सी फ़सल 'बरक घाटी' की महत्त्वपूर्ण फ़सल है पटसन सर्वोत्तम किस्म का संगमरमर कहाँ पाया जाता है मकराना निम्न राज्यों में से किसका क्षेत्रफल सबसे कम है तमिलनाडु निम्न में से कौन सा प्राकृतिक ईंधन है पेट्रोलियम किस ग्रह के चारों ओर वलय होते हैं शनि ग्रह कौन सा फल उष्ण कटिबन्धीय नहीं है सेब 'हरित क्रांति' से सर्वाधिक उत्पादन निम्न में से किस खाद्यान्न का हुआ है गेहूँ निम्न में से किस राज्य से होकर कर्क रेखा गुज़रती है बिहार भारत में सर्वाधिक कोयला भंडार किस राज्य में पाए जाते हैं झारखण्ड 'वेम्बानद झील' कहाँ पर है केरल निम्नलिखित में से कौन सा ग्रह सबसे कम समय में सूर्य का चक्कर लगाता है बुध ग्रह ओजोन परत के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है सितम्बर को उत्तर प्रदेश में दो परमाणु ऊर्जा इकाइयाँ कहाँ पर स्थापित हो रही हैं नरौरा में मध्य प्रदेश की सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति कौन सी है गोंड तिब्बत के पठार की समुद्र तल से औसत ऊँचाई कितनी है किमी केसर का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन निम्न में से किस राज्य में होता है जम्मू और कश्मीर भारतीय बागवानी विश्वविद्यालय कहाँ पर स्थित है सोलन, हिमाचल प्रदेश निम्न में से भूकम्पमापी यंत्र कौन सा है सीस्मोग्राफ़ भारत किस खनिज के उत्पादन में आत्मनिर्भर है ग्रेफाइट संगमरमर क्या है कायांतरित चट्टान मध्य प्रदेश की सर्वाधिक ऊँची चोटी कौन सी है धूपगढ़ जनजातीय लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या था कृषि भारत में ज्वारीय ऊर्जा की सर्वाधिक संभावनाएँ कहाँ पर है भावनगर भारत के कुल क्षेत्रफल में वनों का क्षेत्रफल कितना है प्रतिशत ऑस्ट्रेलिया में स्थित 'कालगुर्ली' किसके लिए विख्यात है स्वर्ण उत्पादन मध्य प्रदेश में 'कोरबा' किस खनिज के लिए जाना जाता है एल्युमिनियम उद्योग के लिए संसार की सर्वमहत्त्वपूर्ण जहाज़ी नहर कौन सी है स्वेज नहर भारत के किस राज्य का समुद्री तट सबसे अधिक लम्बा है गुजरात ज्वार भाटा सामान्यतः घण्टे में कितनी बार आता है एक निम्न में से कौन सी नदी भूमध्य रेखा को दो बार काटती है कांगो नदी 'ब्यूनस आयर्स' निम्न में से किस लिए प्रसिद्ध है डेयरी पदार्थ व माँस जलयान निर्माण में प्रथम स्थान रखने वाला एशियाई देश कौन सा है जापान भारत के किस राज्य में देश की % भैंसें पाली जाती हैं उत्तर प्रदेश कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने वाला दर्रा कौन सा है बनिहाल थार मरुस्थल में सबसे बड़ी खारे पानी की झील कौन सी है सांभर गंगा नदी किस राज्य से होकर नहीं गुजरती है हरियाणा हमारी आकाश गंगा की आकृति किस प्रकार की है स्पाइरल भारत में ताज़े जल की सबसे बड़ी झील कौन सी है वूलर झील भारत में सबसे बड़ा पश्चभूमि पत्तन कहाँ पर है मुम्बई भारत में उष्णकटिबन्धीय सदाबहार वन कहाँ पाए जाते हैं केरल काली मिट्टी किस फ़सल के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है कपास दुग्ध मेखला क्या है एक मन्दाकिनी विद्युत उत्पादन के लिए कौन सी धातु का उपयोग होता है यूरेनियम सबसे छोटा दिन किस तिथि को होता है दिसम्बर निम्न में से कौन सा अम्ल वर्षा के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदायी है कारख़ानों से निकला धुआँ महासागर में ऊँची जल तरंगें किससे उत्पन्न होती हैं चन्द्रमा से शुष्क भूमि के लिए सर्वाधिक उचित फ़सल कौन सी है मूँगफली भारत की जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में कौन सा वर्ष 'महाविभाजन का वर्ष' कहलाता है भारत में सबसे अधिक कॉफी उत्पन्न करने वाला राज्य कौन सा है कर्नाटक भारत का कौन सा राज्य सर्वाधिक 'अभ्रक' उत्पादन करता है बिहार अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में द्वीपों की संख्या कितनी है संख्या की दृष्टि से झारखण्ड की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है संथाल निम्न में से नर्मदा नदी का उद्गम स्थल क्या है अमरकंटक भारत की तटरेखा की कुल लंबाई लगभग कितनी है किलोमीटर निम्नलिखित में से कौन सा बादल अत्यधिक तीव्र वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है कापासी वर्षा 'शेवाराए पहाड़ियाँ' कहाँ अवस्थित हैं तमिलनाडु भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक का जनसंख्या घनत्त्व सबसे कम है अरुणाचल प्रदेश लक्षद्वीप में कुल कितने द्वीप हैं भारत में सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक राज्य कौन सा है उत्तर प्रदेश भारत के किस राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्त्व पाया जाता है पश्चिम बंगाल लौह अयस्क उत्पादन के लिए झारखंड का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ज़िला कौन सा है सिंहभूम 'त्रिवेणी नहर' में किस नदी से पानी आता है गंडक नदी बिहार का विभाजन कर कौन सा नया राज्य बना है झारखण्ड जमशेदपुर किस नदी के किनारे अवस्थित है स्वर्णरेखा नदी निम्नलिखित में से कौन सा स्थान बिहार में वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है बोधगया गुजरात की राजधानी कौन सी है गांधीनगर 'भाखड़ा नांगल बाँध' किस नदी पर बनाया गया है सतलुज नदी बिहार की मुख्य खाद्यान्न फ़सलें कौन सी हैं चावल, गेहूँ एवं मक्का शुष्क भूमि के लिए सर्वाधिक उचित फ़सल कौन सी है मूँगफली राजस्थान की राजधानी कौन सी है जयपुर बिहार का कौन सा शहर झारखण्ड राज्य की राजधानी बना है राँची इनमें से कौन सा सत्य है बिहार कोयले और अभ्रक का मुख्य उत्पादक राज्य है लाल रंग का दिखायी देने वाला ग्रह कौन सा है मंगल ग्रह पृथ्वी एवं चन्द्रमा के बीच स्थित अंतरिक्ष को किस नाम से जाना जाता है सिसलुनर विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत 'कोटोपैक्सी' कहाँ स्थित है इक्वेडोर 'एयर इण्डिया' का मुख्यालय कहाँ स्थित है मुम्बई 'सरिस्का पक्षी विहार' कहाँ अवस्थित है राजस्थान 'पृथ्वी की जुड़वाँ बहन' कहे जाने वाले ग्रह का नाम क्या है शुक्र ग्रह 'त्रिवेणी नहर' में किस नदी से पानी आता है गंडक नदी फल उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है द्वितीय कानपुर किसलिए प्रसिद्ध है चमड़ा उद्योग 'कुकी जनजाति' के लोग कहाँ रहते हैं मणिपुर 'इन्दिरा गाँधी नहर' कहाँ से निकलती है हरिके बाँध से 'नेशनल वुड फ़ॉसिल पार्क' कहाँ स्थित है जैसलमेर प्रथम बार मंगल ग्रह पर उतरने वाला अंतरिक्ष यान कौन सा था पाथ फ़ाइण्डर भारत में कितने राज्य तट रेखा से लगे हैं 'संगमरमर की भूमि' के नाम से प्रसिद्ध है इटली उदयपुर की जवारा खानें किस खनिज के उत्खनन के लिए प्रसिद्ध हैं जस्ता महासागरीय एवं महाद्वीपीय परतों में किसके आधार पर अंतर पाया जाता है घनत्त्व प्रायद्वीपीय भारत का कौन सा तट शीतऋतु में अधिकतम वर्षा प्राप्त करता है कोरोमण्डल तट निम्न में से कौन सा नगर 'जापान का डेट्रायट' के उपनाम से विख्यात है ओसाका खनिज पदार्थों की दृष्टि से कौन सा भारतीय क्षेत्र अधिक समृद्ध है छोटा नागपुर पठार निम्न में से कौन सा नगर दिल्ली मुम्बई मुख्य राजमार्ग पर स्थित नहीं है जोधपुर डलहौज़ी नगर नामक पर्वतीय पर्यटन केन्द्र निम्न में से किस राज्य में स्थित है हिमाचल प्रदेश 'बाबाबदून' की पहाड़ियों से निम्न में से कौन सा खनिज पदार्थ प्राप्त किया जाता है लौह अयस्क भूगोल को मानव पारिस्थितिकी के रूप में परिभाषित करने वाला विद्वान कौन है एचएचबैरोज 'कृषि अवस्थिति सिद्धांत' के प्रतिपादक कौन हैं वॉन थ्यूनेन 'विश्व वन दिवस' निम्न में से किस दिनांक को मनाया जाता है मार्च विश्व में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक देश वर्तमान में कौन सा है श्रीलंका निम्न में से कौन सी नदी प्रारम्भ में 'अरूण नदी' के नाम से जानी जाती थी कोसी नदी भारत में प्रथम बार भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किस वर्ष किया गया निम्न में से कौन सी वायुमण्डल की स्थायी गैस नहीं है कार्बन डाई आक्साइड पैंसिल बनाने में निम्न में से किस वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है सिडार शीतोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में सामान्यतः किस प्रकार की वर्षा होती है चक्रवातीय पर्वतीय क्षेत्रों में की जाने वाली 'समोच्चरेखीय जुताई' का प्रमुख उद्देश्य निम्न में से कौन सा है मृदा संरक्षण भारत के कुल उत्पादन का % से अधिक 'डोलोमाइट' निम्न में से किस क्षेत्र में भण्डारित है 'दुर्ग' (मध्य प्रदेश) 'वन पारिस्थैतिकी' निम्न मे से किस प्रकार के पारिस्थैतिकी तंत्र का उदाहरण है प्रौढ़ भारत में लम्बे रेशे वाली कपास का आयात मुख्यतः कहाँ से किया जाता है पूर्वी अफ़्रीका, मिस्र तथा सूडान, संयुक्त राज्य अमरीका, पाकिस्तान पर्वतीय क्षेत्र के निवासी निम्न में से किस व्यवसाय से सम्बन्ध नहीं रखते हैं मत्स्यन पृथ्वी पर अक्षांशीय ऊष्मा संतुलन के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कारक उत्तरदायी है वायुमण्डलीय हवाएँ, महासागरीय धाराएँ निम्न में से किन क्षेत्रों में मकानों की छतें अत्यधिक ढाल वाली बनायी जाती हैं अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्र 'भोक्सा', 'जौनसारी', 'खरवार' तथा 'थारू' जनजातियाँ किस प्रदेश में निवास करती हैं उत्तर प्रदेश सीमेंट उद्योग की स्थापना के लिए निम्न में से किसकी उपस्थिति अधिक प्रभावी होती है कोयला तथा जिप्सम जल के जलवाष्प में परिवर्तित होने की क्रिया निम्न में से क्या कहलाती है वाष्पीकरण शीतकाल में वर्षा एवं शुष्क ग्रीष्मकाल निम्न में से किस जलवायु प्रदेश की विशेषता है भूमध्यसागरीय भारत में सबसे पहले में कोयले का उत्खनन निम्न में से किस स्थान पर किया गया रानीगंज भारत में प्रथम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना का निर्माण निम्न में से किस नदी पर किया गया है दामोदर नदी चण्डीगढ़ नगर के वास्तु योजनाकार निम्न में से कौन थे कार्बूशियर देश के कुल कृषि योग्य क्षेत्र के सर्वाधिक भाग पर निम्न में से किस फ़सल की कृषि जाती है चावल विश्व के सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत भाग कृषि योग्य है % निम्न में से कौन निजी क्षेत्र के बैंकों में सर्वाधिक जमाओं वाला बैंक है ओरिएण्टल बैंक ऑफ कामर्स वायुमण्डल में ऊपर की ओर जाने पर न्यूनतम तापमान की सीमा निम्न में से किस नाम से जानी जाती है मेसोपाज ब्रह्माण्ड में किरणों का परिलक्षण निम्न में से किस मण्डल में किया जाता है आयनमण्डल भारत तथा एशिया की एकमात्र अधोभौमिक 'संजय जलविद्युत परियोजना' निम्न में से किस स्थान पर स्थित है हिमाचल प्रदेश किस राज्य में 'काजू' का सर्वाधिक उत्पादन किया जाता है केरल दिशाओं का निर्धारण मानचित्र पर किस दिशा के परिप्रेक्ष्य में किया जाता है उत्तर भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण लघु उद्योग कौन सा है हथकरघा दक्कन, काठियावाड़ तथा कच्छ, भारत की किस प्रकार की स्थाकृतियाँ हैं प्राय:द्वीप 'भारतीय सर्वेक्षण विभाग' का क्षेत्रीय कार्यालय निम्नलिखित में से किस स्थान पर स्थित है कोलकाता, बेंगळूरू, आबू देश के कुल उत्पादन का लगभग % पाइराइट्स खनिज निम्न में से किस राज्य से निकाला जाता है आंध्र प्रदेश भारत में समुद्री तटरेखा वाले राज्यों की संख्या कितनी हैं हिमालय क्षेत्र में मिलने वाली संकीर्ण तथा अनुदैर्ध्य घाटियों को किस नाम से जाना जाता है दून 'भूगोल पृथ्वी को केन्द्र मानकर अध्ययन करने वाला विज्ञान है' यह कथन किसका है वारेनियस नम बिन्दु बस्तियाँ निम्न में से किस क्षेत्र में पायी जाती हैं मरुस्थलीय निम्न में से कौन सा सागर महासागरीय मरुस्थल के रूप में पहचाना जाता है सारगैसो सागर सर्वप्रथम हरितगृह प्रभाव (ग्रीन हाउस इफेक्ट) को बताने वाला वैज्ञानिक निम्न से कौन था आर्थीनियस विश्व के किस देश में सर्वाधिक जनसंख्या पायी जाती है चीन भारत में दक्षिण पश्चिमी मानसून का समय सामान्यतः कब से कब तक होता है जून से सितम्बर निम्न में से कौन सी नदी गंगा के बायें किनारे पर नहीं मिलती है यमुना विश्व का सबसे बड़ा द्वीप है ग्रीनलैंड निम्न में से किस राज्य की जनसंख्या महिलाओं के अनुकूल है केरल सुनामी किस भाषा का शब्द है जापानी भारत में तम्बाकू का सर्वाधिक मात्रा में निर्यात करने वाला बन्दरगाह निम्न में से कहाँ स्थित है चेन्नई पृथ्वी की आकृति सर्वोत्तम ढंग से किस शब्द से स्पष्ट की जा सकती है लध्वक्ष गोलाभ से जो पठार चारों ओर से पर्वत मालाओं द्वारा घिरे होते हैं, वे क्या कहलाते हैं अंतरापर्वतीय पठार सौरमण्डल की खोज किसने की कॉपरनिकस कैगा परमाणु विद्युत संयंत्र भारत के किस राज्य में स्थित है कर्नाटक रिक्टर पैमाने पर निम्नलिखित में से किसको मापा जाता है भूकम्प की तीव्रता भारत में 'सफ़ेद क्रान्ति' का जनक किसे माना जाता है डॉ वर्गीज़ कुरियन रणथम्भौर चीता शरण स्थल कहाँ पर है राजस्थान भारत के किस राज्य में जनसंख्या घनत्व सर्वाधिक है पश्चिम बंगाल ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम कहाँ से हुआ है तिब्बत में कैलास पर्वत पूर्वी ढाल से भारत में कौन सा राज्य सबसे अधिक राज्यों की सीमाओं का स्पर्श करता है उत्तर प्रदेश भारत निम्नलिखित में से किसके उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है लोहा अंकलेश्वर क्षेत्र किसके लिए जाना जाता है खनिज तेल निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में लोहे और कोयले के सर्वाधिक भण्डार हैं छोटा नागपुर निम्नलिखित में से किस भारतीय राज्य में वन क्षेत्र न्यूनतम है हरियाणा अपने उद्गम स्थल में गंगा किस नाम से जानी जाती है अलकनन्दा नदी निम्नलिखित में से कौन सी परियोजना 'राऊरकेला स्टील प्लान्ट' को विद्युत प्रदान करती है हीराकुंड बाँध परियोजना 'पीर पांचाल श्रेणी' कहाँ पर स्थित है जम्मू और कश्मीर 'दफला' तथा 'सिंहपो' जनजातियाँ किस प्रदेश में पाई जाती हैं अरुणाचल प्रदेश भारत में कुल कितने रेलवे जोन हैं ‘राजघाट बाँध’ किस नदी पर स्थित है बेतवा नदी निम्नलिखित में से किसे ‘वेनिशिंग ओशन’ (छिपता हुआ महासागर) कहा जाता है आर्कटिक महासागर ‘बैरन द्वीप’ कहाँ पर स्थित है अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में निम्नलिखित में से कौन सा एक मरुस्थल नहीं है थारू गंगा नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है पद्मा नदी अफ़ग़ानिस्तान का अधिकतम भाग किस प्रकार का है पर्वतीय ‘एलीफेन्टा दर्रा’ किस देश में स्थित है श्रीलंका भारत में सबसे लम्बा रेलवे जोन कौन सा है उत्तरी रेलवे निम्न में से किस प्रजाति के बाल ऊन जैसे होते हैं काकेशायड विश्व की सबसे बड़ी तेलशोधनशाला कौन सी है न्यू मैक्सिको ‘टिहरी बाँध’ को किस नदी से जल प्राप्त होता है भागीरथी निम्न में से किस हवा में चक्रवतीय गति का अभाव पाया जाता है टारनैडो भारत में निम्न में से कौन सी वनस्पति प्रमुख है पतझड़ वन बहुचर्चित 'सरदार सरोवर परियोजना' निम्नलिखित में से किस राज्य में है गुजरात भारत के पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्र में निम्न में से किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है सदाबहार साबरमती नदी किस शहर के किनारे बहती है अहमदाबाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा निर्धारण किसने किया था सर कौरिल रेडक्लिफ़ भारत का पूर्वी समुद्र तट किस नाम से जाना से जाना जाता है कोरोमण्डल तट निम्नलिखित में से किसे 'पूर्व का मोती' के नाम से जाना जाता है श्रीलंका विश्व का सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है लौह इस्पात उद्योग किस देश ने सर्वप्रथम काग़ज़ बनाना प्रारम्भ किया था चीन विश्व का सबसे लम्बा रेलमार्ग कौन सा है ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग भारत का सर्वोच्च पर्वत शिखर कौन सा है गाडविन आस्टिन भूकम्पीय तरंगों का मापन निम्नलिखित में से किस यंत्र द्वारा किया जाता है सिस्मोग्राफ़ निम्नलिखित में से किस प्रकार के ज्वालामुखी की आकृति 'गोभी के फूल' जैसी होती है स्ट्राम्बोली तुल्य मानव जाति के लिए निम्न में से कौन सा वृक्ष सर्वाधिक उपयोगी है नारियल क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा कौन सा है सुन्दरवन का डेल्टा निम्नलिखित में से किस देश को 'हज़ार झीलों की भूमि' कहा जाता है फ़िनलैण्ड संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल कौन सा है सहारा निम्नलिखित नदियों में से कौन सी सबसे लम्बी नदी है अमेजन सर्वप्रथम कपास का संकर बीज किस देश ने तैयार किया था भारत 'भारतीय लाह शोध संस्थान' कहाँ स्थित है रांची पुरानी जलोढ़ मिट्टी किस नाम से जानी जाती है बांगर भारत का सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य कौन सा है केरल निम्नलिखित में से कौन सी ख़रीफ़ की फ़सल नहीं है बाजरा गेहूँ बोने का सबसे उपयुक्त मौसम कौन सा है अक्टूबर नवम्बर पकने पर टमाटर का रंग किसकी उपस्थिति के कारण लाल हो जाता है लाइकोपिन कृषि में 'हरित क्रांति' के जन्मदाता कौन हैं डॉक्टर नॉरमन बोरलॉग 'बोरलॉग पुरस्कार' किस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए वैज्ञानिकों को प्रदान किया जाता हैं कृषि यूरिया में नाइट्रोजन किस रूप में उपस्थित होता है एमाइड किस राज्य को भारत का 'अन्न भंडार' कहा जाता है पंजाब कॉफ़ी में कौन सा एल्केलॉएड पाया जाता है कैफ़ीन हल्दी में पीला रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है कुरकुमिन ज्वार के पौधे में कौन सा विषैला तत्व पाया जाता है घुरिन गुलाबी कीट किस फ़सल से सम्बंधित है कपास 'नाथुला दर्रा' किस राज्य में स्थित है सिक्किम पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत के लिए सर्वप्रथम 'सियाल' शब्द का प्रयोग किसने किया स्वेस लोएस पठार कहाँ स्थित है चीन में अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा का निर्धारण किस वर्ष किया गया था ई अन्त: सागरीय भूकम्पों द्वारा उत्पन्न समुद्री लहरों को क्या कहा जाता है सुनामी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते ग्रह का वेग अधिकतम होता है, जब सूर्य के समीप होता है एक ग्रह की अपने कक्ष में सूर्य से अधिकतम दूरी को क्या कहा जाता है अपसौर विश्व का सर्वाधिक ऊँचा पठार निम्नलिखित में से कौन सा है तिब्बत का पठार मेघ गर्जन वायुमण्डल की किस परत में होता है क्षोभ मण्डल पृथ्वी का पाँचवाँ सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है अंटार्कटिका निम्न में से कौन सा सागर हिन्द महासागर का पूर्वोत्तर भाग है अंडमान सागर आदम की चोटी किस देश में स्थित है श्रीलंका निम्न में से कौन सा देश अंगुलीनुमा झीलों के लिए प्रसिद्ध है फ़िनलैण्ड निम्न में से कौन सी नदी मुंगेर पहाड़ी से निकलती है इन्द्रावती किसी स्थान विशेष की वर्षा निर्भर करती है पर्वतों की दिशा पर जनवरी, को भारत के किस राज्य में तीव्र भूकम्प आया था गुजरात पृथ्वी के अन्दर जिस स्थान से भूकम्प की उत्पत्ति होती है, वह स्थान कहलाता है उद्गम केन्द्र उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात की प्रचंडता का अनुभव भारत में सर्वाधिक किस क्षेत्र में होता है बंगाल की खाड़ी ज्वालामुखी से लावा के अतिरिक्त शैलों तथा खनिजों के टुकड़े बाहर आते हैं, उन्हें क्या कहते हैं पाइरोक्लास्ट 'कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र' किस राज्य में है कर्नाटक निम्न में से कौन सा महासागर प्रतिवर्ष छोटा होता जा रहा है प्रशांत महासागर अब तक मिलने वाला सबसे बड़ा हीरा निम्न में से कौन सा है क्यूलिनान भारत की सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी कौन सी है जलोढ़ मिट्टी सर्वप्रथम किस देश का मृदा वर्गीकरण सम्पूर्ण रूप से में प्रकाशित हुआ संयुक्त राज्य अमरीका उत्तरी भारत में गर्मियों में चलने वाली गर्म पवन को क्या कहते हैं लू उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन कौन सा होता है जून 'हिमालय ' निम्न में से किसकी एक किस्म है मक्का 'उकटा रोग' से किसकी फ़सल को नुकसान पहुँचता है अरहर निम्न में से किस पशु को 'गरीबों की गाय' कहा जाता है बकरी भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण तिलहन फ़सल कौन सी है मूँगफली नील नदी के डेल्टा क्षेत्र में सर्दी के मौसम में कौन सी फ़सल उगायी जाती है गेंहूँ 'केन्द्रीय खनन अनुसंधान संस्थान' कहाँ स्थित है धनबाद निम्नलिखित में से किसे 'पक्षियों का महाद्वीप' नाम से जाना जाता है दक्षिण अमरीका निम्न में से किस राज्य में साइबेरियन सारस के लिए आदर्श प्राकृतिक निवास है अरुणाचल प्रदेश भारत का सर्वाधिक नगरीकृत राज्य कौन सा है महाराष्ट्र भारत में जल विद्युत शक्ति के विकास में कौन सा राज्य अग्रणी है उत्तर प्रदेश निम्नांकित नगरों में से कौन सा कर्क रेखा से निकटतम दूरी पर स्थित है जबलपुर किस तिथि को दिन और रात बराबर होते हैं सितम्बर 'इन्दिरा गाँधी नहर' का उद्गम स्थल है गाँधी सागर बाँध भारत का सबसे अधिक बाढ़ग्रस्त राज्य कौन सा है बिहार संसार की सबसे बड़ी पोतवाहक नहर कौन सी है सू नहर 'बरमूडा त्रिकोण' कहाँ अवस्थित है पश्चिमी उत्तरी अटलांटिक महासागर में विश्व की सर्वाधिक गहरी झील कौन सी है बैकाल निम्न में से कौन सा पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी के सर्वाधिक क्षेत्र पर फैला हुआ है समुद्र उत्तर प्रदेश में उगाई जाने वाली निम्न फ़सलों में से किसकी अवधि न्यूनतम है मूँग दक्षिणी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे छोटा दिन कौन सा होता है जून दिसम्बर को सूर्य ठीक किस रेखा के ऊपर होता है मकर रेखा वे हवाएँ जो ऋतु के अनुसार अपनी दिशा बदल लेती हैं, उन्हें क्या कहते हैं द्वितीयक पवनें किस ग्रह को 'जलग्रह' अथवा 'नीला ग्रह' कहा जाता है पृथ्वी कौन सा महासागर पृथ्वी का एक तिहाई भाग घेरता है प्रशांत महासागर किस महासागर की आकृति अंग्रेज़ी भाषा के अक्षर 'S' की आकृति से मिलती है अटलांटिक महासागर किस विश्व प्रसिद्ध विद्वान को 'आधुनिक मानव भूगोल' का जनक कहा जाता है फ़्रेडरिक रैटजेल विश्व के किस देश में अनुमानत: संसार का सबसे बड़ा लौह अयस्क का भंडार है रूस संसार की लगभग आधी जनसंख्या का मुख्य भोजन क्या है चावल भारत का वह कौन सा एकमात्र राज्य है, जहाँ कहवा उगाया जाता है कर्नाटक 'इंडिया' शब्द की व्युत्पत्ति किस नदी के नाम पर हुई है सिंधु नदी कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील कहाँ स्थित है तिब्बत निम्न में से किस नदी में 'गेवियलिस' (घड़ियाल) बहुतायत में पाया जाता है गंगा राजस्थान के किस ज़िले में तेल एवं प्राकृतिक गैस की संभावनाएँ अच्छी हैं जैसलमेर पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और दक्षिणी पहाड़ियों का मिलन स्थल है नीलगिरि कौन सा खगोलीय पिण्ड 'रात की रानी' कहलाता है चन्द्रमा निम्न में से आकाश का सबसे चमकदार तारा कौन सा है सिरियस हैली धूमकेतु का आवर्तकाल कितना होता है वर्ष पृथ्वी की तीन संदेन्द्री परतों में ऊपर से दूसरी परत का नाम क्या है सीमा दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा मरुस्थल कौन सा है थार धरातल पर ° अक्षांश की दूरी निम्न में से किसके बराबर होती है किमी वह काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटती है, क्या कहलाती है भूमध्य रेखा भारत का प्रामाणिक समय किस स्थान से निश्चित किया जाता है इलाहाबाद निम्न में से किस स्थान का प्रामाणिक समय एवं स्थानीय समय लगभग एक समान है नैनी निम्न में से कौन सी घटना धरातल पर नहीं घटती है सुनामी 'मानसून' शब्द का क्या तात्पर्य है हवाओं के रूख का बदलना किस महाद्वीप को 'श्वेत महाद्वीप' के नाम से जाना जाता है अंटार्कटिका बांग्लादेश में किस नदी को 'पद्मा' के नाम से पुकारा जाता है गंगा भारत की सबसे लम्बी स्थलीय सीमा किस देश के साथ में है बांग्लादेश निम्नलिखित में से कौन सा एक पत्तन गुजरात में पोत के तोड़ने एवं मरम्मत हेतु प्रसिद्ध है पाटन कोडरमा किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है तथा किस राज्य में स्थित है अभ्रक झारखण्ड निम्न में से किस राज्य की सीमा बांग्लादेश से नहीं मिलती मणिपुर निम्न में से किस राज्य की सीमाएँ भारत के अधिकतम अन्य राज्यों से मिलती हैं असम किस राज्य की राजधानी रेलवे के सम्पर्क में नहीं है त्रिपुरा भारत के निम्नलिखित किस द्वीप में सक्रिय ज्वालामुखी है बैरन भारत के दक्षिणी छोर का नाम क्या है निकोबार द्वीप में स्थित इन्दिरा पॉइन्ट न्यूमूर द्वीप कहाँ स्थित है बंगाल की खाड़ी भारत की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला कौन सी है अरावली हिमालय का विस्तार अराकान योमा कहाँ स्थित है म्यांमार में कृष्णा एवं गोदावरी नदी का डेल्टा किस राज्य में पड़ता है आन्ध्र प्रदेश दोआब' शब्द से आप क्या समझते हैं नदी की दो शाखाओं के बीच की भूमि किस राज्य में बंजर भूमि का क्षेत्रफल सर्वाधिक है जम्मू कश्मीर गंगा नदी की निम्न सहायक नदियों में से किसका मार्ग उत्तरमुखी है सोन भारत में "मरुस्थल की राजधानी" किसे कहा जाता है जैसलमेर जोग प्रपात' कहाँ पर स्थित है कर्नाटक संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल है सहारा दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन में बाईं ओर विचलन का क्या कारण है? पृथ्वी का घूर्णन भारत में निम्नलिखित में से किस प्रकार का वन सर्वाधिक वृहत क्षेत्र में पाया जाता है? उष्णकटिबन्धीय आर्द्र पर्णपाती वन सिक्किम से गुजरने वाला अक्षांश निम्नलिखित में से किस एक से भी होकर गुजरता है? राजस्थान हिमाचल प्रदेश से होकर बहने वाली नदियाँ कौन सी हैं? व्यास, चिनाव, रावी, सतलुज, यमुना निम्नलिखित में से कौन-सा एक, हिमालयी वनों का वृक्ष नहीं है? आबनूस निम्नलिखित मृदा प्रकारों में से किसमें अन्य की अपेक्षा उच्च मृत्तिका अंश होता है? वरटीसॉल स्टैक स्थलाकृति का निर्माण निम्नलिखित में से किस प्रक्रम द्वारा होता है? सागरीय लहरें शीतल शीतोष्ण प्रदेशों में लकड़ी काटना एक महत्त्वपूर्ण व्यवसाय है, क्यों? आसान परिवहन चलवासी पशुचारण किन क्षेत्रों में व्यवहार में है? मौसमी शुष्क क्षेत्र कुजबास प्रदेश में लोहा इस्पात उद्योग के व्यापक रूप से संकेन्द्रित होने के क्या कारण हैं? कोयला की उपलब्धता प्रथमतः सौरमण्डल के बारे में विश्व के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करने का श्रेय निम्न में से किस विद्वान को है? कॉपरनिकस भूगोल को एक अलग अध्ययन शास्त्र के रूप में स्थापित करने का श्रेय निम्न में से किस विद्वान को है? हिकैटियस भूमध्य सागरीय जलवायु निम्न में से किस फ़सल की कृषि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है? गेहूँ भारत के दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार पर मिलने वाली वनस्पतियों पर निम्न में से किस कारक का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है? वर्षा राजस्थान की सीमा किस पड़ोसी राज्य से सबसे कम लगती है? पंजाब निम्नलिखित में से कौन नियमित अथवा ग्रहीय पवन है? व्यापारिक पवन माही नदी घाटी परियोजना का फैलाव निम्नांकित क्षेत्र में है? राजस्थान व गुजरात भूकम्पीय तरंगों का मापन निम्नलिखित में से किस यंत्र द्वारा किया जाता है? सीस्मोग्राफ़ चक्रवातों की उत्पत्ति से सम्बन्धित 'ध्रुवीय वाताग्र सिद्धांत' का प्रतिपादन निम्नलिखित में से किसके द्वारा किया गया है? जे बर्कनीज भारत में नमक की प्राप्ति मुख्य रूप से किस स्रोत से होती है? सागरीय जल, चट्टानी नमक की परतें, झील एवं मृदा जल भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग की स्थापना कब की गई थी? समप्राय मैदानों का निर्माण नदी की किस अवस्था से होता है? वृद्धावस्था निम्न में से कौन-सी अपत्राभिकृत शैल है? संगमरमर कहाँ का ऊँट भारत भर में प्रसिद्ध है नाचना व्यापारिक रूप से मत्स्य पालन का व्यवसाय किस नाम से जाना जाता है? पिसीकल्वर 'मॅरीकल्वर' में किसका उत्पादन किया जाता है? समुद्री जीव सैलिबीज सागर कहाँ है? आर्कटिक महासागर जानवरों, वनस्पतियों एवं सूक्ष्म जीवों के अवशेष किस प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं? अवसादी निम्नलिखित में से कौन सा बादल अत्यधिक तीव्र वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है? वर्षा-स्तरी दीर्घ रेडियो तरंगें पृथ्वी की किस सतह से परावर्तित होती हैं? आयनमण्डल निम्नलिखित में से कौन-सा एक, अन्य तीनों की तुलना में अधिक सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता हैं? नवपात हिम से आच्छादित भूमि सदाबहार वन पाये जाते हैं विषुवतीय क्षेत्र में निम्न में से किसे 'भूमध्यसागर की कुंजी' कहा जाता है? जिब्राल्ट जल सन्धि गोवा की राजधानी पणजी निम्नलिखित में से किस नदी के किनारे स्थित है? माण्डवी निम्नलिखित में से कौन-सा सीमेण्ट कारख़ाना हरियाणा राज्य में स्थित है? डालमियादाद्री कांगड़ा, लाहुल तथा स्पीति घाटियाँ किस हिमालय में स्थित है? पंजाब हिमालय कराकोरम पर्वत श्रेणी, जो जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित है, का पूर्व नाम क्या था? कृष्णगिरी किसी स्थान पर ताप, वर्षा तथा हवा के दबाव की किसी निश्चित समय पर दशा को कहते हैं मौसम ग्लोब पर कुल अक्षांश रेखाओं की संख्या है हमारी पृथ्वी कितने देशांतरों में बँटी हुई है? घोल रन्ध्र का निर्माण निम्न में से किस प्रक्रम द्वारा होता है? भूमिगत जल निम्नलिखित में से कौन मानव की द्वितीयक क्रिया है? उद्योग धन्धे रिफ्ट घाटी झीलों का निर्माण किस प्रक्रम द्वारा होता है? पटल विरूपण दुग्ध उत्पादन में किस देश का प्रथम स्थान है? भारत रिहन्द बाँध किस नदी की सहायक नदी पर बनाया गया है? सोन सतत और सही दिशा की रेखा के गुणधर्म को बनाये रखने में किस प्रक्षेप का उपयोग किया जाता है? मर्केटर निम्नलिखित में से किस एक की ऊँचाई औसत समुद्र तल से सबसे अधिक है? अनइमुडी निम्नलिखित में से कौन द्वितीयक प्रदूषक है? ओज़ोन बीकानेर नहर किस नदी से निकाली गयी है? सतलुज निम्नलिखित झीलों में से किसको अभी हाल में राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है? ऊटी निम्नलिखित में से कौन सी नदी 'रिफ्ट घाटी' से होकर बहती है? नर्मदा मीठे पानी की कल्पसर परियोजना अवस्थित है? गुजरात में किस मृदा को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है? काली मृदा जंगली गधों का अभयारण्य कहाँ है? गुजरात में मणिपुर का अधिकांश धरातल है? पर्वतीय भारत में निम्न में से किस राज्य में सर्वाधिक ग्रामीण साक्षरता पाई जाती है? गोवा विश्व का सबसे व्यस्त समुद्री रास्ता कौन सा है? उत्तरी अटलांटिक महासागर समान वर्षा होने वाले क्षेत्र को जोड़ने वाली रेखा कही जाती है? आइसोहाइट देशांतरीय दूरी एक घण्टे के किस समयांतराल के बराबर होती है? डिग्री निम्न में से किस विद्वान को 'भूगोल का पिता' कहा जाता है? हिप्पार्कस निम्न में से कौन बेमेल है? अहमदाबाद- लौह-इस्पात उद्योग भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन-सी है? भाखड़ा अनार के उत्पादन में निम्न में से किसका प्रथम स्थान है? जोधपुर सर्वाधिक प्रोटीन पाया जाता है? सोयाबीन 'दक्षिण गंगोत्री' कहाँ स्थित है? अंटार्कटिका में पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विश्वसनीय जानकारी का सबसे प्रमुख स्रोत क्या है? भूकम्प विज्ञान निम्न में से किस फ़सल को सफ़ेद सोना कहते हैं कपास आम, नीम, बड़, गूलर आदि वृक्ष कौन से क्षेत्र में आते हैं प्राकृतिक वनस्पति सबसे बढ़िया कोककारी कोयला (Coking Coal) प्राप्त किया जाता है? झरिया से निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा का वाणिज्यिक स्रोत नहीं है? समुद्री ऊर्जा राजस्थान की सीमा किस पड़ोसी राज्य से सबसे अधिक लगती है मध्य प्रदेश तबा नदी किसकी सहायक नदी है? नर्मदा एडमण्ट हिलेरी एवं तेनज़िंग नोर्गे द्वारा विश्व की सर्वोच्च चोटी माउण्ट एवरेस्ट पर सबसे पहले कब विजय प्राप्त की गयी? बाकू जिसके खनन के लिए प्रसिद्ध है, वह है? खनिज तेल विश्व का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित पठार निम्नलिखित में से कौन-सा है? तिब्बत का पठार यदि नदी के वेग को दोगुना कर दिया जाय तो उसकी परिवहन शक्ति कितने गुना हो जायेगी? देश की प्रमुख मोटर निर्माता कंपनी 'मारुती उद्योग लिमिटेड' कहाँ स्थापित है? गुड़गाँव (हरियाणा) वेनेजुएला के घास के मैदान क्या कहलाते हैं? लानोज सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश कौन-सा है? भारत विश्व में केले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है भारत कौन-सी परिस्थिति में सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण होता है? पूर्ण-चन्द्र मध्य रात्रि का सूर्य दिखाई देता है दोनों ध्रुवों पर गंगा नदी- क्रम में गंगा (, किलोमीटर) के बाद दूसरी सबसे लम्बी नदी कौन सी है? यमुना छोटा नागपुर पठार की सबसे ऊँची पर्वतचोटी कौन सी है? पारसनाथ भूमिगत जल का स्रोत निम्नलिखित में से कौन सा है? वर्षा का जल तथा हिम, सहजात जल, मैग्मा जल कर्क और मकर रेखा के क्षेत्र को क्या कहते हैं? उष्ण कटिबन्ध धरती के तल का लगभग कितने प्रतिशत भाग पानी में हैं? % मकर संक्रांति को सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं- मकर रेखा पर निम्न में से कौन सा खनिज पृथ्वी की पर्पटी में प्रचुर मात्रा में मिलता है? सिलिका निम्नलिखित में कौन धात्विक खनिज है? सोना निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है? गंधक - आण्विक खनिज निम्नलिखित में से कौन-सा एक खनन क्षेत्र अन्य तीन क्षेत्रों के खनिज से भिन्न खनिज के लिए विशिष्ट है किरकुक निम्नलिखित में से कौन लौह खनिज का अयस्क नहीं है? लिग्नाइट एशिया का सबसे बड़ा लौह-इस्पात उत्पादक देश है? जापान मेसाबी रेंज किससे सम्बन्धित है? लौह अयस्क प्रसिद्ध खान चुक्कीकमाटा से किस खनिज का उत्खनन किया जाता है? ताँबा निम्नलिखित में से कौन ऊर्जा का वाणिज्यिक स्रोत नहीं है? समुद्री ऊर्जा जोहांसबर्ग निम्नलिखित में से किस लिए प्रसिद्ध है? सोने की खान निम्नलिखित में से कौन से खनिज सामान्यतः साथ-साथ पाये जाते हैं? जस्ता एवं सीसा निम्नलिखित में से किसे 'जुड़वाँ खनिज' कहा जाता है? सीसा एवं जस्ता खनिज पदार्थों की दृष्टि से भारत का कौन-सा क्षेत्र अधिक समृद्ध है? छोटानागपुर का पठार विश्व के सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत भाग कृषियोग्य है? % औद्योगिक नीति, में निम्न में से किसे राज्य के एकाधिकार वाले क्षेत्र में नहीं रखा गया था? कोयला उत्पादन पाकिस्तान के समुद्रतट का भौगोलिक नाम क्या है? मकरान तट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार भारत में कितने प्रकार की मिट्टियाँ पायी जाती हैं? क्षेत्रीय विस्तार और कृषि में महत्त्व की दृष्टि से भारतीय मिट्टियों के कितने प्रमुख वर्ग हैं? भारत की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मिट्टी कौन-सी है? जलोढ़ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पायी जाती हैं इसका प्रमुख कारण है‌‌‌‌‌‌- जलवायु, संरचना एवं उच्चावच की विविधता भारत के उत्तरी मैदान में किस मिट्टी का विस्तार अधिकतम है? जलोढ़ मिट्टी नवीन जलोढ़ मिट्टी को अन्य किस नाम से जाना जाता है? खादर पुरानी जलोढ़ मिट्टी को अन्य किस नाम से जाना जाता है? बाँगर निम्न में से कौन सर्वाधिक समृद्ध मिट्टी है? लाल मिट्टी गंगा के मैदानों की पुरानी कछारी मिट्टी कहलाती है- बाँगर निम्नलिखित में से किस प्रकार की मिट्टी के लिए न्यूनतम उर्वरक की आवश्यकता होती है? जलोढ़ मिट्टी भारत के समस्त स्थल भाग का कितना प्रतिशत जलोढ़ मिट्टी से आच्छादित है? % जलोढ़ मिट्टी में जब बालू के कणों और चीका की मात्रा लगभग बराबर होती है तो उसे क्या नाम दिया जाता है? दोमट निम्न में से कौन-सी मिट्टी प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतर क्षेत्र पर विस्तृत है? काली मिट्टी कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम मिट्टी होती है? काली मिट्टी लावा के प्रवाह से किस मिट्टी का निर्माण होता है? काली मिट्टी भारत किस गोलार्द्ध में स्थित है? उत्तरी और पूर्वी गोलार्द्ध सर्वप्रथम "इण्डिया" शब्द का प्रयोग भारत के लिए किस भाषा में किया गया? ग्रीक भारत में समुद्री तट रेखा वाले राज्यों की संख्या कितनी है? किस भारतीय राज्य की सीमा सर्वाधिक राज्यों की सीमा को स्पर्श करती है? उत्तर प्रदेश निम्नलिखित में से सबसे लम्बी तटीय रेखा वाला राज्य कौन-सा है? गुजरात भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु निम्नलिखित में से कौन-सा है? इन्दिरा प्वाइंट इन्दिरा प्वाइंट को अन्य किस नाम से जाना जाता है? पारसन प्वाइंट, ला-हि-चिंग, पिगमेलियन प्वाइंट भारत और श्रीलंका को पृथक करने वाला जलडमरूमध्य क्या कहलाता है? पाक जलसन्धि भारत की सबसे लम्बी स्थलीय सीमा किस देश के साथ लगती है? बांग्लादेश भारत की सबसे छोटी स्थलीय सीमा किस देश के साथ लगती है? भूटान दक्षिण भारत का सर्वोच्च पर्वत शिखर कौन-सा है? अनाईमुदी आर्यों ने भारत में किस दर्रे से होकर प्रवेश किया था? खैबर भारत की कौन-सी पर्वत श्रेणी नवीनतम है? हिमालय प्राय:द्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है? गोदावरी नदी नर्मदा नदी का अधिकांश भाग भारत के किस राज्य में होकर बहता है? मध्य प्रदेश आर्यो ने भारत में किस दर्रे से होकर प्रवेश किया था? ख़ैबर दर्रा ख़ैबर दर्रा स्थित है? पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बीच हिमालय पार की नदियाँ हैं? ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज निम्नलिखित में से नदियों की लम्बाई का सही अवरोही क्रम कौन-सा है? ब्रह्मपुत्र-गंगा-गोदावरी-नर्मदा 'जवाहर सुरंग' नाम किस प्राकृतिक पर्वतीय दर्रे को दिया गया है? बनिहाल दर्रा निम्नलिखित में से कौन-सा दर्रा पश्चिमी घाट पर्वतमाला में स्थित नहीं है? पीपली घाट भारत में प्रवाहित होने वाली सबसे बड़ी नदी है? गंगा गंगा नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है? पद्मा पीपली घाट दर्रा किस पर्वतीय भाग में स्थित है? अरावली निम्नलिखित में से कौन-सा पर्वतीय दर्रा लेह को श्रीनगर से जोड़ता है? ज़ोजिला गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त जलधारा किस नाम से जानी जाती है? मेघना भारत की सबसे अधिक नौगम्य दो नदियाँ हैं? गंगा और ब्रह्मपुत्र पाल घाट दर्रा निम्नलिखित में से किन दो राज्यों को जोड़ता है? केरल-तमिलनाडु तुजू दर्रा भारत को किस देश से जोड़ता है? म्यांमार आधुनिक भारत का इतिहास किसके काल में ‘बोर्ड ऑफ रेवन्यू’ की स्थापना हुई हेस्टिंग्स के किस अंग्रेज को प्रशासनिक सेवा का जनक कहा जाता है कॉर्नवालिस को कलकता में स्थित फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना किसने की लॉर्ड वेलेजली ने टैंसी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम कब लागू हुआ 1822 में बैरकपुर में सैन्य विद्रोह कब आरंभ हुआ 1824 में किस गर्वनर जनरल का कार्यकाल शिक्षा सुधारों के लिए माना जाता है विलियम बैंटिंक कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना कब और किसने की 1835 ई., विलियम बैंटिंक ने बालिका हत्या पर प्रतिबंध कब लगाया गया 1830 में किसे ‘भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता’ कहा जाता है लॉर्ड चाल्र्स मेटकॉफ को ‘इनाम कमीशन’ की स्थापना किसने की लॉर्ड डलहौजी ने किस कर व्यवस्था के अंतर्गत किसानों से उपज का 50% वसूला जाता था रैयतवाड़ी व्यवस्था नरबलि प्रथा का अंत किस गवर्नर के काल में हुआ अर्थव्यवस्था पर भारत से ब्रिटेन की ओर ‘संपत्ति के अपवहन’ का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया दादाभाई नौरोजी भारत में टेलीग्राफ लाइन किसके द्वारा शुरू की गई कलकत्ता व आगरा भारत में पहली सूती वस्त्र मिल कहाँ स्थापित की गई मुंबई भारत में अंग्रेजों की लूट किस महत्वपूर्ण घटना के बाद शुरू हुई प्लासी के युद्ध के बाद भारत में प्रथम रेलवे लाइन किसने बिछवाई जार्ज क्लार्क भारत में ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली का अधिक लाभ किसे प्राप्त हुआ जमींदार किसके द्वारा बंगाल व बिहार में स्थाई बंदोबस्त का शुभारम्भ किया गया लॉर्ड कॉर्नवालिस रैयतवाडत्री व्यवस्था कब लागू की गई 1820 ई. पहली बार औपचारिक रूप से महालवाड़ी प्रथा कब लागू की गई 1822 ई. अंग्रेजी शासन में कौन-सा क्षेत्र अफीम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था बिहार 18वीं सदी में बंगाल में वस्त्र उद्योग के पतन का क्या कारण था ब्रिटेन को निर्यात करने वाले माल पर उच्च तटकर नील कृषकों की दुर्दशा पर लिखी गई पुस्तक ‘नील दर्पण’ के लेखक कौन थे दीनबंधु मित्र अंग्रेजों द्वारा प्रथम कहवा बागान कहाँ लगाए गए वायनाडा जनपद में भारत में अंग्रेजों के समय प्रथम जनगणना किसके कार्यकाल में हुई लॉर्ड मेयो के सर टॉमस मुनरो किस भूराजस्व बंदोबस्त से संबंधित हैं रैयतवाड़ी बंदोबस्त स्थाई बंदोबस्त के तहत जमींदार को पूरे राजस्व का कितना प्रतिशत राज्य को देना तय हुआ 89% भारत में भारतीयों द्वारा 1881 ई. में स्थापित तथा उनके प्रबंध में चलने वाला सीमित देयता का प्रथम बैंक कौन सा था अवध कॉमर्शियल बैंक अंग्रेजों द्वारा पहली बार स्थाई बंदोबस्त कहाँ लागू किया गया मद्रास प्रेसीडेंसी व बंबई प्रेसीडेंसी भारत में इस्पात का उत्पादन सर्वप्रथम कब शुरू हुआ 1913 ई. रेल विभाग के लिए पृथक रूप से रेल बजट कब आरंभ हुआ 1924 ई. भारत में विकेंद्रीकरण का शुभारंभ किसके समय में हुआ लॉर्ड मेयो ‘भारत और इंग्लैंड के आर्थिक हित प्रत्येक क्षेत्र में टकराते हैं’ यह कथन किसका है जवाहर लाल नेहरू ‘पावर्टी एंड अनब्रिटिश रुल इन इंडिया’ के लेखक कौन हैं दादाभाई नौरोजी भारत में आधुनिक उद्योगों की स्थापना कब प्रारंभ हुई 1850 ई. भारत में रेलवे की स्थापना को ‘आधुनिक उद्योग की अग्रदूत/जननी’ की संज्ञा किसने दी कार्ल मार्क्स भारत में पहली पटसन मिल कहाँ स्थापित की गई रिशरा (बंगाल में) सर्वप्रथम लोहा इस्पात उद्योग की स्थापना कहाँ हुई बिहार कांग्रेस के कराची अधिवेशन (1931 ई.)के अध्यक्ष कौन थे सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत में अंग्रेजों को भूमि खरीदने व बसने की अनुमति कब मिली 1833 ई. ‘द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी रमेश चंद्र दत्त 1938 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुरोध पर राष्ट्रीय योजना समिति बनाई गई, उसके अध्यक्ष कौन थे जवाहर लाल नेहरू किसके काल में सिंचाई आयोग का गठन हुआ लॉर्ड कर्जन के काल में कृषि विभाग की स्थापना कब की गई 1872 में किस स्थान पर 1866 ई. में भीष्ण आकाल पड़ा उड़ीसा कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए मदरसा कब स्थापित किया गया 1772 में पहले समाचार-पत्र ‘बंगाल गजट’ का प्रकाशन कब हुआ 1780 में ‘गीता’ का अंग्रेजी में अनुवाद किसने किया विलियम विलकिंस ने बिजली संचलित तार सेवा पहली बार कहाँ आरंभ हुई कलकत्ता एवं आगरा के मध्य बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे जोनाथन डंकन प्रशासनिक अव्यवस्था के आधार पर डलहौजी ने कौन-सा राज्य ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया था अवध भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव कब पड़ी 1835 ई. भारत में डाक टिकट किसने आरंभ किए लॉर्ड डलहौजी अवध के स्वायत्त राज्य की संस्थापक कौन था सादत खाँ ‘बुरहान-उन-मुल्क’ ‘सुरक्षा प्रकोष्ठ नीति’ किससे संबंधित है वॉरेन हेस्टिंग्स किस भारतीय कोरॉबर्ट क्लाइव ने बिहार की दीवान बनाया राजा शिताबराय महाराणा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी कौन थे खड़क सिंह ‘स्थायी बंदोबस्त’ का सिद्धांत किसने दिया लॉर्ड कॉर्नवालिस ‘सहायक संधि’ प्रणाली के जनक कौन थे लॉर्ड वेलेजली महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र किसने पढ़कर सुनाया लॉर्ड कैनिंग रण्जीत सिंह किस मिसल से संबंधित थे सुकरचकिया किसने अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थापित की मीर कासिम बक्सर के युद्ध (1764 ई.) के समय दिल्ली का शासक कौन था शाहआलम II टीपू सुल्तान की मृत्यु कब हुई 1799 ई. डिंडीगुल क्या है तमिलनाडु के एक शहर का नाम किसके समय में कलकत्ता उच्च न्यायालय की स्थापना की गई वॉरेन हेस्टिंग्स ब्रिटिश भारतीय राज्य क्षेत्र के विस्तार का अंत किसके समय में हुआ डफरिन के समय ठगों का दमन किसने किया कर्नल स्लीमेन किसने ग्रामीण जाटों को एक सैनिक शक्ति के रूप में संगठित किया चूरामन (चूड़ामणि) किस जाट राजा को ‘जाटों का अफलातून एवं आदरणीय व विद्धान व्यक्ति’ कहा जाता है सूरजमल ‘लौहगढ़’ नामक किला किसने बनवाया बंदा बहादुर किस मुगल बादशाह के आदेश पर बंदा बहादुर की हत्या की गई फर्रुखसियर पंजाब में सिख राज्य के संस्थापक कौन थे रणजीत सिंह रणजीत सिंह ने किस स्थान पर अधिकार करने के बाद ‘महाराजा’ की उपाधि धारण की लाहौर रणजीत सिंह व अंग्रेजों के बीच कौन-सी संधि हुई अमृतसर की संधि अमृतसर की संधि किस नदी के दोनों ओर के राज्य क्षेत्रों के बीच सीमा निर्धारित करती थी सतलज नदी भारत के किस गवर्नर जनरल के समय सिंध का विलय अंग्रेजी राज्य में किया गया लॉर्ड एलनबरो सिंध विजय का श्रेय किसे दिया जाता है सर चाल्र्स नेपियर भारत में सहायक संधि का जन्मदाता कौन है डुप्ले सहायक संधि को सुनिश्चित एवं व्यापक स्वरुप किसने प्रदान किया लॉर्ड वेलेजली पंजाब के राज रणजीत सिंह की राजधानी कहाँ थी लाहौर गोद प्रथा प्रतिबंध किस गवर्नर जनरल ने लगाया था लॉर्ड डलहौजी ने डेनमार्क की प्रथम व्यापारिक कंपनी का गठन कब हुआ 1616 में वांडीवाश के युद्ध में अंग्रेजों का नेतृत्व किसने किया सर आयर कूट ने चंद्रनगर की बस्ती फ्रांसीसियों को किसने भेंट की शाइस्ता खाँ मुगल बादशाह ने किसे ‘नवाब की पदवी’ प्रदान की डुप्ले को पांडिचेरी का गवर्नर जनरल बनने से पूर्व डुप्ले को कहां का गवर्नर नियुक्त किया गया था चंद्रनगर डुप्ले के बाद पांडिचेरी का गवर्नर जनरल कौन बना गोडेहू पुर्तगालियों ने गोवा पर अधिकार कब किया 1510 में पुर्तगालियों ने सर्वप्रथम भारत में कौन-सी फसल की खेती आरंभ की तंबाकू की खेती किसके शासन काल में अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा किया शाह आलम II ‘मुंशी शिवगाँव की संधि’ किस युद्ध के पश्चात् हुई पालखेड़ा के युद्ध के बाद ‘संगोला की संधि’ कब हुई 1750 में ‘इलाहाबाद की संधि’ कब हुई 1765 में ईस्ट इंडिया कंपनी को मान्यता कब मिली 1600 ई. पांडिचेरी की स्थापना कब हुई 1674 ई. पांडिचेरी की स्थापना किसने की फ्रांसिस मार्टिन ने अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसिसियों से कब छीना 1761 ई. रॉबर्ट क्लाइव का उत्तराधिकारी कौन था वॉरेन हेस्टिंग्स भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था लॉर्ड विलियम बैंटिंक ‘राज्य हड़प की नीति’ या ‘राज्यक्षय’ किसके द्वारा लागू की गई लॉर्ड डलहौजी राज्य हड़प नीति के अंतर्गत कौन-से भारतीय राज्य कब्जे में किए गए झाँसी, नागपुर, सतारा, जयपुर, अवध, संबलपुर भारत का प्रथम वायसराय कौन था लॉर्ड कैनिंग तीसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध को रोकने के लिए टीपू सुल्तान ने कौन-सी संधि की श्रीरंगपट्टम की संधि 1757 ई. में क्लाइव ने किसे पराजित किया सिराजुदौला प्लासी के युद्ध में अंग्रेजी सेना नेतृत्व किसने किया रॉबर्ट क्लाइव ने बक्सर का युद्ध कब हुआ 1764 ई. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किसने किया हेक्टर मुनरो सुगौली की संधि किस-किस के बीच हुई ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच टीपू सुल्तान की मृत्यु कहाँ हुई श्रीरंगपट्टम ठगी प्रथा के उन्मूलन में कौन-से गवर्नर जनरल की प्रमुख भूमिका थी विलियम बैंटिंक वोडयार किसके शासक थे मैसूर रियासत के टीपू सुल्तान की राजधानी कहाँ थी श्रीरंगपट्टनम क्लवाइव को बंगाल का गवर्नर कब बनाया गया 1757 ई. द्वैध शासन का अंत किसने किया था वॉरेन हेस्टिंग्स अंग्रेजों का सबसे अधिक विरोध किसने किया मराठों ने वह पुर्तगाली कौन था जिसने गोवा पर अधिकार कर लिया था अल्फांसो डी अल्बुकर्क भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गवर्नर जनरल कौन था वारेन हेस्टिंग्स किस यूरोपीय देश ने भारत में सबसे पहले अपना व्यापार फैलाया पुर्तगाल वास्कोडिगामा भारत कब आया 1498 ई. वास्कोडिगामा भारत में किस स्थान पर उतरा कालीकट वास्कोडिगामा कहाँ का रहने वाला था पुर्तगाल किस अंग्रेज ने सम्राट जहाँगीर के दरबार में आकर भेंट की थी सर टॉमस रो गोवा, दमन व द्वीव का उपनिवेशीकरण किसके द्वारा किया गया पुर्तगालियों द्वारा अंग्रेजों ने अपनी प्रथम कंपनी लगाने के लिए किससे अनुमति प्राप्त की जहाँगीर से अंग्रेजों ने अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ लगाई सूरत में भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की वास्कोडिगामा तृतीय कर्नाटक युद्ध की संधि का क्या नाम था पेरिस की संधि वास्कोडिगामा के कालीकट पर उतरने पर उसका स्वागत किसने किया कालीकट के राजा जमोरिन ने ब्रिटिश के साथ बेसिन की संधि किस पेशवा ने की थी बाजीराव II किस पुर्तगाली ने ‘नीले पानी की नीति’ अपनाई फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है अल्फांसो डी अल्बुकर्क पुर्तगालियों का भारत का पहला गवर्नर कौन था फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत आने वाला प्रथम डच नागरिक कौन था कारनेलिस डहस्तमान डचों ने गोवा पर आक्रमण कब किया 1639 में डुप्ले भारत का फ्रेंच गवर्नर कब बना 1742 में जहाँगीर ने किसे ‘खान’ की उपाधि दी हॉकिंस आगरा व सीकरी पहुंचने वाला अंग्रेज व्यापारी कौन था रॉल्फ फिच डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री 1605 ई. में कहाँ स्थापित की मसूलीपट्टनम भारत का कौन-सा नगर द्वीप पर निर्मित है मुंबई पुर्तगालियों ने पहली व्यापारिक कोठी कहाँ खोली कोचीन में अंग्रेजों ने अपनी पहली फैक्ट्री कब लगाई 1612 ई. किस शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को ‘दीवानी’ प्रदान की शाहआलम II भारत में पहली बार मुद्रण मशीन का स्थापना किसने की पुर्तगालियों ने इंटरलोपर्स कौन थे अनाधिकृति व्यापारियों के रूप में सामुद्रिक लुटेरे उस समय भारत का बादशाह कौन था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई अकबर किस वर्ष फ्रांस की सरकार ने भारत में स्थित फ्रांसीसी बस्तियों का अधिकार भारत सरकार को सौंपा था 1954 ई. वांडीवाश का युद्ध कब हुआ 1760 ई. मध्यकालीन भारत खजुराहों के मंदिर कहाँ स्थित हैं मध्य प्रदेश हवा महल कहाँ स्थित है जयपुर बड़ा इमामबाड़ा कहाँ स्थित है लखनऊ चेतक घोड़ा किससे संबंधित है राणा प्रताप बीजागणित के क्षेत्र में अपने विशेष योगदान के लिए किसे जाना जाता है भास्कर सबसे पुराना वाद्य यंत्र कौन-सा है वीणा किस वृहत मंदिर की आरंभिक कल्पना तथा निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय के राज्य काल में हुआ अंकोरवाट का मंदिर अमरावती बौद्ध स्तूप कहाँ है आंध्र प्रदेश में सलहर के युद्ध में मुगल सेना को किसने हराया शिवाजी ने सलहर का युद्ध कब हुआ था 1672 ई. किसे ‘रंगीला’ बादशाह कहा जाता है मुहम्मद शाह भारत का अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर (द्वितीय) का मकबरा कहाँ स्थित है रंगून (यंगून), म्यांमार में अहमद शाह अब्दाली ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किए 8 बार नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण कब किया 1739 ई. शिवाजी के समय कितना राजस्व वसूला जाता था भू-राजस्व का 33% ‘आगरा की जामा मस्जिद’ का निर्माण किसने कराया जहाँआरा ने किस सिख गुरु ने फारसी भाषा में जफरनामा लिखा गुरु गोविंद सिंह गुरु नानक का जीवन परिचय किस सिख गुरु ने लिखा गुरु अर्जुन देव ने औरंगजेब के शासन काल में बंगाल का नबाब कौन था मुर्शीद कुली खाँ शिवाजी की मृत्यु कब हुई 12 अप्रैल, 1680 में औरंगजेब ने ‘बीबी का मकबरा’ का निर्माण कब कराया 1679 में सामूगढ़ का युद्ध कब हुआ 1658 में जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ का वास्तविक नाम क्या था मेहरुनिशा हैदरअली मैसूर के शासक कब बने 1761 नादिरशाह कहाँ का शासक था ईरान का माधवराव नारायण पेशवा कब बने 1761 में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की नींव कब डाली 1699 ई. में किस गुरु ने विद्रोही मुगल राजकुमार की सहायता धन व मन से की थी गुरु अर्जुन देव सैय्यद बंधुओं का पतन किसके समय में हुआ मुहम्मद शाह फर्रुखसियर किसके सहयोग से मुगल बादशाह बना सैय्यद बंधु भारत पर आक्रमण करने वाले किस ईरानी शासक को ‘ईरान का नेपोलियन’ कहा जाता है नादिर शाह को किस राज्य के शासक ‘नवाब वजीर’ कहलाते थे अवध के शासक ‘आदिग्रंथ’ का समायोजन किसने किया गुरु अर्जुन देव ने मराठा राज्य मराठा राज्य संघ की स्थापना किस पेशवा के समय में हुई बालाजी विश्वनाथ मराठों ने सर्वप्रथम किसके अधीन कार्य करके अनुभव प्राप्त किया देवगिरि के यादवों के अधीन गुरिल्ला युद्ध का पथ प्रदर्शक कौन था शिवाजी शिवाजी के शासन में पेशवा किसको कहा जाता था प्रधानमंत्री को किसने शिवाजी को तोपें प्रदान की अंग्रेजी ने शिवाजी और मुगलों के बीच कौन-सी संधि हुई पुरंदर की संधि शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ रायगढ़ शिवाजी के साम्राज्य की राजधानी कहाँ हुआ रायगढ़ पानीपत का तृतीय युद्ध कब हुआ 1761 ई. पानीपत का तृतीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ पेशवा बाजीराव II और अहमदशाह अब्दाली शिवाजी सबसे अधिक किसके प्रभावित थे जीजाबाई से ‘अष्ट प्रधान’ परिषद किसके शासन काल में थी शिवाजी शिवाजी के संरक्षक एवं राजनीतिक गुरु कौन थे दादा जी कोंड देव किस मराठा सरदार ने सबसे पहले लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया पेशवा बाजीराव II ‘सरेजामी’ प्रथा किससे संबंधित हैं मराठा भू-राजस्व व्यवस्था बीजापुर के सुल्तान ने किस सरदार को शिवाजी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए भेजा अफजल खाँ मुगलों की कैद से भागने के समय शिवाजी किस जेल में थे आगरा की जेल ग्वालियर राज्य की स्थापना किसने की जीवाजीराव सिंधिया किस इतिहासकार ने पानीपत की लड़ाई को स्वयं देखा काशीराज पंडित शिवाजी को ‘पहाड़ी चूहा व साहसी डाकू’ किसने कहा था औरंगजेब ने शिवाजी औरंगजेब के दरबार में आगरा कब उपस्थित हुए 1666 ई. मराठा शासन को किसने सरल और कारगर बनाया बालाजी विश्वनाथ ने शिवाजी का अंतिम सैन्य अभियान कौन-सा था कर्नाटक अभियान शिवाजी के ‘अष्ट प्रधान’ का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख रेख करता था, उसे क्या कहा जाता था सुमंत मराठा शासन में सर-ए-नौबत का क्या अर्थ था सेनापति किस मराठा सरदार ने 1758-59 में पंजाब पर विजय प्राप्त की रघुनाथ राव किस मराठा सरदार ने सेना का गठन यूरोपीय ढंग से किया था महदाजी सिंधिया ने शिवाजी का जन्म कहाँ हुआ था शिवनेर किले में किस भाषा को शिवाजी ने अपने दरबार में लागू किया मराठी भाषा को शिवाजी से लड़ने के लिए जयसिंह को किस मुगल शासक ने भेजा था औरंगजेब ने शिवाजी का राज्यभिषेक कब हुआ 1674 में शिवाजी की आय का मुख्य साधन क्या था चौथ ‘झलकी की संधि’ किस-किस के मध्य हुई हैदराबार के निजाम एवं बाला जी बाजीराव के मध्य खेड़ा का युद्ध कब हुआ 1707 में पालखेड़ा का युद्ध कब हुआ 1728 में मुगल साम्राज्य किसके शासन काल में मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ की रचना की शेरशाह किस मुगल शासक ने दो बार शासन किया हुमायूँ किस युद्ध को जीतने के बाद शेरशाह ने अफगान सत्ता की स्थापना की बिलग्राम का युद्ध बिलग्राम के युद्ध को दूसरे किस नाम से जाना जाता है कन्नौज का युद्ध अकबर के समय भारत में किस प्रसिद्ध महिला शासक का शासन था रानी दुर्गावती बाबर के मुस्लिम कानून-नियमों का संग्रह किसमें है मुबायीन किस इतिहासकार ने शाहजहाँ के काल को मुगल शासन का स्वर्ण युग कहा था ए. एल. श्रीवास्तव ‘जाब्ती प्रणाली’ का जन्मदाता कौन था शेरशाह सूरी पानीपत के युद्ध में बाबर की जती का क्या कारण था सैन्य कुशलता ‘जवाबित’ का संबंध किससे था राज्य कानून से ईरान के शाह और मुगल शासकों का झगड़ा किस स्थान के लिए था कंधार मुमताज महल का वास्तविक नाम क्या था अर्जुमंद बानो बेगम अकबर द्वारा बनाई गई कौन-सी इमारत बौद्ध विहार की तरह है पंचमहल अकबर ने सर्वप्रथम वैवाहिक संबंध किसके साथ स्थापित किए कछवाहों के साथ औरंगजेब ने दक्षिण में किन दो राज्यों को विभाजित किया बीजापुर व गोलकुंडा किस मुगल बादशाह ने अपनी आत्मकथा फारसी में लिखी जहाँगीर ने मुगलों को नौरोज का त्यौहार कहाँ से मिला पारसियों ने कौन-सा मकबरा द्वितीय ताजमहल कहलाता है बीबी का मकबरा/शबिया-उद-दौरानी का मकबरा किस मुगल बादशाह की सेना में सबसे अधिक हिंदू सेनापति थे औरंगजेब ‘अनवर-ए-सुहैली’ ग्रंथ किसका अनुवाद है पंचतंत्र संगीतज्ञ तानसेन का मकबरा कहाँ स्थित है ग्वालियर में गुलबदन बेगम किसकी पुत्री थी बाबर की ‘महाभारत’ का फारसी अनुवाद किसके काल में हुआ अकबर किसके निर्देशन में ‘महाभारत’ का फारसी अनुवाद हुआ फैजी किस विद्धान मुसलमान का हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान है अब्दुल रहीम खान-ए-खाना हल्दी घाटी के युद्ध में अकबर का क्या उद्देश्य था राणा प्रताप को अपने अधीन लाना मुगल सम्राट अकबर के समय का प्रसिद्ध चित्रकार कौन था दशवंत धरमत का युद्ध कब हुआ 1628 ई. धरमत का युद्ध किस-किस के बीच हुआ औरंगजेब व दारा शिकोह के बीच मुगल काल में किस बंदरगाह को ‘बाबुल मक्का’ कहा जाता था सूरत एतामद-उद-दौला का मकबरा कहाँ है आगरा एतामद-उद-दौला का मकबरा किसने बनवाया था नूरजहाँ ने किस राजपूताना राज्य ने अकबर की संप्रभुत्ता स्वीकार नहीं की थी मेवाड़ किस मध्यकालीन शासक ने ‘पट्टा एवं कबूलियत’ की प्रथा आंरभ की थी शेरशाह ने अकबर ने ‘कठाभरणवाणी’ की उपाधि किस संगीतज्ञ को दी थी तानसेन अंतिम रूप से किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया कर’ को समाप्त किया मोहम्मद शाह ‘रंगीला’ ‘जो चित्रकला का शत्रु है वह मेरा शत्रु हैं’ किस मुगल शासक ने कहा था जहाँगीर ने बाबर के वंशजों की राजधानी कहाँ थी समरकंद जहीरुद्दीन बाबर का जन्म कहाँ और कब हुआ 1483 ई. में, फरगाना चंदेरी का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ बाबर और मेदिनीराय के मध्य बाबर ने अपनी आत्मकथा किस भाषा में लिखी तुर्की भाषा में कौन-सा बादशाह अपनी उदारता के कारण कलंदर के नाम से प्रसिद्ध था बाबर ‘दीन पनाह’ नगर की स्थापना किसने की हुमायूँ ने कौन-सा बादशाह सप्तहा के सातों दिन अलग-अलग कराया हुमायूँ पानीपत के द्वितीय युद्ध में किसकी पराजय हुई विक्रमादित्य फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजे का निर्माण किसने कराया अकबर ने बुलंद दरवाजे का निर्माण कब पूरा हुआ 1575 में ‘भानुचंद्र चरित’ की रचना किसने की सिद्धचंद्र ने इलाही संवत् की स्थापना किसने की अकबर ने दास प्रथा का अंत कब और किसने किया 1562 में, अकबर ने किस शासक ने ‘नूरुद्दीन’ की उपाधि धारण की जहाँगीर ने किसने ‘निसार’ नामक सिक्के का प्रचलन किया जहाँगीन ने किस शासक ने न्यान के लिए अपने महल में सोने की जंजीर लगवाई जहाँगीर ने ‘मयूर सिंहासन’ का निर्माण किसने कराया था शाहजहाँ ने ताजमहल के निर्माण में कितना समय लगा था 22 वर्ष ‘गंगालहरी’ नामक रचना किसके शासन काल में रचित हुई शाहजहाँ के काल में किस शासने अपने पिता को कैद में डाल दिया था औरंगजेब ने औरंगजेब गद्दी पर बैठने से पहले किस स्थान का गर्वनर था दक्कन ‘गुण समंदर’ की उपाधि किस शासक के धारण की शाहजहाँ ने शेरशाह का मकबरा कहाँ है सासाराम (बिहार) ‘नगीना मस्जिद’ कहाँ स्थित है आगरा में किस शासक के शासन के दौरान मुगल साम्राज्य की सीमाएं सबसे ज्यादा विस्तृत हो गईं औरंगजेब किस शासक ने मुगल राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए शाहजहाँनाबाद नगर की स्थापना की शाहजहाँ मुगल वंश का संस्थापक कौन था बाबर बाबर फरगना की गद्दी पर कब बैठा 1495 ई. फरगना वर्तमान में कहाँ स्थित है उज्बेकिस्तान में बाबर ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया पाँच बार पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ 1526 ई. पानीपत का प्रथम युद्ध किस-किस के बीच लड़ा गया बाबर व इब्राहिम लोदी बाबर ने अपनी आत्मकथा किस पुस्तक में लिखी बाबरनामा बाबरनामा का फारसी में अनुवाद किसने किया अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने ‘मुबईयान’ नामक पद्य शैली का जन्मदाता किसे माना जाता है बाबर को मुगल वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा कौन था अकबर खानवा का युद्ध कब हुआ 1527 ई. खानवा का युद्ध किस-किस के बीच हुआ राणा साँगा व बाबर हुमायूँ गद्दी पर कब बैठा 1530 ई. चौसा का युद्ध कब हुआ 1539 ई. चौसा का युद्ध किस-किस के बीच हुआ शेरशाह सूरी और हुमायूँ हुमायूँ द्वारा लड़े गए चार युद्धों का क्रम क्या है देबरा (1531), चौसा (1539 ई.) बिलग्राम (1540 ई.) व सरहिंद (1555 ई.) ‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की गुलबदन बेगम ने सूर साम्राज्य का संस्थापक कौन था शेरशाह सूरी बिलग्राम युद्ध के समय कालिंजर का शासक कौन था कीरत सिंह शेरशाह के समय में भू-राजस्व दर क्या थी उपज का 1/3 भाग मलिक मोहम्मद जायसी किसके समकालीन था शेरशाह सूरी भारत में डाक प्रथा का प्रचलन किसने किया शेरशाह सूरी पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ 1556 ई. पानीपत का द्वितीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ अकबर व हेमू के बीच ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म की शुरूआत किसने की अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम व अंतिम हिन्दू कौन था बीरबल अकबर के शासन की प्रमुख विशेषता क्या थी मनसबदारी प्रथा कौन-से सूफी संत अकबर के समकालीन थे शेख सलीम चिश्ती ‘आगरा में लाल किला’, ‘लाई दरवाजा’, ‘बुलंद दरवाजा’ किसके काल के प्रमुख बिंदु हैं अकबर ‘अनुवाद विभाग’ की स्थापना किसने की अकबर ने ‘पंचतंत्र’ का फारसी में अनुवाद किसने किया अबुल फजल किस मुगल सम्राट के काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण काल कहा जाता है अकबर मुगलों की राजकीय भाषा क्या थी फारसी ‘बुलंद दरवाजा’ किस उपलक्ष्य में अकबर ने बनवाया था गुजरात विजय जहाँगीर (सलीम) को किसके लिए याद किया जाता है न्याय के लिए जहाँगीर के शासन की मुख्य विशेषता क्या थी रानी नूरजहाँ का शासन पर नियंत्रण ‘चित्रकला का स्वर्ण युग’ किसके काल को कहा जाता है जहाँगीर श्रीनगर में स्थित शालीमार बाग व निशांत बाग किसके द्वारा निर्मित हैं जहाँगीर द्वारा आगरा स्थित ‘ताजमहल’ का निर्माण किसने कराया शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य वास्तुकार कौन था उस्ताद ईशा खान भागवद् गीता व रामायण का फारसी भाषा में अनुवाद किसने कराया दारा शिकोह ने ‘जिदा पीर’ किसे कहा जाता है औरंगजेब किस शासक ने इस्लाम न अपनाने के कारण गुरु तेग बहादुर की हत्या करवा दी थी औंरगजेब ने जजिया कर को किस शासक ने हटाया अकबर ने जजिया कर किस धर्म के लोगों से लिया जाता था हिन्दू धर्म जजिया कर को 1679 ई. में पुनः किस मुगल सम्राट ने लागू कर दिया था औरंगजेब ने बाबर की प्रसिद्ध युद्धनीति ‘तुगलकनाम नीति’ का प्रयोग सर्वप्रथम किस युद्ध में हुआ पानीपत के प्रथम युद्ध में भारत में ग्रांड ट्रंक रोड किसने बनवायी शेरशाह सूरी ‘आइन-ए-अकबरी’ किसके द्वारा लिखी गई अबुल फजल अकबर के दरबार में कौन-सा महान संगीतज्ञ था तानसेन सती प्रथा की भत्र्सना किस सम्राट ने की अकबर ने अंतिम मुगल सम्राट कौन था बहादुरशाह II अकबर के शासनकाल में भू-राजस्व सुधारों के लिए उत्तरदायी कौन था टोडरमल ‘रामचरित मानस’ के रचियता किसके समकालीन थे अकबर ने मुगल साम्राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किसने की शाहजहाँ ने अकबर की युवावस्था में उसका संरक्षक कौन था बैरम खाँ किस मुगल शासक का राज्याभिषेक दो बार हुआ औरंगजेब ग्रांड ट्रंक सड़क कहाँ से कहाँ तक जाती है कोलकाता से अमृतसर भारत में बीबी का मकबरा कहाँ स्थित है औरंगाबाद में नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण कब किया 1739 ई. नादिरशाह ने किस स्थान पर आक्रमण नहीं किया था कन्नौज शेरशाह सूरी का मकबरा कहाँ स्थित है सासाराम अकबर का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था कालानौर किस राजपूत वंश ने अकबर के सामने समर्पण नहीं किया था सिसोदिया वंश किस मुगल शासक को ‘आलमगीर’ कहा जाता था औरंगजेब को बाबर ने किस स्थान से होकर भारत में प्रवेश किया पंजाब से हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ 1576 ई. हल्दी घाटी का युद्ध किस-किस के बीच हुआ मुगलों एवं राणा प्रताप के बीच हल्दी घाटी के युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व किसने किया राजा मानसिंह ने सूफी आंदोलन कौन-सा सूफी संत यह मानता था कि भक्ति संगीत ईश्वर के निकट पहुँचने का मार्ग है मुइनुद्दीन चिश्ती भारत में सबसे अधिक चिश्ती सिलसिले किसने स्थापित किए शेख मुइनुद्दीन चिश्ती ने महिला सूफी राबिया कहाँ की थी बसरा सूफी सिलसिला किस धर्म से संबंधित है इस्लाम से इस्लामी रहस्यवादी आंदोलन को क्या कहा जाता है सूफी आंदोलन भारत में किस सूफी सिलसिले को सर्वाधिक मान्यता मिली चिश्ती को दारा शिकोह ने किस सूफी सिलसिले को अपनाया कादिरी को निजामुद्दीन औलिया ने किस सुल्तान से मिलने से इंकार कर दिया था फिरोज खिलजी से सूफी सिलसिलों में कौन-सा संगीत के विरुद्ध था नक्शबंदी सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती किसके शासन काल में भारत आये पृथ्वीराज चौहान सूफी सलीम कहाँ रहते थे फतेहपुर सीकरी में मध्यकालीन सूफियों में सबसे धनी सूफी कौन थे शेख बहाउद्दीन जकारिया दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने ‘शेख-उल-इस्लाम’ की उपाधि किसे दी शेख बहाउद्दीन जकारिया को भागवत गीता एवं योग वशिष्ठ का फारसी में अनुवाद किसने किया दारा शिकोह ने किस सूफी संत को शेख-उल-हिंद की पदवी प्रदान की गई शेख सलीम चिश्ती को मुगल बादशाह औरंगजेब को किस सूफी सिलसिले में दिलचस्पी थी नक्शबंदी ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती किसके साथ भारत आए मोहम्मद गौरी चिश्ती परंपरा का मुख्य केंद्र कौन-सा था अजमेर सूफी मत के अध्यात्मिक प्रर्वतक को क्या कहा जाता है पीर ‘नक्शबंदी सिलसिला’ की स्थापना किसने की ख्वाजा अब्दुल्ला ने किस सूफी संत को जहाँगीर ने कैद कर लिया था शेख अहमद सरहिंदी को कादिरी संप्रदाय का प्रवर्तक कौन था अब्दुल कादिर गिलानी सूफियों के आश्रम को क्या कहा जाता था खानकाह भक्ति आंदोलन भक्ति आंदोलन के प्रतिपादक कौन थे रामानुज आचार्य पंजाब में भक्ति आंदोलन के जनक कौन थे गुरु नानक कबीर के गुरु कौन थे रामानंद कबीर का जन्म कहाँ हुआ लहरतारा (काशी) कबीर की मृत्यु कहाँ हुई थी मगहर (संतकबीरनगर, उ.प्र.) महाराष्ट्र में भक्ति संप्रदाय किसकी शिक्षाओं द्वारा फैला संत ज्ञानेश्वर भक्ति आंदोलन को दक्षिणी भारत से लाकर उत्तर भारत तक प्रचारित करने वाले कौन थे रामानंद चैतन्य महाप्रभु किस संप्रदाय से जुड़े थे गौडीय संप्रदाय पुष्टि मार्ग के दर्शन की स्थापना किसने की वल्लभाचार्य किस संत ने ईश्वर को अपने पास अनुभव के लिए कीर्तन को अपना माध्यम बनाया चैतन्य महाप्रभु अद्वैतवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया शंकराचार्य ने भक्ति आंदोलन के दौरान असम में भक्ति आंदोलन को किसने चलाया शंकर देव गुरु नानक का धर्मोपदेश क्या था मानव बंधुत्व किस भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए चंडीदास ने योगदान दिया बंगाली रामानुज के अनुयायी को क्या कहा जाता था वैष्णव ‘बीजक’ के रचियता कौन है कबीरदास महात्मा बुद्ध व मीराबाई के जीवन दर्शन में कौन-सी मुख्य विशेषता समान थी संसार का दुखपूर्ण होना प्रसिद्ध भक्ति रस कवयित्री मीराबाई किसकी पत्नी थी राजकुमार भोजराज ‘यदि संस्कृत मातृभाषा है तो क्या मेरी मातृभाषा दस्युभाषा है’ यह किसका कथन है एकनाथ का भक्त तुकाराम किस मुगल सम्राट के समकालीन थे जहाँगीर किस संत ने अपने भक्ति संदेशों के प्रचार के लिए हिंदी का प्रयोग किया रामानंद शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे रामदास ‘दास बोध’ के रचियता कौन हैं रामदास गुरु नानक का जन्म कब हुआ 1469 ई. गुरु नानक का जन्म कहाँ हुआ तलवंडी सिख धर्म का संस्थापक किस सिख गुरु को माना जाता है गुरु नानक अमृतसर शहर का निर्माण किसने कराया था गुरु रामदास किस धर्म गुरु को इस्लाम न अपनाने के कारण अपना शीष कटवाना पड़ा था गुरु तेग बहादुर महात्मा गाँधी के प्रिय भजन ‘जो पीर पराई जाने रे’ के रचियता कौन हैं नरसिंह मेहता नरसिंह मेहता कहाँ के प्रमुख संत थे गुजरात ‘असम का चैतन्य’ किसे कहा जाता है शंकद देव को मुगल शासक मुहम्मदशाह किस संप्रदाय की अनुयायी था शिव नारायण का गुरुनानक का जन्म स्थल तलवंडी नामक स्थान अब किस नाम से विख्यात है ननकाना साहिब ‘रामचरित्र मानस’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की तुलसीदास ने तुलसीदास का जन्म कहाँ हुआ बाँदा जिले के राजापुर गाँव में ‘रायदासी’ संप्रदाय की स्थापना किसने की रैदास ने दैरास किसके शिष्य थे रामानंद के ‘निपख’ नामक आंदोलन किस धर्म गुरु ने चलाया दादूदयाल ने सिखों के दसवें गुरु कौन थे गुरु गोविंद सिंह धर्म दीक्षा विधि ‘पाहुल’ की स्थापना किसने की गुरु गोविंद सिंह ने सिखों का प्रमुख त्यौहार कौन-सा है बैसाखी किस सिख गुरु ने पंजाबी भाषा के लिए गुरमुखी लिपि की शुरुआत की गुरु रामदास ने विजयनगर साम्राज्य विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब व किसने की 1336 ई., हरिहर एवं बुक्का द्वारा विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली शासक कौन था कृष्णादेव राय कृष्णदेव राय शासक कब बना 1509 ई. में कृष्णदेव राय के किन यूरोपवासियों के साथ मैत्रिपूर्ण संबंध थे पुर्तगालियों के साथ विजयनगर किस नदी के तट पर स्थित है तुंगभद्रा नदी बहमनी राजाओं की राजधानी कहाँ थी गुलबर्गा में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष कहाँ प्राप्त हुए हंपी में बीजापुर में स्थित ‘गोल गुंबज’ का निर्माण किसने किया मोहम्मद आदिलशाह कृष्णदेव राय किसके समकालीन थे बाबर के विजयनगर साम्राज्य का पहला वंश संगम के नाम से जाना जाता है क्योंकि हरिहर एवं बुक्का के पिता का नाम संगम था हरिहर एवं बुक्का ने किस संत के प्रभाव में आकर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की माधव विधारण्य संगम वंश का प्रमुख शासक कौन था देवराय प्रथम किस शासन ने तुंगभद्रा नदी पर बाँध बनवाया देवराय प्रथम ने विजय नगर का संघर्ष सदैव किसके साथ रहा बहमनी राज्य के साथ विजयनगर साम्राज्य का कौन-सा स्थान गलीचा निर्माण के लिए प्रसिद्ध था कालीकाट मीनाक्षी मंदिर कहाँ स्थित है मदुरै ‘चार मीनार’ का निर्माण किसने कराया ओली कुतुबशाह गोलकुंडा कहाँ स्थित है हैदराबाद हंपी का खुला संग्राहालय किस राज्य में है कर्नाटक किस संगमवशी शासक को ‘प्रौढ़देवराय’ भी कहा जाता है देवराय द्वितीय किस शासक की उपाधि ‘गजबेतेकर’ थी देवराय द्वितीय किस विजयनगर सम्राट ने उम्मात्तूर के विद्रोही सामंत गंगराय का दमन किया कृष्ण देवराय गोलकुंडा का युद्ध किस-किस के बीच लड़ा गया कृष्ण देवराय एवं कुलीकुतुबशाह के बीच विजयनगर साम्राज्य की वित्तीय विशेषता क्या थी भू-राजस्व ‘अठवण’ का क्या अर्थ है भू-राजस्व विभाग कृष्णदेव राय के दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे आठ तेलुगु कवि शर्क सुल्तानों के शासनकाल में किस स्थान को ‘पूर्व का शिराज’ या ‘शीराज-ए-हिन्द’ कहा जाता था जौनपुर बहमनी राज्य की स्थापना किसने की अलाउद्दीन हसन बहमन शाह (हसन गंगू) कश्मीर का कौन-सा शासक ‘कश्मीर का अकबर’ के नाम से जाना जाता है जैनुल आबिदीन ‘आमुक्तमालाद’ नामक काव्य की रचना किसने की कृष्णदेव राय ने कृष्णदेव राय ने ‘आमुक्तमालाद’ की रचना किस भाषा में की तेलुगू कृष्णदेव राय का राजकवि कौन था पेदन्ना विजयनगर के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता है कृष्णदेव राय को किस युद्ध को विजयनगर साम्राज्य शासन का अंत माना जाता है तालीकोटा का युद्ध ‘तालीकोटा का युद्ध’ कब हुआ 1565 ई. विट्ठल स्वामी का मंदिर किस देवता का है विट्ठल के रूप में विष्णु का ‘शैवों का अजंता’ किसे कहा जाता है लिपाक्षी को ‘वीर पांचला’ का अर्थ क्या है अभिजात्य वर्ग ‘अनरम’ का अर्थ किससे है जागीर से विजयनगर साम्राज्य में सैनिक विभाग को किस नाम से जाना जाता था कदाचार खानदेश राज्य का संस्थापक कौन था मलिक रजा फारुकी तैमूर लंग के आक्रमण के बाद गंगा की घाटी में कौन-सा राज्य स्थापित हुआ जौनपुर ‘अहमदाबाद’ की स्थापना किसने की अहमदशाह I ‘महमूद वेगड़ा’ किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था गुजरात का बहमनी शासन को किस शासक ने चरम पर पहुँचाया महमूद गांवा बहमनी साम्राज्य से सबसे पहले कौन-सा राज्य स्वतंत्र हुआ बरार ‘टोडरमल का पूर्वगामी’ किसे कहा जाता है महमूद गांवा अदीना मस्जिद कहाँ स्थित है बंगाल में विजयनगर का प्रसिद्ध विट्ठल मंदिर कहाँ स्थित है हंपी में बहमनी साम्राज्य में सबसे अंत में कौन-सा राज्य स्वतंत्र हुआ बीदर प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल हंपी किस जिले में स्थित है वेल्लारी में अबिनव भोज की उपाधि किस शासक ने ग्रहण की कृष्णदेव राय ने तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर का नेतृत्व किसने किया रामराय ने किस शासन में वर व वधु दोनों से कर लिया जाता था विजयनगर के शासन में विजयनगर की मुद्रा का नाम क्या था पेगोड़ा बहमनी राज्य की मुद्रा क्या थी हूण बहमनी शासन में कौन रूसी यात्री आया निकितन बहमनी राज्य में कुल कितने शासक हुए 18 ‘हरविलासम’ की रचना किसने की श्रीनाथ ने किस शासक ने दहेज प्रथा को अवैधानिक घोषित किया देवराय II किस शासक को ‘जालिम’ शासक के रूप में जाना जाता है हुमायूँ शाह सल्तनत काल मोहम्मद गौरी विजयी प्रदेशों की देशभाल के लिए किस विश्वसनीय जनरल को छोड़कर गया था कुतुबुद्दीन ऐबक भारत में मुस्लिम शासन की नींव किसने डाली मोहम्मद गौरी मोहम्मद गौरी का अंतिम आक्रमण किसके विरुद्ध था पंजाब के खोखर भारत में गुलाम वंश की स्थापना किसने की 1206 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की दरबारी भाषा क्या थी फारसी आगरा शहर का निर्माण किसने कराया सिकंदर लोदी ने किस सुलतान की मृत्यु ‘चौगान’ खेलते समय हुई कुतुबुद्दीन ऐबक कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किसने कराया कुतुबुद्दीन ऐबक ‘कुतुबमीनार’ कहाँ स्थित है दिल्ली ‘कुतुबमीनार’ का शुभारंभ किसने किया कुतुबुद्दीन ऐबक ‘कुतुबमीनार’ को पूरा किसने करवाया इल्तुतमिश ने रजिया सुल्तान किसी बेटी थी इल्तुतमिश किसके शासन काल में सबसे अधिक मगोल अक्रमण हुए अलाउद्दीन खिलजी सांकेतिक मुद्रा का चलन किसने किया मोहम्मद बिन तुगलक किस सुल्तान को इतिहासकारों ने विरोधों का मिश्रण कहा मोहम्मद बिन तुगलक लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था इब्राहिम लोदी ‘इनाम’ भूमि किसे दी जाती थी विद्धान एवं धार्मिक व्यक्ति को दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाली प्रथम महिला शासक कौन थी रजिया सुल्तान दिल्ली के किस सुल्तान ने दक्षिणी भारत को पराजित करने का प्रयास किया अलाउद्दीन खिलजी विदेशी यात्री इब्नबतूता कहाँ से आया था मोरक्को से इब्नबतूता किसके शासन में भारत आया मोहम्मद बिन तुगलक किस शासक ने अपने आप को ‘खलीफा’ घोषित किया मुबारकशाह खिलजी खिलजी वंश की स्थापना कब व किसने की 13 जून, 1290 ई. को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने भारतीय इतिहास में बाजार/मूल्य नियंत्रण पद्धति की शुरुआत किसके द्वारा की गई अलाउद्दीन खिलजी अलबरुनी का पूरा नाम क्या था अबूरैहान मुहम्मद ‘11 वीं सदी के भारत का दर्पण’ किसे कहा जाता है किताब उल-हिंद दिल्ली सल्तन के किस शासक ने स्थायी सेना बनाई अलाउद्दीन खिलजी ‘गुलऊखी’ के उपनाम से कौन-सा शासक कविताएँ लिखत था सिकंदर लोदी अलाई दरवाजा किसका मुख्य द्वार है कुतुबमीनार का जलालुउद्दीन फिरोज खिलजी की हत्या किसने की अलाउद्दीन खिलजी ने अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक कौन था रामचंद्र देव सल्तनत काल में भू-राजस्व का सर्वोच्च ग्रामीण अधिकारी कौन था मलिक तैमूर लंक ने भारत पर आक्रमण कब किया 1398 ई. किस सुल्तान के दरबार में सबसे अधिक गुलाम थे बलबन किस सुल्तान ने बेरोजगारों को रोजगार दिया फिरोजशाह तुगलक किस शासक को भारत के इतिहास में ‘बुद्धिमान पागल’ शासक कहा जाता है मोहम्मद बिन तुगलक कौन-सा शासक अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद ले गया था मोहम्मद बिन तुगलक ‘तुगलकनामा’ की रचना किसने की अमीर खुसरो अमीर खुसरों ने किस भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई खड़ी बोली भारत में पोलो खेल का शुभारंभ किसके समय में हुआ तुर्कों के समय कौन-सा शासक दान-दक्षिणा में अधिक विश्वास रखता था तथा उसने ‘दिवान-ए-खैरात’ नामक विभाग की स्थापना की फिरोजशाह तुगलक किस संगीत यंत्र को हिंदू-मुस्लिम गान का सर्वश्रेष्ठ यंत्र माना गया है सितार को संगीत की ‘हिन्दुस्तानी’ शैली के जन्मदाता कौन हैं अमीर खुसरो संगीत की ‘कव्वाली’ शैली के जन्मदाता कौन है अमीर खुसरो अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर भी गुलाम वंश के शासक अपने साम्राज्य का विस्तार क्यों नहीं कर पाए मंगोल आक्रमण का भय होने के कारण किस शासक को द्वितीय सिकंदर अथवा ‘सिकंदर सानी’ कहा जाता है अलाउद्दीन खिलजी सिक्कों पर ‘खलीफा का नायब’ किस सुल्तान को माना गया फिरोजशाह-तुगलक ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिद किस शासक ने बनवाई कुतुबुदीन ऐबक कौन-सा शासक स्वयं को ‘ईश्वर का अभिशाप’ कहता था चंगेज खाँ मध्यकालीन भारतीय राजाओं के संदर्भ में फिरोज तुगलक के शासन की विशेषता क्या थी गुलामों के लगल विभाग ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना दिल्ली का वह सुल्तान जिसने भारत में नहरों का जाल बिछाया, कौन था फिरोजशाह तुगलक किसके कहने पर अलाउद्दीन खिलजी ने सिकंदर के समान विश्व विजय की योजना को ठुकरा दिया अलाउक मुल्क किस शासक ने सैनिकों को भू-अनुदान के स्थान पर नगद वेतन देने की प्रथा चलाई अलाउद्दीन खिलजी ने किसने भूमि मापने के पैमाने ‘गज-ए-सिकंदरी’ को प्रचलित किया सिकंदर लोदी किस मुस्लिम शासक ने सिक्कों पर लक्ष्मी देवी की आकृति बनवाई मोहम्मद गौरी अलाउद्दीन खिलजी का राजदरबारी कवि कौन था अमीर खुसरो किस शासक ने अपना उपनाम ‘अबुल मजहिद्’ रखा मुहम्मद बिन तुगलक मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु कहाँ हुई थट्टा में रजिया बेगम को मारने में किसका हाथ था बहरामशाह ‘जवाबित’ किससे संबंधित है राज्य कानून से अलाउद्दीन के बचपन का नाम क्या था अली गुरशप कौन-सा शासक बाजार के अंदर घूमकर बाजार का निरीक्षण करता था अलाउद्दीन खिलजी किस पुस्तक में मुहम्मद बिन तुगलक के शासन की घटनाओं का वर्णन है रेहला जलालुद्दीन फिरोज खिलजी सुल्तान बनने से पहले कहाँ का इक्तादार था बुलंदशहर का पूर्व मध्यकालीन भारत (दक्षिण भारत) चालुक्य वंश का सबसे प्रतापी राजा कौन था पुलिकेशन II कौन-सा शहर चोल राजाओं की राजधानी था तंजौर श्रीलंका पर विजय प्राप्त करने वाला प्रसिद्ध राजा कौन था राजेंद्र I तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण किसने कराया राजराजा प्रथम किस राष्ट्रकूट शासक ने पहाड़ी काटकर एलौरा के विश्वविख्यात कैलाश नाथ मंदिर का निर्माण कराया कृष्ण प्रथम ने राष्ट्रकूट साम्राज्य का संस्थापक कौन था दंतिदुर्ग किस राजवंश ने श्रीलंका व दक्षिण पूर्व एशिया को जीता चोल वंश विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण किसने कराया चालुक्य पल्लवों का एकाश्मीय रथ कौन-सी जगह मिला महाबलिपुरम् होयसल की राजधानी कहाँ थी द्वारसमुद्र यादव सम्राटों की राजधानी कहाँ थी देवगिरि किस शासक ने अरब सागर में भारतीय नौसेना की सर्वोच्चता स्थापित की राजराजा प्रथम पांड्य साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी मदुरै ऐहोल का लाढखाँ मंदिर किस देवता का है सूर्य देवता माम्मलपुरम् किसका समानार्थी है महाबलिपुरम् किस वंश के शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी चोलवंश भगवान नटराज का प्रसिद्ध मंदिर कहाँ स्थित है चिदंबरम् राष्ट्रकूटों का पतन किसने किया तैलप II प्रशासन के क्षेत्र में चोल वंश की मुख्य देन क्या थी सुसंगठित स्थानीय स्वशासन तीन मुख वाली ब्रह्मा, विष्णु व महेश की मूर्ति कहाँ स्थित है ऐलीफैंट गुफा में ‘महाभारत’ का ‘भारत वेणता’ के नाम से किसने तमिल भाषा में अनुवाद किया पेरुंदेवनार ने राजेंद्र चोल द्वारा बंगाल अभियान के समय बंगाल का शासक कौन था महिपाल I ‘चालुक्य विक्रम संवत्’ का शुभारंभ किसने किया विक्रमाद्वित्य VI ने पल्लवों की राजभाषा क्या थी संस्कृत 12वीं सदी के राष्ट्रकूट वंश के पाँचशिला लेख किस राज्य में मिले कर्नाटक कौन-से राजवंश के शासक अपने शासन काल में उत्तराधिकारी नियुक्त कर देते थे चोल वंश दक्षिणी भारत का तक्कोलम का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ चोल वंश व राष्ट्रकूटों के मध्य द्रविड़ शैली के मंदिरों में ‘गोपुरम’ का क्या अर्थ है तीरण के ऊपर बने अलंकृत एवं बहुमंजिला भवन चोलों को राज्य कहाँ तक फैला था कोरोमंडल तट व दक्कन के कुछ भाग तक चोल शासकों के समय बनी प्रतिमाओं में सबसे विख्यात कौन-सी प्रतिमा थी नटराज शिव की कांस्य प्रतिमा चोल युग किसके लिए प्रसिद्ध था ग्रामीण सभाओं के लिए किस राजवंश का काल कन्नड़ साहित्य की उत्पत्ति का काल माना जाता है राष्ट्रकूट होयसल स्मारक कहाँ है मैसूर व बैंगालूरू में चोलों द्वारा किसके साथ घनिष्ठ राजनीति तथा वैवाहिक संबंध स्थापित किए गए वेंगी के चालुक्य चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति कैसी थी चतुर्भज चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था विजयपाल रुद्रंवा किस राजवंश की प्रसिद्ध महिला शासक थी काकतीय राजवंश की राजराजा प्रथम का मूल नाम क्या था अरिमोल वर्मन चोलयुग में ‘कडिमै’ का अर्थ क्या था भू-राजस्व/लगान तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर किस देवता का है शिव का चोल युग में किसने ‘हिरण्यगर्भ’ नामक त्यौहार का आयोजन किया लोकमहादेवी ने चोल युग में सोने के सिक्के क्या कहलाते थे कुलंजु चोल युग में युद्ध में विशेष पराक्रम दिखाने वाले योद्धा को कौन-सी उपाधि दी जाती थी क्षत्रिय शिखमणि पुलकेशिन द्वितीय किसके समकालीन था हर्षवर्धन काँची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया नरसिंह वर्मन II होयसल वंश का अंतिम शासक कौन था बल्लाल III चोल राजाओं ने किस धर्म को संरक्षण प्रदान किया शैवधर्म को ‘विचित्र चित्त’ की उपाधि किस पल्लव वंश के शासक ने धारण की महेंद्र वर्मन II चोलवंश का संस्थापक विजयपाल पहले किसका सामंत था पल्लवों को ‘शृंगार्थ दीपिका’ की रचना किसने की वेंकट माधव ने तैलप II ने किस नदी में आत्महत्या की थी तुंगभद्र नदी में पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) राजपूत काल कब से कब तक माना जाता है छठी सदी से बारहवीं सदी तक 712 ई. में सिंध पर मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था दाहिर सर्वप्रथम जजिया कर लगाने का श्रेय किसे दिया जाता है मोहम्मद बिन कासिम ‘दिल्लिका’ किसका पुराना नाम है दिल्ली का ‘पृथ्वीराजरासों’ की रचना किसने की चंद्रबरदई ने प्रसिद्ध दिलवाड़ा जैन मंदिर कहाँ स्थित है माउंट आबू पर खजुराहो में स्थित मंदिरों का निर्माण किसने कराया चंदेल शासकों ने विजय स्तंभ कहाँ स्थित है चित्तौड़गढ़ महमूद गजनवी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किये 17 बार महमूद गजनवी का प्रसिद्ध आक्रमण कौन-सा था सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण मुहम्मद गजनवी ने गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को कब लूटा 1206 ई. सोमनाथ मंदिर पर मुहम्मद गजनवी के आक्रमण के समय गुजरात का शासक कौन था भीमदेव I किस नाटक के कुछ अंश ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिद पर लिखे हैं हरिकेलि रानी पद्मनी का नाम खिलजी की चित्तौड़ विजय से जोड़ा जाता है रानी पद्मनी किसकी पत्नी थीं राणा रतन सिंह विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की धर्मपाल ‘गीत गोविंद’ किसने लिखी जयदेव जयदेव किसकी सभा को अलंकृत करते थे लक्ष्मण सेन किसने सोमपुर महाविहार का निर्माण कराया धर्मपाल भारत पर सर्वप्रथम अरब आक्रमण किसने किया मुहम्मद बिन कासिम जगन्नाथ मंदिर किस राज्य में है ओड़िशा कोणार्क में स्थित सूर्य देव मंदिर के संस्थापक कौन थे नरसिंह I ब्लैक पगोड़ा कहाँ स्थित है कोणार्क में ‘अलवर’ के संस्थापक कौन थे अजय पाल किय शासक के दरबार में जैन आचार्य हेमचंद्र को संरक्षण मिला जय सिंह (सिद्धराज) चंदावर का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ जयचंद और मोहम्मद गौरी लिंगराज मंदिर कहाँ स्थित है भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर की नींव किसने डाली ययाति केसरी ने बंगाल के पाल वंश का संस्थापक कौन था गोपाल किस पाल शासक को गुजराती कवि सोडढल ने ‘उत्तरापथ स्वामिन’ कहा धर्मपाल हिंदू विधि की प्रसिद्ध पुस्तक ‘दायभाग’ की रचना किसने की जीमूतवाहन ‘रामचरित’ की रचना किसने की संध्याकर नंदी ने प्रतिहार राजवंश की स्थापना किसने की हरिश्चंद्र ने मिहिर भोज का पुत्र कौन-था महेंद्रपाल ‘काव्यमीमांसा’ नामक ग्रंथ किसने लिखा राजशेखर ने तोमर वंश का संस्थापक कौन था राजा अनंगपाल किस शासक को ‘रायपिथौरा’ कहा जाता है पृथ्वीराज चौहान को कायस्थों का एक जाति के रूप में प्रथम उल्लेख कहाँ मिलता है ओशनम स्मृति में हिंदू विधि पर ‘मिताक्षरा’ नामक पुस्तक किसने लिखी विज्ञानेश्वर ने राजस्थान के इतिहास का प्रणेता किसे माना जाता है कर्नल टॉड़ सेन वंश की स्थापना किसने की सामंत सेन ने ‘समरांगण सूत्रधार’ विषय किससे संबंधित है स्थापत्य शास्त्र से तराइन का प्रथम युद्ध कब हुआ 1191 ई. तराइन का प्रथम युद्ध किस-किस के बीच हुआ पृथ्वीराज चौहान व मोहम्मद गौरी तराइन का दूसरा युद्ध कब हुआ 1192 ई. तराइन के द्वितीय युद्ध में किसकी पराजय हुई पृथ्वीराज चौहान की भारत पर प्रथम तुर्क आक्रमण किसने किया महमूद गजनवी के पिता सुबुक्तगीन ने महमूद गजनवी ने प्रथम आक्रमण किस राज्य के विरुद्ध किया था हिंदूशाही हिंदूशाही राज्य की राजधानी कहाँ थी उदभांडपुर/ओहिंद महमूद गजनवी का राजदरबारी कवि कौन था फिरदौसी ‘शहनामा’ के रचियता कौन है फिरदौसी महमूद गजनवी के आक्रमण के फलस्वरूप कौन-सा शहर फारसी संस्कृति का केंद्र बना लाहौर वाहिंद का युद्ध कब व किस-किस के बीच लड़ा गया महमूद गजनवी व आनंदपाल मोहम्मद गौरी किस वंश का शासक था शंसवनी मोहम्मद गौरी ने 1175 ई. में भारत पर पहला आक्रमण किस राज्य के विरुद्ध किया मुल्तान भारतीय अर्थव्यवस्था रुपए का सर्वप्रथम अवमूल्यन कब हुआ 20 सितंबर, 1949 दूसरी बार रुपए का अवमूल्यन कब हुआ 6 जून, 1966 रुपए का तीसरी बार अवमूल्यन कब हुआ 1 जुलाई, 1991 विदेशों में स्थित विदेशी बैंकों के साथ विदेशी मुद्रा में भारतीय बैंकों द्वारा रखे गए खाते को क्या कहते हैं नोस्ट्रो एकाउंट्स भारत में मुद्रास्फीति की गणना किस पर आधारित है थोक मूल्य सूचकांक किस स्थिति में मुद्रा के मूल्य में वृद्धि होती है तथा वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में गिरावट होती है मुद्रा संकुचन या अवस्फीति मुद्रास्फीति के दुष्परिणामों को दूर करने के लिए जान-बूझकर मुद्रा की मात्रा कम करने का क्या कहते हैं मुद्रा अपस्फीति सकल घरेलू (जीडीपी) में कृषि एवं संबंध क्षेत्र का हिस्सा कितना है 13.67 प्रतिशत 1950-51 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान कितना था 52.2 प्रतिशत रबी की फसलों की बुआई कब की जाती है अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर रबी की फसलों में कौन-सी फसलें आती हैं गेहूँ, जौ, चना मटर, सरसों व आलू आदि खरीफ की फसलों की बुआई कब की जाती है जून-जुलाई खरीफ की फसलों में कौन-सी फसलें आती हैं ज्वार, बाजरा, मक्का, तिल, मूँगफली, अरहर आदि जायद की फसलों को कब पैदा किया जाता है मार्च से जुलाई के मध्य जायद की फसलों में कौन-सी फसलें आती है तरबूज, खरबूज, ककड़ी तथा पशुचारा व्यापारिक या नकदी फसलें कौन-सी होती हैं कपास, गन्ना, तिलहन, चाय, जूट तथा तंबाकू भारत में सर्वाधिक मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन होता है चावल देश में कृषि के अंतर्गत किस तरह के उर्वरकों का सर्वाधिक उपयोग होता है नाइट्रोजनी विश्व में मसलों के सबसे बड़े उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यात्क होने का गौरव किस देश को प्राप्त है भारत रबड़ के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है चौथा रबड़ की प्रति हेक्टेयर उत्पादक में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है पहला हरित क्रांति से किस फसल के उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि हुई गेहूँ अंगूर की प्रति हेक्टेयर उपज में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है पहला मोटे अनाज के अंतर्गत कौन-सी फसलें आती हैं बाजरा, ज्वार, रागी, मक्का तथा जौ कृषि के अंतर्गत ट्रैक्टर्स के उपयोग की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है चौथा काली चाय का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश कौन-सा है भारत भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में कौन-सा स्थान है पहला कुल पशुओं की संख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का कौन-सा स्थान है दूसरा कुल पशुओं की संख्या की दृष्टि से विश्व में कौन-सा देश पहले स्थान पर है ब्राजील अंडों के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है तीसरा विश्व का सबसे बड़ा चमड़ा उत्पादक देश कौन-सा है भारत ‘ऑपरेशन फ्लड’ कार्यक्रम कब शुरू किया गया 1970 ‘ऑपरेशन फ्लड’ कार्यक्रम किसके उत्पादन में बढ़ोतरी से संबंधित है दूध ‘ऑपरेशन फ्लड’ कार्यक्रम के सूत्रधार कौन थे डॉ. वर्गीज कूरियन विश्व में समुद्री मत्स्य उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है छठा विश्व में अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है दूसरा मोती देने वाली मछलियाँ कहाँ पकड़ी जाती हैं मन्नार की खाड़ी सर्वाधिक समुद्री मछलियाँ किस राज्य में पकड़ी जाती हैं गुजरात ताजे पानी की सर्वाधिक मछलियाँ किस राज्य में पकड़ी जाती है पश्चिम बंगाल कुल मछली उत्पादन में कौन-सा राज्य पहले स्थान पर है पश्चिम बंगाल श्वेत क्रांति किससे संबंधित है दूग्ध उत्पादन से पीली क्रांति किससे संबंधित है तिलहन उत्पादन से भारत में सबसे पहले किस बैंक की स्थापना की गई बैंक ऑफ हिंदुस्तान बैंक ऑफ हिंदुस्तान की स्थापना कब की गई 1770 बैंक ऑफ बंगाल की स्थापना कब की गई 1806 बैंक ऑफ बांबे की स्थापना कब की गई 1840 बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना कब की गई 1843 बैंक ऑफ मद्रास, बैंक ऑफ बांबे व बैंक ऑफ बंगाल को आपस में विलय करके किस बैंक की स्थापना की गई इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना कब की गई 1921 इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कब किया गया 1955 इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को नया नाम क्या दिया गया भारतीय स्टेट बैंक इलाहाबाद बैंक की स्थापना कब की गई 1865 भारतीयों द्वारा संचालित पहला बैंक कौन-सा था अवध कॉमर्शियल बैंक अवध कॉमर्शियल बैंक की स्थापना कब की गई थी 1881 पूर्णरूपेण भारतीयों का पहला बैंक कौन-सा था पंजाब नेशनल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने कार्य करना कब शुरू किया 1 अप्रैल, 1935 भारतीय बैंकिंग अधिनियम पारित कब किया गया 1949 6 बड़े व्यावसायिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब किया गया 1980 भारतीय रिजर्व बैंक की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित बैंकों को क्या कहते हैं अनुसूचित बैंक किस समिति की रिपोर्ट के आधार पर निजी क्षेत्र में बैंक स्थापित करने की अनुमति प्रदान कर दी गई नरसिंहमन समिति देश का पहला तैरता ए. टी. एम. कहाँ स्थापित किया गया है कोच्चि बैंकों के ग्राहकों की शिकायतों का निदान कराने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना कब लागू की गई 14 जून, 1995 भारतीय रिजर्व बैंक ने कब तक पाकिस्तान के लिए भी केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य किया 30 जून, 1948 भारतीय रिजर्व बैंक में एक गवर्नर के अलावा कितने डिप्टी गवर्नर होते हैं चार रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के बैंक नोट जारी कर सकता है 10,000 रूपए रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के सिक्के जारी कर सकता है 1,000 रुपए रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लि. की स्थापना कब की गई 3 फरवरी, 1995 उस दर को क्या कहते हैं जिस पर केंद्रीय बैंक प्रथम श्रेणी तथा अनुमोदित हुंडियों का जमानत के आधार पर देश में वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है बैंक दर प्रत्येक अनूसूचित वणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा का एक निश्चित अंश भारतीय रिजर्व बैंक के पास नकद रूप में रखना अनिवार्य होता है, उसे क्या कहते हैं नकद आरक्षित अनुपात राष्ट्रीय साख परिषद की स्थापना कब की गई 22 दिसबंबर, 1977 भारतीय ऋण गारंटी निगम की स्थापना कब की गई 1971 भारतीय ऋण गांरटी निमग का नाम बदलकर जमाराशि बीमा एंव ऋंण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कब किया गया 1978 भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत बैंक खातों पर ब्याज दरों का विनियमन कब समाप्त कर दिया 25 अक्टूबर, 2011 भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक वर्तमान में कितने हैं पाँच भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक कौन-कौन से हैं स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला व स्टेट बैंक ऑफ मैसूर भारतीय स्टेट बैंक के किन सहयोगी बैंकों के उसमें विलय कर दिया गया है स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और स्टेट बैंक ऑफ इंदौर नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) देश में कब शुरु की गई अक्टूबर, 2005 भारतीय प्रतिभूति व्यापार निगम की स्थापना कब की गई 1994 भारत की पहली डिपॉजिटरी नेशनल सिक्यूरिटीज डिपॉजिटरी लि. (NSDL) की स्थापना कब की गई 8 नवंबर, 1996 देश की दूसरी डिपॉजिटरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लि. (CDSL) की स्थापना कब की गई फरवरी, 1998 बांबे स्टॉक एक्सचेंज का पहले नाम क्या था द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन बांबे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सूचकांक यानि सेंसेक्स कब शुरू किया गया 1986-87 बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक कितने शेयरों के मूल्यों पर आधारित है 30 भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना कब की गई 12 अप्रैल, 1988 सेबी को संवैधानिक संस्था का दर्जा कब प्रदान किया गया 1992 भारतीय मुद्रा रुपए के प्रतीक चिन्ह का अनुमोदन सरकार ने कब किया 15 जुलाई, 2010 डाक सामग्री, डाक टिकट, ज्यूडीशियल एवं नॉन-ज्यूडीशियल, स्टांप, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंके के चेक, बॉण्ड, NSC, किसान विकास पत्र, पोस्टल आर्डर, पासपोर्ट, सुरक्षा दस्तावेज और प्रोमिसरी नोट कहाँ छापे जाते हैं इंडिया सिक्यूरिटी प्रेस इंडिया सिक्यूरिटी प्रेस कहाँ स्थित है नासिक रोड (महाराष्ट्र) 5, 10, 50, 100, 500 तथा 1,000 रूपए के बैंक नोट कहाँ छापे जाते हैं करेंसी नोट प्रेस नासिक रोड सिक्यूरिटी पेपर मिल कहाँ स्थित है होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) सरकारी टकसालें किन शहरों में स्थित हैं मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद तथा नोएडा छठी पंचवर्षीय योजना कब समाप्त कर दी गई 1980 जनता पार्टी सरकार द्वारा पेश छठी योजना को किस सरकार ने समय से पहले ही समाप्त कर दिया कांग्रेस सरकार कांग्रेस सरकार द्वारा लागू छठी पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या निश्चित की गई 1980-85 छठी पंचवर्षीय योजना में किस पर विशेष बल दिया गया गरीबी निवारण तथा रोगजार सृजन किस पंचवर्षीय योजना के दौरान रोजगार मापने के लिए ‘मानक व्यक्ति वर्ष’ (Standard Person Year) को अपनाया गया छठी ग्रामीण बेरोजगारी उन्मूलन से संबंधित कार्यक्रम IRDP, NREP, TRYSEM, DWACRA, RLEGP किस योजना में लागू किए गए छठी किस योजना के दौरान ‘गरीबी रेखा’ को ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 2,400 कैलौरी तथा शहरी क्षेत्र में 2,100 कैलोरी के रूप में परिभाषित किया गया छठी कौन-सी योजना 15 वर्ष की दीर्घ अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई थी छठी किस योजना 15 वर्ष की दीर्घ अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई थी छठी किस योजना को Perspective Planning कहा जाता है छठी सातवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी 1986-91 सातवीं योजना का प्रमुख उद्देश्य क्या था आधुनिकीकरण कौन-सी योजना उदारीकृत अर्थव्यवस्था के रूप में वर्णित ‘जॉन डब्ल्यू. मुलर’ मॉडल पर आधारित थी आठवीं आठवीं पंचवर्षीय योजना का कला क्या था 1992-97 आठवीं पंचवर्षीय योजना पहले कब से लागू होनी थी 1990 देश में योजनाविहीन वर्ष कौन से रहे 1990-91 एवं 1991-92 किस योजना में विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ‘मानव संसाधन विकास’ को मूलभूत उद्देश्य माना गया आठवीं नवीं पंचवर्षीय योजना की समयावधि क्या रही 1997-2002 दसवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी 2002-2007 दसवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या था 21वीं शताब्दी में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना 11वीं पंचवर्षीय योजना कब से कब तक लागू रही 2007-2017 राष्ट्रीय विकास परिषद् (एनडीसी) की 57वीं बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना को अंतिम मंजूरी कब दी गई 26 दिसंबर, 2012 आधुनिक भारत में बजट की परंपरा की शुरुआत करने का श्रेय किसे जाता है जेम्स विल्सन 1921 में किस समिति की रिपोर्ट के आधार पर सामान्य बजट से रेलवे बजट को अलग कर दिया गया अकबर्थ समिति अविभाजित भारत का पहला बजट 1946 में किसने प्रस्तुत किया आर. के. षणमुखम शेट्टी स्वतंत्र भारत का पहला बजट कब प्रस्तुत किया गया 26 नवंबर, 1947 स्वतंत्र भारत का पहला बजट किसने प्रस्तुत किया आर. के. षणमुखम शेट्टी स्वतंत्र भारत का पहला पूर्णकालिक बजट कब प्रस्तुत किया गया 1948-1949 स्वतंत्र भारत का पहला पूर्णकालिक बजट किसने प्रस्तुत किया आर. के. षणमुखम शेट्टी भारतीय गणराज्य का पहला पूर्णकालिक बजट किसने प्रस्तुत किया गया 1950-1951 देश में किन प्रधानमंत्रियों को स्वंय बजट प्रस्तुत करने का श्रेय हासिल है जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी देश में शून्य आधारित बजट प्रस्तुत करने की परंपरा किसने डाली राजीव गांधी देश में आज तक वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाली एकमात्र महिला कौन रही है इंदिरा गांधी ब्रिटिश पूर्व भारत में किस शासक ने घाटे के बजट को अपनाया था मुहम्मद बिन तुगलक कार्य या परिणाम या लक्ष्यों की प्राप्ति के आधार पर सृजित बजट क्या कहलाता है निष्पादन बजट पूंजीगत प्राप्तियों एवं पूंजीगत भुगतानों को किस बजट में सम्मिलित किया जाता है पूंजी बजट किस बजट के अंतर्गत किसी भी विभाग अथवा संगठन द्वारा प्रस्तावित व्यय की प्रत्येक मद को बिल्कुल नई मद मान लिया जाता है शून्य आधारित बजट बजट का वह रूप क्या कहलाता है जिसमें बजट को लिंग विशेष के आधार पर तैयार किया जाता है या बजट में लिंग विशेष के लिए अलग से बजटीय प्रावधान किया जाता है जेंडर बजट जिस कर की अदायगी उसी व्यक्ति द्वारा की जाती है जिस पर वह कानूनी रूप से लगाया जाता है, उसे क्या कहते हैं प्रत्यक्ष कर आयकर, निगम कर, धन कर, संपदा कर, उपहार, कर, व्यय कर व ब्याज कर किस तरह के कर हैं प्रत्यक्ष कर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवा कर व केंद्रीय बिक्री कर किस तरह के कर हैं अप्रत्यक्ष कर किसी भी देश की घरेलू/भौगोलिक सीमा के अंतर्गत एक लेखा वर्ष में सभी उत्पादकों (सामान्य निवासियों तथा गैर-निवासियों द्वारा उत्पादित समस्त वस्तुओं एवं सेवाओं के बाजार मूल्य के योग को क्या कहते हैं सकल घरेलू उत्पाद महूबब-उल हक के सहयोगी कौन थे ए. के. सेन तथा सिंगर हंस मानव विकास सूचकांक की अवधारणा का प्रतिपादन कब किया गया 1990 मानव किकास सूचकांक में कौन-कौन से सूचकांक शामिल किए जाते हैं जीवन प्रत्याशा सूचकांक, शिक्षा सूचकांक तथा सकल घरेलू उत्पाद सूचकांक आर्थिक संवृद्धि दर क्या है सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में परिवर्तन की दर आर्थिक विकास दर क्या है निबल राष्ट्रीय उत्पादन (NNP) में परिवर्तन की दर भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र में क्या शामिल है कृषि तथा पशुपालन, वन उद्योग तथा लट्ठे बनाना, मछली पालन तथा खनन और उत्खनन भारतीय अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्र में क्या शामिल है परिवहन व संचार, व्यापार, होटल तथा जलपान गृह, बैंक तथ बीमा, स्थावर संपदा, आवास गृहों का स्वामित्व तथा व्यावसायिक सेवाएं, सार्वजनिक सेवाएं एवं अन्य सेवाएं 1950-51 और 1990-91 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की दर क्या रही 4.1 प्रतिशत 1991-92 और 2011-12 के बीच भारतीय अर्थव्यस्था की वृद्धि की दर क्या रही 6.9 प्रतिशत भारत में आर्थिक नियोजन की अवधारणा किस देश के मॉडल पर आधारित है सोवियत संघ आर्थिक नियोजन की अवधारणा को विकसित करने का श्रेय किस देश को दिया जाता है सोवियत संघ सोवियत संघ में पहली बार प्रथम पचंवर्षीय योजना कब शुरु की गई 1928 में भारत में आर्थिक नियोजन प्रणाली शुरु करने का श्रेय किसे दिया जाता है सर विश्वेश्वरैया ‘भारत के लिए नियोजित अर्थव्यवस्था’ (Planned Economy For India) नामक पुस्तक किसने खिली है सर विश्वेश्वरैया आर्थिक नियोजन से संबंधित बंबई योजना कब सामने आई जनवरी 1944 बंबई योजना कितने वर्षीय थी 15 मूलतः साम्यवादी सिद्धांतों पर आधारित जन योजना का सृजन किसने किया था एम. एन. राय 10 वर्षीय जन योजना को कब प्रस्तुत किया गया 1944 गांधीजी के आर्थिक दर्शन पर आधारित गांधीवादी योजना को कब प्रस्तुत किया गया अप्रैल 1944 गांधीवादी योजना का सृजन किसने किया था मन्नारायण स्वतंत्र भारत की पहली औद्योगिक नीति कब घोषित की गई थी 1948 औद्योगिक (विकास एवं नियमन) अधिनियम कब पारित किया गया जिसका उद्देश्य उद्योगों का नियोजित विकास एवं नियमन करना था 1951 अहिंसात्मक ढंग से शोषण विहीन समाज की स्थापना के मुख्य उद्देश्य वाली सर्वोदय योजना का प्रकाशन कब हुआ 30 जनवरी, 1950 सर्वोदय योजना का विकास किसने किया जय प्रकाश नारायण कोलंबों योजना की अवधि क्या थी 1951 से 1957 योजना आयोग किस तरह की संस्था है अर्द्ध संवैधानिक राजनीतिक संस्था प्रथम पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थी डोमर संवद्धि मॉडल प्रथम पंचवर्षीय योजना की समयावधि क्या थी 1951-56 द्वितीय पंचवर्षीय योजना का काल क्या था 1956-61 द्वितीय पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थीं पी. सी. महालनोबिस मॉडल द्वितीय पंचवर्षीय योजना में कौन-कौन से इस्पात संयंत्रों की स्थापना हुई राउरकेला (ओड़िशा), भिलाई (छत्तीसगढ़) व दुर्गापुर (प. बंगाल) इंटीग्रल कोच फैक्टरी तथा चितरंजन लोकोमोटिव्स की स्थापना किस योजना के दौरान हुई द्वितीय पंचवर्षीय योजना तीसरी पंचवर्षीय योजना कब से कब तक रही 1961-66 तीसरी पंचवर्षीय योजना प्रमुख उद्देश्य क्या था अर्थव्यवस्था को स्वावलंबी एवं स्व स्फूर्त बनाना किस पंचवर्षीय योजना की विफलता के कारण तीन वर्ष तक योजनावकाश रहा तीसरी पंचवर्षीय योजना वार्षिक योजनाएं किन वर्षों में लागू की गईं 1966-69 किस पंचवर्षीय योजना के दौरान कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति का आरंभ हुआ किसी भी योजना के दौरान नही कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति का आरंभ कब हुआ 1966-67 (योजनावकाश के दौरान) चौथी पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या रही 1969-74 चौथी पंचवर्षीययोजना किस मॉडल पर आधारित थी ओपन कनसिसटेंसी मॉडल ओपन कनसिसटेंसी मॉडल किसने तैयार किया था अशोक रुद्र तथा एलन एस. मात्रे चौथी पंचवर्षीय योजना का मूल उद्देश्य क्या था स्थिरता के साथ आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की प्राप्ति 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण, एमआरटीपी अधिनियम तथा बफर स्टॉक की धारणा किस योजना के दौरान लागू हुई चौथी 14 बैंकों को राष्ट्रीयकरण किस वर्ष किया गया 1969 ‘गरीबी हटाओ’ का नारा सर्वप्रथम किस पंचवर्षीय योजना में दिया गया पाँचवीं पाँचवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या थी 1974-79 पाँचवीं पंचवर्षीय योजना कब समाप्त कर दी गई 1978 किस सरकार ने पाँचवीं पंचवर्षीय योजना को समय से एक वर्ष पूर्व ही समाप्त घोषित कर दिया जनता पार्टी सरकार जनता पार्टी सरकार द्वारा पेश छठी पंचवर्षीय योजना को क्या नाम दिया गया अनवरत योजना (Rolling Plan) रोलिंग प्लान को भारत में लागू करवाने का श्रेय किसे दिया जाता है डी.टी. लकड़ावाला किस सरकार ने देश में विकेंद्रित नियोजन की धारणा को लागू किया जनता पार्टी सरकार छठी पंचवर्षीय योजना की अवधि क्या निश्चित की गई थी 1978-83 किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ कब हुआ 1998 ई. राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान कहाँ स्थित है जयपुर में केंद्र सरकार के बजट के चालू खाते में व्यय की सबसे बड़ी मद क्या है केंद्रीय आयोजन भारत सरकार के कुल घाटे में किस घाटे का सर्वाधिक योगदान है राजकोषीय घाटा संशोधित मूल्य वर्धितकर (MODVAT) का संबंध किससे है उत्पाद शुल्क से संपदा कर भारत में कब लागू हुआ ब्याज भुगतान किस पंचवर्षीययोजना के अंतर्गत हरित क्रांति का जन्म हुआ चतुर्थ पंचवर्शीय योजना ‘गरीबी हटाओं’ का नारा किस पंचवर्षीय करने वाली सर्वोच्च संस्था क्या है राष्ट्रीय विकास परिषद राष्ट्रीय नियोजन में ‘रोलिंग प्लान’ की अवधारणा किसके द्वारा लागू की गई जनता सरकार के द्वारा ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या था समाविष्ट आर्थिक विकास ईसीजीसी का संबंध किससे है निर्यात वित्त एवं बीमा भारत में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा किस पदार्थ के आयात पर व्यय की जाती है पेट्रोलियम पदार्थ भारतीय विदेश व्यापार संस्थान कहाँ स्थित है नई दिल्ली भुगतान संतुलन किसमें निहित होता है दृश्य व्यापार, अदृश्य व्यापार, ऋण विदेशी विनिमय प्रबंध अधिनियम कब लागू हुआ 2003 ई. वित्त आयोग का गठन संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया जाता है अनुच्छेद-280 वित्त आयोग का का अध्यक्ष किसे बनाया गया था डॉ. विजय एल केलकर 14वें वित्त आयोग का अध्यक्ष किसे बनाया गया है डॉ. वेणुगोपाल रेड्डी भारतीय रुपए का पहचान चिन्ह किसने डिजाइन किया है डी. उदय कुमार ‘सबला’ योजना का दूसरा नाम क्या है राजीव गाँधी किशोरी अधिकारिता योजना काम के बदले अनाज कार्यक्रम का शुभारंभ कब हुआ 1977-78 ‘अंत्योदय योजना’ का शुभारंभ कब हुआ 1977-78 भारत की कौन-सी पंचवर्षीय योजना समय से पहले समाप्त हो गई तीसरी पंचवर्षीय योजना ‘बैंकों का बैंक’ किस बैंक को कहा जाता है भारतीय रिजर्व बैंक को बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण का मुख्यालय कहाँ है हैदराबाद में जिस विदेशी मुद्रा में शीघ्र देशांतरण की प्रवृत्ति हो उसे क्या कहा जाता है गरम मुद्रा MCX-SX क्या है एक स्टॉक एक्सचेंज भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नगद कोष अनुपात में कमी की जाती है तो इसका साख सृजन पर क्या प्रभाव पड़ता है वृद्धि होती है एक रुपए के नोट पर किसके हस्ताक्षर होते हैं वित्त सचितव के भूमिहीन कृषकों तथा श्रमिकों के रोजगार हेतु कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया था R.L.E.G.P. शून्य आधारित बजट तकनीक किस देश की देन हैं संयुक्त राज्य अमेरिका भारत में सर्वप्रथम किस राज्य में शून्य आधारित बजट तकनीक को अपनाया गया आंध्र प्रदेश में भारत में शून्य आधारित बजट प्रणाली किस पंचवर्षीय योजना में लागू हुई सातवीं पंचवर्शीय योजना में राजकोषीय घाटे और बजटीय घाटे का अंतर किसके बराबर होता है सार्वजनिक ऋण के बराबर किस पंचवर्षीय योजना का स्वरूप किसने तैयार किया था पी. सी. महालनोबिस ने कौन-सा योजनाकाल दशक कृषि उत्पादन की दृष्टि से सबसे अधिक सफल माना जाता है 1980 का दशक विशेष आर्थिक जोन अधिनियम संसद द्वारा कब पारित किया गया 2005 में सामूहिक स्तर पर आर्थिक समस्याओं जैसे-सारी अर्थव्यवस्था के कुल उपभोग, कुल रोजगार, राष्ट्रीय आय आदि का अध्ययन किसमें किया जाता है समष्टि-अर्थशास्त्र में ‘आय तथा रोजगार सिद्धांत’ किसे कहा जाता है समष्टि-अर्थशास्त्र को केवल एक आर्थिक इकाई की आर्थिक क्रियाओं जैसे एक व्यक्तिगत गृहस्थ की नमक के लिए माँग, अथवा कुछ आर्थिक इकाइयों के छोटे से समूह जैसे बाजार की नमक के लिए माँग आदि का अध्ययन किसमें किया जाता है व्यष्टि-अर्थशास्त्र में जीवन के भौकित गुणवत्ता सूचकांक का प्रतिपादन किसने किया जॉन टिनवर्जन (1976) जीवन के भौतिक गुणवत्ता सूचकांक को वैज्ञानिक रूप मे प्रस्तुत एवं विकसित करने का श्रेय किसे दिया जाता है मॉरिस डी माटिस मानव विकास सूचकांक की अवधारण का प्रतिपादन किसने किया था पाकिस्तान अर्थशास्त्री महबूब-उल हल ने केंद्र व राज्य वित्तीय विवादों का निपटारा कौन करता है वित्त आयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है कृषि लागत व मूल्य आयोग उत्पादन का सबसे गतिशील कारक कौन-सा होता है पूँजी किसी उद्यमी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या होता है जोखिम उठाना कागजी मुद्रा जारी करने का पूर्ण अधिकार किसके पास है रिजर्व बैंक के पास भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ 1949 में भारतीय रिजर्व बैंक का खुली कार्यवाही का अर्थ क्रय और विक्रय में क्या है सरकारी बांडों का सस्ती मुद्रा का अर्थ क्या है ब्याज की दर कम होना सरकार आर्थोपाय ऋण कहाँ से लेती है रिजर्व बैंक से प्रति व्यक्ति आय ज्ञात करने के लिए कुल आय को किससे भाग दिया जाता है देश की कुल जनसंख्या से ‘मुद्रा स्वयं मुद्रा का निर्माण करती है’ यह कथन किसका है क्रोऊमर जिस मुद्रा में शीघ्र पलायन करने की प्रवृत्ति हो क्या कहलाती है गर्ममुद्रा हिन्दू वृद्धि दर किससे संबंधित है जीडीपी से भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत क्या है सेवा क्षेत्र भारत में राष्ट्रीय आय समकों का आकलन किसके द्वारा किया जाता है केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा वह भारतीय राज्य कौन-सा है जिसका वित्तीय लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक से नहीं होता है जम्मू-कश्मीर भारत में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज क्या है बांबे स्टॉक एक्सचेंज अर्थव्यवस्था में मुद्रा के तुल्य और कीमत स्तर के बीच क्या संबंध होता है प्रतिलोम स्टैगफ्लेशन की स्थिति क्या होती है गतिरोध और मुद्रास्फीति की आईएमएफ के नियमों के अनुसार हर सदस्य को अपनी वैद्य मुद्रा का सममुल्य अमेरिकी डॉलर के रूप और अन्य किस मुद्रा में घोषित करना होता है पाउंड स्टर्लिंग के रूप में योजना आयोग का गठन कब हुआ 1950 ई. योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन कब हुआ 1952 ई. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब प्रारंभ हुई 1951 नई दिल्ली योजना अवकाश कब से कब तक रहा 1966 से 1969 ई. भारत में वित्तीय वर्ष कब से प्रारंभ होता है 1 अप्रैल भारत का केंद्रीय बैंक कौन-सा है रिजर्व बैंक एक रुपये का नोट कौन जारी करता है वित्त मंत्रालय पहला पूर्ण भारतीय बैंक कौन-सा है पंजाब नेशनल बैंक पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना कब हुई 1894 ई. भारतीय इंपीरियल बैंक की स्थापना कब की गई 1921 ई. सार्वजनिक बैंकों में सबसे बड़ा बैंक कौन-सा है भारतीय स्टेट बैंक भारत का पहला मोबाइल बैंक कहाँ स्थापित हुआ खारगोन (मध्य प्रदेश) पहले ग्रामीण बैंक की स्थापना कब हुई 2 अक्टूबर, 1975 ई. देश का पहला ग्रामीण बैंक कौन-सा है प्रथम बैंक नाबार्ड बैंक का पूरा नाम क्या है राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक कौन-सा बैंक दीर्घकालीन साख उपलब्ध कराता है भूमि विकास बैंक भारतीय जीवन बीमा निगम का मुख्यालय कहाँ है मुंबई सहकारी साख संगठन का शुभारंभ कब हुआ 1904 ई. भारत का आयात-निर्यात बैंक कौन-सा है ऐग्जिम बैंक भारत में रुपये का अवमूल्यन प्रथम बार कब हुआ 1949 ई. वे कौन-से बैंक हैं जिन्होंने किसानों की अपने तक पहुंच आसान बनाने के लिए ‘किसान क्लब’ बनाए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना कब हुई 1956 में भारत में नोट जारी करने के लिए कौन-सी प्रणाली अपनाई जाती है न्यूनतम आरक्षित प्रणाली भारतीय मुद्रा को पूर्ण परिवर्तनीय कब बनाया गया 1993-94 के केंद्रीय बजट में भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय कहाँ है मुंबई किसी वस्तु को बेचने वाले बिंदु को अर्थशास्त्री क्या कहते हैं उपभोग बिंदु भारत की मुद्रा की पूर्ति को नियंत्रण कौन करता है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्रत्यक्ष विनिमय क्या है वस्तु विनिमय + मुद्रा विनिमय मुद्रा के माध्यम से किया जाने वाला विनिमय कौन-सा है क्रय-विक्रय कौन-सी क्रिया उत्पादन व उपभोक्ता के बीच की कड़ी कहलाती है विनिमय वस्तु विनिमय एक आर्थिक प्रक्रिया है जिसे कहा जाता है मांग = पूर्ति भूमि के उपयोग के बदले भू-स्वामी को दिया जाने वाला पुरस्कार क्या कहलाता है लगान कौन-सा उत्पादन प्रकृति का निःशुल्क उपहार है भूमि ब्याजाअपने व्यवसाय में जोखिम उठाने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं साहसी ब्याज किस साधन के बदले दिया जाता है पूँजी के बदले प्रत्यक्ष कर कौन-सा कर है आयकर कौन-सा कर राज्य सरकार लगाती है व्यापार कर नगर निगम की आय का स्त्रोत क्या है गृह कर भारत की जनसंख्या की आजीविका का मुख्य स्त्रोत क्या है कृषि हथकरधा उद्योग का उदाहरण क्या है कुटीर उद्योग आर्थिक नियोजन का अर्थ क्या है संसाधनों का उचित उपयोग करना भारत की विधिग्रह मुद्रा क्या है रुपया सरकार द्वारा पुरानी मुद्रा बंद करके नई मुद्रा का चलाना क्या कहलाता है विमुद्रीकरण स्वतंत्रता के बाद कितनी बार रुपए का अवमूल्यन हुआ है 3 बार देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक कौन-सा है स्टेट बैंक किसी वस्तु पर इकोमार्क चिन्ह क्या दर्शाता है पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल भारत में प्रतिभूति विनियम बोर्ड की स्थापना कब हुई 1988 ई. आर्थिक नियोजन किसका विषय है समवर्ती सूची मुद्रास्फीति को कैसे रोका जा सकता है बचत के बजट, प्रत्यक्ष के कराधान में वृद्धि, सरकारी व्यय में कटौती करके शेयर बाजार का प्रभावपूर्ण नियंत्रण कौन करता है सेबी ‘भारत के लिए नियोजित अर्थव्यवसायी’ नामक पुस्तक किसने लिखी एम. विश्वेश्वरैया केंद्र सरकार को सबसे निवल राजस्व की प्राप्ति कहाँ से होती है सीमा शुल्क से उपभोक्ता की बचत का सिद्धांत किसने दिया अल्फ्रेड मार्शल केंद्रीय एगमार्क प्रयोगशाला कहाँ है नागपुर विश्व में सबसे अधिक सहकारी संस्थाएँ किस देश में है भारत में राष्ट्रीय आय की सामाजिक लेखांकन गणना करने की विधि का विकास किसने किया रिचर्ड स्टोन ने जब किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य के बजाय मौद्रिक मूल्य से प्रतिक्रिया होती है तो उसे क्या कहते है मुद्राभ्रम साख मुद्रा को अन्य किस नाम से जाना जाता है एच्छिक मुद्रा किसी देश का आयात-निर्यात से संबंधित भुगतान शेष क्या कहलाता है व्यापार शेष सुपर 301 क्या है अमेरिका व्यापार की कानूनी धारा भारत में कर्मचारी राज्य बीमा योजना का शुभारंभ कब हुआ 1952 ई. गोल्डन हैंडशेक स्क्रीम किससे संबंधित है स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति भारत में केंद्रीय राजस्व बोर्ड का विभाजन करके केंद्रीय उत्पादन सीमा शुल्क बोर्ड तथा प्रत्यक्ष बोर्ड की स्थापना कब हुई 1963 ई. राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी को क्या कहा जाता है श्वेत पत्र मंदडिया व तेजडिया शब्द किससे संबंधित है शेयर बाजार से भारत की अर्थव्यवस्था कैसी है मिश्रित अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ है सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का साथ-साथ होना आर्थिक दृष्टि से भारत कैसा देश है विकासशील भारतीय अर्थव्यवस्था में कौन-से क्षेत्र की हिस्सेदारी सकल राष्ट्रीय उत्पाद में सबसे अधिक है तृतीयक क्षेत्र क्रयशक्ति समता के आधार पर विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का कौन-सा स्थान है तीसरा भारत की कुल श्रमशक्ति का कितना भाग कृषि में लगा है 52% भारत में बेरोजगारी के आंकड़े कौन एकत्रित व प्रकाशित करता है राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान कहाँ स्थित है हैदराबाद संरचनात्मक बेरोजगारी का प्रमुख कारण क्या है अपर्याप्त उत्पादन क्षमता योजना आयोग किसके सवेक्षण के आधार पर गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों का आकलन करता है राष्ट्रीय नमुना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) अंतोदय कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है गरीबों में से अधिक गरीब की मदद करना कुटीर ज्योति योजना क्या है ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को निःशुल्क विद्युत सुविधा देना वर्ल्ड डवलपमेंट रिपोर्ट किसका वार्षिक प्रकाशन है विश्व बैंक बंद अर्थव्यवस्था का अर्थ क्या है आयत-निर्यात बंद भारत में प्रच्छन्न बेरोजगारी सामान्यतः कहाँ दिखाई पड़ती है कृषि में भारत में निर्धनता के स्तर का आकलन किससे किया जाता है परिवार के उपभोग व्यय के आधार पर हरित सूचकांक किसके द्वारा विकतिस किया गया था संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का अग्रदूत किसे माना जाता है डॉ. मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था में क्षेत्रों को सार्वजनिक और निजी में किस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है उद्यमों के स्वामित्व के आधार पर भारतीय में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय का अनुमान किसने लगाया था दादाभाई नौरोजी ने भारत राष्ट्रीय आय की गणना कौन करता है केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के आकलन के लिए किस सूचकांक को आधार माना गया है कृषि श्रमिकों का उपभोक्त मूल्य सूचकांक ‘सर्वोदय योजना’ के संस्थापक कौन थे जय प्रकाश नारायण ‘वैट’ किस प्रकार का कर है अप्रत्यक्ष कर भारत में वैट कर कब लागू हुआ 1 अप्रैल, 2005 करेंसी नोट प्रेस कहाँ है नासिक नरसिंहम समिति का संबंध किससे है बैंकिंग सुधार ‘बुल एंड बीयर’ शब्द किससे संबंधित है शेयर बाजार से मुद्रा की मात्रा में कमी क्या कहलाती है मुद्रा का संकुचन जिस नीति को देश का केंद्रीय बैंक परिणात्मक व गुणात्मक उपकरणों के माध्य से लागू करता है, उसे क्या कहते हैं मौद्रिक नीति जब सरकार की आय कम तथा व्यय ज्यादा होता है, उस अर्थव्यवस्था को क्या कहा जाता है घाटे की अर्थव्यवस्था जब किसी आवश्यकता को कीमत, समय, स्थान से प्रस्तुत किया जाता है तो उसे क्या कहते है माँग जब किसी देश की जनसंख्या की जन्म दर में पर्याप्त कमी ना हो तो उसे क्या कहा जाता है जनसंख्या विस्फोट आर्थिक वृद्धि का आधार क्या है उत्पादन विश्व इतिहास की जानकारी पोट्र्स माऊथ की संधि कब हुई 1905 में ‘पीत आंतक’ से किसे संबोधित किया गया था जापान को समाजवाद शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया रॉबर्ट ओवेन ने ‘दास कैपिटल’ नामक पुस्तक किसने लिखी कार्ल मार्क्स फ्रांसीसी साम्राज्यवाद का जनक किसे माना जाता है सेंट साइमन को ‘चेका’ का संगठन किसने किया लेनिन ने रूसी साम्यवाद का जनक किसे कहा जाता है गॉर्गी प्लेखानोव को रूस में ‘सोशल डेमोक्रेटिक दल’ की स्थापना कब की गई 1898 में ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ का नारा किसने दिया कार्ल मार्क्स फेबियन सोसाइटी की स्थापना कहाँ की गई लंदन में फेबियन सोसाइटी की स्थापना कब हुई 1884 में रूस के शासक को क्या कहा जाता था जार किस जार को मुक्तिदाता के नाम से जाना जाता था अलेक्जेंडर द्वितीय रूस का अंतिम जार कौन था अलेक्जेंडर द्वितीय प्रथम विश्व युद्ध के समय लेनिन का नारा क्या था ‘युद्ध का अंत करो’ स्थाई शांति हेतु सिद्धांत किसने दिया ट्राटस्की लेनिन की मृत्यु कब हुई 1924 में इंग्लैंड में गृह युद्ध कब हुआ 1642 में इंग्लैंड में गृह युद्ध किसके शासन काल में हुआ चार्ल्स प्रथम ‘सौ वर्षीय युद्ध’ किस-किस के मध्य हुआ इंग्लैंड एवं फ्रांस के मध्य इंग्लैंड में गृह युद्ध के दौरान समर्थकों को क्या कहा जाता था कैवेलियर इंग्लैंड में गृह युद्ध के बाद वहाँ के शासक चार्ल्स प्रथम को किस प्रकार की सजा दी गई फाँसी की सजा चार्ल्स प्रथम को फाँसी कब दी गई 1649 ई. इंग्लैंड में रक्तविहीन क्रांति हुई, उस समय इंग्लैंड का शासक कौन था जेम्स द्वितीय जेम्स द्वितीय किस धर्म का अनुयायी था कैथोलिक धर्म का ‘कोर्ट ऑफ हाई कमान’ की स्थापना किसने की जेम्स द्वितीय जेम्स द्वितीय किस धर्म का अनुयायी था कैथोलिक धर्म का ‘कोर्ट ऑफ हाई कमान’ की स्थापना किसने की जेम्स द्वितीय ने जिस समय विलियम तृतीय को इंग्लैंड की राजगद्दी पर बैठने का न्यौता दिया गया, वह कहाँ का शासक था हॉलैंड का ट्यूदर वंश से संबंधित कौन था एलिजाबेथ प्रथम इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति का आरंभ किस उद्योग से हुआ सूती कपड़ा उद्योग से सर्वप्रथम पक्की सड़क बनाने की विधि कहाँ निकाली गई स्कॉटलैंड में किस व्यक्ति ने पक्की सड़क बनाने की विधि निकाली मैकेडम सर्वप्रथम नहर कब बनाई गई 1761 में प्रथम नहर कहाँ से कहाँ तक निकाली गई मैनचेस्टर से वर्सले तक किस इंजीनियर द्वारा प्रथम नहर निकाली गई ब्रिडले भाप इंजन का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया जार्ज स्टीफेंसन ने भाप के इंजन का प्रयोग सर्वप्रथम कब हुआ 1814 में सर्वप्रथम भाप इंजन का प्रयोग किसके लिए किया गया खानों से बंदरगाहों तक कोयला ले जाने के लिए औद्योगिक क्रांति की दौड़ में इंग्लैंड का प्रतिद्वंद्वी राष्ट्र कौन-सा था जर्मनी चीन व भारत के मध्य पंचशील सिद्धांतों पर हस्ताक्षर कब हुए 1954 ई. रोडेशिया का नाम जिंबाब्बे कब रखा गया 1980 ई. यूरोप में यूरो मुद्रा का प्रचलन कब हुआ 1999 ई. चीन की प्राचीन सभ्यता का विकास कब हुआ 2500 ई. पू. चीन की दीवार का निर्माण कब हुआ 220 ई. पू. मक्का में मोहम्मद साहब का जन्म कब हुआ 570 ई. पू. वाटरलू का युद्ध कब हुआ 1815 ई. विश्व शांति के लिए बांडगु सम्मेलन कब हुआ 1955 ई. ब्रिटेन के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे राबर्ट वालपोल ट्राल्फगर का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ नेपोलियन व इंग्लैंड के बीच ‘यदि समाज में क्रांति लानी हो तो क्रांति का नेतृत्व नवयुवकों के हाथ में दे दो’ यह किसने कहा था जोसेफ मेजिनी वैज्ञानिक समाजवाद का जनक किसे कहा जाता है कार्ल मार्क्स ‘कम्यूनिस्ट मैनीफेस्टो’ पुस्तक किसने लिखी कार्ल मार्क्स ‘शून्यवाद’ का जनक किसे कहा जाता है तुर्गनेव आधुनिक रूस का निर्माता किसे माना जाता है स्टालिन चीन की यात्रा करने वाला प्रथम यूरोपीय कौन था मार्को पोलो ‘मैं जानता हूँ यह प्रजातंत्र तब तक रहेग, जब तक में जीवित हूँ मेरे मरने के बाद प्रलय होगी’ यह कथन किसका है लुई प्रंदहवा प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण क्या था ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेड की हत्या प्रथम विश्व युद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति कौन था वुडरो विल्सन प्रथम विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ 11 नवंबर, 1918 ई. मोरक्को संकट कब पैदा हुआ 1905 ई. वर्साय की संधि कब हुई 28 जनू, 1919 ई. वर्साय की संधि किसके साथ हुई जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध में कितने राष्ट्रों ने भाग लिया 37 गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक किसे माना जाता है बिस्मार्क को ऑस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के मध्य त्रिगुट का निर्माण कब हुआ 1882 में रूस-जापान का युद्ध कब हुआ 1904-05 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने किस राष्ट्र पर 1914 ई. में आक्रमण किया बेल्जियम, लक्जमबर्ग, फ्रांस व रूस पर अमेरिका किस समय प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ 6 अप्रैल, 1917 को पेरिस शांति सम्मेलन कब से कब तक आयोजित हुआ 18 जनवरी, 1919-21 जनवरी, 1920 तक लीग ऑफ नेशंस की स्थापना कब हुई 1920 ई. द्वितीय विश्व युद्ध कब शुरू हुआ 1 सितंबर, 1939 ई. द्वितीय विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ 2 सितंबर, 1945 ई. द्वितीय विश्व युद्ध का तत्कालीन कारण क्या था जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण म्यूनिख पैक्ट कब हुआ 29 सिंतबर, 1938 ई. जर्मनी द्वारा वर्साय की संधि का पहला बड़ा उल्लंघन कब किया गया 1935 ई. वर्साय की संधि को अन्य किस नाम से जाना जाता है आरोपित संधि अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में कब भाग लिया 8 दिसंबर, 1941 ई. जापान के किन दो नगरों पर अमेरिका ने परमाणु बम गिराये हिरोशिमा व नागासाकी अमेरिका द्वारा प्रथम परमाणु बम कब गिराया गया 6 अगस्त, 1945 ई. अमेरिका ने पहला परमाणु बम कहाँ गिराया हिरोशिमा अमेरिका द्वारा नागासाकी पर परमाणु बम कब गिरया गया 9 अगस्त, 1945 ई. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना किस समय हुई द्वितीय विश्व युद्ध के बाद द्वितीय विश्व युद्ध के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति कौन था फ्रैंकलीन डी. रुजवेल्ट द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय का श्रेय किसे दिया जाता रूस को जापान ने मंचूरिया पर आक्रमण कब किया 1931 में इंग्लैंड में शानदार अलगाववउद की नीति का विचारक कौन था सेलिसेवरी ‘न्यू डील’ के प्रतिपादक कौन थे फ्रैंकलीन डी. रुजवेल्ट रोम-बर्लिन समझौता कब हुआ 25 अक्टूबर, 1936 में जर्मनी ने आत्मसमर्पण कब किया 7 मई, 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय इटली का अधिनायक कौन था मुसोलिनी अमेरिका का द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल होने का मुख्य कारण क्या था जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर आक्रमण ‘यूरोप का मरीज’ किसे कहा जाता है तुर्की ‘पान इस्लामिज्म’ का नारा किसने दिया अब्दुल हमीद द्वितीय ने आधुनिक तुर्की का निर्माता किसे माना जाता है मुस्तफा कमाल अतातुर्क पाशा तुर्की में ग्रिगोरियन कलैंडर का प्रचलन कब आरंभ हुआ 26 दिसंबर, 1925 ई. ‘इस्तांबुल’ का पुराना नाम क्या था कुस्तुनतुनिया (कांस्टेटिनोपल) कमाल पाशा की मृत्यु कब हुई 1938 ई. प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के साथ अपमानजनक संधि कब हुई 10 अगस्त, 1920 में प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के साथ हुई अपमानजनक संधि को किस नाम से जाना जाता है सेवा की संधि लॉजान की संधि कब हुई 24 अगस्त, 1923 में लॉजान की संधि किस-किस के मध्य हुई तुर्की और यूनान तुर्की में ‘रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी’ के संस्थापक कौन थे मुस्तफा कमाल पाशा तुर्की में गणतंत्र की स्थापना कब हुई 1923 में तुर्की में नए संविधान की घोषणा कब की गई 20 अप्रैल, 1924 में जापान के साम्राज्यवाद का पहला शिकार कौन-सा राष्ट्र हुआ चीन जापान में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया की शुरूआत किसने की मूत सुहीतो ने जापान की सैनिक सेवा अनिवार्य कब की गई 1872 ई. जापान ने राष्ट्र संघ की सदस्यता कब छोड़ी 24 फरवरी, 1933 ई. जापान का द्वार अमेरिकी व्यापार के लिए किसने खोला अमेरिकी नाविक पेरी ने ‘सौ चूहों की अपेक्षा एक शेर का शासन उत्तम है’ यह किसने कहा था वॉल्टेयर का ‘कानून की आत्मा’ की रचना किसने की मॉटेस्क्यू माप-तौल की दशमलव प्रणाली का शुभारंभ कहाँ से हुआ फ्रांस से सांस्कृतिक राष्ट्रीयता का जनक किसे कहा जाता है हर्डर को नेपोलियन फ्रांस का राजा कब बना 1804 ई. नेपोलियन के पिता का नाम क्या था कार्लो बोनापार्ट आधुनिक फ्रांस का जनक किसे कहा जाता है चार्ल्स डे गॉल इंग्लैंड को ‘बनियो का देश’ किसने कहा था नेपोलियन ने ‘राइट्स ऑफ मैन’ के लेखक कौन हैं टॉमस पेन ‘मदर’ की रचना किसने की मैक्सिको गोकी ‘गुलाबों का युद्ध’ कब हुआ 21 अक्टूबर, 1805 ई. मैग्नाकार्टा की घोषणा कब हुई 1215 ई. फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है 14 जुलाई को लुई सोलहवाँ को किस अपराध में फाँसी दी गई दोशद्रोह के अपराध में स्टेट्स जनरल के अधिवेशन का शुभारम्भ कब हुआ 5 मई, 1789 में बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना किसने की नेपोलियन ने नेपोलियन के पतन का कारण क्या था रूस पर आक्रमण करना लिटल कॉरपोरल किसे कहा जाता है नेपोलियन को जर्मनी का सबसे शक्तिशाली राज्य कौन-सा था प्रशा बिस्मार्क को सबसे अधिक भय किससे था फ्रांस से बिस्मार्क को किसने बाजीगगर कहा था विलियम प्रथम ने हिटलर का जन्म कब व कहाँ हुआ था 20 अप्रैल, 1889 ई., ब्राउनाउ में नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी का गठन कब व किसने किया 1920 ई., हिटलर ने नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी को अन्य किस नाम से जाना जाता था नाजी पार्टी हिटलर की आत्मकथा का नाम क्या है मेरा संघर्ष (माई स्ट्रगल) जर्मन सुरक्षा परिषद की स्थापना कब हुई 4 अप्रैल, 1933 ई. ‘एक राष्ट्र, एक नेता’ यह नारा किसने दिया हिटलर ने हिटलर की विस्तारवादी नीति का शिकार सर्वप्रथम कौन-सा राष्ट्र हुआ ऑस्ट्रिया हिटलर ने आत्महत्या कब की 30 अप्रैल, 1945 ई. जर्मनी में आर्थिक राष्ट्रवाद का पिता किसे माना जाता है फ्रेडरिक लिस्ट को सात सप्ताह का युद्ध अथवा ऑस्ट्रिया-पर्शिया युद्ध कब हुआ 1866 में जर्मनी का एकीकरण कब हुआ 18 जनवरी, 1871 ई. फ्रैंकफुर्ट की संधि किस-किस के मध्य हुई फ्रांस और प्रर्शिया के मध्य फ्रैंकफुर्ट का संधि कब हुई 10 मई, 1871 ई. चीन में गणतंत्र शासन पद्धति का जन्म कब हुआ 1911 ई. चीन की राष्ट्रपिता किसे कहा जाता है सनयात सेन सनयाता सेन की मृत्यु कब हुई 1925 ई. चीन में गृह युद्ध कब शुरू हुआ अप्रैल 1927 ई. ‘खुले द्वार की नीति’ का जनक किसे माना जाता है जॉन हे चीन में ‘खुले द्वार की नीति’ का जनक किसे माना जाता है डेंग जियोपिंग ‘एशिया आ मरीज’ किसे कहा जाता है चीन को चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कब हुई 1921 ई. हूनान के विशाल किसान आंदोलन का नेतृत्व किसने किया माओत्से तुंग ने चीन के जनवादी गणराज्य की राजधानी कहाँ थी हूनान में प्रथम विश्व युद्ध कब आरंभ हुआ 28 जुलाई, 1914 ई. पुनर्जागरण का शुभारंभ कहाँ से हुआ फ्लोरेंस नगर से (इटली) आधुनिक राजनीतिक दर्शन का जनक किसे माना जाता है मैकियावैली मार्टिन लूथर कौन था एक धर्मसुधारक धर्म सुधार आंदोलन का शुभारंभ किस सदी में हुआ 16 वीं सदी धर्म सुधार आंदोलन कहाँ से आंरभ हुआ इंग्लैंड पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक किसे माना जाता है जियाटो मांइकल एंजलो कौन था मूर्तिकार एवं चित्रकार आधुनिक प्रयोगात्मक विज्ञान का जन्मदाता किसे कहा जाता है रोजर बेकन धर्म सुधार आंदोलन का ‘प्रापःकालीन तारा’ किसे कहा जाता है जॉन विकलिफ को मानववाद का संस्थापक किसे माना जाता है पेट्रॉक को दाँते ने अपने किस प्रसिद्ध काव्य में स्वर्ग व नरक की कथा का काल्पनिक वर्णन किया है डिवाइन कॉमेडी अमेरिका की खोज किसने की क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य की नींव किसने डाली जेम्स प्रथम ने रेड इंडियन कहाँ के मूल निवासी थे अमेरिका अमेरिका का युद्ध किस संधि के द्वारा समाप्त हुआ पेरिस की संधि अमेरिका को पूर्ण स्वतंत्रता कब मिली 4 जुलाई, 1776 ई. अमेरिका में स्वतंत्रता संग्राम के नायक कौन थे जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम का तत्कालिक कारण क्या था बोस्टन चाय पार्टी बोस्टन चाय पार्टी की घटना कब हुई अमेरिका में सर्वप्रथम धर्म रिरपेक्ष राज्य की स्थापना किस देश में हुई अमेरिका विश्व में सर्वप्रथम राज्य की स्थापना किस देश में हुई अमेरिका विश्व में सर्वप्रथम लिखित संविधान किस देश में व कब लागू हुआ अमेरिका, 1789 ई. किस देश ने सर्वप्रथम मानवों की समानता और मौलिक अधिकारों की घोषणा की अमेरिका ने अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति कब बने 1861 ई. अमेरिका में गृह युद्ध कब शुरू हुआ 12 अप्रैल, 1861 ई. अमेरिका का गृह युद्ध कब समाप्त हुआ 26 मई, 1865 ई. अब्राहम लिंकन के दास प्रथा का अंत कब किया 1863 ई. ‘प्रजातंत्र जनता के लिए जनता द्वारा जनता का शासन है’ यह किसने कहा था अब्राहम लिंकन अमेरिका फिलोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना किसने की थी बेंजामिन फ्रेंकलिन अमेरिका में स्वतंत्रता के दौरान क्या नारा था प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं अमेरिका में गृह युद्ध कहाँ से आरंभ हुआ दक्षिणी कैरोलिना राज्य से ‘मैं ही राज्य हूँ और मेरे शब्द ही कानून हैं’ ये शब्द किसके हैं लुई चौदहवाँ टैले क्या था एक प्रकार का कर पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) राजपूत काल कब से कब तक माना जाता है छठी सदी से बारहवीं सदी तक 712 ई. में सिंध पर मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था दाहिर सर्वप्रथम जजिया कर लगाने का श्रेय किसे दिया जाता है मोहम्मद बिन कासिम ‘दिल्लिका’ किसका पुराना नाम है दिल्ली का ‘पृथ्वीराजरासों’ की रचना किसने की चंद्रबरदई ने प्रसिद्ध दिलवाड़ा जैन मंदिर कहाँ स्थित है माउंट आबू पर खजुराहो में स्थित मंदिरों का निर्माण किसने कराया चंदेल शासकों ने विजय स्तंभ कहाँ स्थित है चित्तौड़गढ़ महमूद गजनवी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किये 17 बार महमूद गजनवी का प्रसिद्ध आक्रमण कौन-सा था सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण मुहम्मद गजनवी ने गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को कब लूटा 1206 ई. सोमनाथ मंदिर पर मुहम्मद गजनवी के आक्रमण के समय गुजरात का शासक कौन था भीमदेव I किस नाटक के कुछ अंश ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिद पर लिखे हैं हरिकेलि रानी पद्मनी का नाम खिलजी की चित्तौड़ विजय से जोड़ा जाता है रानी पद्मनी किसकी पत्नी थीं राणा रतन सिंह विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की धर्मपाल ‘गीत गोविंद’ किसने लिखी जयदेव जयदेव किसकी सभा को अलंकृत करते थे लक्ष्मण सेन किसने सोमपुर महाविहार का निर्माण कराया धर्मपाल भारत पर सर्वप्रथम अरब आक्रमण किसने किया मुहम्मद बिन कासिम जगन्नाथ मंदिर किस राज्य में है ओड़िशा कोणार्क में स्थित सूर्य देव मंदिर के संस्थापक कौन थे नरसिंह I ब्लैक पगोड़ा कहाँ स्थित है कोणार्क में ‘अलवर’ के संस्थापक कौन थे अजय पाल किय शासक के दरबार में जैन आचार्य हेमचंद्र को संरक्षण मिला जय सिंह (सिद्धराज चंदावर का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ जयचंद और मोहम्मद गौरी लिंगराज मंदिर कहाँ स्थित है भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर की नींव किसने डाली ययाति केसरी ने बंगाल के पाल वंश का संस्थापक कौन था गोपाल किस पाल शासक को गुजराती कवि सोडढल ने ‘उत्तरापथ स्वामिन’ कहा धर्मपाल हिंदू विधि की प्रसिद्ध पुस्तक ‘दायभाग’ की रचना किसने की जीमूतवाहन ‘रामचरित’ की रचना किसने की संध्याकर नंदी ने प्रतिहार राजवंश की स्थापना किसने की हरिश्चंद्र ने मिहिर भोज का पुत्र कौन-था महेंद्रपाल ‘काव्यमीमांसा’ नामक ग्रंथ किसने लिखा राजशेखर ने तोमर वंश का संस्थापक कौन था राजा अनंगपाल किस शासक को ‘रायपिथौरा’ कहा जाता है पृथ्वीराज चौहान को कायस्थों का एक जाति के रूप में प्रथम उल्लेख कहाँ मिलता है ओशनम स्मृति में हिंदू विधि पर ‘मिताक्षरा’ नामक पुस्तक किसने लिखी विज्ञानेश्वर ने राजस्थान के इतिहास का प्रणेता किसे माना जाता है कर्नल टॉड़ सेन वंश की स्थापना किसने की सामंत सेन ने ‘समरांगण सूत्रधार’ विषय किससे संबंधित है स्थापत्य शास्त्र से तराइन का प्रथम युद्ध कब हुआ 1191 ई. तराइन का प्रथम युद्ध किस-किस के बीच हुआ पृथ्वीराज चौहान व मोहम्मद गौरी तराइन का दूसरा युद्ध कब हुआ 1192 ई. तराइन के द्वितीय युद्ध में किसकी पराजय हुई पृथ्वीराज चौहान की भारत पर प्रथम तुर्क आक्रमण किसने किया महमूद गजनवी के पिता सुबुक्तगीन ने महमूद गजनवी ने प्रथम आक्रमण किस राज्य के विरुद्ध किया था हिंदूशाही हिंदूशाही राज्य की राजधानी कहाँ थी उदभांडपुर/ओहिंद महमूद गजनवी का राजदरबारी कवि कौन था फिरदौसी ‘शहनामा’ के रचियता कौन है फिरदौसी महमूद गजनवी के आक्रमण के फलस्वरूप कौन-सा शहर फारसी संस्कृति का केंद्र बना लाहौर वाहिंद का युद्ध कब व किस-किस के बीच लड़ा गया महमूद गजनवी व आनंदपाल मोहम्मद गौरी किस वंश का शासक था शंसवनी मोहम्मद गौरी ने 1175 ई. में भारत पर पहला आक्रमण किस राज्य के विरुद्ध किया मुल्तान दक्षिण भारत कौन-सा शहर चोल राजाओं की राजधानी था तंजौर श्रीलंका पर विजय प्राप्त करने वाला प्रसिद्ध राजा कौन था राजेंद्र I तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण किसने कराया राजराजा प्रथम किस राष्ट्रकूट शासक ने पहाड़ी काटकर एलौरा के विश्वविख्यात कैलाश नाथ मंदिर का निर्माण कराया कृष्ण प्रथम ने राष्ट्रकूट साम्राज्य का संस्थापक कौन था दंतिदुर्ग किस राजवंश ने श्रीलंका व दक्षिण पूर्व एशिया को जीता चोल वंश विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण किसने कराया चालुक्य पल्लवों का एकाश्मीय रथ कौन-सी जगह मिला महाबलिपुरम् होयसल की राजधानी कहाँ थी द्वारसमुद्र यादव सम्राटों की राजधानी कहाँ थी देवगिरि किस शासक ने अरब सागर में भारतीय नौसेना की सर्वोच्चता स्थापित की राजराजा प्रथम पांड्य साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी मदुरै ऐहोल का लाढखाँ मंदिर किस देवता का है सूर्य देवता माम्मलपुरम् किसका समानार्थी है महाबलिपुरम् किस वंश के शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी चोलवंश भगवान नटराज का प्रसिद्ध मंदिर कहाँ स्थित है चिदंबरम् राष्ट्रकूटों का पतन किसने किया तैलप II प्रशासन के क्षेत्र में चोल वंश की मुख्य देन क्या थी सुसंगठित स्थानीय स्वशासन तीन मुख वाली ब्रह्मा, विष्णु व महेश की मूर्ति कहाँ स्थित है ऐलीफैंट गुफा में ‘महाभारत’ का ‘भारत वेणता’ के नाम से किसने तमिल भाषा में अनुवाद किया पेरुंदेवनार ने राजेंद्र चोल द्वारा बंगाल अभियान के समय बंगाल का शासक कौन था महिपाल I ‘चालुक्य विक्रम संवत्’ का शुभारंभ किसने किया विक्रमाद्वित्य VI ने पल्लवों की राजभाषा क्या थी संस्कृत 12वीं सदी के राष्ट्रकूट वंश के पाँचशिला लेख किस राज्य में मिले कर्नाटक कौन-से राजवंश के शासक अपने शासन काल में उत्तराधिकारी नियुक्त कर देते थे चोल वंश दक्षिणी भारत का तक्कोलम का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ चोल वंश व राष्ट्रकूटों के मध्य द्रविड़ शैली के मंदिरों में ‘गोपुरम’ का क्या अर्थ है तीरण के ऊपर बने अलंकृत एवं बहुमंजिला भवन चोलों को राज्य कहाँ तक फैला था कोरोमंडल तट व दक्कन के कुछ भाग तक चोल शासकों के समय बनी प्रतिमाओं में सबसे विख्यात कौन-सी प्रतिमा थी नटराज शिव की कांस्य प्रतिमा चोल युग किसके लिए प्रसिद्ध था ग्रामीण सभाओं के लिए किस राजवंश का काल कन्नड़ साहित्य की उत्पत्ति का काल माना जाता है राष्ट्रकूट होयसल स्मारक कहाँ है मैसूर व बैंगालूरू में चोलों द्वारा किसके साथ घनिष्ठ राजनीति तथा वैवाहिक संबंध स्थापित किए गए वेंगी के चालुक्य चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति कैसी थी चतुर्भज चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था विजयपाल रुद्रंवा किस राजवंश की प्रसिद्ध महिला शासक थी काकतीय राजवंश की राजराजा प्रथम का मूल नाम क्या था अरिमोल वर्मन चोलयुग में ‘कडिमै’ का अर्थ क्या था भू-राजस्व/लगान तंजौर में स्थित राजराजेश्वर मंदिर किस देवता का है शिव का चोल युग में किसने ‘हिरण्यगर्भ’ नामक त्यौहार का आयोजन किया लोकमहादेवी ने चोल युग में सोने के सिक्के क्या कहलाते थे कुलंजु चोल युग में युद्ध में विशेष पराक्रम दिखाने वाले योद्धा को कौन-सी उपाधि दी जाती थी क्षत्रिय शिखमणि पुलकेशिन द्वितीय किसके समकालीन था हर्षवर्धन काँची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण किसने कराया नरसिंह वर्मन II होयसल वंश का अंतिम शासक कौन था बल्लाल III चोल राजाओं ने किस धर्म को संरक्षण प्रदान किया शैवधर्म को ‘विचित्र चित्त’ की उपाधि किस पल्लव वंश के शासक ने धारण की महेंद्र वर्मन II चोलवंश का संस्थापक विजयपाल पहले किसका सामंत था पल्लवों को ‘शृंगार्थ दीपिका’ की रचना किसने की वेंकट माधव ने तैलप II ने किस नदी में आत्महत्या की थी तुंगभद्र नदी में भारत में मुस्लिम शासन की नींव किसने डाली मोहम्मद गौरी मोहम्मद गौरी का अंतिम आक्रमण किसके विरुद्ध था पंजाब के खोखर भारत में गुलाम वंश की स्थापना किसने की 1206 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की दरबारी भाषा क्या थी फारसी आगरा शहर का निर्माण किसने कराया सिकंदर लोदी ने किस सुलतान की मृत्यु ‘चौगान’ खेलते समय हुई कुतुबुद्दीन ऐबक कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किसने कराया कुतुबुद्दीन ऐबक ‘कुतुबमीनार’ कहाँ स्थित है दिल्ली ‘कुतुबमीनार’ का शुभारंभ किसने किया कुतुबुद्दीन ऐबक ‘कुतुबमीनार’ को पूरा किसने करवाया इल्तुतमिश ने रजिया सुल्तान किसी बेटी थी इल्तुतमिश किसके शासन काल में सबसे अधिक मगोल अक्रमण हुए अलाउद्दीन खिलजी सांकेतिक मुद्रा का चलन किसने किया मोहम्मद बिन तुगलक किस सुल्तान को इतिहासकारों ने विरोधों का मिश्रण कहा मोहम्मद बिन तुगलक लोदी वंश का अंतिम शासक कौन था इब्राहिम लोदी ‘इनाम’ भूमि किसे दी जाती थी विद्धान एवं धार्मिक व्यक्ति को दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाली प्रथम महिला शासक कौन थी रजिया सुल्तान दिल्ली के किस सुल्तान ने दक्षिणी भारत को पराजित करने का प्रयास किया अलाउद्दीन खिलजी विदेशी यात्री इब्नबतूता कहाँ से आया था मोरक्को से इब्नबतूता किसके शासन में भारत आया मोहम्मद बिन तुगलक किस शासक ने अपने आप को ‘खलीफा’ घोषित किया मुबारकशाह खिलजी खिलजी वंश की स्थापना कब व किसने की 13 जून, 1290 ई. को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने भारतीय इतिहास में बाजार/मूल्य नियंत्रण पद्धति की शुरुआत किसके द्वारा की गई अलाउद्दीन खिलजी अलबरुनी का पूरा नाम क्या था अबूरैहान मुहम्मद ‘11 वीं सदी के भारत का दर्पण’ किसे कहा जाता है किताब उल-हिंद दिल्ली सल्तन के किस शासक ने स्थायी सेना बनाई अलाउद्दीन खिलजी ‘गुलऊखी’ के उपनाम से कौन-सा शासक कविताएँ लिखत था सिकंदर लोदी अलाई दरवाजा किसका मुख्य द्वार है कुतुबमीनार का जलालुउद्दीन फिरोज खिलजी की हत्या किसने की अलाउद्दीन खिलजी ने अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक कौन था रामचंद्र देव सल्तनत काल में भू-राजस्व का सर्वोच्च ग्रामीण अधिकारी कौन था मलिक तैमूर लंक ने भारत पर आक्रमण कब किया 1398 ई. किस सुल्तान के दरबार में सबसे अधिक गुलाम थे बलबन किस सुल्तान ने बेरोजगारों को रोजगार दिया फिरोजशाह तुगलक किस शासक को भारत के इतिहास में ‘बुद्धिमान पागल’ शासक कहा जाता है मोहम्मद बिन तुगलक कौन-सा शासक अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद ले गया था मोहम्मद बिन तुगलक ‘तुगलकनामा’ की रचना किसने की अमीर खुसरो अमीर खुसरों ने किस भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई खड़ी बोली भारत में पोलो खेल का शुभारंभ किसके समय में हुआ तुर्कों के समय कौन-सा शासक दान-दक्षिणा में अधिक विश्वास रखता था तथा उसने ‘दिवान-ए-खैरात’ नामक विभाग की स्थापना की फिरोजशाह तुगलक किस संगीत यंत्र को हिंदू-मुस्लिम गान का सर्वश्रेष्ठ यंत्र माना गया है सितार को संगीत की ‘हिन्दुस्तानी’ शैली के जन्मदाता कौन हैं अमीर खुसरो संगीत की ‘कव्वाली’ शैली के जन्मदाता कौन है अमीर खुसरो अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर भी गुलाम वंश के शासक अपने साम्राज्य का विस्तार क्यों नहीं कर पाए मंगोल आक्रमण का भय होने के कारण किस शासक को द्वितीय सिकंदर अथवा ‘सिकंदर सानी’ कहा जाता है अलाउद्दीन खिलजी सिक्कों पर ‘खलीफा का नायब’ किस सुल्तान को माना गया फिरोजशाह-तुगलक ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ नामक मस्जिद किस शासक ने बनवाई कुतुबुदीन ऐबक कौन-सा शासक स्वयं को ‘ईश्वर का अभिशाप’ कहता था चंगेज खाँ मध्यकालीन भारतीय राजाओं के संदर्भ में फिरोज तुगलक के शासन की विशेषता क्या थी गुलामों के लगल विभाग ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना दिल्ली का वह सुल्तान जिसने भारत में नहरों का जाल बिछाया, कौन था फिरोजशाह तुगलक किसके कहने पर अलाउद्दीन खिलजी ने सिकंदर के समान विश्व विजय की योजना को ठुकरा दिया अलाउक मुल्क किस शासक ने सैनिकों को भू-अनुदान के स्थान पर नगद वेतन देने की प्रथा चलाई अलाउद्दीन खिलजी ने किसने भूमि मापने के पैमाने ‘गज-ए-सिकंदरी’ को प्रचलित किया सिकंदर लोदी किस मुस्लिम शासक ने सिक्कों पर लक्ष्मी देवी की आकृति बनवाई मोहम्मद गौरी अलाउद्दीन खिलजी का राजदरबारी कवि कौन था अमीर खुसरो किस शासक ने अपना उपनाम ‘अबुल मजहिद्’ रखा मुहम्मद बिन तुगलक मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु कहाँ हुई थट्टा में रजिया बेगम को मारने में किसका हाथ था बहरामशाह ‘जवाबित’ किससे संबंधित है राज्य कानून से अलाउद्दीन के बचपन का नाम क्या था अली गुरशप कौन-सा शासक बाजार के अंदर घूमकर बाजार का निरीक्षण करता था अलाउद्दीन खिलजी किस पुस्तक में मुहम्मद बिन तुगलक के शासन की घटनाओं का वर्णन है रेहला जलालुद्दीन फिरोज खिलजी सुल्तान बनने से पहले कहाँ का इक्तादार था बुलंदशहर का जलालुद्दीन फिरोज खिलजी सुल्तान बनने से पहले कहाँ का इक्तादार था बुलंदशहर का विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली शासक कौन था कृष्णादेव राय कृष्णदेव राय शासक कब बना 1509 ई. में कृष्णदेव राय के किन यूरोपवासियों के साथ मैत्रिपूर्ण संबंध थे पुर्तगालियों के साथ विजयनगर किस नदी के तट पर स्थित है तुंगभद्रा नदी बहमनी राजाओं की राजधानी कहाँ थी गुलबर्गा में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष कहाँ प्राप्त हुए हंपी में बीजापुर में स्थित ‘गोल गुंबज’ का निर्माण किसने किया मोहम्मद आदिलशाह कृष्णदेव राय किसके समकालीन थे बाबर के विजयनगर साम्राज्य का पहला वंश संगम के नाम से जाना जाता है क्योंकि हरिहर एवं बुक्का के पिता का नाम संगम था हरिहर एवं बुक्का ने किस संत के प्रभाव में आकर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की माधव विधारण्य संगम वंश का प्रमुख शासक कौन था देवराय प्रथम किस शासन ने तुंगभद्रा नदी पर बाँध बनवाया देवराय प्रथम ने विजय नगर का संघर्ष सदैव किसके साथ रहा बहमनी राज्य के साथ विजयनगर साम्राज्य का कौन-सा स्थान गलीचा निर्माण के लिए प्रसिद्ध था कालीकाट मीनाक्षी मंदिर कहाँ स्थित है मदुरै ‘चार मीनार’ का निर्माण किसने कराया ओली कुतुबशाह गोलकुंडा कहाँ स्थित है हैदराबाद हंपी का खुला संग्राहालय किस राज्य में है कर्नाटक किस संगमवशी शासक को ‘प्रौढ़देवराय’ भी कहा जाता है देवराय द्वितीय किस शासक की उपाधि ‘गजबेतेकर’ थी देवराय द्वितीय किस विजयनगर सम्राट ने उम्मात्तूर के विद्रोही सामंत गंगराय का दमन किया कृष्ण देवराय गोलकुंडा का युद्ध किस-किस के बीच लड़ा गया कृष्ण देवराय एवं कुलीकुतुबशाह के बीच विजयनगर साम्राज्य की वित्तीय विशेषता क्या थी भू-राजस्व ‘अठवण’ का क्या अर्थ है भू-राजस्व विभाग कृष्णदेव राय के दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे आठ तेलुगु कवि शर्क सुल्तानों के शासनकाल में किस स्थान को ‘पूर्व का शिराज’ या ‘शीराज-ए-हिन्द’ कहा जाता था जौनपुर बहमनी राज्य की स्थापना किसने की अलाउद्दीन हसन बहमन शाह (हसन गंगू) कश्मीर का कौन-सा शासक ‘कश्मीर का अकबर’ के नाम से जाना जाता है जैनुल आबिदीन ‘आमुक्तमालाद’ नामक काव्य की रचना किसने की कृष्णदेव राय ने कृष्णदेव राय ने ‘आमुक्तमालाद’ की रचना किस भाषा में की तेलुगू कृष्णदेव राय का राजकवि कौन था पेदन्ना विजयनगर के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता है कृष्णदेव राय को किस युद्ध को विजयनगर साम्राज्य शासन का अंत माना जाता है तालीकोटा का युद्ध ‘तालीकोटा का युद्ध’ कब हुआ 1565 ई. विट्ठल स्वामी का मंदिर किस देवता का है विट्ठल के रूप में विष्णु का ‘शैवों का अजंता’ किसे कहा जाता है लिपाक्षी को ‘वीर पांचला’ का अर्थ क्या है अभिजात्य वर्ग ‘अनरम’ का अर्थ किससे है जागीर से विजयनगर साम्राज्य में सैनिक विभाग को किस नाम से जाना जाता था कदाचार खानदेश राज्य का संस्थापक कौन था मलिक रजा फारुकी तैमूर लंग के आक्रमण के बाद गंगा की घाटी में कौन-सा राज्य स्थापित हुआ जौनपुर ‘अहमदाबाद’ की स्थापना किसने की अहमदशाह I ‘महमूद वेगड़ा’ किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था गुजरात का बहमनी शासन को किस शासक ने चरम पर पहुँचाया महमूद गांवा बहमनी साम्राज्य से सबसे पहले कौन-सा राज्य स्वतंत्र हुआ बरार ‘टोडरमल का पूर्वगामी’ किसे कहा जाता है महमूद गांवा अदीना मस्जिद कहाँ स्थित है बंगाल में विजयनगर का प्रसिद्ध विट्ठल मंदिर कहाँ स्थित है हंपी में बहमनी साम्राज्य में सबसे अंत में कौन-सा राज्य स्वतंत्र हुआ बीदर प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल हंपी किस जिले में स्थित है वेल्लारी में अबिनव भोज की उपाधि किस शासक ने ग्रहण की कृष्णदेव राय ने तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर का नेतृत्व किसने किया रामराय ने किस शासन में वर व वधु दोनों से कर लिया जाता था विजयनगर के शासन में विजयनगर की मुद्रा का नाम क्या था पेगोड़ा बहमनी राज्य की मुद्रा क्या थी हूण बहमनी शासन में कौन रूसी यात्री आया निकितन बहमनी राज्य में कुल कितने शासक हुए 18 ‘हरविलासम’ की रचना किसने की श्रीनाथ ने किस शासक ने दहेज प्रथा को अवैधानिक घोषित किया देवराय II किस शासक को ‘जालिम’ शासक के रूप में जाना जाता है हुमायूँ शाह पंजाब में भक्ति आंदोलन के जनक कौन थे गुरु नानक कबीर के गुरु कौन थे रामानंद कबीर का जन्म कहाँ हुआ लहरतारा (काशी) कबीर की मृत्यु कहाँ हुई थी मगहर (संतकबीरनगर, उ.प्र.) महाराष्ट्र में भक्ति संप्रदाय किसकी शिक्षाओं द्वारा फैला संत ज्ञानेश्वर भक्ति आंदोलन को दक्षिणी भारत से लाकर उत्तर भारत तक प्रचारित करने वाले कौन थे रामानंद चैतन्य महाप्रभु किस संप्रदाय से जुड़े थे गौडीय संप्रदाय पुष्टि मार्ग के दर्शन की स्थापना किसने की वल्लभाचार्य किस संत ने ईश्वर को अपने पास अनुभव के लिए कीर्तन को अपना माध्यम बनाया चैतन्य महाप्रभु अद्वैतवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया शंकराचार्य ने भक्ति आंदोलन के दौरान असम में भक्ति आंदोलन को किसने चलाया शंकर देव गुरु नानक का धर्मोपदेश क्या था मानव बंधुत्व किस भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए चंडीदास ने योगदान दिया बंगाली रामानुज के अनुयायी को क्या कहा जाता था वैष्णव ‘बीजक’ के रचियता कौन है कबीरदास महात्मा बुद्ध व मीराबाई के जीवन दर्शन में कौन-सी मुख्य विशेषता समान थी संसार का दुखपूर्ण होना प्रसिद्ध भक्ति रस कवयित्री मीराबाई किसकी पत्नी थी राजकुमार भोजराज ‘यदि संस्कृत मातृभाषा है तो क्या मेरी मातृभाषा दस्युभाषा है’ यह किसका कथन है एकनाथ का भक्त तुकाराम किस मुगल सम्राट के समकालीन थे जहाँगीर किस संत ने अपने भक्ति संदेशों के प्रचार के लिए हिंदी का प्रयोग किया रामानंद शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे रामदास ‘दास बोध’ के रचियता कौन हैं रामदास गुरु नानक का जन्म कब हुआ 1469 ई. गुरु नानक का जन्म कहाँ हुआ तलवंडी सिख धर्म का संस्थापक किस सिख गुरु को माना जाता है गुरु नानक अमृतसर शहर का निर्माण किसने कराया था गुरु रामदास किस धर्म गुरु को इस्लाम न अपनाने के कारण अपना शीष कटवाना पड़ा था गुरु तेग बहादुर महात्मा गाँधी के प्रिय भजन ‘जो पीर पराई जाने रे’ के रचियता कौन हैं नरसिंह मेहता नरसिंह मेहता कहाँ के प्रमुख संत थे गुजरात ‘असम का चैतन्य’ किसे कहा जाता है शंकद देव को मुगल शासक मुहम्मदशाह किस संप्रदाय की अनुयायी था शिव नारायण का गुरुनानक का जन्म स्थल तलवंडी नामक स्थान अब किस नाम से विख्यात है ननकाना साहिब ‘रामचरित्र मानस’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की तुलसीदास ने तुलसीदास का जन्म कहाँ हुआ बाँदा जिले के राजापुर गाँव में ‘रायदासी’ संप्रदाय की स्थापना किसने की रैदास ने दैरास किसके शिष्य थे रामानंद के ‘निपख’ नामक आंदोलन किस धर्म गुरु ने चलाया दादूदयाल ने सिखों के दसवें गुरु कौन थे गुरु गोविंद सिंह धर्म दीक्षा विधि ‘पाहुल’ की स्थापना किसने की गुरु गोविंद सिंह ने सिखों का प्रमुख त्यौहार कौन-सा है बैसाखी किस सिख गुरु ने पंजाबी भाषा के लिए गुरमुखी लिपि की शुरुआत की गुरु रामदास ने भारत में सबसे अधिक चिश्ती सिलसिले किसने स्थापित किए शेख मुइनुद्दीन चिश्ती ने महिला सूफी राबिया कहाँ की थी बसरा सूफी सिलसिला किस धर्म से संबंधित है इस्लाम से इस्लामी रहस्यवादी आंदोलन को क्या कहा जाता है सूफी आंदोलन भारत में किस सूफी सिलसिले को सर्वाधिक मान्यता मिली चिश्ती को दारा शिकोह ने किस सूफी सिलसिले को अपनाया कादिरी को निजामुद्दीन औलिया ने किस सुल्तान से मिलने से इंकार कर दिया था फिरोज खिलजी से सूफी सिलसिलों में कौन-सा संगीत के विरुद्ध था नक्शबंदी सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती किसके शासन काल में भारत आये पृथ्वीराज चौहान सूफी सलीम कहाँ रहते थे फतेहपुर सीकरी में मध्यकालीन सूफियों में सबसे धनी सूफी कौन थे शेख बहाउद्दीन जकारिया दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने ‘शेख-उल-इस्लाम’ की उपाधि किसे दी शेख बहाउद्दीन जकारिया को भागवत गीता एवं योग वशिष्ठ का फारसी में अनुवाद किसने किया दारा शिकोह ने किस सूफी संत को शेख-उल-हिंद की पदवी प्रदान की गई शेख सलीम चिश्ती को मुगल बादशाह औरंगजेब को किस सूफी सिलसिले में दिलचस्पी थी नक्शबंदी ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती किसके साथ भारत आए मोहम्मद गौरी चिश्ती परंपरा का मुख्य केंद्र कौन-सा था अजमेर सूफी मत के अध्यात्मिक प्रर्वतक को क्या कहा जाता है पीर ‘नक्शबंदी सिलसिला’ की स्थापना किसने की ख्वाजा अब्दुल्ला ने किस सूफी संत को जहाँगीर ने कैद कर लिया था शेख अहमद सरहिंदी को कादिरी संप्रदाय का प्रवर्तक कौन था अब्दुल कादिर गिलानी सूफियों के आश्रम को क्या कहा जाता था खानकाह बाबर फरगना की गद्दी पर कब बैठा 1495 ई. फरगना वर्तमान में कहाँ स्थित है उज्बेकिस्तान में बाबर ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया पाँच बार पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ 1526 ई. पानीपत का प्रथम युद्ध किस-किस के बीच लड़ा गया बाबर व इब्राहिम लोदी बाबर ने अपनी आत्मकथा किस पुस्तक में लिखी बाबरनामा बाबरनामा का फारसी में अनुवाद किसने किया अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने ‘मुबईयान’ नामक पद्य शैली का जन्मदाता किसे माना जाता है बाबर को मुगल वंश का सबसे प्रसिद्ध राजा कौन था अकबर खानवा का युद्ध कब हुआ 1527 ई. खानवा का युद्ध किस-किस के बीच हुआ राणा साँगा व बाबर हुमायूँ गद्दी पर कब बैठा 1530 ई. चौसा का युद्ध कब हुआ 1539 ई. चौसा का युद्ध किस-किस के बीच हुआ शेरशाह सूरी और हुमायूँ हुमायूँ द्वारा लड़े गए चार युद्धों का क्रम क्या है देबरा (1531), चौसा (1539 ई.) बिलग्राम (1540 ई.) व सरहिंद (1555 ई.) ‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की गुलबदन बेगम ने सूर साम्राज्य का संस्थापक कौन था शेरशाह सूरी बिलग्राम युद्ध के समय कालिंजर का शासक कौन था कीरत सिंह शेरशाह के समय में भू-राजस्व दर क्या थी उपज का 1/3 भाग मलिक मोहम्मद जायसी किसके समकालीन था शेरशाह सूरी भारत में डाक प्रथा का प्रचलन किसने किया शेरशाह सूरी पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ 1556 ई. पानीपत का द्वितीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ अकबर व हेमू के बीच ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म की शुरूआत किसने की अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम व अंतिम हिन्दू कौन था बीरबल अकबर के शासन की प्रमुख विशेषता क्या थी मनसबदारी प्रथा कौन-से सूफी संत अकबर के समकालीन थे शेख सलीम चिश्ती ‘आगरा में लाल किला’, ‘लाई दरवाजा’, ‘बुलंद दरवाजा’ किसके काल के प्रमुख बिंदु हैं अकबर ‘अनुवाद विभाग’ की स्थापना किसने की अकबर ने ‘पंचतंत्र’ का फारसी में अनुवाद किसने किया अबुल फजल किस मुगल सम्राट के काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण काल कहा जाता है अकबर मुगलों की राजकीय भाषा क्या थी फारसी ‘बुलंद दरवाजा’ किस उपलक्ष्य में अकबर ने बनवाया था गुजरात विजय जहाँगीर (सलीम) को किसके लिए याद किया जाता है न्याय के लिए जहाँगीर के शासन की मुख्य विशेषता क्या थी रानी नूरजहाँ का शासन पर नियंत्रण ‘चित्रकला का स्वर्ण युग’ किसके काल को कहा जाता है जहाँगीर श्रीनगर में स्थित शालीमार बाग व निशांत बाग किसके द्वारा निर्मित हैं जहाँगीर द्वारा आगरा स्थित ‘ताजमहल’ का निर्माण किसने कराया शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य वास्तुकार कौन था उस्ताद ईशा खान भागवद् गीता व रामायण का फारसी भाषा में अनुवाद किसने कराया दारा शिकोह ने ‘जिदा पीर’ किसे कहा जाता है औरंगजेब किस शासक ने इस्लाम न अपनाने के कारण गुरु तेग बहादुर की हत्या करवा दी थी औंरगजेब ने जजिया कर को किस शासक ने हटाया अकबर ने जजिया कर किस धर्म के लोगों से लिया जाता था हिन्दू धर्म जजिया कर को 1679 ई. में पुनः किस मुगल सम्राट ने लागू कर दिया था औरंगजेब ने बाबर की प्रसिद्ध युद्धनीति ‘तुगलकनाम नीति’ का प्रयोग सर्वप्रथम किस युद्ध में हुआ पानीपत के प्रथम युद्ध में भारत में ग्रांड ट्रंक रोड किसने बनवायी शेरशाह सूरी ‘आइन-ए-अकबरी’ किसके द्वारा लिखी गई अबुल फजल अकबर के दरबार में कौन-सा महान संगीतज्ञ था तानसेन सती प्रथा की भत्र्सना किस सम्राट ने की अकबर ने अंतिम मुगल सम्राट कौन था बहादुरशाह II अकबर के शासनकाल में भू-राजस्व सुधारों के लिए उत्तरदायी कौन था टोडरमल ‘रामचरित मानस’ के रचियता किसके समकालीन थे अकबर ने मुगल साम्राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किसने की शाहजहाँ ने अकबर की युवावस्था में उसका संरक्षक कौन था बैरम खाँ किस मुगल शासक का राज्याभिषेक दो बार हुआ औरंगजेब ग्रांड ट्रंक सड़क कहाँ से कहाँ तक जाती है कोलकाता से अमृतसर भारत में बीबी का मकबरा कहाँ स्थित है औरंगाबाद में नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण कब किया 1739 ई. नादिरशाह ने किस स्थान पर आक्रमण नहीं किया था कन्नौज शेरशाह सूरी का मकबरा कहाँ स्थित है सासाराम अकबर का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था कालानौर किस राजपूत वंश ने अकबर के सामने समर्पण नहीं किया था सिसोदिया वंश किस मुगल शासक को ‘आलमगीर’ कहा जाता था औरंगजेब को बाबर ने किस स्थान से होकर भारत में प्रवेश किया पंजाब से हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ 1576 ई. हल्दी घाटी का युद्ध किस-किस के बीच हुआ मुगलों एवं राणा प्रताप के बीच हल्दी घाटी के युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व किसने किया राजा मानसिंह ने किस मुगल शासक ने दो बार शासन किया हुमायूँ किस युद्ध को जीतने के बाद शेरशाह ने अफगान सत्ता की स्थापना की बिलग्राम का युद्ध बिलग्राम के युद्ध को दूसरे किस नाम से जाना जाता है कन्नौज का युद्ध अकबर के समय भारत में किस प्रसिद्ध महिला शासक का शासन था रानी दुर्गावती बाबर के मुस्लिम कानून-नियमों का संग्रह किसमें है मुबायीन किस इतिहासकार ने शाहजहाँ के काल को मुगल शासन का स्वर्ण युग कहा था ए. एल. श्रीवास्तव ‘जाब्ती प्रणाली’ का जन्मदाता कौन था शेरशाह सूरी पानीपत के युद्ध में बाबर की जती का क्या कारण था सैन्य कुशलता ‘जवाबित’ का संबंध किससे था राज्य कानून से ईरान के शाह और मुगल शासकों का झगड़ा किस स्थान के लिए था कंधार मुमताज महल का वास्तविक नाम क्या था अर्जुमंद बानो बेगम अकबर द्वारा बनाई गई कौन-सी इमारत बौद्ध विहार की तरह है पंचमहल अकबर ने सर्वप्रथम वैवाहिक संबंध किसके साथ स्थापित किए कछवाहों के साथ औरंगजेब ने दक्षिण में किन दो राज्यों को विभाजित किया बीजापुर व गोलकुंडा किस मुगल बादशाह ने अपनी आत्मकथा फारसी में लिखी जहाँगीर ने मुगलों को नौरोज का त्यौहार कहाँ से मिला पारसियों ने कौन-सा मकबरा द्वितीय ताजमहल कहलाता है बीबी का मकबरा/शबिया-उद-दौरानी का मकबरा किस मुगल बादशाह की सेना में सबसे अधिक हिंदू सेनापति थे औरंगजेब ‘अनवर-ए-सुहैली’ ग्रंथ किसका अनुवाद है पंचतंत्र संगीतज्ञ तानसेन का मकबरा कहाँ स्थित है ग्वालियर में गुलबदन बेगम किसकी पुत्री थी बाबर की ‘महाभारत’ का फारसी अनुवाद किसके काल में हुआ अकबर किसके निर्देशन में ‘महाभारत’ का फारसी अनुवाद हुआ फैजी किस विद्धान मुसलमान का हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान है अब्दुल रहीम खान-ए-खाना हल्दी घाटी के युद्ध में अकबर का क्या उद्देश्य था राणा प्रताप को अपने अधीन लाना मुगल सम्राट अकबर के समय का प्रसिद्ध चित्रकार कौन था दशवंत धरमत का युद्ध कब हुआ 1628 ई. धरमत का युद्ध किस-किस के बीच हुआ औरंगजेब व दारा शिकोह के बीच मुगल काल में किस बंदरगाह को ‘बाबुल मक्का’ कहा जाता था सूरत एतामद-उद-दौला का मकबरा कहाँ है आगरा एतामद-उद-दौला का मकबरा किसने बनवाया था नूरजहाँ ने किस राजपूताना राज्य ने अकबर की संप्रभुत्ता स्वीकार नहीं की थी मेवाड़ किस मध्यकालीन शासक ने ‘पट्टा एवं कबूलियत’ की प्रथा आंरभ की थी शेरशाह ने अकबर ने ‘कठाभरणवाणी’ की उपाधि किस संगीतज्ञ को दी थी तानसेन अंतिम रूप से किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया कर’ को समाप्त किया मोहम्मद शाह ‘रंगीला’ ‘जो चित्रकला का शत्रु है वह मेरा शत्रु हैं’ किस मुगल शासक ने कहा था जहाँगीर ने बाबर के वंशजों की राजधानी कहाँ थी समरकंद जहीरुद्दीन बाबर का जन्म कहाँ और कब हुआ 1483 ई. में, फरगाना चंदेरी का युद्ध किस-किस के मध्य हुआ बाबर और मेदिनीराय के मध्य बाबर ने अपनी आत्मकथा किस भाषा में लिखी तुर्की भाषा में कौन-सा बादशाह अपनी उदारता के कारण कलंदर के नाम से प्रसिद्ध था बाबर ‘दीन पनाह’ नगर की स्थापना किसने की हुमायूँ ने कौन-सा बादशाह सप्तहा के सातों दिन अलग-अलग कराया हुमायूँ पानीपत के द्वितीय युद्ध में किसकी पराजय हुई विक्रमादित्य फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजे का निर्माण किसने कराया अकबर ने बुलंद दरवाजे का निर्माण कब पूरा हुआ 1575 में ‘भानुचंद्र चरित’ की रचना किसने की सिद्धचंद्र ने इलाही संवत् की स्थापना किसने की अकबर ने दास प्रथा का अंत कब और किसने किया 1562 में, अकबर ने किस शासक ने ‘नूरुद्दीन’ की उपाधि धारण की जहाँगीर ने किसने ‘निसार’ नामक सिक्के का प्रचलन किया जहाँगीन ने किस शासक ने न्यान के लिए अपने महल में सोने की जंजीर लगवाई जहाँगीर ने ‘मयूर सिंहासन’ का निर्माण किसने कराया था शाहजहाँ ने ताजमहल के निर्माण में कितना समय लगा था 22 वर्ष ‘गंगालहरी’ नामक रचना किसके शासन काल में रचित हुई शाहजहाँ के काल में किस शासने अपने पिता को कैद में डाल दिया था औरंगजेब ने औरंगजेब गद्दी पर बैठने से पहले किस स्थान का गर्वनर था दक्कन ‘गुण समंदर’ की उपाधि किस शासक के धारण की शाहजहाँ ने शेरशाह का मकबरा कहाँ है सासाराम (बिहार) ‘नगीना मस्जिद’ कहाँ स्थित है आगरा में किस शासक के शासन के दौरान मुगल साम्राज्य की सीमाएं सबसे ज्यादा विस्तृत हो गईं औरंगजेब किस शासक ने मुगल राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए शाहजहाँनाबाद नगर की स्थापना की शाहजहाँ मराठा राज्य मराठा राज्य संघ की स्थापना किस पेशवा के समय में हुई बालाजी विश्वनाथ मराठों ने सर्वप्रथम किसके अधीन कार्य करके अनुभव प्राप्त किया देवगिरि के यादवों के अधीन गुरिल्ला युद्ध का पथ प्रदर्शक कौन था शिवाजी शिवाजी के शासन में पेशवा किसको कहा जाता था प्रधानमंत्री को किसने शिवाजी को तोपें प्रदान की अंग्रेजी ने शिवाजी और मुगलों के बीच कौन-सी संधि हुई पुरंदर की संधि शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ रायगढ़ शिवाजी के साम्राज्य की राजधानी कहाँ हुआ रायगढ़ पानीपत का तृतीय युद्ध कब हुआ 1761 ई. पानीपत का तृतीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ पेशवा बाजीराव II और अहमदशाह अब्दाली शिवाजी सबसे अधिक किसके प्रभावित थे जीजाबाई से ‘अष्ट प्रधान’ परिषद किसके शासन काल में थी शिवाजी शिवाजी के संरक्षक एवं राजनीतिक गुरु कौन थे दादा जी कोंड देव किस मराठा सरदार ने सबसे पहले लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया पेशवा बाजीराव II ‘सरेजामी’ प्रथा किससे संबंधित हैं मराठा भू-राजस्व व्यवस्था बीजापुर के सुल्तान ने किस सरदार को शिवाजी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए भेजा अफजल खाँ मुगलों की कैद से भागने के समय शिवाजी किस जेल में थे आगरा की जेल ग्वालियर राज्य की स्थापना किसने की जीवाजीराव सिंधिया किस इतिहासकार ने पानीपत की लड़ाई को स्वयं देखा काशीराज पंडित शिवाजी को ‘पहाड़ी चूहा व साहसी डाकू’ किसने कहा था औरंगजेब ने शिवाजी औरंगजेब के दरबार में आगरा कब उपस्थित हुए 1666 ई. मराठा शासन को किसने सरल और कारगर बनाया बालाजी विश्वनाथ ने शिवाजी का अंतिम सैन्य अभियान कौन-सा था कर्नाटक अभियान शिवाजी के ‘अष्ट प्रधान’ का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख रेख करता था, उसे क्या कहा जाता था सुमंत मराठा शासन में सर-ए-नौबत का क्या अर्थ था सेनापति किस मराठा सरदार ने 1758-59 में पंजाब पर विजय प्राप्त की रघुनाथ राव किस मराठा सरदार ने सेना का गठन यूरोपीय ढंग से किया था महदाजी सिंधिया ने शिवाजी का जन्म कहाँ हुआ था शिवनेर किले में किस भाषा को शिवाजी ने अपने दरबार में लागू किया मराठी भाषा को शिवाजी से लड़ने के लिए जयसिंह को किस मुगल शासक ने भेजा था औरंगजेब ने शिवाजी का राज्यभिषेक कब हुआ 1674 में शिवाजी की आय का मुख्य साधन क्या था चौथ ‘झलकी की संधि’ किस-किस के मध्य हुई हैदराबार के निजाम एवं बाला जी बाजीराव के मध्य खेड़ा का युद्ध कब हुआ 1707 में पालखेड़ा का युद्ध कब हुआ 1728 में मध्यकालीन भारत खजुराहों के मंदिर कहाँ स्थित हैं मध्य प्रदेश हवा महल कहाँ स्थित है जयपुर बड़ा इमामबाड़ा कहाँ स्थित है लखनऊ चेतक घोड़ा किससे संबंधित है राणा प्रताप बीजागणित के क्षेत्र में अपने विशेष योगदान के लिए किसे जाना जाता है भास्कर सबसे पुराना वाद्य यंत्र कौन-सा है वीणा किस वृहत मंदिर की आरंभिक कल्पना तथा निर्माण सूर्यवर्मन द्वितीय के राज्य काल में हुआ अंकोरवाट का मंदिर अमरावती बौद्ध स्तूप कहाँ है आंध्र प्रदेश में सलहर के युद्ध में मुगल सेना को किसने हराया शिवाजी ने सलहर का युद्ध कब हुआ था 1672 ई. किसे ‘रंगीला’ बादशाह कहा जाता है मुहम्मद शाह भारत का अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर (द्वितीय) का मकबरा कहाँ स्थित है रंगून (यंगून), म्यांमार में अहमद शाह अब्दाली ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किए 8 बार नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण कब किया 1739 ई. शिवाजी के समय कितना राजस्व वसूला जाता था भू-राजस्व का 33% ‘आगरा की जामा मस्जिद’ का निर्माण किसने कराया जहाँआरा ने किस सिख गुरु ने फारसी भाषा में जफरनामा लिखा गुरु गोविंद सिंह गुरु नानक का जीवन परिचय किस सिख गुरु ने लिखा गुरु अर्जुन देव ने औरंगजेब के शासन काल में बंगाल का नबाब कौन था मुर्शीद कुली खाँ शिवाजी की मृत्यु कब हुई 12 अप्रैल, 1680 में औरंगजेब ने ‘बीबी का मकबरा’ का निर्माण कब कराया 1679 में सामूगढ़ का युद्ध कब हुआ 1658 में जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ का वास्तविक नाम क्या था मेहरुनिशा हैदरअली मैसूर के शासक कब बने 1761 नादिरशाह कहाँ का शासक था ईरान का माधवराव नारायण पेशवा कब बने 1761 में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की नींव कब डाली 1699 ई. में किस गुरु ने विद्रोही मुगल राजकुमार की सहायता धन व मन से की थी गुरु अर्जुन देव सैय्यद बंधुओं का पतन किसके समय में हुआ मुहम्मद शाह फर्रुखसियर किसके सहयोग से मुगल बादशाह बना सैय्यद बंधु भारत पर आक्रमण करने वाले किस ईरानी शासक को ‘ईरान का नेपोलियन’ कहा जाता है नादिर शाह को किस राज्य के शासक ‘नवाब वजीर’ कहलाते थे अवध के शासक ‘आदिग्रंथ’ का समायोजन किसने किया गुरु अर्जुन देव ने आधुनिक भारत का इतिहास वह पुर्तगाली कौन था जिसने गोवा पर अधिकार कर लिया था अल्फांसो डी अल्बुकर्क भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गवर्नर जनरल कौन था वारेन हेस्टिंग्स किस यूरोपीय देश ने भारत में सबसे पहले अपना व्यापार फैलाया पुर्तगाल वास्कोडिगामा भारत कब आया 1498 ई. वास्कोडिगामा भारत में किस स्थान पर उतरा कालीकट वास्कोडिगामा कहाँ का रहने वाला था पुर्तगाल किस अंग्रेज ने सम्राट जहाँगीर के दरबार में आकर भेंट की थी सर टॉमस रो गोवा, दमन व द्वीव का उपनिवेशीकरण किसके द्वारा किया गया पुर्तगालियों द्वारा अंग्रेजों ने अपनी प्रथम कंपनी लगाने के लिए किससे अनुमति प्राप्त की जहाँगीर से अंग्रेजों ने अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ लगाई सूरत में भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की वास्कोडिगामा तृतीय कर्नाटक युद्ध की संधि का क्या नाम था पेरिस की संधि वास्कोडिगामा के कालीकट पर उतरने पर उसका स्वागत किसने किया कालीकट के राजा जमोरिन ने ब्रिटिश के साथ बेसिन की संधि किस पेशवा ने की थी बाजीराव II किस पुर्तगाली ने ‘नीले पानी की नीति’ अपनाई फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है अल्फांसो डी अल्बुकर्क पुर्तगालियों का भारत का पहला गवर्नर कौन था फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत आने वाला प्रथम डच नागरिक कौन था कारनेलिस डहस्तमान डचों ने गोवा पर आक्रमण कब किया 1639 में डुप्ले भारत का फ्रेंच गवर्नर कब बना 1742 में जहाँगीर ने किसे ‘खान’ की उपाधि दी हॉकिंस आगरा व सीकरी पहुंचने वाला अंग्रेज व्यापारी कौन था रॉल्फ फिच डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री 1605 ई. में कहाँ स्थापित की मसूलीपट्टनम भारत का कौन-सा नगर द्वीप पर निर्मित है मुंबई पुर्तगालियों ने पहली व्यापारिक कोठी कहाँ खोली कोचीन में अंग्रेजों ने अपनी पहली फैक्ट्री कब लगाई 1612 ई. किस शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को ‘दीवानी’ प्रदान की शाहआलम II भारत में पहली बार मुद्रण मशीन का स्थापना किसने की पुर्तगालियों ने इंटरलोपर्स कौन थे अनाधिकृति व्यापारियों के रूप में सामुद्रिक लुटेरे उस समय भारत का बादशाह कौन था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई अकबर किस वर्ष फ्रांस की सरकार ने भारत में स्थित फ्रांसीसी बस्तियों का अधिकार भारत सरकार को सौंपा था 1954 ई. वांडीवाश का युद्ध कब हुआ 1760 ई. वह पुर्तगाली कौन था जिसने गोवा पर अधिकार कर लिया था अल्फांसो डी अल्बुकर्क भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गवर्नर जनरल कौन था वारेन हेस्टिंग्स किस यूरोपीय देश ने भारत में सबसे पहले अपना व्यापार फैलाया पुर्तगाल वास्कोडिगामा भारत कब आया 1498 ई. वास्कोडिगामा भारत में किस स्थान पर उतरा कालीकट वास्कोडिगामा कहाँ का रहने वाला था पुर्तगाल किस अंग्रेज ने सम्राट जहाँगीर के दरबार में आकर भेंट की थी सर टॉमस रो गोवा, दमन व द्वीव का उपनिवेशीकरण किसके द्वारा किया गया पुर्तगालियों द्वारा अंग्रेजों ने अपनी प्रथम कंपनी लगाने के लिए किससे अनुमति प्राप्त की जहाँगीर से अंग्रेजों ने अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ लगाई सूरत में भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की वास्कोडिगामा तृतीय कर्नाटक युद्ध की संधि का क्या नाम था पेरिस की संधि वास्कोडिगामा के कालीकट पर उतरने पर उसका स्वागत किसने किया कालीकट के राजा जमोरिन ने ब्रिटिश के साथ बेसिन की संधि किस पेशवा ने की थी बाजीराव II किस पुर्तगाली ने ‘नीले पानी की नीति’ अपनाई फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है अल्फांसो डी अल्बुकर्क पुर्तगालियों का भारत का पहला गवर्नर कौन था फ्रांसिस्को डी अल्मीडा भारत आने वाला प्रथम डच नागरिक कौन था कारनेलिस डहस्तमान डचों ने गोवा पर आक्रमण कब किया 1639 में डुप्ले भारत का फ्रेंच गवर्नर कब बना 1742 में जहाँगीर ने किसे ‘खान’ की उपाधि दी हॉकिंस आगरा व सीकरी पहुंचने वाला अंग्रेज व्यापारी कौन था रॉल्फ फिच डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री 1605 ई. में कहाँ स्थापित की मसूलीपट्टनम भारत का कौन-सा नगर द्वीप पर निर्मित है मुंबई पुर्तगालियों ने पहली व्यापारिक कोठी कहाँ खोली कोचीन में अंग्रेजों ने अपनी पहली फैक्ट्री कब लगाई 1612 ई. किस शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को ‘दीवानी’ प्रदान की शाहआलम II भारत में पहली बार मुद्रण मशीन का स्थापना किसने की पुर्तगालियों ने इंटरलोपर्स कौन थे अनाधिकृति व्यापारियों के रूप में सामुद्रिक लुटेरे उस समय भारत का बादशाह कौन था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई अकबर किस वर्ष फ्रांस की सरकार ने भारत में स्थित फ्रांसीसी बस्तियों का अधिकार भारत सरकार को सौंपा था 1954 ई. वांडीवाश का युद्ध कब हुआ 1760 ई. प्रशासनिक अव्यवस्था के आधार पर डलहौजी ने कौन-सा राज्य ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया था अवध भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव कब पड़ी 1835 ई. भारत में डाक टिकट किसने आरंभ किए लॉर्ड डलहौजी अवध के स्वायत्त राज्य की संस्थापक कौन था सादत खाँ ‘बुरहान-उन-मुल्क’ ‘सुरक्षा प्रकोष्ठ नीति’ किससे संबंधित है वॉरेन हेस्टिंग्स किस भारतीय कोरॉबर्ट क्लाइव ने बिहार की दीवान बनाया राजा शिताबराय महाराणा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी कौन थे खड़क सिंह ‘स्थायी बंदोबस्त’ का सिद्धांत किसने दिया लॉर्ड कॉर्नवालिस ‘सहायक संधि’ प्रणाली के जनक कौन थे लॉर्ड वेलेजली महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र किसने पढ़कर सुनाया लॉर्ड कैनिंग रण्जीत सिंह किस मिसल से संबंधित थे सुकरचकिया किसने अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थापित की मीर कासिम बक्सर के युद्ध (1764 ई.) के समय दिल्ली का शासक कौन था शाहआलम II टीपू सुल्तान की मृत्यु कब हुई 1799 ई. डिंडीगुल क्या है तमिलनाडु के एक शहर का नाम किसके समय में कलकत्ता उच्च न्यायालय की स्थापना की गई वॉरेन हेस्टिंग्स ब्रिटिश भारतीय राज्य क्षेत्र के विस्तार का अंत किसके समय में हुआ डफरिन के समय ठगों का दमन किसने किया कर्नल स्लीमेन किसने ग्रामीण जाटों को एक सैनिक शक्ति के रूप में संगठित किया चूरामन (चूड़ामणि) किस जाट राजा को ‘जाटों का अफलातून एवं आदरणीय व विद्धान व्यक्ति’ कहा जाता है सूरजमल ‘लौहगढ़’ नामक किला किसने बनवाया बंदा बहादुर किस मुगल बादशाह के आदेश पर बंदा बहादुर की हत्या की गई फर्रुखसियर पंजाब में सिख राज्य के संस्थापक कौन थे रणजीत सिंह रणजीत सिंह ने किस स्थान पर अधिकार करने के बाद ‘महाराजा’ की उपाधि धारण की लाहौर रणजीत सिंह व अंग्रेजों के बीच कौन-सी संधि हुई अमृतसर की संधि अमृतसर की संधि किस नदी के दोनों ओर के राज्य क्षेत्रों के बीच सीमा निर्धारित करती थी सतलज नदी भारत के किस गवर्नर जनरल के समय सिंध का विलय अंग्रेजी राज्य में किया गया लॉर्ड एलनबरो सिंध विजय का श्रेय किसे दिया जाता है सर चाल्र्स नेपियर भारत में सहायक संधि का जन्मदाता कौन है डुप्ले सहायक संधि को सुनिश्चित एवं व्यापक स्वरुप किसने प्रदान किया लॉर्ड वेलेजली पंजाब के राज रणजीत सिंह की राजधानी कहाँ थी लाहौर गोद प्रथा प्रतिबंध किस गवर्नर जनरल ने लगाया था लॉर्ड डलहौजी ने डेनमार्क की प्रथम व्यापारिक कंपनी का गठन कब हुआ 1616 में किसके काल में ‘बोर्ड ऑफ रेवन्यू’ की स्थापना हुई हेस्टिंग्स के किस अंग्रेज को प्रशासनिक सेवा का जनक कहा जाता है कॉर्नवालिस को कलकता में स्थित फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना किसने की लॉर्ड वेलेजली ने टैंसी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम कब लागू हुआ 1822 में बैरकपुर में सैन्य विद्रोह कब आरंभ हुआ 1824 में किस गर्वनर जनरल का कार्यकाल शिक्षा सुधारों के लिए माना जाता है विलियम बैंटिंक कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना कब और किसने की 1835 ई., विलियम बैंटिंक ने बालिका हत्या पर प्रतिबंध कब लगाया गया 1830 में किसे ‘भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता’ कहा जाता है लॉर्ड चाल्र्स मेटकॉफ को ‘इनाम कमीशन’ की स्थापना किसने की लॉर्ड डलहौजी ने किस कर व्यवस्था के अंतर्गत किसानों से उपज का 50% वसूला जाता था रैयतवाड़ी व्यवस्था नरबलि प्रथा का अंत किस गवर्नर के काल में हुआ अर्थव्यवस्था पर भारत से ब्रिटेन की ओर ‘संपत्ति के अपवहन’ का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया दादाभाई नौरोजी भारत में टेलीग्राफ लाइन किसके द्वारा शुरू की गई कलकत्ता व आगरा भारत में पहली सूती वस्त्र मिल कहाँ स्थापित की गई मुंबई भारत में अंग्रेजों की लूट किस महत्वपूर्ण घटना के बाद शुरू हुई प्लासी के युद्ध के बाद भारत में प्रथम रेलवे लाइन किसने बिछवाई जार्ज क्लार्क भारत में ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणाली का अधिक लाभ किसे प्राप्त हुआ जमींदार किसके द्वारा बंगाल व बिहार में स्थाई बंदोबस्त का शुभारम्भ किया गया लॉर्ड कॉर्नवालिस रैयतवाडत्री व्यवस्था कब लागू की गई 1820 ई. पहली बार औपचारिक रूप से महालवाड़ी प्रथा कब लागू की गई 1822 ई. अंग्रेजी शासन में कौन-सा क्षेत्र अफीम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था बिहार 18वीं सदी में बंगाल में वस्त्र उद्योग के पतन का क्या कारण था ब्रिटेन को निर्यात करने वाले माल पर उच्च तटकर नील कृषकों की दुर्दशा पर लिखी गई पुस्तक ‘नील दर्पण’ के लेखक कौन थे दीनबंधु मित्र अंग्रेजों द्वारा प्रथम कहवा बागान कहाँ लगाए गए वायनाडा जनपद में भारत में अंग्रेजों के समय प्रथम जनगणना किसके कार्यकाल में हुई लॉर्ड मेयो के सर टॉमस मुनरो किस भूराजस्व बंदोबस्त से संबंधित हैं रैयतवाड़ी बंदोबस्त स्थाई बंदोबस्त के तहत जमींदार को पूरे राजस्व का कितना प्रतिशत राज्य को देना तय हुआ 89% भारत में भारतीयों द्वारा 1881 ई. में स्थापित तथा उनके प्रबंध में चलने वाला सीमित देयता का प्रथम बैंक कौन सा था अवध कॉमर्शियल बैंक अंग्रेजों द्वारा पहली बार स्थाई बंदोबस्त कहाँ लागू किया गया मद्रास प्रेसीडेंसी व बंबई प्रेसीडेंसी भारत में इस्पात का उत्पादन सर्वप्रथम कब शुरू हुआ 1913 ई. रेल विभाग के लिए पृथक रूप से रेल बजट कब आरंभ हुआ 1924 ई. भारत में विकेंद्रीकरण का शुभारंभ किसके समय में हुआ लॉर्ड मेयो ‘भारत और इंग्लैंड के आर्थिक हित प्रत्येक क्षेत्र में टकराते हैं’ यह कथन किसका है जवाहर लाल नेहरू ‘पावर्टी एंड अनब्रिटिश रुल इन इंडिया’ के लेखक कौन हैं दादाभाई नौरोजी भारत में आधुनिक उद्योगों की स्थापना कब प्रारंभ हुई 1850 ई. भारत में रेलवे की स्थापना को ‘आधुनिक उद्योग की अग्रदूत/जननी’ की संज्ञा किसने दी कार्ल मार्क्स भारत में पहली पटसन मिल कहाँ स्थापित की गई रिशरा (बंगाल में) सर्वप्रथम लोहा इस्पात उद्योग की स्थापना कहाँ हुई बिहार कांग्रेस के कराची अधिवेशन (1931 ई.)के अध्यक्ष कौन थे सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत में अंग्रेजों को भूमि खरीदने व बसने की अनुमति कब मिली 1833 ई. ‘द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी रमेश चंद्र दत्त 1938 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुरोध पर राष्ट्रीय योजना समिति बनाई गई, उसके अध्यक्ष कौन थे जवाहर लाल नेहरू किसके काल में सिंचाई आयोग का गठन हुआ लॉर्ड कर्जन के काल में कृषि विभाग की स्थापना कब की गई 1872 में किस स्थान पर 1866 ई. में भीष्ण आकाल पड़ा उड़ीसा कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए मदरसा कब स्थापित किया गया 1772 में पहले समाचार-पत्र ‘बंगाल गजट’ का प्रकाशन कब हुआ 1780 में ‘गीता’ का अंग्रेजी में अनुवाद किसने किया विलियम विलकिंस ने बिजली संचलित तार सेवा पहली बार कहाँ आरंभ हुई कलकत्ता एवं आगरा के मध्य बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे जोनाथन डंकन ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना कब हुई 1828 ई. ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना किसके द्वारा और कहाँ की गई कलकत्ता में, राजा राममोहन राय आधुनिक भारत में हिंदू धर्म के सुधार का पहला आंदोलन कौन-सा था ब्रह्म समाज ब्रह्म समाज का विरोधी संगठन कौन-सा था जिसने सती प्रथा व अन्य सुधारों का विरोध किया धर्म सभा धर्म सभा के संस्थापक कौन थे राधाकांत देव सती प्रथा का अंत कब हुआ 1829 ई. सती प्रथा के अंत में सबसे अधिक प्रयास किसका रहा राजा राममोहन राय ‘आर्य समाज’ की स्थापना कब हुई 1875 ई., मुंबई ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज किसके विरुद्ध है धार्मिक अनुष्ठान व मूर्ति पूजा 19वीं सदी में भारतीय पुनर्जागरण का पिता किसे माना जाता है राजा राममोहन राय को राजाराम मोहन राय का जन्म कहाँ हुआ राधानगर, जिला वर्धमान स्वामी दयानंद सरस्वती का मूल नाम क्या था मूलशंकर राजा राममोहन राय के इंग्लैंड जाने के बाद ब्रह्म समाज की बागडोर किसने संभाली रामचंद विधावागीश किसके प्रयासों से ब्रह्म समाज की जड़े उत्तर प्रदेश, पंजाब व मद्रास में फैली केशवचंद्र सेन 1815 ई. में कलकत्ता में किसने ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना की राजा राममोहन राय राजा राममोहन राय व डेविड हेयर हकिस संस्था से जुड़े थे हिन्दू कॉलेज थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना कब और कहाँ हुई 1875 ई., न्यूयॉर्क में थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना भारत में कब और कहाँ हुई 1882 ई., अडयार, मद्रास में ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की रचना किसने की दयानंद सरस्वती ‘वेदों की ओर लोटों’ का नारा किसने दिया दयानंद सरस्वती ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना कब हुई 1896-97 ई., बैलूर (कलकत्ता) ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना किसने की स्वामी विवेकानंद अलीगढ़ आंदोलन किसने चलाया सर सैय्यद अहमद खाँ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव किसने डाली सर सैय्यद अहमद खाँ ‘युवा बंगाल’ आंदोलन के नेता कौन थे हेनरी विवियन डेरोजियो ‘सत्य शोधक समाज’ की स्थापना किसने थी ज्योतिबा फूले किस धर्म सुधारक की मृत्यु भारत से बाहर हुई राजा राममोहन राय वहाबी आंदोलन का मुख्य केंद्र कहाँ था पटना भारत में दास प्रथा को कब अवैध घोषित किया गया 1843 ई. भारत में अंग्रेजी शिक्षा की व्यवस्था किसके द्वारा की गई विलियम बैंटिंक द्वारा ‘वेदों में संपूर्ण सच्चाई निहित है’ यह कथन किसका है स्वामी दयानंद सरस्वती ‘महाराष्ट्र का सुकरात’ किसे कहा जाता है महादेव गोविंद रानाडे विवेकानंद किस स्थान पर विश्व धर्म सम्मेलन में प्रसिद्ध हुए शिकागो ‘संवाद कौमुदी’ पत्र के संपादक कौन थे राजा राममोहन राय ‘तत्व रंजिनी सभा’, ‘तत्व बोधिनी सभा’ व ‘तत्व बोधीन पत्रिका’ किससे संबंधित हैं देवेंद्र नाथ टैगोर ‘प्रार्थना समाज’ की स्थापना किसकी प्रेरणा के फलस्वरूप हुई केशवचंद्र सेन ‘वामा बोधिनी’ पत्रिका महिलाओं के लिए किसने निकाली केशवचंद्र सेन शारदामणी कौन थी रामकृष्ण परमहंस की पत्नी ‘कूका आंदोलन’ किसने चलाया था गुरु राम सिंह 1956 ई. में कौन-सा धार्मिक कानून पारित हुआ धार्मिक अयोग्यता कानून महाराष्ट्र के किस सुधारक को ‘लोकहितवादी’ कहा जाता है गोपाल हरि देशमुख ब्रह्म समाज किस सिद्धांत पर आधारित है एकेश्वरवाद ‘देव समाज’ की स्थापना किसने की शिवनारायण अग्निहोत्री ‘राधास्वामी सत्संग’ के संस्थापक कौन हैं शिवदयाल साहब फेवियन आंदोलन का प्रस्तावक कौन था एनी बेसेंट 20वीं सदी के आरंभिक दशक में आरंभ होने वाला आंदोलन कौन-सा था अहरार ‘भारत समाज सेवक’ की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई 1905 ई., गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा सिक्ख गुरुद्वारा अधिनियम कब पारित हुआ 1925 ई. रामकृष्ण परमहंस का मूल नाम क्या था गदाधर चटोपाध्याय डॉ. ऐनी बेसेंट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष कब बनी 1917 ई. शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने कब भाग लिया 1893 ई. ‘प्रीसेप्टस ऑफ जीसस’ की रचना किसने की राजा राममोहन राय ने राजा राममोहन राय की फारसी पुस्तक कौन-सी थी जिसका प्रकाशन 1809 में हुआ तुहफतुह-उल-मुवाहिदीन वेदांत कॉलेज की स्थापना किसने की राजा राममोहन राय ने राजा राममोहन राय को किसने ‘युग दूत’ कहा सुभाष चंद्र बोस ने स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों का वर्णन किस पुस्तक में मिलता है सत्यार्थ प्रकश में शुद्धि आंदोलन किसने चलाया दयानंद सरस्वती ने सेंट्रल हिन्दू कॉलेज की स्थापना किसने की डॉ. ऐनी बेसेंट ने ईस्ट इंडिया दैनिक समाचार-पत्र का संपादन किसने किया डेरोजियो ने ‘भारत भारतीयों के लिए है’ यह किसने कहा था दयानंद सरस्वती ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कब बना 1920 में अहमदिया आंदोलन किसके द्वारा चलाया गया मिर्जा गुलाम अहमद द्वारा देवबंद आंदोलन कहाँ से आरंभ हुआ देवबंद, सहारनपुर (उ.प्र) ‘मानव के लिए एक धर्म, एक जाति व एक ईश्वर’ यह वचन किसने कहा श्रीनारायण गुरु किसान व मजदूर आंदोलन ‘बारदोली सत्याग्रह’ का नेतृत्व किसने किया वल्लभ भाई पटेल, 1928 ई. किस प्रदेश में ब्रिटिश के विरुद्ध बिरसा मुंडा का संचालन रहा छोटा नागपुर ‘वाय कोम सत्याग्रह’ कहाँ चलाया गया केरल, 1924-25 ई. ‘दलित वर्ग मिशन समाज’ की स्थापना किस स्थान पर की गई 1906ई., मुंबई ‘दलित वर्ग मिशन समाज’ की स्थापना किसने की वी. आर. शिंदे ‘नानू आसन’ किसे कहा जाता है श्रीनारायण गुरु बहुजन समाज की स्थापना किसने की वी. आर. शिंदे ‘नानू आसन’ किसे कहा जाता है श्रीनारायण गुरु बहुजन समाज की स्थापना किसने की मुकुंदराव पाटिल बहुजन समाज की स्थापना कब व कहाँ की गई 1910 ई., सतारा में ‘अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस’ का प्रथम अध्ययक्ष कौन था लाला लाजपत राय 1895-1900 ई. की ‘मुंडा क्रांति’ का नेता कौन था बिरसा मुंडा 1855 ई. में संथालों ने किस अंग्रेज कमांडर को हराया मेजर बरो ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ के प्रथम सत्र की अध्यक्षता किसने की स्वामी सहजानंद मुंडाओं ने विद्रोह कब किया 1895 ई. ‘हो’ विद्रोह कब हुआ 1820-21 ई. के दौरान ‘छोटा नागपुर काश्त अधिनियम’ 1908 ई. में किस पर रोक लगाई बेठवेगारी पर मानव बलि प्रथा का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध किसने आंदोलन खड़ा किया खोंड जनजाति कम्यूनिस्ट इंटरनेशनल का सदस्य बनने वाला प्रथम भारतीय कौन था एम. एन.रॉय महाराष्ट्र में ‘रामोसी कृषक जत्था’ की स्थापना किसने की वासुदेव बलवंत फड़के छोटा नागपुर जनजाति विद्रोह कब हुआ 1820 ई. गांधी का चंपारण सत्याग्रह किससे जुड़ा था तिनकठिया से ‘उलगुलान’ महाविद्रोह किससे जुड़ा था बिरसा मुंडा खैरवार आदिवासी आंदोलन कब हुआ 1874 ई. मोपला आंदोलन कब और कहाँ हुआ 1921 ई., मालाबार ‘गुलामगिरि’ का लेखक कौन था ज्योतिबा फूले ‘पागल पंथी’ विद्रोह किसका था गारो जनजाति कौन-सी घटना महाराष्ट्र में घटित हुई भील विद्रोह नील आंदोलन का जमकर समर्थन करने वाले ‘हिंदू पैट्रियाट’ के संपादक कौन थे हरिशचंद्र मुखर्जी भीमराव अंबेडकर की पढ़ाई-लिखाई में किसने सहयोग दिया बड़ौदरा के महाराज ने पूना समझौता किस-किस के मध्य हुआ महात्मा गाँधी व बी. आर. अंबेडकर महाराष्ट्र में वासुदेव बलवंत फड़के का विद्रोह कब हुआ 1879 ई. चंपारण सत्याग्रह कब प्रारंभ हुआ 1917 ई. चंपारण के नील सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था नील उत्पादक ड्डषकों द्वारा तिनकठिया पृथा का विरोध मोपला विद्रोह का नेता कौन था मुसलियार भारत के ‘ट्रेड यूनियन आंदोलन’ के जन्मदाता कौन थे एन. एम. जोशी ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ सर्वप्रथम कहाँ आयोजित की गई लखनऊ ‘ट्रेड यूनियन आंदोलन’ कब हुआ 1926 से 1939 तक ‘अखिल भारतीय किसान सभा’ का गठन कब हुआ 1936 ई. भारत के पहले मजूदर संघ की स्थापना कब हुई 1890 ई. किस विद्रोह में कृषकों ने यह नारा दिया कि ‘हम महारानी और सिर्फ महारानी की रैयत होना चाहते हैं’ पावना विद्रोह में आधुनिक युग का मनु किसे कहा जाता है डॉ. भीमराव अंबेडकर सत्यशोधक समाज की स्थापना किसने की ज्योतिबा फूले ने ‘नाई-धोबी बंद’ सामाजिक बाहिष्कार कब चलाया गया 1919 में अवध के एका आंदोलन का उद्देश्य क्या था सरकार को लगान ने देना ‘ताना भगत आंदोलन’ कब आरंभ हुआ 1914 में स्वतंत्रता आंदोलन किस सैनिक ने 1857 का विद्रोह आरंभ किया मंगल पांडे 1857 ई. का विद्रोह कहाँ से प्रारंभ हुआ बैरकपुर से 1857 ई. के विद्रोह में किसने अपना बलिदान सबसे पहले दिया मंगल पांडे 1857 के विद्रोह का कानुपर में नेतृत्व किसने किया तात्यां टोपे 1857 ई. के विद्रोह की महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी हिंदू-मुस्लिम एकता 1857 ई. के विद्रोह का मुख्य कारण क्या था चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग बेगम हजरत महल ने किस स्थान पर 1857 के विद्रोह का नेत्तृत्व किया लखनऊ 1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था लॉर्ड कैनिंग रानी लक्ष्मीबाई का मूल नाम क्या था मणिकर्णिका बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया नेता कुँवर सिंह नेता कुँवर सिंह की मृत्यु कब हुई 9 मई, 1858 ई. 1857 ई. का विद्रोह किस उर्दू कवि ने देखा था मिर्जा गालिव 1857 ई. का आंदोलन किस कारण असफल रहा केंद्रीय संगठन की कमी तथा पूर्व योजना का ना होना 1857 ई. के विद्रोह को किसने ‘षड़यंत्र’ की संज्ञा दी जेम्स आऊट्रम व डब्लू टेलर इलाहाबाद को किसने आपातकालीन मुख्यालय बनाया लॉर्ड कैनिंग ‘गडकारी विद्रोह’ का केंद्र कौन-सा था कोल्हापुर किस इतिहासकार ने 1857 ई. के विद्रोह को ‘स्वतंत्रता की पहली लड़ाई’ कहा था वी.डी. सावरकर 1857 ई. के विद्रोह की असफलता के बाद बहादुरशाह II को किस स्थान पर निर्वासित किया गया रंगून किसकी वीरता से प्रभावित होकर ब्रिटिश अधिकारी ह्यूरोज ने कहा कि भारतीय क्रांतिकारियों में यह अकेली मर्द है लक्ष्मीबाई 1857 ई. की क्रांति का चिन्ह क्या निश्चित किया गया कमल व चपाती किसने कहा कि ‘1857 ई. का विद्रोह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता की क्रांति है’ कार्ल मार्क्स इस विद्रोह के समय जगदीशपुर के राजा कौन थे कुँवर सिंह मगंल पांडे को फाँसी कब दी गई 8 अप्रैल, 1857 संन्यासी विद्रोह का उल्लेख किस उपन्यास में किया गया ‘आनंद मठ’ किसने कहा कि ‘कांग्रेस के लोग पदों के भूखे राजनीतिज्ञ हैं’ बांकिम चंद्र चटर्जी 1857 ई. के विद्रोह में दिल्ली में इसका नेतृत्व किसने किया बहादुरशाह जफर ने तात्यां टोपे का वास्तविक नाम क्या था रामचंद्र पांडुरंग दादाभाई नौरोजी ने किस समिति की स्थापना की भारतीय सुधार समिति भारतीय सुधार समिति की स्थापना कब हुई 1857 में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के 1885 से 1905 ई. की अवधि को क्या कहा जाता है उदारवादी चरण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई 1885 ई. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किसके द्वारा हुई डॉ. ए. ओ. ह्यूम द्वारा भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम : सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की सुरेंद्र नाथ बनर्जी किस कांग्रेसी नेता को ‘भारत का महान वृद्ध व्यक्ति’ कहा जाता है दादाभाई नारौजी भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम कब व किसके काल में पारित हुआ 1904 ई., लॉर्ड कर्जन भारतीय सिविल सेवा में चुने जाने वाला प्रथम भारतीय कौन था सत्येंद्र नाथ टैगोर ‘हरमिट ऑफ शिमला’ किसे कहा जाता है ए.ओ. ह्यूम पहली बार कौन-सा भारतीय ब्रिटिश संसद के लिए निर्वाचित हुआ दादाभाई नौरोजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम बैठक कहाँ हुई मुंबई ‘भारतीय संघ’ के संस्थापक कौन थे सुरेंद्र नाथ बनर्जी किसकी गिरफ्तारी के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नया मोड़ आया बाल गंगाधर तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम बैठक में कितने लोगों ने भाग लिया 72 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1905 ई. के बनारस अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे गोपाल कृष्ण गोखले किस कांग्रेस नेता को नरमदलीय नेता नहीं माना जाता था बाल गंगाधर तिलक को बंगाल का विभाजन कब व किस वायसराय ने किया 1905 ई., लॉर्ड कर्जन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम मुस्लिम प्रेसीडेंट कौन था बदरुद्दीन तैय्यब जी ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस का चुनाव सर्वप्रथम किस भारतीय ने लड़ा था दादा भाई नौरोजी भारतीय कांग्रेस के साथ इंडियन एसोशिएशन का विलय कब हुआ 1883 में ‘ए नेशन इन द मेकिंग’ नामक पुस्तक किसने लिखी सुरेंद्र नाथ टैगोर ने लैंड होल्डर्स सोसाइटी की स्थापना किसने की द्वारका नाथ टैगोर ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के 1905-1917 की अवधि क्या कहलाती है उग्रवादी चरण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थीं डॉ. ऐनी बेसेंट ‘गदर पार्टी’ के संस्थापक नेता कौन थे लाला हरदयाल ‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, मैं उसे लेकर रहूंगा’ किसने कहा था बाल गंगाधर तिलक मार्ले-मिंटो रिफॉर्म्स किस वर्ष हुआ 1909 ई. भारतीय परिषद अधिनियम-1909 का सर्वग्राहय नाम क्या है मॉर्ले-मिंटो सुधार भारत में गरमदलीय कौन थे जो बाद में एक योगी व दार्शनिक बन गए अरविंदो घोष मैडम भीकाजी रुस्तम 1909 ई. में पेरिस में कौन-सा समाचार पत्र प्रकाशित करती थीं पैट्रियट भारत में मुस्लिग लीग की स्थापना कब हुई 1906 ई. ‘होमरूल आंदोलन’ का सूत्रपात कब हुआ 1916 ई. अखिल भारतीय होमरूल आंदोलन की प्रवर्तक कौन थी डॉ. ऐनी बेसेंट बाल गंगाधर द्वारा आरंभ की गई पत्रिका कौन-सी थी केसरी भारतीय इतिहास में 1911 का क्या महत्व है राजधानी का कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरण ‘अनुशीलन समिति’ किससे संबंधित है पी. के. मित्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन कब हुआ 1907 ई. ‘मुस्लिम लीग’ की स्थापना किसने की समीमुल्ला एवं आगा खाँ ‘स्वदेशी आंदोलन’ किस कारण आरंभ हुआ बंगाल विभाजन के विरोध में बंगाल विभाजन के विरोध में विद्रोह का संचालन किसने किया सुरेंद्र नाथ बनर्जी ‘लखनऊ समझौता’ कब हुआ 1916 ई. ‘निष्क्रिय विरोध का सिद्धांत’ किसने प्रतिपादित किया अरविंद घोष 1906 ई. को कांग्रेस कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की दादा भाई नौरोजी 1908 ई. को बालगंगाधर तिलक को कितने वर्ष की जेल हुई 6 वर्ष बंगाल से बिहार कब पृथक हुआ 1912 ई. ‘राजनीति स्वतंत्रता की प्राण वायु है’ यह शब्द किसने कहे अरविंद घोष मुजफ्फरपुर में किंग्स फोर्ड की हत्या का प्रयास कब हुआ 1908 ई. लॉर्ड हार्डिंग द्वारा बंगाल का विभाजन कब रद्द हुआ 1911 ई. 1916 ई. में मुस्लिम लीग और कांग्रेस के मध्य समझौता किसने कराया डॉ. ऐनी बेसेंट अलीपुर बम कांड में अरविंद घोष का बचाव किस वकील ने किया सी. आर. दास ‘सूरत अधिवेशन’ कब हुआ 1907 ई. मोहम्मद अली जिन्ना को ‘हिंदू-मुस्लिम एकता का दूत’ किसने कहा था सरोजनी नायडू ‘गीता रहस्य’ नामक ग्रंथ किसके द्वारा लिखा गया बाल गंगाधर तिलक ‘कामागाटामारु’ क्या था कनाडा की यात्रा पर निकला जहाज किस भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की शीर्ष गीत ‘वंदे मातरम्’ था स्वदेशी आंदोलन ‘अनुशीलन समिति’ क्या थी एक क्रांतिकारी संगठन भारत में गरमदलीय आंदोलन का जनक किसे माना जाता है बाल गंगाधर तिलक महाराष्ट्र में गणपति उत्सव का शुभारम्भ किसने किया बाल गंगाधर तिलक ‘पंजाब केसरी’ किसे कहा जाता है लाला लाजपत राय मुस्लिम लीग का प्रथम अध्यक्ष कौन था आगा खाँ गदर पार्टी की स्थापना कब हुई 1913 में महाराष्ट्र में होमरूल आंदोलन किसने चलाया बाल गंगाधर तिलक ने महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह क्रियाविधि सर्वप्रथम कहाँ प्रयुक्त की चंपारण सांडर्स की हत्या किसने की थी भगत सिंह किस वर्ष मुस्लिम लीग ने एक पृथक राष्ट्र का संकल्प लिया 1940 ई. भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव कब पारित हुआ 1942 ई. 1947 ई. के बाद किस राज्य को भारत संघ में सैनिक कार्रवाई द्वारा बलपूर्वक मिला लिया गया था हैदराबाद सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में ‘दिल्ली चलो’ का नारा कब दिया 1945 ई. ‘असहयोग आंदोलन’ का शुभारंभ कब हुआ 1920 ई. असहयोग आंदोलन क्यों वापस लिया गया चौरी-चौरा में हुई हिंसक घटना के कारण जलियांवाला बाग हत्याकांड कब व कहाँ हुआ 1919 ई., अमृतसर ‘रोलेट एक्ट’ कब पारित हुआ 1919 ई. गाँधी-इरविन समझौता कब हुआ 1931 ई. गाँधी-इरविन समझौता किससे संबंधित था सविनय अवज्ञा आंदोलन स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे लॉर्ड माउंटबेटन काकोरी ट्रेन डकैती के नायक कौन थे राम प्रसाद बिस्मिल ‘स्वराज दल’ की स्थापना किसने की मोतीलाल नेहरू और वी. आर. दास साइमन कमीशन भारत यात्रा पर कब आया 1928 ई. किस अधिनियम में भारत में पहली बार संघीय संरचना प्रस्तुत की गई 1935 का अधिनियम 23 फरवरी, 1942 ई. कोरॉयल इंडियन नेवी के विद्रोहियों को आत्मसमर्पण के लिए राजी किसने किया सरदार पटेल एवं मोहम्मद अली जिन्ना जलियांवाला बाग में गोली चलाने का आदेश किसने दिया जनरल ओ. डायर ने महात्मा गाँधी को सर्वप्रथम ‘राष्ट्रपिता’ किसने कहा था सुभाष चंद्र बोस ने 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत ने अपनी आजादी का पहला जश्न कहाँ मनाया था कलकत्ता में भारत व पाकिस्तान के बीच विभाजन किस योजना के तहत हुआ माउंटबेटन योजना महात्मा गाँधी की हत्या कब व किसने की 30 जनवरी, 1948 ई., नाथू रामगोडसे ने स्वतंत्र भारत का प्रथ भारतीय गर्वनर जनरल कौन था सी. राजगोपालाचारी गाँधी जी किस गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गए थे द्वितीय गोलमेज सम्मेलन असहयोग आंदोलन के शुरु होने के समय भारत का वासराय कौन था लॉर्ड चेम्सफोर्ड ‘इंडिया फॉर इंडियन’ नामक पुस्तक किसने लिखी चितरंजन दास जनरल डायर की हत्या किसने की ऊधम सिंह ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी’ की स्थापना कब हुई 1921 ई. दांडी यात्रा में गाँधी जी ने कितनी दूरी तय करके नमक कानून का विरोध किया था 385 किमी. जलियांवाला बाग कांड के समय भारत का वायसराय कौन था लॉर्ड चेम्सफोर्ड किसे ‘लालकुर्ती’ के नाम से जाना जाता है खुदाई खिदमतगारों को 1919 ई. में पंजाब में हुए अत्याचारों के फलस्वरूप किसने ब्रिटिश सरकार से प्राप्त ‘सर’ की उपाधि लौटा दी थी रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पुस्तक किसने लिखी जवाहर लाल नेहरू स्वराज पार्टी की स्थापना कहाँ की गई इलाहाबाद में ‘इंडियन लिबरल फेडरेशन’ की स्थापना किसने की 1932 ई., महात्मा गांधी 21 अक्टूबर, 1943 ई. को स्वतंत्र भारत की आजाद हिंद सरकार की घोषणा कहाँ की गई सिंगापुर में भारत छोड़ों आंदोलन के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था चर्चिल 1947 ई. के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिल्ली अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1938 ई. का अधिवेशन कहाँ हुआ हरिपुरा 1927 ई. की बटलर कमेटी का उद्देश्य क्या था भारत सरकार व देशी राज्यों के बीच संबंध सुधारना करो या मरो का नारा किसने दिया था महात्मा गाँधी 1931 ई. के कराची अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता किसने की सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत में साइमन कमीशन के बहिष्कार का क्या कारण था इसके सभी सदस्य अंग्रेज थे किस आंदोलन में सरदार पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई बादोली सत्याग्रह भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव आलेख किसने बनाया महात्मा गाँधी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान साबरमती आश्रम किस शहर के निकट था अहमदाबाद भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन त्रिपुरी अधिवेशन संकट की समाप्ति के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष किसे चुना गया डॉ. राजेंद्र प्रसाद महात्मा गाँधी की मृत्यु पर किसने कहा था कि ‘हमारे जीवन से प्रकाश चला गया’ जवाहर लाल नेहरू ने किसने सुझाव दिया था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त कर दिया जाए महात्मा गाँधी ने ‘फीनीक्स फार्म’ की स्थापना किसने की महात्मा गाँधी ने मुस्लिम लीग ने ‘मुक्ति दिवस’ कब मनाया था 22 दिसंबर, 1939 ई. भारतीय मुसलमानों के लिए पृथक राज्य हेतु ‘पाकिस्तान’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था चौधरी रहमत अली 1946 ई. में बनी अंतरिम सरकार में राजेंद्र प्रसाद के पास कौन-सा विभाग था खाद्य एवं कृषि 1939 ई. में कांग्रेस छोड़ने के बाद सुभाषचंद्र बोस ने किस दल की स्थापना की फॉरवर्ड ब्लॉक 1946 ई. में गठित अंतरिम सरकार की कैबिनेट की अध्यक्षता किसने की थी जवाहरलाल नेहरू ने किसने प्रसि चटगाँव शास्त्रगार पर हमले को आयोजित किया था सूर्यसेन ने जयप्रकाश नारायण किस पार्टी से जुड़े थे सोशलिस्ट पार्टी 4 अप्रैल, 1919 ई. को दिल्ली की जामा मस्जिद के प्रवचन में हिन्दू-मुस्लिम एकता के भाषण किसने दिए स्वामी श्रानंद ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना किसने की रवींद्र नाथ टैगोर ने लॉर्ड माउंटबेटन योजना का शुभारंभ कब हुआ 1947 ई. सुखदेव, भगत सिंह व राजगुरू को फाँसी कब दी गई 23 मार्च, 1931 ई. नौसेनिक विद्रोह कब हुआ 1946 ई. महात्मा गाँधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना कब की 1916 ई. ‘सीधी कार्रवाई दिवस’ कब मनाया गया 16 अगस्त, 1946 ई. ‘हरिजन सवेक संघ’ के अध्यक्ष कौन थे घनश्याम दास बिड़ला पूना समझौता किस वर्ग से संबंधित था दलित वर्ग से हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन पार्टी की स्थापना कब हुई 1928 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन कब प्रारंभ हुआ 9 अगस्त, 1942 हंटर आयोग की नियुक्ति किस कांड के बाद की गई जलियांवाला बाग कांड के बाद ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया भगति सिंह ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीमांकन किसने किया सर सीरिल रेडक्लिफ ने अर्द्धनग्न फकीर’ महात्मा गाँधी को किसने कहा था चर्चिल ने खिलाफत आंदोलन किसने चलाया शौकत अली व मुहम्मद अली ने पाकिस्तान की माँग 1940 ई. को किस अधिवेशन में की गई लाहौर अधिवेशन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट कब पारित हुआ 1935 में ‘कैबिनेट मिशन योजना’ कब बनी 1946 दांडी मार्च कब आरंभ हुआ 12 मार्च, 1930 ‘चौरी-चौरा कांड’ किस स्थान पर हुआ गोरखपुर चालुक्य वंश का सबसे प्रतापी राजा कौन था पुलिकेशन II मोहम्मद गौरी विजयी प्रदेशों की देशभाल के लिए किस विश्वसनीय जनरल को छोड़कर गया था कुतुबुद्दीन ऐबक विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब व किसने की 1336 ई., हरिहर एवं बुक्का द्वारा भक्ति आंदोलन के प्रतिपादक कौन थे रामानुज आचार्य कौन-सा सूफी संत यह मानता था कि भक्ति संगीत ईश्वर के निकट पहुँचने का मार्ग है मुइनुद्दीन चिश्ती मुगल वंश का संस्थापक कौन था बाबर किसके शासन काल में मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ की रचना की शेरशाह होली होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता हैं ! यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहां भी धूम धाम के साथ मनाया जाता हैं! पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते है दूसरे दिन, जिसे धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही, पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है खेतों में सरसों खिल उठती है बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है इतिहास होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है जो होली, होलिका या होलाका नाम से मनाया जाता था वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण इसे वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा गया है राधा-श्याम गोप और गोपियो की होली इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों में भी इस पर्व का प्रचलन था लेकिन अधिकतर यह पूर्वी भारत में ही मनाया जाता था इस पर्व का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में मिलता है इनमें प्रमुख हैं, जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र नारद पुराण औऱ भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथों में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है विंध्य क्षेत्र के रामगढ़ स्थान पर स्थित ईसा से ३०० वर्ष पुराने एक अभिलेख में भी इसका उल्लेख किया गया है संस्कृत साहित्य में वसन्त ऋतु और वसन्तोत्सव अनेक कवियों के प्रिय विषय रहे हैं सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने भी अपने ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है भारत के अनेक मुस्लिम कवियों ने अपनी रचनाओं में इस बात का उल्लेख किया है कि होलिकोत्सव केवल हिंदू ही नहीं मुसलमान भी मनाते हैं सबसे प्रामाणिक इतिहास की तस्वीरें हैं मुगल काल की और इस काल में होली के किस्से उत्सुकता जगाने वाले हैं अकबर का जोधाबाई के साथ तथा जहाँगीर का नूरजहाँ के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है अलवर संग्रहालय के एक चित्र में जहाँगीर को होली खेलते हुए दिखाया गया है शाहजहाँ के समय तक होली खेलने का मुग़लिया अंदाज़ ही बदल गया था इतिहास में वर्णन है कि शाहजहाँ के ज़माने में होली को ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी (रंगों की बौछार) कहा जाता था अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के बारे में प्रसिद्ध है कि होली पर उनके मंत्री उन्हें रंग लगाने जाया करते थे मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य में दर्शित कृष्ण की लीलाओं में भी होली का विस्तृत वर्णन मिलता है इसके अतिरिक्त प्राचीन चित्रों, भित्तिचित्रों और मंदिरों की दीवारों पर इस उत्सव के चित्र मिलते हैं विजयनगर की राजधानी हंपी के १६वी शताब्दी के एक चित्रफलक पर होली का आनंददायक चित्र उकेरा गया है इस चित्र में राजकुमारों और राजकुमारियों को दासियों सहित रंग और पिचकारी के साथ राज दम्पत्ति को होली के रंग में रंगते हुए दिखाया गया है १६वी शताब्दी की अहमदनगर की एक चित्र आकृति का विषय वसंत रागिनी ही है इस चित्र में राजपरिवार के एक दंपत्ति को बगीचे में झूला झूलते हुए दिखाया गया है साथ में अनेक सेविकाएँ नृत्य-गीत व रंग खेलने में व्यस्त हैं वे एक दूसरे पर पिचकारियों से रंग डाल रहे हैं मध्यकालीन भारतीय मंदिरों के भित्तिचित्रों और आकृतियों में होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं उदाहरण के लिए इसमें १७वी शताब्दी की मेवाड़ की एक कलाकृति में महाराणा को अपने दरबारियों के साथ चित्रित किया गया है शासक कुछ लोगों को उपहार दे रहे हैं, नृत्यांगना नृत्य कर रही हैं और इस सबके मध्य रंग का एक कुंड रखा हुआ है बूंदी से प्राप्त एक लघुचित्र में राजा को हाथीदाँत के सिंहासन पर बैठा दिखाया गया है जिसके गालों पर महिलाएँ गुलाल मल रही हैं कहानियाँ मुख्य लेख : होली की कहानियाँ भगवान नृसिंह द्वारा हिरण्यकशिपु का वध होली के पर्व से अनेक कहानियाँ जुड़ी हुई हैं इनमें से सबसे प्रसिद्ध कहानी है प्रह्लाद की माना जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था अपने बल के दर्प में वह स्वयं को ही ईश्वर मानने लगा था उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकशिपु ने उसे अनेक कठोर दंड दिए, परंतु उसने ईश्वर की भक्ति का मार्ग न छोड़ा हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है प्रतीक रूप से यह भी माना जता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका (जलाने की लकड़ी) जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है प्रह्लाद की कथा के अतिरिक्त यह पर्व राक्षसी ढुंढी, राधा कृष्ण के रास और कामदेव के पुनर्जन्म से भी जुड़ा हुआ है कुछ लोगों का मानना है कि होली में रंग लगाकर, नाच-गाकर लोग शिव के गणों का वेश धारण करते हैं तथा शिव की बारात का दृश्य बनाते हैं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन पूतना नामक राक्षसी का वध किया था इसी खु़शी में गोपियों और ग्वालों ने रासलीला की और रंग खेला था परंपराएँ होली के पर्व की तरह इसकी परंपराएँ भी अत्यंत प्राचीन हैं और इसका स्वरूप और उद्देश्य समय के साथ बदलता रहा है प्राचीन काल में यह विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता था और पूर्ण चंद्र की पूजा करने की परंपरा थी वैदिक काल में इस पर्व को नवात्रैष्टि यज्ञ कहा जाता था उस समय खेत के अधपके अन्न को यज्ञ में दान करके प्रसाद लेने का विधान समाज में व्याप्त था अन्न को होला कहते हैं, इसी से इसका नाम होलिकोत्सव पड़ा भारतीय ज्योतिष के अनुसार चैत्र शुदी प्रतिपदा के दिन से नववर्ष का भी आरंभ माना जाता है इस उत्सव के बाद ही चैत्र महीने का आरंभ होता है अतः यह पर्व नवसंवत का आरंभ तथा वसंतागमन का प्रतीक भी है इसी दिन प्रथम पुरुष मनु का जन्म हुआ था, इस कारण इसे मन्वादितिथि कहते हैं होलिका दहन होली का पहला काम झंडा या डंडा गाड़ना होता है इसे किसी सार्वजनिक स्थल या घर के आहाते में गाड़ा जाता है इसके पास ही होलिका की अग्नि इकट्ठी की जाती है होली से काफ़ी दिन पहले से ही यह सब तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं पर्व का पहला दिन होलिका दहन का दिन कहलाता है इस दिन चौराहों पर व जहाँ कहीं अग्नि के लिए लकड़ी एकत्र की गई होती है, वहाँ होली जलाई जाती है इसमें लकड़ियाँ और उपले प्रमुख रूप से होते हैं कई स्थलों पर होलिका में भरभोलिए जलाने की भी परंपरा है भरभोलिए गाय के गोबर से बने ऐसे उपले होते हैं जिनके बीच में छेद होता है इस छेद में मूँज की रस्सी डाल कर माला बनाई जाती है एक माला में सात भरभोलिए होते हैं होली में आग लगाने से पहले इस माला को भाइयों के सिर के ऊपर से सात बार घूमा कर फेंक दिया जाता है रात को होलिका दहन के समय यह माला होलिका के साथ जला दी जाती है इसका यह आशय है कि होली के साथ भाइयों पर लगी बुरी नज़र भी जल जाए लकड़ियों व उपलों से बनी इस होली का दोपहर से ही विधिवत पूजन आरंभ हो जाता है घरों में बने पकवानों का यहाँ भोग लगाया जाता है दिन ढलने पर ज्योतिषियों द्वारा निकाले मुहूर्त पर होली का दहन किया जाता है इस आग में नई फसल की गेहूँ की बालियों और चने के होले को भी भूना जाता है होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है गाँवों में लोग देर रात तक होली के गीत गाते हैं तथा नाचते हैं सार्वजनिक होली मिलन होली से अगला दिन धूलिवंदन कहलाता है इस दिन लोग रंगों से खेलते हैं सुबह होते ही सब अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने निकल पड़ते हैं गुलाल और रंगों से सबका स्वागत किया जाता है लोग अपनी ईर्ष्या-द्वेष की भावना भुलाकर प्रेमपूर्वक गले मिलते हैं तथा एक-दूसरे को रंग लगाते हैं इस दिन जगह-जगह टोलियाँ रंग-बिरंगे कपड़े पहने नाचती-गाती दिखाई पड़ती हैं बच्चे पिचकारियों से रंग छोड़कर अपना मनोरंजन करते हैं सारा समाज होली के रंग में रंगकर एक-सा बन जाता है रंग खेलने के बाद देर दोपहर तक लोग नहाते हैं और शाम को नए वस्त्र पहनकर सबसे मिलने जाते हैं प्रीति भोज तथा गाने-बजाने के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं होली के दिन घरों में खीर, पूरी और पूड़े आदि विभिन्न व्यंजन पकाए जाते हैं इस अवसर पर अनेक मिठाइयाँ बनाई जाती हैं जिनमें गुझियों का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है बेसन के सेव और दहीबड़े भी सामान्य रूप से उत्तर प्रदेश में रहने वाले हर परिवार में बनाए व खिलाए जाते हैं कांजी, भांग और ठंडाई इस पर्व के विशेष पेय होते हैं पर ये कुछ ही लोगों को भाते हैं इस अवसर पर उत्तरी भारत के प्रायः सभी राज्यों के सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है, पर दक्षिण भारत में उतना लोकप्रिय न होने की वज़ह से इस दिन सरकारी संस्थानों में अवकाश नहीं रहता विशिष्ट उत्सव मुख्य लेख : देश विदेश की होली भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में भिन्नता के साथ मनाया जाता है ब्रज की होली आज भी सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है बरसाने की लठमार होली काफ़ी प्रसिद्ध है इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ उन्हें लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं इसी प्रकार मथुरा और वृंदावन में भी १५ दिनों तक होली का पर्व मनाया जाता है कुमाऊँ की गीत बैठकी में शास्त्रीय संगीत की गोष्ठियाँ होती हैं यह सब होली के कई दिनों पहले शुरू हो जाता है हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा है बंगाल की दोल जात्रा चैतन्य महाप्रभु के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है जलूस निकलते हैं और गाना बजाना भी साथ रहता है इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र की रंग पंचमी में सूखा गुलाल खेलने, गोवा के शिमगो में जलूस निकालने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन तथा पंजाब के होला मोहल्ला में सिक्खों द्वारा शक्ति प्रदर्शन की परंपरा है तमिलनाडु की कमन पोडिगई मुख्य रूप से कामदेव की कथा पर आधारित वसंतोतसव है जबकि मणिपुर के याओसांग में योंगसांग उस नन्हीं झोंपड़ी का नाम है जो पूर्णिमा के दिन प्रत्येक नगर-ग्राम में नदी अथवा सरोवर के तट पर बनाई जाती है दक्षिण गुजरात के आदिवासियों के लिए होली सबसे बड़ा पर्व है, छत्तीसगढ़ की होरी में लोक गीतों की अद्भुत परंपरा है और मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के आदिवासी इलाकों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है भगोरिया, जो होली का ही एक रूप है बिहार का फगुआ जम कर मौज मस्ती करने का पर्व है और नेपाल की होली में इस पर धार्मिक व सांस्कृतिक रंग दिखाई देता है इसी प्रकार विभिन्न देशों में बसे प्रवासियों तथा धार्मिक संस्थाओं जैसे इस्कॉन या वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में अलग अलग प्रकार से होली के शृंगार व उत्सव मनाने की परंपरा है जिसमें अनेक समानताएँ और भिन्नताएँ हैं साहित्य में होली प्राचीन काल के संस्कृत साहित्य में होली के अनेक रूपों का विस्तृत वर्णन है श्रीमद्भागवत महापुराण में रसों के समूह रास का वर्णन है अन्य रचनाओं में 'रंग' नामक उत्सव का वर्णन है जिनमें हर्ष की प्रियदर्शिका व रत्नावली तथा कालिदास की कुमारसंभवम् तथा मालविकाग्निमित्रम् शामिल हैं कालिदास रचित ऋतुसंहार में पूरा एक सर्ग ही 'वसन्तोत्सव' को अर्पित है भारवि, माघ और अन्य कई संस्कृत कवियों ने वसन्त की खूब चर्चा की है चंद बरदाई द्वारा रचित हिंदी के पहले महाकाव्य पृथ्वीराज रासो में होली का वर्णन है भक्तिकाल और रीतिकाल के हिन्दी साहित्य में होली और फाल्गुन माह का विशिष्ट महत्व रहा है आदिकालीन कवि विद्यापति से लेकर भक्तिकालीन सूरदास, रहीम, रसखान, पद्माकर, जायसी, मीराबाई, कबीर और रीतिकालीन बिहारी, केशव, घनानंद आदि अनेक कवियों को यह विषय प्रिय रहा है महाकवि सूरदास ने वसन्त एवं होली पर 78 पद लिखे हैं पद्माकर ने भी होली विषयक प्रचुर रचनाएँ की हैं इस विषय के माध्यम से कवियों ने जहाँ एक ओर नितान्त लौकिक नायक नायिका के बीच खेली गई अनुराग और प्रीति की होली का वर्णन किया है, वहीं राधा कृष्ण के बीच खेली गई प्रेम और छेड़छाड़ से भरी होली के माध्यम से सगुण साकार भक्तिमय प्रेम और निर्गुण निराकार भक्तिमय प्रेम का निष्पादन कर डाला है सूफ़ी संत हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया, अमीर खुसरो और बहादुर शाह ज़फ़र जैसे मुस्लिम संप्रदाय का पालन करने वाले कवियों ने भी होली पर सुंदर रचनाएँ लिखी हैं जो आज भी जन सामान्य में लोकप्रिय हैं आधुनिक हिंदी कहानियों प्रेमचंद की राजा हरदोल, प्रभु जोशी की अलग अलग तीलियाँ, तेजेंद्र शर्मा की एक बार फिर होली, ओम प्रकाश अवस्थी की होली मंगलमय हो तथा स्वदेश राणा की हो ली में होली के अलग अलग रूप देखने को मिलते हैं भारतीय फ़िल्मों में भी होली के दृश्यों और गीतों को सुंदरता के साथ चित्रित किया गया है इस दृष्टि से शशि कपूर की उत्सव, यश चोपड़ा की सिलसिला, वी शांताराम की झनक झनक पायल बाजे और नवरंग इत्यादि उल्लेखनीय हैं संगीत में होली वसंत रागिनी- कोटा शैली में रागमाला शृंखला का एक लघुचित्र भारतीय शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक तथा फ़िल्मी संगीत की परम्पराओं में होली का विशेष महत्व है शास्त्रीय संगीत में धमार का होली से गहरा संबंध है, हाँलाँकि ध्रुपद, धमार, छोटे व बड़े ख्याल और ठुमरी में भी होली के गीतों का सौंदर्य देखते ही बनता है कथक नृत्य के साथ होली, धमार और ठुमरी पर प्रस्तुत की जाने वाली अनेक सुंदर बंदिशें जैसे चलो गुंइयां आज खेलें होरी कन्हैया घर आज भी अत्यंत लोकप्रिय हैं ध्रुपद में गाये जाने वाली एक लोकप्रिय बंदिश है खेलत हरी संग सकल, रंग भरी होरी सखी भारतीय शास्त्रीय संगीत में कुछ राग ऐसे हैं जिनमें होली के गीत विशेष रूप से गाए जाते हैं बसंत, बहार, हिंडोल और काफ़ी ऐसे ही राग हैं होली पर गाने बजाने का अपने आप वातावरण बन जाता है और जन जन पर इसका रंग छाने लगता है उपशास्त्रीय संगीत में चैती, दादरा और ठुमरी में अनेक प्रसिद्ध होलियाँ हैं होली के अवसर पर संगीत की लोकप्रियता का अंदाज़ इसी बात से लगाया जा सकता है कि संगीत की एक विशेष शैली का नाम ही होली हैं, जिसमें अलग अलग प्रांतों में होली के विभिन्न वर्णन सुनने को मिलते है जिसमें उस स्थान का इतिहास और धार्मिक महत्व छुपा होता है जहां ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाई जाने वाली होली का विशेष रंग है उनकी एक प्रसिद्ध होली है आज रंग है री मन रंग है, अपने महबूब के घर रंग है री इसी प्रकार शंकर जी से संबंधित एक होली में दिगंबर खेले मसाने में होली कह कर शिव द्वारा श्मशान में होली खेलने का वर्णन मिलता हैं भारतीय फिल्मों में भी अलग अलग रागों पर आधारित होली के गीत प्रस्तुत किये गए हैं जो काफी लोकप्रिय हुए हैं 'सिलसिला' के गीत रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे और 'नवरंग' के आया होली का त्योहार, उड़े रंगों की बौछार, को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं आधुनिकता का रंग होली रंगों का त्योहार है, हँसी-खुशी का त्योहार है, लेकिन होली के भी अनेक रूप देखने को मिलते है प्राकृतिक रंगों के स्थान पर रासायनिक रंगों का प्रचलन, भांग-ठंडाई की जगह नशेबाजी और लोक संगीत की जगह फ़िल्मी गानों का प्रचलन इसके कुछ आधुनिक रूप हैं लेकिन इससे होली पर गाए-बजाए जाने वाले ढोल, मंजीरों, फाग, धमार, चैती और ठुमरी की शान में कमी नहीं आती अनेक लोग ऐसे हैं जो पारंपरिक संगीत की समझ रखते हैं और पर्यावरण के प्रति सचेत हैं इस प्रकार के लोग और संस्थाएँ चंदन, गुलाबजल, टेसू के फूलों से बना हुआ रंग तथा प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की परंपरा को बनाए हुए हैं, साथ ही इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं रासायनिक रंगों के कुप्रभावों की जानकारी होने के बाद बहुत से लोग स्वयं ही प्राकृतिक रंगों की ओर लौट रहे हैं होली की लोकप्रियता का विकसित होता हुआ अंतर्राष्ट्रीय रूप भी आकार लेने लगा है बाज़ार में इसकी उपयोगिता का अंदाज़ इस साल होली के अवसर पर एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठान केन्ज़ोआमूर द्वारा जारी किए गए नए इत्र होली है से लगाया जा सकता है